शरिया कंप्लेंट म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?
शरिया कंप्लेंट म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?
इससे पहले कि हम शरीयत-संगत निवेश या विशिष्ट रूप से म्यूचुअल फंड के विवरण में उतरें, यह समझना जरूरी है कि क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है शरीयत क्या है और शरिया कानून क्या है।
क्या है शरिया कानून?
इस्लामी कानून या शरीयत कानून के रूप में बेहतर ज्ञात एक धार्मिक कानून है, जो इस्लामी परंपरा का एक हिस्सा है। यह इस्लाम के धार्मिक उपदेशों, विशेष रूप से कुरान और हदीस से लिया गया है। अरबी में, शरिया शब्द का अर्थ भगवान के दिव्य नियम से है।
शरीयत कानून के अनुसार निवेश क्या है?
शरिया कानून में उन व्यवसायों के संबंध में कुछ प्रतिबंधों का उल्लेख है जो एक व्यक्ति का पीछा करता है। इनमें से कुछ प्रतिबंध इस प्रकार हैं:
हाई रिस्क: इस्लामिक कानून के सिद्धांतों में से एक जुआ से बचने के लिए है। इस्लामी कानून के अनुसार जुआ खेलना एक पाप माना जाता है। इस तर्क के अनुसार, इस्लामिक कानून का पालन करने वाले व्यक्तियों को किसी भी ऐसे व्यवसाय में प्रवेश करने क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है से प्रतिबंधित किया जाता है, जिसमें उच्च जोखिम होता है जो कि जुआ के बराबर है।
ब्याज के भुगतान पर प्रतिबंध: ब्याज के खिलाफ ऋण लेना गैरकानूनी माना जाता है। ब्याज देना नैतिक रूप से अन्यायपूर्ण और अनुचित माना जाता है। यह प्राथमिक कारणों में से एक है जो व्यापार साझेदारी और मालिकाना पर निर्भर करता है। वे उधार या उधार देने के बजाय लाभ (और नुकसान) साझा करते हैं।
प्रतिबंधित व्यवसाय: शरीयत कानून के अनुसार निवेश के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, कुछ प्रकार के व्यवसायों में निवेश करने से प्रतिबंध। जुआ, शराब, तंबाकू, ड्रग्स जैसे व्यवसाय अनैतिक माने जाते हैं।
भारत में कौन सी शरिया शिकायत मुचुअल फंड उपलब्ध हैं?
वर्तमान में 2 मल्टी-कैप फंड हैं, जो शरीयत कानून के अनुसार पेश किए जाते हैं। ये इस प्रकार हैं:
टाटा एथिकल फंड - इस फंड ने 2016 से 2019 तक 3 साल की अवधि में 9% का रिटर्न दिया है।
वृषभ नैतिक फंड - फंड ने 2016 से 2019 की समान अवधि में 11% से अधिक का रिटर्न दिया है।
ये दोनों धनराशि जो शरीयत कानून के प्रतिबंधों के साथ श्रेणियों में इक्विटी में निवेश करते हैं। इनके अलावा, सोने में निवेश को शरिया-अनुपालन माना जाता है। हालांकि, ज्यादातर गोल्ड फंड अपने पैसे का कुछ हिस्सा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में लगाते हैं, यह नैतिक रूप से एक विकल्प नहीं है। हालांकि, कोई गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर विचार कर सकता है।
शरीयत के अनुरूप म्यूचुअल फंड में निवेश कौन कर सकता है?
भले ही शरीयत के अनुकूल म्यूचुअल फंड द्वारा किया गया निवेश शरिया कानून के अनुसार हो, किसी भी व्यक्ति, एनआरआई, कंपनी या एचयूएफ को इन फंडों में निवेश करने की अनुमति होती है।
शरिया-अनुपालन म्युचुअल फंड कैसे कर लगाए जाते हैं? क्या कोई विशेष लाभ हैं?
