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पैसों की जरूरत पड़ने पर Gold Overdraft Loan आ सकता है काम- जानें इसके फीचर्स
लोन को दो कैटेगरी में बांटा करंट अकाउंट क्या होता है गया है. सिक्योर्ड लोन और अनसिक्योर्ड लोन. जैसा कि नाम से पता चलता है, सिक्योर्ड लोन के लिए बॅारोअर्स को उनके द्वारा उधार लिए गए पैसे के लिए प्रॅापर्टी या सिक्योरिटी गिरवी रखनी होती है. वहीं इससे अलग अनसिक्योर्ड लोन किसी भी तरह के कोलेट्रल से सिक्योर नहीं होते हैं. अलग-अलग जरूरतों के लिए बैंक, एनबीएफसी और फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर लोन देते हैं. ये सिक्योर्ड लोन और अनसिक्योर्ड लोन में डिवाइड होता है. गोल्ड लोन और गोल्ड ओवरड्राफ्ट लोन दोनों ही सिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आते हैं. गोल्ड लोन के तहत, एक बॅारोअर फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर से पैसा उधार लेने के लिए कोलेट्रल के रूप में अपने सोने के सामान को गिरवी रखता है. इस तरह का लोन इमरजेंसी में काम आता है. बैंक आपके सोने को एक तय करंट अकाउंट क्या होता है ड्यूरेशन के लिए कोलेट्रल के रूप में लेते हैं, जो लोन का टेन्योर हो सकता है. जबकि इंटरेस्ट रेट बॅारोअर पर लगाई जाती हैं. जिन्हें बॅारोअर को ईएमआई के रूप में पेमेंट करना होता है. जब लोन को रिपे कर दिया जाता है तब बैंक आपको गोल्ड वापस कर देते हैं. आमतौर पर फिजिकल गोल्ड को 18 कैरेट से 22 कैरेट के बीच कोलेट्रल के रूप में लिया जाता है.
क्या हैं इसके फायदे
कुछ बैंक आपको किसी भी बैंक के एटीएम से अपने डेबिट कार्ड का यूज करके गोल्ड लोन का अमाउंट निकालने की परमिशन देते हैं. और वहीं कुछ बैंक इसे आपके सेविंग बैंक अकाउंट से लिंक करते हैं या नया ओवरड्राफ्ट अकाउंट खोलते है. कुछ लोन देने वाले संस्थान करंट अकाउंट के समान बैनिफिट और सुविधा देकर एक नया अकाउंट भी खोलते हैं. लोन के अमाउंट को एक्सेस करने लिए चेक का भी यूज किया जाता करंट अकाउंट क्या होता है है, जो ओवरड्राफ्ट खाते के लिए अलग से जारी किया जाता है. ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के मामले में इंटरेस्ट रेट ज्यादा होती हैं. ईएमआई ऑप्शन से अलग गोल्ड लोन ओवरड्राफ्ट में लम्प सम में पेमेंट होता है. इसके साथ ही इसे कभी भी बंद करंट अकाउंट क्या होता है किया जा सकता है.
गोल्ड लोन ओवरड्राफ्ट में एक रिस्क हमेंशा बना रहता है. क्योंकि गोल्ड एक कमोडिटी है और ये मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव पर डिपेंड रहती है. ऐसे में मार्केट में गोल्ड के रेट कम होने से आपको नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही समय पर गोल्ड लोन करंट अकाउंट क्या होता है ओवरड्राफ्ट के पैसों का पेमेंट करना बहुत जरुरी है. ऐसा न करने पर आपका गोल्ड बैंक अपने पास रख सकता है.
Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न के लिए ऑनलाइन कैसे फाइल करें, जानिए स्टेप करंट अकाउंट क्या होता है बाय स्टेप
Edited By: India TV Business Desk
Published on: December 06, 2022 19:04 IST
Photo:INDIA TV इनकम टैक्स रिटर्न के लिए ऑनलाइन कैसे फाइल करें, जानें यहां
Income Tax Return: अगर आप इनकम करंट अकाउंट क्या होता है टैक्स की रिटर्न फाइल करना चाहते हैं तो आप ये काम आप खुद भी कर सकते हैं, आपको किसी मिडीएटर या एजेंट की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइलिंग करने को ई-फिलिंग भी कहते हैं। यहां आप आसानी से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं, बस आपको एक कंप्युटर सिस्टम या लैपटॉप, अच्छी इंटरनेट स्पीड और इन स्टेप्स को फॉलो करने की जरूरत है।
Circus रणवीर सिंह की फिल्म ‘सर्कस’ के पहले गाने ‘करंट लगा रे’ का टीजर हुआ आउट, इस दिन रिलीज होगा पूरा सॉन्ग
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मुंबई : बॉलीवुड (Bollywood) एक्टर (Actor) रणवीर सिंह (Ranveer Singh) इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘सर्कस’ (Circus) को लेकर काफी चर्चा में हैं। इस फिल्म का ट्रेलर फैंस को बहुत पसंद आया है। प्रशंसक इस फिल्म को देखने के लिए काफी उत्साहित हैं। वहीं मेकर्स ने आज फैंस की इस खुशी को दुगना करते हुए फिल्म का पहला गाना ‘करंट लगा रे’ (Current Laga Re) का टीजर जारी कर दिया है साथ ही पूरा गाना कब रिलीज होगा इस बात से भी पर्दा उठा दिया है।
रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सर्कस’ का पहला गाना ‘करंट लगा रे’ कल यानी 08 दिसंबर को रिलीज होगा। बता दें कि इस फिल्म में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का कैमियो है। फिल्म का पहला गाना ‘करंट लगा रे’ के टीजर को रणवीर सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। जिसमें वो दीपिका पादुकोण के साथ डांस करते नजर आ रहे हैं। टीजर को शेयर कर रणवीर सिंह ने कैप्शन में लिखा, ‘करंट लगा रे’ गाना कल रिलीज होगा।’
बिजली का बिल मारेगा जोर का करंट, 90 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार
Update: Saturday, December 3, 2022 @ 4:07 PM
शिमला। हिमाचल (Himachal) में मुफ्त बिजली का स्वाद चंद मिनट के लिए था। अब यही बिल जोर से करंट मारने वाला है। बिजली बोर्ड ने अप्रैल 2023 से बिजली दरें 90 पैसे प्रति यूनिट (90 paise per unit) तक महंगी करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके 125 प्रतिमाह घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली फ्री देने का हवाला दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इससे बिजली बोर्ड (power Board) का आर्थिक संतुलन बिगड़ गया है। हालांकि सरकार ने बोर्ड को अनुदान के तौर पर इस साल 750 करोड़ रुपए दिए हैं। बावजूद इसके विभाग को अपना खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। हर महीने तो करीबन 180 करोड़ रुपए वेतन और पेंशन को निपटाने में खर्च हो जाते हैं।
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