मानव विकास सूचकांक (HDI – Human Development Index) क्या है

मानव विकास सूचकांक (HDI – Human Development Index) क्या है :- मानव विकास सूचकांक (HDI) संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रतिवर्ष जारी होने वाली एक वार्षिक रिपोर्ट है जो कि विभिन्न देशों कि जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और आय के मानकों के आधार पर प्रकाशित की जाती है। सर्वप्रथम वर्ष 1990 में मानव विकास सूचकांक (HDI – एचडीआई) रिपोर्ट जारी की गई थी।

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को देशों की प्रगति को मापने के लिए एक पैमाने की आवश्यकता शुरू से ही थी। मानव विकास सूचकांक (HDI- Human Development Index) का विकास इसी क्रम में किया गया है। किसी भी देश की प्रगति को दो भागों में बांटकर समझा जा सकता संवृद्धि और विकास।

संवृद्धि (Growth)- संवृद्धि का आशय मुख्यतः आर्थिक मात्रात्मक परिवर्तन से है। अर्थात एक निश्चित समयावधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाली वास्तविक आय वृद्धि को संवृद्धि कहते हैं।

विकास (Development)- विकास का अभिप्राय अर्थव्यवस्था में मात्रात्मक बढ़ोतरी के साथ-साथ गुणात्मक परिवर्तन से भी है। अर्थात राष्ट्रीय आय में वृद्धि के साथ-साथ गरीबी, असमानता, बेरोजगारी को भी कम करना एवं जीवन स्तर का ऊंचा होना विकास कहलाता है।

आर्थिक विकास मापक – आर्थिक विकास को मापने की शुरुआत 1990 में UNDP (United Nation Development Program) के द्वारा की गयी। UNDP ने समय-समय पर निम्नलिखित रिपोर्ट एवं सूचकांक के माध्यम से आर्थिक विकास को मापने का प्रयास किया। इन सभी सूचकांकों का परिचय कालक्रमानुसार नीचे बताया गया है –

1990- Human Development Report/ Human Development Index
मानव विकास रिपोर्ट/मानव विकास सूचकांक

इस सूचकांक के तीन आधार थे –

  1. प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income)
  2. साक्षरता (Education)
  3. जीवत प्रत्याशा (Life Expediency)

1995- Gender Development Report/ Gender Development Index
लैंगिक विकास रिपोर्ट/ लैंगिक विकास सूचकांक

ये सूचकांक केवल महिलाओं के लिए था। इस सूचकांक में HDR के तीनों आधारों को केवल महिलाओं के संदर्भ में देखा जाता है।

1995- Gender Empowerment Report/ Gender Empowerment Index
लैंगिक सशक्तिकरण रिपोर्ट/ लैंगिक सशक्तिकरण सूचकांक

केवल महिलाओं के लिए लागू किया गया था। इस रिपोर्ट के द्वारा ये पता लगाया जाता था कि एक समय अवधि के दौरान में महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से कितना सशक्त हुयीं हैं।
इस सूचकांक के प्रमुख दो आधार थे –

1. अर्थव्यवस्था में महिलाओं का नियंत्रण।
2. राजनीति में महिलाओं की स्थिति एवं भागीदारी।

1997- Human Poverty Report/ Human Poverty Index
मानव गरीबी रिपोर्ट/ मानव गरीबी सूचकांक

इस सूचकांक का मुख्य उद्देश्य देश में गरीबी की स्थिति के सटीक आंकड़े जुटाना था। इसे तीन आधार पर निर्धारित किया जाता था –

1. कुपोषण
2. वयस्क शिक्षा
3. जीवन प्रत्याशा 40 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

उपरोक्त आंकड़ो के आधार पर इस सूचकांक को विकासशील देशों के आर्थिक विकास को मापने के लिए अधिक उपयोगी माना गया।

1998- Human Poverty Report II/ Human Poverty Index II
मानव गरीबी रिपोर्ट II/ मानव गरीबी सूचकांक-II

इस सूचकांक को पिछले सूचकांक के ही तीनों आधारों में सुधार करके बनाया गया था, जिससे इसे विकसित देशों के विकास को मापने के काम में लाया जा सके –

1. बेरोजगारी एवं अकुशल व्यक्तियों की संख्या।
2. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या।
3. 60 वर्ष से ज्यादा जीवन प्रत्याशा होनी अनिवार्य।