अब तक, शरिया-संगत म्यूचुअल फंड में निवेशकों के लिए कोई विशेष कर लाभ नहीं हैं। चूँकि ऊपर उल्लिखित दोनों फंड इक्विटी-ओरिएंटेड फंड हैं, इसलिए उन्हें इक्विटी-ओरिएंटेड फंड के लिए कराधान के नियमों के अनुसार लगाया जाता है। 1-वर्ष से कम की होल्डिंग के मामले में, अर्जित किए गए किसी भी लाभ को अल्पावधि (STCG) माना जाता है। इस तरह के एसटीसीजी पर 15% की दर से कर लगता है। 1-वर्ष या उससे अधिक की होल्डिंग के मामले में, पूंजीगत लाभ को प्रकृति में लॉन्ग-टर्म माना जाता है और इसलिए लॉन्ग-टर्म पूंजीगत लाभ (LTCG) कर लागू होता है। इस तरह के लाभ के लिए कर की दर 10% है। हालांकि, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 1,00,000 रु तक का लाभ कर मुक्त है।
गोल्ड फंड के मामले में, लॉन्ग टर्म माने जाने वाले गेन की होल्डिंग अवधि 3 साल है। इकाइयों की खरीद की तारीख से 3 साल से पहले रिडेम्पशन के मामले में, लाभ को अल्पकालिक माना जाता है। उपार्जित लाभ को एक की आय में जोड़ा जाता है और प्रचलित कर की दर पर कर लगाया जाता है। लॉन्ग टर्म होल्डिंग्स के लिए इंडेक्सेशन के लाभ पर 20% की दर से कर लगाया जाता है।
शरिया-अनुपालन म्यूचुअल फंड में न्यूनतम निवेश क्या है?
एक लिप्सम निवेश के मामले में, न्यूनतम निवेश 500 रुपये है। हालांकि, सिप के मामले में, कोई भी केवल 100 रुपये के निवेश से शुरू कर सकता है, समय-समय पर देय।
बेंचमार्क क्या है?
शरिया-संगत म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन की तुलना करने का बेंचमार्क S & P BSE 500 इंडेक्स है। इस सूचकांक को S & P 500 सूचकांक में शरीयत-अनुरूप कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Investment Tips: अमीर बनने के लिए यहां करना होता है निवेश, बेहतरीन रिटर्न के साथ टैक्स में मिलती है छूट!
अगर आप भी अपनी मेहनत की कमाई को निवेश कर बेहतर रिटर्न पाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आज हम आपको 7 ऐसे तरीके बताएंगे जहां आप लॉन्ग या शॉर्ट टर्म के लिए इनवेस्ट कर सकते हैं.
- आम आदमी भी यहां इन्वेस्ट कर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं
- गोल्ड और पोस्ट ऑफिस में निवेश है रिस्क फ्री
- म्यूचुअल फंड या शेयर में निवेश से रातोंरात बन सकते हैं लखपति
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नई दिल्ली: अगर आप भी अपने पैसों को अलग-अलग जगह इन्वेस्ट कर जल्दी अमीर बनने का सपना देख रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आज हम आपको उन तरीकों के बारे में बताएंगे जहां निवेश करने से आपका अमीर बनने का सपना पूरा हो जाएगा. इससे न सिर्फ आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा बल्कि टैक्स भी छूट मिलेगी. चलिए जानते हैं क्या हैं वो तरीके.
म्यूचुअल फंड में निवेश
SBI Mutual Fund देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है. ये करीब 100 से ज्यादा म्चूचुअल फंड स्कीमें चलाती है. इन दिनों लोग बड़ी तादाद में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में एंट्री कर रहे हैं. इसके जरिए आप सिर्फ शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है हैं. अगर आपको पांच, सात या दस साल या इससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए दूसरे म्यूचुअल फंड होंगे. अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आप डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं. लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सही रहेंगे.
Gold में भी करें इन्वेस्टमेंट
भारत में निवेश के लिए सोना (Gold) एक भरोसेमंद विकल्प होता है. सालों से लोग अपनी बचत को सोने में निवेश करते हैं. सोने में निवेश करने वाले पेपर गोल्ड, गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड को बेहतर विकल्प के तौर पर चुन रहे हैं. इन माध्यमों से सोने में निवेश करने पर सोने को खरीदना और बेचना आसान होता है. वहीं आपको सोने की सुरक्षा की भी चिंता नहीं होती है. आपको निवेश पर बेहतर रिटर्न भी मिलता है.
पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम
पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) आम आदमी के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है. इससे मंथली कमाई का मौका मिलता है. साथ ही रिटर्न की गारंटी होती है, और तय ब्याज के हिसाब से आपका पैसा बढ़ता है. जानकारी के अनुसार, इसमें 6.6 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. अगर आप इस योजना में निवेश करना चाहते हैं तो 1500 से 4.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. वहीं अगर आप ज्वॉइंट अकाउंट के तहत निवेश की योजना बना रहे हैं तो इसकी लिमिट 9 लाख रुपये है.
