यूपी की जमीन पर बड़े निवेश को तैयार अमेरिकी कंपनियां, औद्योगिक निवेश का ग्लोबल हब बनेगा राज्य

CM योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ा बाजार है. अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, पेप्सिको, सिनॉप्सिस, वालमार्ट आदि कई अमेरिकी कंपनियां उत्तर प्रदेश में पहले से ही काम कर रही हैं, सभी के अनुभव अच्छे हैं.

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उत्तर प्रदेश को औद्योगिक निवेश का ग्लोबल हब बनाने के लिए जारी कोशिशों के बीच मंगलवार को यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से मिलने वाले 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में USISPF के प्रेसिडेंट और सीईओ मुकेश अघी, बैंक ऑफ द वेस्ट की प्रेसिडेंट और सीईओ नंदिता बख्शी, स्पाइस जेट के चेयरमैन अजय सिंह, मेटा (फेसबुक) के पब्लिक पॉलिसी हेड राजीव अग्रवाल, स्टैंडर्ड चार्टर्ड के सीईओ जरीन दारूवाला, भारत सरकार के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल सहित स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा, बैंकिंग, एविएशन, सोशल मीडिया सहित अनेक सेक्टर के दर्जन भर से अधिक सीईओ, अन्य वरिष्ठ अधिकारी व USISPF के पदाधिकारी शामिल रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 250 मिलियन की आबादी के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है. हमारे पास सबसे बड़ा लैंडबैंक है. उद्योग के हिसाब से औद्योगिक नीतियां हैं. मजबूत कानून व्यवस्था है. हम खाद्यान्न उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि निर्यात भी कर रहे हैं. देश में सबसे अच्छी उपजाऊ जमीन उत्तर प्रदेश के पास है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यूएसए सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था. ऐसे में अगर यह दो देश मिलकर काम करें तो यह विश्व मानवता के कल्याणकारी होगा. इस लिहाज से से भारत और यूएसए के बीच रणनीतिक सम्बन्धों को और बेहतर करने में USISPF की बड़ी जिम्मेदारी है.

फरवरी, 2023 में हो रहा है उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, दिख सकता है सहयोग

उन्होंने कहा कि आगामी 10-12 फरवरी 2023 तक उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रहा है. यह समिट इंडो-यूएस के बीच ट्रेड रिलेशंस को और मजबूत करने का बेहतरीन मौका है. इस अहम काम में USISPF से सहयोग की अपेक्षा है. योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ा बाजार है. अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, पेप्सिको, सिनॉप्सिस, वालमार्ट आदि कई अमेरिकी कंपनियां निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज उत्तर प्रदेश में पहले से ही काम कर रही हैं, सभी के अनुभव अच्छे हैं. सरकार सभी के व्यावसायिक हितों का ध्यान रख रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में निवेश करने वाले हर एक निवेशक के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को हर संभव सहायता दी जाएगी. प्रदेश में न केवल निवेशकों का हित सुरक्षित होगा, बल्कि उन्हें हर प्रकार का संरक्षण भी मिलेगा.

"चीन में निवेश करने वाली कंपनियां यूपी की ओर देख रहीं"

USISPF के प्रेसिडेंट मुकेश अघी ने कहा कि चीन में निवेश करने वाली यूएसए की कई कंपनियां उत्तर प्रदेश की ओर देख रही निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज हैं. आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस लिहाज से बड़ा ही उपयोगी होने वाला है. उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए USISPF की तर्ज पर "यूएस-यूपी स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम" का गठन किया जाएगा. चीफ सस्टेनिबिलिटी ऑफिसर, रिन्यू पॉवर फाउंडेशन के वैशाली सिन्हा ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश की नीतियों को देखा है. यहां का माहौल हमारे निवेश के लिए अनुकूल है. पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि आज अगर चीन की अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर है तो इसमें अमेरिका की बड़ी भूमिका है. नए दौर में भारत और यूएसए के रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं. उत्तर प्रदेश को इसका सीधा लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए.

सीईओ स्टैंडर्ड चार्टर्ड जरीन दारूवाला ने कहा कि मेरा एक सुझाव है कि सरकार यहां के कपड़ा उद्योग को प्रमोट करने पर ध्यान दे. हमें छोटे स्थानीय उद्यमियों की वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराकर उनके उत्पाद की ब्रांडिंग पर फोकस करना होगा. चेयरमैन स्पाइस जेट अजय सिंह ने कहा कि यूपी और हमारा संबंध शुरू से ही मजबूत रहा है. अभी हम जेवर एयरपोर्ट पर एक बड़े कार्गो हब के विकास की योजना पर काम कर रहे हैं. पब्लिक पॉलिसी हेड मेटा (फेसबुक) राजीव अग्रवाल ने कहा कि हम प्रदेश के उद्यमियों के कौशल संवर्धन में करने की योजना पर काम कर रहे हैं. योजनानुसार पहले चरण में 05 जिलों के उद्यमियों को डिजिटल साक्षर बनने में हम सहयोग करेंगे. जिनका व्यापार ऑनलाइन नहीं हैं, उन्हें निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज डिजिटल बाजार से भी जोड़ेंगे.

गुरुग्राम स्थित बिजनेस स्कूल में होगा 300 करोड़ का निवेश

मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ बिजनेस ने जाने-माने CEOs और बिजनेस लीडर्स को अपनी फैकल्टी में शामिल किया है ताकि छात्र उनके अनुभव से सीख सकें.

