डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है.
शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक छोटे ट्रेडिंग खाते के क्या हैं डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .
1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा ( डिपॉजिट ) करना चाहते हैं . जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं . इसी तरह जब आप शेयर खरीदेंगे तो वह आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे . यदि आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है .
2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है , जिसे बाजार नियामक ( मार्केट रेगुलेटर ) सेबी (SEBI) ने पेश किया है . छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है . 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज ( रखरखाव शुल्क ) नहीं देना होगा . 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगेगा .
3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account) प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट NRI ( अनिवासी भारतीयों ) के लिए है . इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेश में भी पैसा भेज सकते हैं . हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट को NRI (Non-Resident External) अकाउंट से जोड़ना होगा .
4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Non-repatriable Demat Account) अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर – प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट भी मौजूद है . हालांकि इस अकाउंट के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता .
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा छोटे ट्रेडिंग खाते के क्या हैं देता है . शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से रखे जाते हैं . ऐसे में उनकी चोरी , जालसाजी और नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है . ट्रेडिंग एक्टिविटीज को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है . डीमैट अकाउंट को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है . बोनस स्टॉक , राइट्स इश्यू , स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं .
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खोलना अनिवार्य है . आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के जरिए डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को चुनना होगा . यह एक वित्तीय संस्थान , अधिकृत बैंक या ब्रोकर हो सकता है . आप उनके साथ एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . DP को ब्रोकरेज चार्ज , सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए . DP का चयन करने के बाद आपको अकाउंट खोलने का फॉर्म , KYC फॉर्म भरना होगा और उसे जमा करना होगा . इसके साथ आपको कुछ दस्तावेज भी देने होंगे . इनमें पैन कार्ड , रेजिडेंस प्रूफ , आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं .
शेयर बाजार में निवेश के लिये जरूरी है डीमैट खाता, जानिये इससे जुड़ी सभी अहम जानकारियां
आईपीओ मार्केट में मिल रहे शानदार रिस्पॉन्स और शेयर बाजार में लगातार जारी तेजी के रुख से छोटे निवेशकों की बाजार में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 21, 2021 16:13 IST
Photo:PTI
कैसे शुरू करें शेयर बाजार में निवेश
नई दिल्ली। शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले रजिस्टर्ड निवेशकों के संख्या आज 8 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। शेयर बाजार में कारोबार को लेकर बढ़ती पारदर्शिता, बाजारों से मिलने वाले आकर्षक रिटर्न और निवेश की बेहद आसान प्रक्रिया की वजह से बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। नये निवेशकों में बड़ी संख्या खुदरा या छोटे निवेशकों की है। हाल के ही दिनों में आईपीओ बाजार के आंकड़े भी यही संकेत दे रहे हैं कि अब खुदरा या छोटे निवेशक पहले से कही ज्यादा संख्या के साथ बाजार में जुड़ रहे हैं। अगर आपने बाजार में कदम नहीं रखा है और चाहते हैं कि आप भी निवेश का फायदा उठाये तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि बाजार में निवेश की प्रक्रिया क्या है।
कैसे शुरू कर सकते हैं बाजार में निवेश
शेयर बाजार में निवेश के लिये आपके पास बाजार की समझ और कारोबार के लिय़े ट्रेडिंग, डीमैट और बैंक खाता होना आवश्यक है। कई बड़े ब्रोकरेज हाउस एक ही बार में ये तीनों खाते खोलने की सुविधा देते हैं। वहीं कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके लिये ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं और आप अपने पहले से मौजूद किसी बैंक खाते को इससे लिंक करा सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट वो अकाउंट होता है जिससे आप सौदे के लिये बोली लगा सकते हैं। शेयर खरीदने पर वो इलेक्ट्रॉनिक रूप में डीमैट खाते में जमा होते हैं। शेयर की बिक्री पर मिली रकम आपके बैंक खाते में जमा होती है। वहीं आप इस बैंक खाते से जरूरत के हिसाब से रकम को ट्रेडिंग के लिये जारी कर सकते हैं।