नेशनल पेंशन सिस्टम
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) मैनेज करती है. यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बेहतर विकल्प है, जिसमें निवेश के जरिए क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है आप अपनी मंथली पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं. इसके साथ ही एकमुश्त फंड भी मिलता है. यहां आपके निवेश को एफडी, इक्विटी, कॉरपोरेट बांड, गवर्नमेंट फंड और लिक्विड फंड में लगाया जाता है. इसमें किए गए निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडें फंड (PPF) एक लंबी अवधि का निवेश है. भारत में इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे लोकप्रिय साधन माना जाता है. आप अपने नजदीकी बैंक या डाकघर में जाकर PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसमें मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है. यह अकाउंट 500 रुपये से खोला जा सकता है और इसमें एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. इसे आगे भी 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. PPF अकाउंट पर अभी 7.9 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. खास बात है कि PPF 100 परसेंट डेट इंस्ट्रमेंट है, यानी इसका पूरा पैसा बॉन्ड्स वगैरह में लगता है. इसलिए ये पूरी तरह से सेफ है.
फिक्सड डिपॉजिट
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में निवेश का बेहद लोकप्रिय माध्यम है. क्योंकि इसमें आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है साथ ही टैक्स की बचत भी होती है. एफडी अकाउंट किसी भी बैंक या डाकघर में खुलवाया जा सकता है. इसमें 7 दिन से 10 साल तक निवेश का विकल्प होता है. इसमें एक तय ब्याज पर आपका पैसा जमा हो जाता है. इसे लो रिस्क इन्वेस्टमेंट कटेगिरी में रखा गया है, जहां रिस्क बेहद कम होता है. ज्यादातर बैंक 5 साल की एफडी पर 6-8 प्रतिशत के बीच ब्याज दे रहे हैं. इतना ही नहीं, PPF खाते में पैसा कब जमा करना है इसकी कोई तय तारीख नहीं है. आप मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना तौर पर PPF में पैसा जमा कर सकते हैं.
शेयरों में करें इन्वेस्ट
शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है. हालांकि शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. सिर्फ ऑनलाइन निवेशक खुद ट्रेडिंग कर सकते हैं. जबकि, ऑफलाइन में ब्रोकर की सेवाएं लेनी पड़ेंगी. डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है. इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है.
Gold: मंदी में भी चमकता है गोल्ड, इन 4 तरीकों से होगा मोटा मुनाफा
Investment in Gold: शेयर बाजार में गिरावट और कमजोर घरेलू मुद्रा के बीच, निवेशक अपना पैसा सोने में लगाने का विचार करते हैं। भारत में सोने में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं।
- गोल्ड ईटीएफ से निवेशक को स्टोरेज और चोरी की चिंता नहीं होती है।
- डिजिटल सोने में निवेश 1 रुपये से भी शुरू किया जा सकता है।
- आप अपने घर से डिजिटल सोना बेच या खरीद सकते हैं।
नई दिल्ली। मंदी की आशंका गहरा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक मंदी के समय में सोने में निवेश (Investment in Gold) करना बेहतर माना जाता है। सोने में निवेश का मतलब सिर्फ गहने खरीदना ही नहीं है। मौजूदा समय में सोने में निवेश के कई विकल्प हैं। जब अस्थिर वित्तीय बाजार के दौरान निवेश करने की बात आती है तो सोने को आमतौर पर सुरक्षित विकल्प माना जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि जब भी स्टॉक से निवेशकों को नुकसान होता है, तो सोना बहुत अच्छा प्रदर्शन करता है।
आजकल, ऐसे कई तरीके हैं जिनके माध्यम से कोई भी सोने में निवेश (Gold Investment Option) किया जा सकता है। सोने में निवेश के चार सबसे लोकप्रिय तरीके हैं फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड।
फिजिकल गोल्ड (Physical Gold)
कई सोने के खरीदार अभी भी सोने को फिजिकल रूप में खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन ज्वैलरी को बनाने की लागत (Jewellery Making Charge) और उससे जुड़ी कीमत की वजह से यह मूल्यवान विकल्प नहीं माना जाता है। इतना ही नहीं ज्वैलरी का चोरी होने का भी डर रहता है।
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)
गोल्ड ईटीएफ कागज या डीमैट रूप में फिजिकल गोल्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप गोल्ड ईटीएफ में शेयरों की तरह ही डीमैट खाते के जरिए व्यापार कर सकते हैं। इसकी खास बात यह है कि इसके जरिए आप 1 ग्राम सोने के लिए भी निवेश कर सकते हैं। ध्यान रहे कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond)
एसजीबी आरबीआई द्वारा जारी सरकारी प्रतिभूतियां हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को सोना (फिजिकल रूप में नहीं) रखने और उस पर ब्याज अर्जित करने की अनुमति देता है। इसके लिए आपको खरीद के समय इश्यू मूल्य का भुगतान करना होता है और रिडेम्प्शन पर भुगतान भी सोने की मौजूदा बाजार दर के अनुसार ही होता है।
डिजिटल गोल्ड (Digital gold)
डिजिटल सोना कीमती धातु (24 कैरेट) में निवेश करने का एक डिजिटल तरीका है। आप ऑनलाइन पेमेंट करके या यूपीआई के माध्यम से डिजिटल सोना खरीद सकते हैं। विक्रेता लेनदेन के लिए एक डिजिटल चालान प्रदान करेगा। कई प्लेटफार्म में डिजिटल गोल्ड निवेश के लिए 2 लाख रुपये की सीमा है।
(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)
Investment Tips: अमीर बनने के लिए यहां करना होता है निवेश, बेहतरीन रिटर्न के साथ टैक्स में मिलती है छूट!
