निवेश क्या है

अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें

वित्तीय सफलता प्राप्त करना एक जटिल और भ्रमित प्रक्रिया है - जिसके लिए महत्वपूर्ण समय, ज्ञान और संसाधनों की आवश्यकता होती है। हमारी सेवाओं को वित्तीय सफलता को लक्षित करने में आपकी सहायता के लिए समझदार निवेश रणनीतियों को नियोजित करके अपनी संपत्ति की रक्षा, संरक्षण और आगे बढ़ने में मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है। तो, क्या चर्चा करने जा रहे है? निवेश प्रक्रिया में शामिल कदमों की व्याख्या।

हम आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने की संभावना को बढ़ाने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित, समय-सिद्ध प्रक्रिया का पालन करते हैं। हमारी प्रक्रिया आपके चारों ओर बनाई गई है - आपकी जरूरतों और उद्देश्यों, आपके समय सीमा और जोखिम सहनशीलता। चूंकि इनमें से कोई भी टुकड़ा बदलता है, हमारे चल रहे प्रबंधन और निगरानी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि आपका निवेश पोर्टफोलियो आपके साथ विकसित हो।

निवेश प्रक्रिया में शामिल चार मुख्य चरणों पर प्रकाश डालता है। निम्नलिखित कदम हैं:

  1. निवेश नीति।
  2. निवेश विश्लेषण।
  3. प्रतिभूतियों का मूल्यांकन।
  4. Portfolio निर्माण।

पहला चरण निवेश करने से पहले व्यक्तिगत वित्तीय मामलों और उद्देश्यों को निर्धारित करता है और शामिल करता है। इसे निवेश नीति चरण की तैयारी भी कहा जा सकता है। निवेशक को यह देखना होगा कि वह एक आपातकालीन निधि, तरलता का एक तत्व और नकद में प्रतिभूतियों की त्वरित परिवर्तनीयता बनाने में सक्षम होना चाहिए। इसलिए, यह चरण हो सकता है; निवेश संपत्तियों की पहचान करने और निवेश की विभिन्न सुविधाओं पर विचार करने के लिए उपयुक्त माना जाना चाहिए।

निवेश विश्लेषण:

जब किसी व्यक्ति ने अपने पोर्टफोलियो पर निवेश के प्रकारों के लॉजिकल ऑर्डर की व्यवस्था की है, तो अगला कदम निवेश के लिए उपलब्ध प्रतिभूतियों का विश्लेषण करना है। उन्हें उद्योग के प्रकार, सुरक्षा की तरह और निश्चित बनाम परिवर्तनीय प्रतिभूतियों का तुलनात्मक विश्लेषण करना होगा। इस चरण में प्राथमिक चिंताओं को भविष्य के व्यवहार या कीमतों और शेयरों, अपेक्षित रिटर्न और संबंधित जोखिम के संबंध में विश्वास बनाना होगा।

प्रतिभूतियों का मूल्यांकन:

तीसरा कदम शायद निवेश के मूल्यांकन का सबसे महत्वपूर्ण विचार है। निवेश मूल्य, सामान्य रूप से, निवेश से भविष्य के लाभ के मालिकों के लिए वर्तमान लायक माना जाता है। निवेशक को इन निवेशों के मूल्य को ध्यान में रखना होगा। निवेश संपत्ति के मूल्य का अनुमान लगाने के लिए पूर्वानुमानित लाभों के उपयोग के साथ वजन का एक उचित सेट लागू किया जाना चाहिए। संपत्ति के मौजूदा बाजार मूल्य के साथ मूल्य की तुलना संपत्ति की सापेक्ष आकर्षकता का निर्धारण करने अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें की अनुमति देती है। प्रत्येक संपत्ति को अपनी व्यक्तिगत योग्यता पर मूल्यवान होना चाहिए। अंत में, पोर्टफोलियो का निर्माण किया जाना चाहिए।

Portfolio निर्माण:

