इसमें आप 3 या 4 दिन के लिए भी निवेश कर सकते है. ये उन सिक्योरिटीज में निवेश होते है जिनकी मैच्योरिटी 91 दिन तक की होती है. इसलिए लिक्विड फंड बैंक एफडी और सेविंग अकाउंट में निवेश करने का अच्छा विकल्प होता है.
म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे | Mutual Fund in Hindi
दोस्तों, आज के लेख में हम आपको Mutual Funds kya hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi के बारे मे पूरी जानकारी देंगे. इस म्यूच्यूअल फण्ड से भी मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बजह से बहुत से निवेशक म्यूच्यूअल फाउंड में निवेश करने लगे है.
SIP फुल फॉर्म हिंदी में “सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान” है. जिसके जरिये निवेश करने वालों की जनसंख्या बढती जा रही है. जिन लोगों को शेयर मार्केट टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? के बारे में पूरी जानकारी नही है और सीखना भी नहीं चाहते है तो उन टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? लोगों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड बेहतरीन तरीका है. इसमें कम रिस्क में कम मुनाफा और नुक्सान होता है.
इसके जरिये आप बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी निवेश कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के बारे में अधिक जानकारी ना होने पर किसी अच्छे एक्सपर्ट की मदद ले सकते है. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए बेहतर शेयर को चुनना होता है.
Mutual Fund क्या है | Mutual Funds Kya Hai in Hindi
म्यूच्यूअल फण्ड सामूहिक निवेश होता है. कई निवेशकों का एक समूह मिलकर स्टॉक में निवेश करते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकों के फण्ड के फायदा और नुक्सान का हिसाब रखने के लिए एक फंड मैनेजर होता है. (1)
इस तरह से निवेश में जो भी नुक्सान या फायदा होता है वह निवेशकों में बांट दिया जाता है. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में उन सभी निवशकों के निवेश पैसों को इकट्ठे करती है. ऐसा करने पर कंपनी थोड़ा सर्विस चार्ज काटती है.
और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? के द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा शेयर मार्किट में निवेश करती है. म्यूच्यूअल फण्ड में एक काफी बड़ा फायदा है की उसमे यह सोचने की जरूरत नहीं होती है की कब शेयर को खरीदना और बेचना होता है, क्योकि ये सारा काम फण्ड मैनेजर का होता है.
म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने के फायदा यह है की आप इसमें 500, 1000 रूपए से निवेश करना सुरु कर सकते है. मासिक निवेश के लिए SIP लेना होता है. इसका मतलब होता है की आपके द्वारा तय की गई राशी अपने आप प्रतेक महीने खाते से से कटकर सीधे फण्ड में ट्रान्सफर होती रहगी. (2)
Mutual Fund कितने प्रकार के होते है?
अब हम mutual fund के प्रकार के बारे में समझेंगे कि mutual fund कितने प्रकार के होते है. ये एसेट्स (Asset Class) और संरचना यानी स्ट्रैक्चर (structure) 2 प्रकार के होते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किये गय पैसों को कई जगहों में निवेश किया जाता है. आप म्यूचु्अल फंड को और भी कई हिस्सों में बांट सकते है.
इक्विटी फण्ड काफी महसूर फण्ड है. इसमें बेहतरीन निवेशक अधिक रिस्क लेकर अधिक मुनाफा भी लेते है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस इक्विटी म्यूचुअल फंड के मैनेजर सभी पैसा स्टॉक मार्किट में निवेश करता है.
इस इक्विटी म्यूचुअल फंड को मल्टी कैपिटल, लार्ज कैपिटल, स्मॉल कैपिटल, मिड कैपिटल में बांटा गया है.
लार्ज कैप फण्ड | Large Cap Funds
लार्ज कैप फण्ड mutual fund वह होते है जो आपकी राशी को बड़ी कैपिटल वाली कंपनी में निवेश करते है. लार्ज कैप कंपनी की काफी ग्रोथ है. इसलिए return तो कम मिलता है लेकिन लगातर मिलता है. लार्ज कैप फण्ड के मुकालबे स्माल और मिडकैप में अधिक रिस्क होता है.