अगर आप भी अपनी मेहनत की कमाई को निवेश कर बेहतर रिटर्न पाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आज हम आपको 7 ऐसे तरीके बताएंगे जहां आप लॉन्ग या शॉर्ट टर्म के लिए इनवेस्ट कर सकते हैं.
- आम आदमी भी यहां इन्वेस्ट कर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं
- गोल्ड और पोस्ट ऑफिस में निवेश है रिस्क फ्री
- म्यूचुअल फंड या शेयर में निवेश से रातोंरात बन सकते हैं लखपति
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नई दिल्ली: अगर आप भी अपने पैसों को अलग-अलग जगह इन्वेस्ट कर जल्दी अमीर बनने का सपना देख रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आज हम आपको उन तरीकों के बारे में बताएंगे जहां निवेश करने से आपका अमीर बनने का सपना पूरा हो जाएगा. इससे न सिर्फ आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा बल्कि टैक्स भी छूट मिलेगी. चलिए जानते हैं क्या हैं वो तरीके.
म्यूचुअल फंड में निवेश
SBI Mutual Fund देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है. ये करीब 100 से ज्यादा म्चूचुअल फंड स्कीमें चलाती है. इन दिनों लोग बड़ी तादाद में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में एंट्री कर रहे हैं. इसके जरिए आप सिर्फ शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. अगर आपको पांच, सात या दस क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है साल या इससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए दूसरे म्यूचुअल फंड होंगे. अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आप डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं. लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सही रहेंगे.
Gold में भी करें इन्वेस्टमेंट
भारत में निवेश के लिए सोना (Gold) एक भरोसेमंद विकल्प होता है. सालों से लोग अपनी बचत को सोने में निवेश करते हैं. सोने में निवेश करने वाले पेपर गोल्ड, गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड को बेहतर विकल्प के तौर पर चुन रहे हैं. इन माध्यमों से सोने में निवेश करने पर सोने को खरीदना और बेचना आसान होता है. वहीं आपको सोने की सुरक्षा की भी चिंता नहीं होती है. आपको निवेश पर बेहतर रिटर्न भी मिलता है.
पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम
पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) आम आदमी के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है. इससे मंथली कमाई का मौका मिलता है. साथ ही रिटर्न की गारंटी होती क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है है, और तय ब्याज के हिसाब से आपका पैसा बढ़ता है. जानकारी के अनुसार, इसमें 6.6 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. अगर आप इस योजना में निवेश करना चाहते हैं तो 1500 से 4.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. वहीं अगर आप ज्वॉइंट अकाउंट के तहत निवेश की योजना बना रहे हैं तो इसकी लिमिट 9 लाख रुपये है.
नेशनल पेंशन सिस्टम
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) मैनेज करती है. यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बेहतर विकल्प है, जिसमें निवेश के जरिए आप अपनी मंथली पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं. इसके साथ ही एकमुश्त फंड भी मिलता है. यहां आपके निवेश को एफडी, इक्विटी, कॉरपोरेट बांड, गवर्नमेंट फंड और लिक्विड फंड में लगाया जाता है. इसमें किए गए निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडें फंड (PPF) एक लंबी अवधि का निवेश है. भारत में इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे लोकप्रिय साधन माना जाता है. आप अपने नजदीकी बैंक या डाकघर में जाकर PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसमें मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है. यह अकाउंट 500 रुपये से खोला जा सकता है और इसमें एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. इसे आगे भी 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. PPF अकाउंट पर अभी 7.9 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. खास बात है कि PPF 100 परसेंट डेट इंस्ट्रमेंट है, यानी इसका पूरा पैसा बॉन्ड्स वगैरह में लगता है. इसलिए ये पूरी तरह से सेफ है.