गुरुग्राम में खुलेगा MUSB

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2020,
  • (अपडेटेड 24 अप्रैल 2020, 7:28 PM IST)

आज पूरा विश्व कोविड-19 नामक महामारी से जूझ रहा है. इस आपदा के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के ऊपर भारी मंदी का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे को टालने के लिए और वैष्विक अर्थव्यवस्था को दोबारा सशक्त करने के लिए टेक्नोलॉजी का योगदान काफी अहम है. टेक्नोलॉजी एक ऐसा सेक्टर है जो इस आर्थिक मंदी के दौरान भी लगातार आगे बढ़ रहा है. इसलिए निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज हमें चाहिए कि हम एक ऐसी युवा पीढ़ी तैयार करें जिसे अपने विषयों की गहन जानकारी हो और जो आने वाली सभी चुनौतियों का डटकर सामना कर सके.

इसी बात के ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम में मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस (MUSB) की स्थापना होने जा रही है. इस संस्थान की फैकल्टी में अरुण मायरा (पूर्व चेयरमैन, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप), मुकुंद राजन (पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड), कार्थिक रमन्ना (डायरेक्टर, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी), नरेंद्र जाधव (राज्य सभा सांसद और पूर्व चीफ इकोनॉमिस्ट, आरबीआई), तथागता दासगुप्ता (चीफ डाटा साइंटिस्ट, वायाकॉम) और भास्कर चक्रवर्ती (पूर्व प्रोफेसर, हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल और पूर्व पार्टनर, मकिंसी एंड कंपनी) जैसे कई दिग्गज शामिल हैं. इस बिज़नेस स्कूल में अगले 2-3 सालों में 300 करोड़ के निवेश की घोषणा की गयी है.

MUSB पूरी तरह टेक्नोलॉजी पर केंद्रित होगा, जहां व्यावसायिक पेशेवरों की अगली पीढ़ी को एक डिजिटल इकॉनमी के लिए तैयार किया जाएगा. इस इंस्टिट्यूट का निर्माण गुरुग्राम स्थित साइबर सिटी में किया जाएगा जहां 600 से भी ज़्यादा अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के ऑफिस हैं. ज़ाहिर है कि इस लोकेशन कि वजह से इंस्टिट्यूट को इन MNCs के साथ इंडस्ट्री कनेक्ट बनाने के बेहतरीन अवसर मिलेंगे.

मास्टर्स यूनियन के PGP-TBM प्रोग्राम के अंतर्गत छात्र ना सिर्फ क्रियाशील तरीके से लाइव कंसल्टिंग प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकेंगे, बल्कि उन्हें फील्ड टूअर्स पर जाने और इंटर्नशिप करने के मौके भी मिलेंगे. इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, SAAS और साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों पर बूट कैम्प्स का आयोजन भी किया जाएगा. साथ ही PE/VC, डिजिटल एंड ई-कॉमर्स, टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और बैंकिंग जैसे इंडस्ट्री कंसन्ट्रेशन्स से भी छात्रों को अवगत कराया जाएगा ताकि वो खुद को और अपनी विशेषज्ञता को मौजूदा ट्रेंड्स के अनुरूप बना सकें.

यही नहीं, MSUB ने 5 करोड़ रूपये के एक फण्ड की भी स्थापना करने की योजना बनाई है जो कि छात्रों द्वारा चलाया जाएगा और जिसका इस्तेमाल स्टार्ट-अप्स, रियल एस्टेट और कैपिटल में निवेश करने के निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज लिए किया जाएगा. वहीँ सेंटर फॉर न्यू बिज़नेस मॉडल्स नामक रिसर्च आधारित फोरम ब्लॉकचेन, बायोटेक और मशीन लर्निंग जैसी नयी प्रौद्योगिकियों में बिज़नेस के मौके तैयार करेगा. साथ ही मास्टर्स यूनियन एक CXO शैडो प्रोग्राम भी चलाएगा जिसके अंदर छात्रों को बहुत क़रीब से देखने को मिलेगा कि कम्पनियां कैसे चलाई जाती हैं और बड़े-बड़े व्यावसायिक निर्णय कैसे लिए जाते हैं.

मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस के फॉउन्डिंग मास्टर कार्थिक रमन्ना ने आज तक से बातचीत में कहा कि, "मैं इस बात को ले कर सबसे ज़्यादा उत्साहित हूँ कि हमारा पाठ्यक्रम बिज़नेस लीडर्स, सरकारी लीडर्स, और थर्ड सेक्टर लीडर्स से परामर्श ले कर तैयार किया जा रहा है. ऐसा पाठ्यक्रम ही सुनिश्चित कर सकता है कि छात्र अपने उद्योग से जुड़ी हर चीज़ सीख सकें."

वहीं MUSB के फॉउन्डिंग मास्टर तथागता दासगुप्ता का कहना है कि, "मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को डॉक्टर पढ़ाते हैं, लॉ स्कूलों में लॉयर्स पढ़ाते हैं, लेकिन बिज़नेस स्कूल की फैकल्टी को इंडस्ट्री में काम करने का तजुर्बा हो, ऐसा ज़रूरी नहीं माना जाता. इसी अंतर को दूर करने के लिए मास्टर्स यूनियन ने CXOs, MDs, और बिज़नेस लीडर्स को अपनी फैकल्टी में शामिल किया है."

मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस एक ऐसी युवा वर्कफोर्स तैयार करने के लिए तत्पर है जो कि तकनीकी रूप से मज़बूत हो, जिसे बिज़नेस ट्रेंड्स की समझ हो, और जो एक मज़बूत भविष्य के लिए स्थायी समाधान प्रदान करने में सक्षम हो.

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