Target Maturity Fund: क्या है टारगेट मैच्योरिटी फंड, क्यों इनवेस्टर्स इसकी तरफ बढ़ा रहे हैं अपना इंटरेस्ट?
Target Maturity Fund: वर्ष 2019 में भारत सरकार की तरफ से भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) जारी किया गया जिसके पास से टारगेट में छोटे फंड में निवेशक निवेश बढ़ा रहे हैं। देश के टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? पहले टारगेट मैच्योरिटी फंड (Target Maturity) का प्रबंधन कर रहा है एडलवाइज म्युचुअल फंड ( Edelweiss Mutual Fund) । टारगेट में चोटी फंड की एक मैच्योरिटी डेट होती है कि वह डेट है जब स्कीम पोर्टफोलियो निवेश ( Scheme Portfolio Investment) में क्यों हो जाता है। इस निवेश के अंतर्गत जल्द ही निकासी की सुविधा भी मिल जाती है आपको बता दें कि टारगेट में छोटी फंड में जब होल्डिंग पीरियड होता है उस दौरान जो भी ब्याज मिलता है उसका दोबारा से Investment कर दिया जाता है।
निवेश को करना होगा लंबी अवधि तक
वैसे तो कोई भी निवेशक मैच्योरिटी से पूर्व भी अपनी राशि निकाल सकता है लेकिन हाई रिटर्न प्राप्त करने के लिए इन्वेस्टर्स को इसमें मैच्योरिटी होने तक बना रहना चाहिए। इससे ब्याज दरें तो बढ़ती है इसके साथ-साथ इन्वेस्टर्स को अपना निवेश high-yield पर लॉगइन करने का चांस भी मिलता है।
विश्लेषकों की मानें तो फ्रेंकलिन टेंपलटन संकट के बाद से पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड की तरफ निवेशक अपना रुझान बढ़ा रहे हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planing) करने वाले विशेषज्ञ निवेशकों को टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) का लाभ उठाने के लिए इस सेगमेंट में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। आपको बता दें पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड में अधिकतम यील्ड की भी संभावना रहती है। 2026 और 2027 के मैच्योरिटी टारगेट फंडों (Maturity Target Funds) की यील्ड है क्रमशः 7.48 और 7.55।
SBI Mutual Fund ने लॉन्च किया नया म्यूचुअल फंड, जानें आपके लिए इसमें क्या है खास
एसबीआई म्यूचुअल फंड ने सोमवार को एसबीआई सीपीएसई बॉन्ड प्लस एसडीएल सितंबर 2026 5050 इंडेक्स फंड लॉन्च करने का ऐलान किया जो निफ्टी सीपीएसई बॉन्ड प्लस एसडीएल सितंबर 2026 5050 इंडेक्स के घटकों में निवेश करने वाला एक ओपन-एंडेड टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एसबीआई म्यूचुअल फंड ने सोमवार को एसबीआई सीपीएसई बॉन्ड प्लस एसडीएल सितंबर 2026 50:50 इंडेक्स फंड लॉन्च करने का ऐलान किया, जो निफ्टी सीपीएसई बॉन्ड प्लस एसडीएल सितंबर 2026 50:50 इंडेक्स के घटकों में निवेश करने वाला एक ओपन-एंडेड टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड है। यह नया फंड ऑफर 3 जनवरी 2022 से 17 जनवरी 2022 तक खुलेगा। इस योजना का निवेश उद्देश्य रिटर्न प्रदान करना है, जो ट्रैकिंग एरर्स के अधीन अंटरलाइंग इंडेक्स द्वारा दर्शाए गई सिक्योरिटीज के कुल रिटर्न के साथ करीब से मेल खाए।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल इंडेक्स फड
देश की लीडिंग म्यूचुअल फंड ( mutual fund company ) कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ( ICICI Prudential Mutual Fund ) ने पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल 40-60 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। यह नया फंड 16 सितंबर को खुला है और 27 सितंबर को बंद होगा। इस फंड में कम से कम 1000 रुपए का निवेश कर सकते हैं।
मुंबई। देश की लीडिंग म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल 40-60 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। यह नया फंड 16 सितंबर को खुला है और 27 सितंबर को बंद होगा। इस फंड में कम से कम 1000 रुपए का निवेश कर सकते हैं।