फिक्सड डिपॉजिट
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में निवेश का बेहद लोकप्रिय माध्यम है. क्योंकि इसमें आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है साथ ही टैक्स की बचत भी होती है. एफडी अकाउंट किसी भी बैंक या डाकघर में खुलवाया जा सकता है. इसमें 7 दिन से 10 साल तक निवेश का विकल्प होता है. इसमें एक तय ब्याज पर आपका पैसा जमा हो जाता है. इसे लो रिस्क इन्वेस्टमेंट कटेगिरी में रखा गया है, क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है जहां रिस्क बेहद कम होता है. ज्यादातर बैंक 5 साल की एफडी पर 6-8 प्रतिशत के बीच ब्याज दे रहे हैं. इतना ही नहीं, PPF खाते में पैसा कब जमा करना है इसकी कोई क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है तय तारीख नहीं है. आप मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना तौर पर PPF में पैसा जमा कर सकते हैं.
शेयरों में करें इन्वेस्ट
शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है. हालांकि शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. सिर्फ ऑनलाइन निवेशक खुद ट्रेडिंग कर सकते हैं. जबकि, ऑफलाइन में ब्रोकर की सेवाएं लेनी पड़ेंगी. डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है. इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है.
गिरते बाजार में WIPRO के बाद अब आज इस SHARE में होगा धमाका। क्या यह सही समय है इसमें पैसा लगाने का?
WIPRO के RESULT आने के बाद बड़े बड़े BROKERS की इस शेयर को लेकर राय बदल गई और इस शेयर में बड़े बड़े टारगेट आने लगे जिसकी वजह से शेयर ने भी आज 15 % का उछाल लगाया और NIFTY पर टॉप GAINER की लिस्ट में दिन भर रहा पिछले कुछ समय में कंपनियों के जो नतीजे आ रहे है उसमे सबसे खास IT शेयर है जहा SHARE MARKET में इतनी गिरावट के बाद भी ये SECTOR मजबूत बना हुआ है
और आज इसी सेक्टर की प्रमुख COMPANY INFOSYS के नतीजे आये है और ये नतीजे अनुमान से बहुत अच्छे आये है और कल के TRADING SESSION में इस शेयर में भी WIPRO की तरह तेजी देखने मिल सकती है। SHORT TERM हो या LONG TERM ये ऐसा शेयर है। जिस पर SHARE MARKET दिग्गजों का और निवेशकों का भरोसा हमेशा से ही रहा है और शेयर ने भी इन्हे कभी निरास किया। साल दर साल इसने प्रॉफिट बना के दिया है। DEVIDEND देने के मामले में भी शेयर बहुत आगे है। आइये एक नज़र इसके रिजल्ट पे डालते है।
– USD revenues: Above expectations: USD 3.12bn declined by 2.0% CC QoQ vs. consensus expectations of 4.7%CC QoQ decline
– Revenue guidance: INFO has reinstated its revenue guidance; a big positive in this weak environment. INFO has guided for FY21 revenue growth in the range of 0-2% cc YoY – higher than estimates
– Margin guidance: INFO has guided for FY21 operating margin in the range of 21%-23% – higher than estimates
पिछले २ दिनों TRADING देखा जाये तो SHARE MARKET में गिरावट देखने को मिली है और यह गिरावट और भी गहरा सकती है। वर्ल्ड बैंक ने भी कल देशो की ECONOMIC को लेकर चिंता जताई है और कहा है की इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना है जिसे रोकने में अभी तक कोई भी देश सक्षम नहीं दिख रहा। और स्तिथि जो दिख रही उससे बहुत ज्यादा ख़राब है।
आज जब RELIANCE INDUSTRIES की AGM MEETING से निवेशकों को उम्मीद थी की कुछ अच्छा निकल के सकता है। पर वहां से कुछ खबर नहीं आने से रिलायंस का शेयर ३% की गिरावट के साथ बंद हुआ जिसका इफ़ेक्ट मार्केट पर होता दिखा और जहा मार्केट 500+ में था मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।
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