कैसा खुलता है डीमेट अकाउंट
डीमैट अकाउंट की सुविधा कई छोटे छोटे ट्रेडिंग खाते के क्या हैं बड़े ब्रोकरेज हाउस देते हैं, अधिकांश ब्रोकेरज हाउस ऑनलाइन या ऑफलाइन डीमैट खाते खुलवाने की सुविधा दे रहे हैं। आप आवेदन भर कर जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर या फिर सीधे ब्रांच जाकर भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। खाता खोलने के लिये ब्रोकरेज हाउस का भरा हुआ फार्म, पैन नंबर, बैंक खाते से जुड़ी जानकारी, फोटोग्राफ आदि देने होते हैं। अकाउंट खोलने से पहले ब्रोकरेज हाउस वेरीफेकशन करती हैं, जिसके बाद आपको डीमैट अकाउंट का पासवर्ड और पिन नंबर जारी कर दिया जाता है। आपके द्वारा दिया गया बैंक खाता भी इस अकाउंट से लिंक होता है।
कैसे करते हैं बाजार में खरीदारी
ट्रेडिंग अकाउंट में निवेशकों के पास शेयर को खरीदने बेचने, आईपीओ में निवेश करने, म्यूचुअल फंड में निवेश करने जैसे निवेश के विकल्प दिये होते हैं। हर ब्रोकरेज हाउस का ऑनलाइन सिस्टम कुछ अलग होता है जिसे कुछ समय देकर समझा जा सकता है। इसके साथ ही ब्रोकरेज हाउस फोन बैंकिंग की तर्ज पर फोन के द्वारा भी निवेश के विकल्प देते हैं। ब्रोकरेज हाउस आपको खरीदारी की सुविधा देने के बदले एक ब्रोकरेज वसूलते हैं, इसके साथ ही खरीदारी पर टैक्स भी लगता है। निवेश का नफा नुकसान शेयर की कीमत के साथ इन अतिरिक्त शुल्क के आधार पर भी तय होता है। ऐसे में ब्रोकरेज हाउस का चुनाव करते वक्त सेवा, भरोसे के साथ साथ ब्रोकरेज की दर भी अहम हो जाती है।
SBI Demat अकाउंट खोलने के मिलते हैं जबरदस्त फायदे, ट्रांजैक्शन और निवेश हो जाता है आसान
SBI Demat Account: एसबीआई डीमैट अकाउंट में आपको 24X7 घंटे सर्विस मिलती हैं. कस्टमर फोन के जरिये पूछताछ, सलाह और अपने अकाउंट से जुड़ी दूसरी जानकारियां ले सकते हैं. आप ईमेल पर अकाउंट डिटेल और बिल हासिल कर सकते हैं.
एसबीआई डीमैट अकाउंट को इंटरनेट बैंकिंग (www.onlinesbi.com) के जरिये ऑपरेट कर सकते हैं.
SBI demat account : अगर आप मार्केट में निवेश करने की शुरुआत कर रहे हैं तो जाहिर है आपको एक डीमैट अकाउंट की जरूरत छोटे ट्रेडिंग खाते के क्या हैं पड़ती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) भी कस्टमर्स को डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा देता है. हालांकि एसबीआई डीमैट अकाउंट SBI Cap Securities Ltd मैनेज करता है. आप छोटे ट्रेडिंग खाते के क्या हैं एसबीआई डीमैट अकाउंट में कई सुविधाओं का फायदा ले सकते हैं. डीमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसके जरिये आप भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं. जब निवेशक एक्सचेंज में शेयर की शेयर की खरीदारी करता है तो मोनेटरी राशि के बदले पेमेंट करना होता है तो आपके शेयर डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं. जब आप इन शेयरों को बेचते हैं तो उसी डीमैट अकाउंट से जुड़े शेयर की संख्या में कटौती होती है.
क्या हैं एसबीआई डीमैट के फायदे
एसबीआई डीमैट अकाउंट में आपको 24X7 घंटे सर्विस मिलती हैं. कस्टमर फोन के जरिये पूछताछ, सलाह और अपने अकाउंट से जुड़ी दूसरी जानकारियां ले सकते हैं. एसबीआई डीमैट अकाउंट में कभी भी ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. आप बैंक के 1000 से भी ज्यादा डीमैट सपोर्टिंग ब्रांच में कहीं से भी ऑपरेट कर सकते हैं. आप ईमेल पर अकाउंट डिटेल और बिल हासिल कर सकते हैं.
इंटरनेट बैंकिंग के जरिये ऑपरेट करने की सुविधा
एसबीआई डीमैट अकाउंट को इंटरनेट बैंकिंग (www.onlinesbi.com) के जरिये ऑपरेट कर सकते हैं. आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट डिटेल्स, होल्डिंग्स डिटेल, ट्रांजेक्शन डिटेल बिलिंग डिटेल देख सकते हैं. इसके अलावा, आप सेक्युरिटीज का ट्रांसफर या उन्हें गिरवी रखना/गिरवी से छुड़ाना ऑनलाइन कहीं से कभी भी कर सकते हैं. सभी डेबिट/ क्रेडिट के लिए या किसी रिक्वेस्ट के लिए SMS अलर्ट हासिल कर सकते हैं.
ऑनलाइऩ ट्रेडिंग सुविधा
अगर आप ऑनलाइऩ ट्रेडिंग की सर्विस चाहते हैं, तो एसबीआईकैप सेक्युरिटीज लिमिटेड के साथ यह सुविधा ले सकते हैं. यह सर्विस आपको 3-इन-1 अकाउंट करवाती है जो बचत बैंक खाते, डीमैट खाते तथा ऑनलाइन ट्रेडिंग खाते का इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म है. इससे कागज़ रहित ट्रेडिंग का एक्सपीरियंस होता है.