यह टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स स्कीम है। इसकी मैच्योरिटी 2027 सितंबर में होगी। यह स्कीम निफ्टी 50 पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल इंडेक्स बांड में निवेश करेगी। निवेश का अनुपात 40-60 की तर्ज पर होगा। यानी कुल पैसे का 40त्न हिस्सा सरकारी कंपनियों के बॉन्ड्स में और 60 फीसदी पैसा एसडीएल में निवेश किया जाएगा। पीएसयू टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? का मतलब सरकारी कंपनियों के जो बॉन्ड होते हैं उसमें निवेश किया जाएगा, जबकि एसडीएल का टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? मतलब स्टेट डेवलपमेंट लोन से है।
इस स्कीम में 8एएए रेटेड पीएसयू बॉन्ड्स होगा। यह एक विविधीकृत पोर्टफोलियो होगा। इसमें टॉप 20 स्टेट लोन डवलपमेंट का पोर्टफोलियो होगा। यह एक ओपन एंडेड टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड है। सरकारी कंपनियों और एसडीएल में निवेश की हर तिमाही में समीक्षा की जाएगी। इस बारे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के प्रोडक्ट हेड चिंतन हरिया ने कहा कि यह स्कीम निवेशकों को 8 सरकारी कंपनियों के बॉड्स और 20 एसडीएल में निवेश का मौका देगी। यह एसडीएल राज्य सरकार और केंद्र शासित राज्यों के होंगे। यह उन निवेशकों के लिए अच्छी स्कीम है जो फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि उन निवेशकों के लिए भी यह अच्छी स्कीम है, जो इंडेक्स फंड के मैच्योरिटी पीरियड के साथ मध्यम अवधि में निवेश का नजरिया रखते हैं। निवेशक इस स्कीम को अपने पोर्टफोलियो में डेट अलोकेशन के रूप में देख सकते हैं। सरकारी बॉन्ड्स की बात करें तो इंडियन रेलवे फाइनेंस, न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन, पावर फाइनेंस, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, एनएचपीसी लिमिटेड, नाबार्ड और एक्जिम बैंक आदि हैं। स्टेट लोन डवलपमेंट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा जैसे राज्य शामिल हैं। इस स्कीम के जरिए निवेशक सरकारी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं। निवेशक इसे एक अल्टरनेट पारंपरिक निवेश के तौर पर देख टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? सकते हैं। कंपनियों की रेटिंग में एएए को सबसे अधिक और अच्छा माना जाता है। इस तरह की स्कीम में लिक्विडिटी भी अच्छी होती है। लिक्विडिटी का मतलब आप जब चाहें पैसा टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? निकाल सकते हैं।
निवेश को करना होगा लंबी अवधि तक
वैसे तो कोई भी निवेशक मैच्योरिटी से पूर्व भी अपनी राशि निकाल सकता है लेकिन हाई रिटर्न प्राप्त करने के लिए इन्वेस्टर्स को इसमें मैच्योरिटी होने तक बना रहना चाहिए। इससे ब्याज दरें तो बढ़ती है इसके साथ-साथ इन्वेस्टर्स को अपना निवेश high-yield पर लॉगइन करने का चांस भी मिलता है।
विश्लेषकों की मानें तो फ्रेंकलिन टेंपलटन संकट के बाद से पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड की तरफ निवेशक अपना रुझान बढ़ा रहे हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planing) करने वाले विशेषज्ञ निवेशकों को टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? का लाभ उठाने के लिए इस सेगमेंट में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। आपको बता दें पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड में अधिकतम यील्ड की भी संभावना रहती है। 2026 और 2027 के मैच्योरिटी टारगेट फंडों (Maturity Target Funds) की यील्ड है क्रमशः 7.48 और 7.55।
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