एक निवेश कार्यक्रम की विशेषताओं के तहत, Portfolio निर्माण को प्रतिभूतियों के विभिन्न पहलुओं के ज्ञान की आवश्यकता होती है। इन्हें यहां संक्षिप्त रूप से दोबारा शुरू किया गया है, जिसमें सुरक्षा समय और प्रिंसिपल के विकास, निवेश के समय, निवेश का चयन, विभिन्न निवेशों को बचत आवंटन और पोर्टफोलियो की प्रतिक्रिया शामिल करने के बाद परिसंपत्तियों की तरलता शामिल है।

प्रतिभूतियों का मूल्यांकन करते समय, निवेशक को यह महसूस करना चाहिए कि निवेश अनिश्चितता की शर्तों के तहत किया जाता है। ये एक जादू फार्मूला नहीं हो सकता जो हमेशा काम करेगा। निवेशक को अवधारणाओं और अनुप्रयोगों से चिंतित होना चाहिए जो उनके निवेश उद्देश्यों को पूरा करेंगे और लगातार अपने निवेश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेंगे। यदि आवश्यकता हो, तो निवेशक वैकल्पिक प्रस्तावों पर स्विच करने पर विचार कर सकता है।

निवेश क्या है

निवेश क्या है, निवेश कितने प्रकार के हो सकते हैं और निवेश का सिद्धांत क्या है। किस प्रकार का निवेश मॉडल आपके लिये सही रहेगा। इस सब की जानकारी लेते हैं हिंदी में विस्तार से। निवेश का अर्थ क्या है और निवेश के साधन कौन से हैं जिनसे सुरक्षित निवेश किया जा सके, अच्छा रिटर्न भी मिले और आसान तथा सुविधाजनक भी हो।

निवेश क्या है

निवेश क्या है

निवेश क्या है

निवेश का अर्थ है अपनी अतिरिक्त पूंजी या धन को ऐसी जगह लगाना जहां से अतिरिक्त धन प्राप्ति या आय की संभावना हो। महान निवेशक वॉरेन बफेट के अनुसार भविष्य में और अधिक धन प्राप्त करने के लिए “पैसा लगाने अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें की प्रक्रिया” को निवेश कहते है। निवेश का लक्ष्य आपके पैसे को एक या एक से अधिक प्रकार के निवेश के साधनों में लगाना है जिससे कि समय के साथ साथ आपका पैसा बढ़ सके। बचत और निवेश में अंतर को भी समझें।

निवेश क्या है – कम मेहनत ज्यादा कमाई

हम में से अधिकांश अपने काम में कड़ी मेहनत करते हैं, चाहे वह हमारा जॉब हो या हमारा खुद का बिजनेस हो। हम अक्सर कई घंटों तक काम करते हैं जिसके लिए मेहनात की आवश्यकता होती है और हम अकसर तनाव में रहते हैं। अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ बचा लेना और उसे अपनी भविष्य की जरूरतों के लिए निवेश करना ही अपनी कमाई से सबसे अधिक लाभ उठाने का एक तरीका है। निवेश करना वास्तव में होशियारी के साथ कम मेहनत में ज्यादा कमाने का तरीका है।

आज की इच्छायें या भविष्य की जरुरतें

आप अपनी आय के पैसे को कहां और किस तरह प्रयोग करते हैं इसमें आपकी प्राथमिकता निवेश से पता चलती है। पैसे को खर्च करना आसान है और इससे एक क्षणिक सुख भी मिलता है फिर चाहे वो नए कपड़े खरीदना हो, रैस्टॉरेंट में खाना हो या छुट्टियों पर जाना। इस सब से हमें खुशियां मिल सकतीं हैं मगर जब हम निवेश करते हैं तो हम भविष्य की आवश्यक्ताओं को आज की इच्छाओं से अधिक प्राथमिकता देते हैं।

सुनहरी भविष्य के लिये निवेश

जब आप जीवन की आपाधापी में व्यस्त हों तो निवेश आपके लिये काम करता है और भविष्य की फसल तैयार करता है जिससे की जीवन के सुनहरी वर्षों में भी जिंदगी सुखद रहे। निवेश को समझना उतना कठिन भी नहीं है। यहां पढ़ें कि आप छोटे छोटे निवेश के द्वारा एक करोड़ रुपये कैसे बना सकते हैं।