छोटे शहरों में तेजी से खुल रहे हैं डीमैट अकाउंट : निखिल कामत
पिछले पांच सालों में शेयर बाजार ने रियल एस्टेट या गोल्ड जैसे एसेट से अच्छा किया है.
-क्या आप उन जगहों के बारे में बता सकते हैं जहां डीमैट खुलने की रफ्तार बढ़ी है?
लाजिमी है टियर-वन शहर इसमें आगे हैं. मुंबई के बाद दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई का नंबर है. लेकिन, पिछले कुछ समय में टियर टू और थ्री शहरों में भी डीमैट अकाउंट खुलने की रफ्तार में तेज इजाफा हुआ है. गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के छोटे शहरों से काफी बिजनेस आ रहा है.
-इन खातों को क्या ट्रेडिंग के मकसद से खुलवाया जा रहा है? क्या निवेशकों को शेयर बाजार पर भरोसा है?
पिछले पांच सालों में शेयर बाजार ने रियल एस्टेट या गोल्ड जैसे एसेट से अच्छा किया है. अन्य एसेट क्लास की तुलना में शेयर ज्यादा लिक्विड निवेश है. यानी इसे आसानी से पैसों में भुनाया जा सकता है. आप कभी भी बाजार में एंटर या एग्जिट कर सकते हैं. आगे भी अन्य एसेट क्लास से शेयर बाजार बेहतर करेंगे. भारतीय बाजारों ने पिछले एक दशक में बेंचमार्क स्तर पर 12-13 फीसदी रिटर्न दिया है. ज्यादातर निवेशकों के लिए ये रिटर्न काफी आकर्षक हैं. खासतौर से उनके लिए जो पहली बार बाजार में आए हैं. ये 25-35 साल के आयु वर्ग वाले हैं.
-कितने डीमैट अकाउंट खुल रहे हैं? इसकी ग्रोथ क्या है?
देशभर में जेरोधा के पास सबसे ज्यादा एक्टिव अकाउंट खुले हुए हैं. हमने 10 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है. जेरोधा प्लेटफॉर्म पर औसतन 50,000 से 70,000 के बीच नए अकाउंट खुल रहे हैं. भारत में अभी काफी गुंजाइश है. 10 फीसदी से भी कम आबादी का वित्तीय बाजार में किसी तरह का निवेश है. जागरूकता बढ़ने के साथ इसमें तेजी से इजाफा होगा.
-अक्सर देखने में मिला है कि बाजार की तेजी में डीमैट खाते खुलने की रफ्तार बढ़ती है. क्या इस बार कुछ अलग है?
अब अलग तरह के निवेशक बाजार में आ रहे हैं. पहले छोटी अवधि में चटपट मुनाफा कमाने के लिए लोग इनका इस्तेमाल करते थे. लेकिन, अब लोग लंबी अवधि के निवेश नजरिए के साथ बाजार में आ रहे हैं. अगले पांच से 10 साल में वह 12 फीसदी, 13 फीसदी और 15 फीसदी रिटर्न की उम्मीद के साथ निवेश कर रहे हैं. इस तरह का निवेश अच्छा है.
-क्या सिप छोटे निवेशकों के लिए अब भी पैसा लगाने का सबसे सही रास्ता है?
बिल्कुल. बाजार का रुख कर रहे नए निवेशकों के लिए सिप सबसे शानदार जरिया है. छोटी और मझोली कंपनियों के मुकाबले समझदारी बड़ी कंपनियों के साथ बने रहने में है. बड़ी कंपनियां बेहतर तरीके से चलती हैं. इनके बारे में चीजों की जानकारी होती है. स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में गिरावट इस सेक्टर में तेजी के बाद आई है. अगर आप मेरी निजी राय लें तो मैं बड़ी कंपनियों में निवेश के पक्ष में हूं.
