जिंस वायदा में निवेश इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग के जैसा ही होता है। आप इसमें लॉन्ग पोजीशन (जब आप सौदा खरीदते हैं) और शॉर्ट पोजीशन (जब आप इसे बेचते हैं) ले सकते हैं। सीधे तौर पर कहें तो इक्विटी बाजार की तरह ही आप कीमतें चढ़ने के समय में खरीदारी और कीमतों के गिरने के समय बिकवाली कर सकते हैं।
कमोडिटी विकल्प क्या हैं?
आम तौर पर निवेश का मतलब लोग इक्विटी और डेट में ही पैसा डालना समझते हैं। कुछ लोग निवेश को बीमा से भी जोड़कर देखते हैं।
निवेशकों को यह बात जरूर याद रखनी चाहिए कि बीमा का मतलब सिर्फ जोखिम के कवर से है और इसे निवेश के तौर पर देखा जाना उचित नहीं है। स्थिर आय योजनाओं की बात करें तो ये महंगाई के समय में ही बेहतर प्रतिफल देती हैं।
कहने का सीधा सा मतलब यह है कि आप अगर अपने निवेश पर बेहतर प्रतिफल अर्जित करने में सक्षम हैं तो भी महंगाई इसे कहीं का नहीं छोड़ती है। दिनोदिन बाजार में अनिश्चितता बढ़ती जा रही हैं, जाहिर सी बात है, निवेशकों को इससे खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सवाल कमोडिटी विकल्प क्या हैं? उठता है कि निवेशक इन परिस्थितियों का सामना कर आखिर किस तरह से धन अर्जित कर सकते हैं?
इसके लिए निवेश के अन्य विकल्पों पर विचार किया जा सकता है। ये विकल्प आपके पोर्टफोलियो के जोखिम को करने के साथ ही इसे विविधता प्रदान करते हैं। इनमें से ज्यादातर निवेश विकल्प वित्तीय और प्रतिभूति बाजार में कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव से सीधे संबंधित नहीं होते हैं। नीचे इसी तरह के कुछ विकल्पों की चर्चा की गई है:
मई 2019 में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) के प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में किसने कार्यभार संभाला?
Important Points
- सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX) ने सोने में भारत का पहला कमोडिटी विकल्प लॉन्च किया।
- MCX को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लॉन्च किया था।
- MCX की स्थापना 2003 में हुई थी और यह मुंबई में स्थित है।
- 2016 में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट व्यापार की संख्या के मामले में MCX वैश्विक कमोडिटी एक्सचेंजों में सातवें स्थान पर था।
NCDEX MCX: वायदा बाज़ार में सोना, कॉटन, धनिया में तेज़ी, तो गम, जीरा में दिखी मंदी
एनसीडीईएक्स (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज) यानी वायदा में चल रहे धनिया, हल्दी, अरंडी, कॉटन आदि प्रमुख उत्पादों के ताज़ा ऑनलाइन कमोडिटी प्राइस क्या हैं इस बारे में जानकारी दी जा रही है.
एनसीडीईएक्स बाज़ार भाव-
ग्वार गम- 20 अक्टूबर
ग्वार गम- 18 नवंबर
ग्वार सीड- 18 नवंबर
जीरा ऊंझा- 20 अक्टूबर
जीरा ऊंझा- 18 नवंबर
कॉटन - 31 अक्टूबर
क्रूड ऑयल- 18 नवंबर
मेंथा ऑयल- 31 अक्टूबर
(नोट - रेट मौजूदा समय के अनुसार दिए गए हैं, इसमें उतार-चढ़ाव संभव है)
यह एक मार्केट प्लेस है जहां इन्वेस्टर कीमती मेटल्स, मसाले, कच्चे तेल, एनर्जी जैसी कई कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग करते हैं.
-सॉफ़्ट या एग्री कमोडिटीज़ जैसे धनिया, काली मिर्च, जीरा इलायची, लाल मिर्च, हल्दी और गेहूं, चना, सोया बीज आदि .
-नॉन एग्री या हार्ड कमोडिटीज़ जैसे सोना, चांदी, निकिल, कॉपर, एल्यूमिनियम, नेचुरल गैस, क्रूड ऑयल आदि.
कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट में क्या है अंतर-
इक्विटी या शेयर मार्केट में निवेशक कंपनियों के शेयर ख़रीदता या बेचता है जबकि कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल की ट्रेडिंग होती है.
शेयर मार्केट में शेयरधारक को कंपनी का पार्शियल मालिक माना जाता है लेकिन कमोडिटी मालिकों के साथ ऐसा नहीं है.
देश के प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज-
भारत में MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज), NCDEX (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज), UCX (युनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज), कमोडिटी विकल्प क्या हैं? NMCE (नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज), ICEX (इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज)
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कमोडिटी विकल्प क्या हैं?
Q. With reference to monopoly structure of commodity market, which of the following statements is/are correct?
1. Market has only one seller
2. Commodity has no substitute
3. Entry into the industry by another firm is prevented
4. Market price of commodities depends on demand of buyers.
Select the correct answer using the code given below
Q. कमोडिटी बाजार की एकाधिकार वाली संरचना के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन सा/से कथन सही है / हैं?
1. बाजार में केवल एक विक्रेता होता है।
2. कमोडिटी का कोई विकल्प नहीं होता है।
3. किसी अन्य फर्म का उद्योग में प्रवेश रोका जाता है।
4. कमोडिटी का बाजार मूल्य खरीदारों की मांग पर निर्भर करता है।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
जनवरी 2023 से इन ब्रांड्स की गाड़ियां हो जाएंगी महंगी
बिजनेस डेस्क। नया साल आने में महज कुछ ही दिन बाकी है। साल 2022 में गाड़ियों के कई बार दाम बढ़ें हैं, और डिस्काउंट भी दिए गए है। साल 2023 की शुरूआत में कुछ कंपनियां अपने गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी हैं। जिसमें मारुति, किआ, ऑडी जैसी लोकप्रिय ब्रांड्स के नाम शामिल हैं। अगर आप भी अगले साल नई कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो जानिएआपको कितनी महंगी पड़ सकती हैं ये गाड़ियां
मारुति सुजुकी
मारुति सुजुकी ने पुष्टि की है कि वह अपने पूरे मॉडल लाइन-अप की कीमतों में वृद्धि करेगी। कमोडिटी कमोडिटी विकल्प क्या हैं? की कीमतों में वृद्धि के अलावा, मारुति सुजुकी ने कहा है कि कीमतों में बढ़ोतरी सरकार की नियामक आवश्यकताओं के कारण भी है जिसने लागत दबाव बढ़ा दिया है। वर्तमान में, मारुति सुजुकी की लाइन-अप में ऑल्टो, ऑल्टो के 10, बलेनो, ब्रेज़ा, सेलेरियो, सियाज़, डिजायर, ईको, एर्टिगा, ग्रैंड विटारा, इग्निस, एस-प्रेसो, स्विफ्ट, वैगन आर और एक्सएल6 शामिल हैं।
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