निवेश के प्रमुख तरीके

निवेश के साधन

प्रत्येक निवेश के साधन की अपनी विशेषताएं और सीमायें हैं। यह समझना बहुत आवश्यक है कि कौन सा निवेश का साधन आपके लिये बेहतर है। उदाहरण के लिये यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें कर रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि जिस म्यूचुअल फंड योजना में आप निवेश कर रहगे हैं वह किस तरह की इक्विटी में निवेश करती है? फंड हाउस कौन सा है? चार्जेस कितने हैं? म्यूचुअल फंड निवेश में कितना रिस्क हो सकता है। निवेश करने से पहले इस तरह के सवाल जान लेना आवश्यक है। निवेश में सफलता प्राप्त करने के लिये अपने निवेश को समझना बहुत आवश्यक है। मार्केट से जुड़े निवेश में लाभ की गारंटी नहीं होती मगर अपने निवेश को समझना आपके लिये फायदेमंद हो सकता है।

निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

कोई भी निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है

  • क्या यह निवेश का साधन आपके लिए ठीक है?
  • क्या आप जहां निवेश कर रहे हैं उस साधन या उसकी योजना को समझते हैं?
  • कितने पीरियड का निवेश है?
  • निवेश करने कितना आसान है?
  • निवेश से जुड़े सभी रिस्क को समझना।
  • रिटर्न और निवेश की गई रक़म की गारंटी है या नहीं?
  • क्या य़ोजना सरकार द्वारा समर्थित या प्रमाणित है?
  • कुछ समस्या होने पर रेग्युलेटर कौन होगा?

यहां हमने जाना कि निवेश क्या है, इसके साधन कौन कौन से हो सकते हैं और अपने निवेश को जानना और उसमें छिपे रिस्क को समझना क्यों जरूरी है।

म्यूचुअल फंडः रिस्क ज्यादा तो रिटर्न बड़ा

नवदुनिया-रिलायंस म्यूचुअल फंड के सेमिनार में विशेषज्ञों ने बेहतर निवेश के बारे में बताया भोपाल। नवदुनिया रिपोर्टर हर महीने की तारीख सात, म्यूचुअल फंड के आदत की शुरुआत. के स्लोगन के साथ इक्विटी, एसआईपी, इनफ्लेशन और रिटर्न से संबंधित पूरी जानकारी पाकर लोगों ने म्यूचुअल फंड में निवेश प्रति उत्सुकता दिखाई। यह नजारा था शनिवार को एमपीनगर

म्यूचुअल फंडः रिस्क ज्यादा तो रिटर्न बड़ा

नवदुनिया-रिलायंस म्यूचुअल फंड के सेमिनार में विशेषज्ञों ने बेहतर निवेश के बारे में बताया

भोपाल। नवदुनिया रिपोर्टर

हर महीने की तारीख सात, म्यूचुअल फंड के आदत की शुरुआत. के स्लोगन के साथ इक्विटी, एसआईपी, इनफ्लेशन और रिटर्न से संबंधित पूरी जानकारी पाकर लोगों ने म्यूचुअल फंड में निवेश प्रति उत्सुकता दिखाई। यह नजारा था शनिवार को एमपीनगर नगर स्थित होटल रेसीडेंसी में आयोजित सेमिनार 'अर्थ समृद्घि' के दौरान। नवदुनिया और रिलायंस म्यूचुअल फंड की ओर से आयोजित सेमिनार में मौजूद विशेषज्ञों ने लोगों को सही निवेश टूल चुनने की जानकारी दी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। विशेषज्ञों का कहना था कि कोई भी निवेश करने से पहले अपने फाइनेंस एडवायजर की सलाह जरूर लें। विशेषज्ञों ने म्यूचुअल फंड की परिभाषा से भी निवेशकों को अवगत कराया। विशेषज्ञों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से मार्केट और निवेश और रिटर्न मुख्य बिंदुओं को समझाया। कई निवेशकों ने विशेषज्ञों से सवाल किए और अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश की जानकारी ली। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