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पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में ट्रेड करने से पहले सुरक्षा को समझना जरूरी, लालच के अवसर से दूर रहिए, कारोबार करने से पहले इन बातों पर दें ध्यान
शेयर बाजार में कारोबार करना बड़ा आसान लगता है। लेकिन इस आसानी और लगातार ज्यादा रिटर्न पाने की लालच से निवेशकों को नुकसान होता है। अगर आप एक निवेशक के तौर पर कारोबार कर रहे हैं तो आपको अपने पैसों की सुरक्षा और लालच के अवसर से दूर रहने के लिए पहले काम करना होगा।
बेहतर रिटर्न का होता है उद्देश्य
ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य निवेश पर बेहतर रिटर्न (आरओआई) हासिल करना है। दुर्भाग्य से, कई स्कैमर्स और धोखेबाजों को आसान पैसे के इस लालच में भी मौका दिखाई देता है। निवेशकों को सही तरीकों से धन कमाने की इच्छा करने का पूरा अधिकार है, लेकिन निगेटिव पहलू यह है कि शेयर बाजार में नौसिखिए निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाले भी बहुत हैं। ब्रोकिंग हाउस एंजल ब्रोकिंग का कहना है कि निवेशक नीचे दिए गए टिप्स को आजमा कर धोखाधड़ी और नुकसान से बच सकते हैं।
धोखेबाज एडवाइजर्स से दूर रहें
इन दिनों सैकड़ों धोखेबाज एडवाइजर अपने आपको शेयर बाजार विशेषज्ञों के रूप में पेश करते हैं। वे आम तौर पर अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर काम करते हैं। यदि आप उन्हें नहीं पहचान पाते और यह नहीं जानते तो इसका शिकार होने की संभावना बहुत ज्यादा है।
सेबी में रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार का सहारा लें
नौसिखिए निवेशकों के लिए सही नियम यही होना चाहिए कि वे ट्रेडिंग की शुरुआत में सेबी-रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों की सेवा लें। इसमें एक बड़ा जोखिम शामिल है: थर्ड पार्टी के साथ आपके खाते में लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करना आपको धोखाधड़ी के लिए असुरक्षित बना सकता है।
थर्ड पार्टी को अधिकार देने से बचें
आपकी ओर से ट्रेड्स को सफल बनाने वाले एक्सपर्ट ट्रेडर की धारणा आसान हो सकती है, लेकिन यह आपके लिए कई समस्याएं भी शुरू कर सकती है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि जब तक कि टेक-ड्रिवन ट्रेडिंग सॉल्युशन नहीं है, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के अनुसार फुल कम्प्लायंस में काम करने वाले किसी व्यक्ति की पुष्टि नहीं होती, तब तक किसी थर्ड पार्टी को अपने ओर से ट्रेड करने के अधिकार देने से बचें।
उन साधन का उपयोग नहीं करें, जिन्हें आप समझते नहीं हैं
इसके अलावा, ऐसे टूल्स का उपयोग न करें जिन्हें आप अच्छी तरह से समझ नहीं पाए हैं। इसके अलावा, यदि आप लॉगिन डिटेल्स के कारण किसी नुकसान में हैं, तो आप एग्रीमेंट करनेवाले ब्रोकर या थर्ड पार्टी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कई फिल्मों में पंप एंड डंप स्कीम का चलन बताया गया है और अब वित्तीय दुनिया इसके लिए कोई नई नहीं है। हालांकि, लालच लोगों को गलत रास्ते पर ले जाता है। छोटे शेयरों में ज्यादा हेरफेर सबसे आसान है।
यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, जिसके पास ऑनलाइन ट्रेडिंग खाते तक पहुंचने और निवेशकों के शेयर खरीदने के लिए जोड़-तोड़ करने की आदत हो। मूल रूप से इस स्कीम को समझना होगा।
धोखेबाज क्या करते हैं?
धोखेबाज एक ऐसे शेयर में भारी मात्रा में खरीदारी करते हैं, जो कम वोल्यूम पर ट्रेड करता है। इससे कीमत में भारी उछाल आती है। जब निवेशक शेयर खरीद लेते हैं तो धोखेबाज अपने शेयर बेच देते हैं और स्टॉक को गिरा देते हैं। इससे निवेशकों का पैसा डूब जाता है।
निवेश से पहले रिसर्च करें
किसी भी शेयर के बारे में तमाम खबरें आती जाती हैं। यह खबरें कभी-कभी शेयरों की कीमतों को बढ़ाने के लिए या गिरान के लिए जान बूझकर फैलाई जाती हैं। इसलिए ऐसी खबरों के सोर्स को जरूर देखें। यह सुनिश्चित करें कि शेयर खरीदने से पहले आप अपना रिसर्च छोटे ट्रेडिंग खाते के क्या हैं करें।
ज्यादा रिटर्न पर ध्यान न दें
जब बात निवेश की आती है तो सावधानी जरूर रखें। जल्दबाजी, या ज्यादा रिटर्न देनेवाले स्टॉक को न खरीदें। निवेश से पहले जितना हो सके उतना रिसर्च करें। प्रमोशनल न्यूज़लेटर्स, नोटिस और ईमेल की बात आने पर बिजनेस और प्रमोटर्स के बारे में पता करें।
कई स्कैमर्स शॉर्टकोड का उपयोग कर एसएमएस भेजते हैं जो एक प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म जैसे नजर आते हैं। इसे ध्यान में रखें। छोटे-छोटे स्टॉक से दूर रहें। उनमें निवेश तभी करें जब आप अपना पैसा खोने की क्षमता रखते हैं।
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