निवेश और प्लांनिग कभी रुके न

जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता कल्पलरू मल्टीप्लायर ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के वाइस चेयरमैन और इनवेस्टमेंट एडवाइजर आदित्य मनया अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें जैन ने कहा कि ऐसे समय में जबकि लोगों में अनसेटेर्निटी ज्यादा है। बैंकों पर भरोसा कम हो रहा है। ऐसे में लोग अपने निवेश लक्ष्य से भटक जाते हैं, जबकि जरूरी यह है कि निवेश और प्लानिंग कभी रुकनी नहीं चाहिए। सामन्य आदमी का पैसा बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाता है, वहां इनफ्लेशन कम है पर पैसा सुरक्षित है। बदलते परिवेश और बढ़ती जरूरतों को देखते हुए अब लोग इक्विटी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। इक्विटी मार्केट ही एक ऐसा माध्यम है जो इनफ्लेशन को बीट करता है। अच्छा रिटर्न लेना है तो रिस्क तो लेना ही होगा। इन्हीं सब बातों को देखते हुए स्मार्ट इनवेस्टर अब म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा है। निवेशक निवेश का लक्ष्य तय कर निवेश करें तो बेहतर होगा। एसआईपी प्लान कर फाइनेंशियल एडवाइजर से राय लेकर निवेश करें तो मार्केट की स्थिति कैसी भी हो आपको बेहतर रिटर्न मिलना तय है। ट्रेडिंग न करने वाले निवेशकों के लिए म्यूचअल फंड बेहतर विकल्प है।

लांग टर्म के लिए करें निवेश

विजन एडवायजरी सर्विसेस प्रालि. के फाउंडर डायरेक्टर अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें प्रदीप करमबेलकर ने लोगों को बताया कि म्यूचुअल फंड का आशय साझा निवेश से है, जिसमें कई निवेशक एक जगह पूंजी लगाते हैं। फंड मैनेजर इन पैसों का निवेश करता है और होने वाले लाभ में सभी की भागीदारी सुनिश्चित होती है। उन्होंने बताया कि फाइनेंशियल गोल तय कर लांग टर्म के लिए इक्विटी में निवेश बेहतर है। म्यूचुअल फंड में निवेश और पैसा वापस लेना दोनों ही आसान है। हर दो साल में इनफ्लेशन रेट डबल हो जाता है। इससे मुकाबला म्यूचुअल फंड के प्रोडक्ट ही कर सकते हैं। एसआईपी को अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण क्षणों से जोड़ें तो प्लानिंग बेतहतर होगी।

एफडी में पैसा रखना इनवेस्टमेंट नहीं

इक्वेशंस के फाउंडर और सीईओ कपिल होलकर ने निवेशकों अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें को समझाते हुए बताया कि इक्विटी मार्केट और रिस्क से आगे है म्यूचुअल फंड। सेविंग और इनवेस्टमेंट में अंतर है। बैंक एफडी में पैसा लगाना इनवेस्टमेंट नहीं है। बैंक और पोस्ट ऑफिस में इनफ्लेशन के हिसाब से पैसों की कीमत नहीं मिलती है। वर्तमान समय की सभी आर्थिक जरूरतों की पूर्ति म्यूचुअल फंड के प्रोडक्ट्स से संभव है। रिटायरमेंट लोगों के लिए तो यह और भी बेहतर है। बस फंड और प्रोफाइल के हिसाब से मंथली एसआईपी प्लान करें। अभी हो यह रहा है कि लोग बाजार के गिरते ही भ्रमित होकर एसआईपी स्टाप कर देतें हैं, जबकि निवेश में धैर्य की आवश्यकता है। म्यूचुअन फंड में निवेश ही सही मायने में इनवेस्टमेंट है।

फाइनेंशियल प्लानिंग कर करें बचत

सेमिनार के अंत में रिलायंस म्यूचुअल फंड के क्लस्टर हेड प्रवीण बिलगैया ने अपना निजी अनुभव शेयर करते हुए बताया कि मेरे पैदा होने बाद मेरे पिताजी ने मेरे भविष्य के लिए सोचते हुए हर साल सौ रुपए की बचत शुरू की। 35 साल का होने पर मैंने यह पैसे बैंक से निकाले तो मुझे 32 सौ रुपए मिले। इन पैसों से मैं अपने बेटे के लिए साइकिल खरीदने गया तो वह करीब 6 हजार रुपए मे मिली। उन्होंने इस अनुभव के माध्यम से बताया कि पिताजी के निवेश से आखिर क्या हासिल हुआ। इनफ्लेशन के हिसाब से देखा जाए तो यह कुछ भी नहीं है। इसी लिए आप स्मार्ट इनवेस्टर बनें और अपने बच्चों की शादी, पढ़ाई का खर्च, मेडिकल, वर्ड टूर, मकान, लग्जरी कार आदि के अलावा अपनी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति के लिए समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग कर बचत करें। उन्होंने यह भी बताया कि म्यूचुअल फंड के माध्यम से यह कैसे संभव है। इसके पूर्व नवदुनिया परिवार की ओर से सभी अतिथियों को गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया गया।

रिलायंस निवेश लक्ष्य फण्ड NFO – निवेश का एक सुनहरा अवसर

Reliance Nivesh Lakshya Fund in Hindi

आज इस पोस्ट में मैं आपसे इसी के बारे में डिटेल में बात करूँगा.

क्या है रिलायंस निवेश लक्ष्य फण्ड?अपने निवेश के लक्ष्यों को परिभाषित करें

यह एक unique debt fund है जिसे निवेशकों के long term goals achieve करने के लिए डिजाईन किया गया है. यहाँ लॉन्ग टर्म का मतलब कम से कम 10 साल का समय है. ऐसा ब्याज दरों में बदलाव के कारण पूँजी के नुक्सान से बचने के लिए किया गया है.

सरल शब्दों में कह सकते हैं कि यह फण्ड लंबी अवधि के लिए वर्तमान ब्याज दरों को सुनिश्चित करने का एक मौका है.

Reliance Nivesh Lakshya Fund (RNLF) की मुख्य विशेषताएं:

  • यह एक डेब्ट फण्ड है जो आपका पैसा डेब्ट, मनी मार्किट इंस्ट्रूमेंट्स और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश करेगा.
  • इस फण्ड का उद्देश्य आपको निरंतर 8-8.13% का रिटर्न देने का है.
  • यह आपके long-term goals, ,जैसे कि बच्चों की पढाई या शादी या आपके रिटायरमेंट के लिए उपयुक्त फण्ड है.
  • RNLF की मैच्योरिटी 25-30 साल तक की है, यानी आप इसे अगले 25-30 सालों तक होल्ड कर सकते हैं और लगभग 8.13% का लाभ पा सकते हैं; जबतक की सरकार की कोई नीति इसपर असर ना डाले. ( जो लाभ बढ़ा भी सकता है और घटा भी )
  • हालांकि इस फण्ड की maturity 25-30 साल की है पर आप कभी भी इसमें से पैसा निकाल सकते हैं. यानी, इसमें किसी तरह का lock-in period नहीं है.
  • 5000 रु से आप इसमें निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.
  • RNLF में आपके पास Growth, Dividend Payout,और Dividend Reinvestment के विकल्प मौजूद हैं.
  • तीन साल तक investment होल्ड करने के बाद कोई TAX नहीं.
  • इस फण्ड का expense ratio बहुत कम है, around 20 to 50 basis points .
  • यह फण्ड आपको सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और सिस्टेमेटिक विथड्राल (SWP) की सुविधा देता है.

RNLF एक open-ended scheme है या close-ended?

यह एक ओपन-एनेडेड स्कीम है. NFO की शुरुआत 18 जून को हुई थी जो 2nd July को बंद हो गया और अब यह पुनः 13 जुलाई से निवेशकों के लिए खोल दिया जाएगा.

रिलायंस निवेश लक्ष्य फण्ड इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

बहुत से निवेशक high risk होने के कारण equities में इन्वेस्ट नहीं करना चाहते, ऐसे में वे Fixed Deposit, PPF या सुकन्या समृद्धि स्कीम जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं. लेकिन इन विकल्पों को भी पिछले कई वर्षों से घट रही ब्याज दरों ने कम आकर्षक बना दिया है. ऐसे में RNLF एक नया विकल्प है जो लम्बे समय तक आज उपलब्ध best interest rates को capture करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है.

इस फंड का उद्देश्य निम्लिखित निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों (securities) में निवेश करने का है –

  • सरकारी प्रतिभूतियां
  • कॉमर्शियल पेपर
  • सर्टिफिकेट डिपाजिट
  • ट्रेजरी बिल
  • कॉर्पोरेट बॉन्ड
  • इत्यादि

अधिकांश securities को maturity तक खरीदा और रखा जाएगा।

Fund Manager का प्रयास होगा कि इन तमाम इन्वेस्टमेंट्स के liquidity, safety, और profitability के बीच तालमेल बैठाकर ध्यान में रखकर RNLF द्वारा लगातार अच्छी परफॉरमेंस दी जाए.

Friends, निवेशक शेयर मार्केट से जुड़े रिस्क को अच्छी तरह समझते हैं, लेकिन फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में उन्होंने as such कोई रिस्क नहीं दिखाई देता जबकि यहाँ भी कई तरह के जोखिम होते हैं, जैसे कि –

  • interest rate risk,
  • default risk,
  • liquidity risk,
  • purchasing power risk, etc

इन जोखिमो से पूरी तरह बचा नहीं जा सकता लेकिन Relaince जैसे trusted fund house से हम उम्मीद कर सकते हैं कि वो diversification और hedging techniques की मदद से, और साथ ही इंडियन और ग्लोबल इकॉनमी पर पैनी नज़र रख कर इन जोखिमों को काफी हद तक कम कर पायेगा.

रिलायंस निवेश लक्ष्य फण्ड में किसे निवेश करना चाहिए?

  • ऐसे व्यक्तियों को जो कम जोखिम उठाते हुए steady returns चाहते हैं.
  • HNI (High net worth individual), जो बिना अधिक रिस्क लिए अपनी गाढ़ी कमाई को प्रोटेक्ट और ग्रो करना चाहते हैं.
  • ऐसे पेरेंट्स या ग्रैंड पेरेंट्स जो अपनी बच्चों, या नाती-पोतों के लिए एक सुरक्षित बड़ी रकम छोड़ कर जाना चाहते हैं.
  • रिटायर हुए लोगों के लिए जो एक आरामदायक रिटायर्ड लाइफ जीना चाहते हैं, क्योंकि यह फण्ड आपके पैसे को सुरक्षा देने के साथ-साथ निरंतर 8% से अधिक का रिटर्न देने का प्रयास करता है और regular withdrawal की सुविधा भी देता है.

Reliance Nivesh Lakshya Fund में निवेश कैसे करें ?

इसके लिए आप अपने एडवाइजर से संपर्क कर सकते हैं या खुद Reliance Mutual Fund की साईट पर जाकर निवेश कर सकते हैं.

Online Investment करने की detailed जानकारी आप यहाँ देख सकते हैं: 15 मिनट में कैसे शुरू करें ऑनलाइन म्यूच्यूअल फण्ड SIP?

तो दोस्तों ये थी रिलायंस निवेश लक्ष्य फण्ड के बारे में विस्तृत जानकारी. इस फण्ड के बारे में और अधिक जानने के लिए आप यहाँ जा सकते हैं: https://www.reliancemutual.com/campaigns/Nivesh/IndexApp.html

उम्मीद करता हूँ यहाँ दी गयी information आपको अपने investment decisions लेने में मदद करेगी. Personal finance की अगली पोस्ट में फिर मुलाक़ात होगी.

Till then take care…save money…invest wisely!

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