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है UNDP द्वारा अलग-अलग प्रकार के सूचकांक निकाले गये जिनके माध्यम से पता लगाया जा सके कि देश में विकास हो रहा है या नहीं। इन सभी सूचकांकों में से सबसे प्रचलित सूचकांक है मानव विकास सूचकांक (HDI-Human Development Index)। भारत सहित दुनिया के सभी देशों में HDI (मानव विकास सूचकांक) से आर्थिक विकास को मापा जाता है।

मानव विकास सूचकांक (HDI)

आर्थिक विकास को मापने के उद्देश्य से इस सूचकांक का प्रतिपादन 1990 में UNDP (United Nation Development Program) से जुड़े पाकिस्तानी मूल के अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक व उनके सहयोगी नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने किया था। जिनके 3 आधारभूत आयाम शिक्षा, स्वास्थ्य व जीवन स्तर हैं।

मानव विकास सूचकांक HDI - Human Development Index formula

इस सूत्र से मानव विकास सूचकांक (HDI) हमेशा 0 से 1 के बीच आती है।

HDI के आंकड़ों के आधार पर देश को तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है, जिसका विवरण निम्नवत है –

1. अल्पविकसित देश- (0 से 0.499)
2. विकासशील देश- (0.499 से 0.799)
3. विकसित देश- (0.799 से 1)

विश्व में कुछ ऐसे देश भी हैं जिन्होंने HDI को देश के विकास के सूचक के रूप में स्वीकार नहीं किया जैसे – भूटान। भूटान वर्ष 1970 से एक रिपोर्ट जारी करता है जिसे खुशहाली रिपोर्ट (Happiness Index) कहते हैं। वर्ष 2011-2012 में UNDP ने भी भूटान के मानदंडों को स्वीकारा Gross Happiness Report/ Index को अपनाया। ये भी 0 से 1 के बीच होता है।

करेंट अफेयर्स (समसामयिकी) प्रश्न 16 दिसंबर, 2022

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प्रश्नः अग्नि-5 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. यह परमाणु-सक्षम अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है।
2. यह सामरिक बल कमान द्वारा संचालित है।
3. 15 दिसंबर 2022 को पहली बार इसका सफल परीक्षण किया गया।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर (a)

प्रश्नः भारत के किस कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र ने प्राकृतिक दुनिया को पुनर्जीवित करने के लिए शीर्ष 10 वर्ल्ड रिस्टोरेशन फ्लैगशिप में से एक के रूप में चुना है?
(a) संकेतक किसके लिए हैं नमामि गंगे
(b) प्रोजेक्ट टाइगर
(c) प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम
(d) नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया
उत्तर (a)

प्रश्नः सूर्य किरण अभ्यास का 16वां संस्करण किनके संकेतक किसके लिए हैं बीच आयोजित किया गया?
(a) भारत और बांग्लादेश
(b) भारत और नेपाल
(c) भारत और मालदीव
(d) भारत और थाईलैंड
उत्तर (b)

प्रश्नः किस राज्य ने प्रसिद्ध बेपोर उरू (Beypore Uru) के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है?
(a) तमिलनाडु
(b) कर्नाटक
(c) आंध्र प्रदेश
(संकेतक किसके लिए हैं d) केरल
उत्तर (d)

प्रश्नः कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कृषि-निर्णय समर्थन प्रणाली (Krishi-DSS) विकसित करने के लिए किसके साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है?
(a) रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग
(b) दूरसंचार विभाग
(c) अंतरिक्ष विभाग
(d) जैव प्रौद्योगिकी विभाग
उत्तर (c)

प्रश्नः सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन किस देश की प्रधानमंत्री के रूप में पुन: निर्वाचित हुई हैं?
(a) नॉर्वे
(b) डेनमार्क
(c) स्वीडन
(d) आइसलैंड

प्रश्नः जनवरी 2018 से नवंबर 2022 तक इसरो ने 19 देशों के कितने विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित किए ?
(a) 137
(b) 147
(c) 167
(d) 177

प्रश्नः भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन (IWIS) का 7वां संस्करण दिसंबर 2022 में कहां आयोजित हुआ?
(a) भोपाल
(b) बेंगलुरु
(c) वाराणसी
(d) नई दिल्ली

प्रश्नः दिसंबर 2022 में किस संस्था ने टर्नकी वर्क्स के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया?
(a) ओएनजीसी
(b) एनटीपीसी
(c) एनएमडीसी
(d) कोल इंडिया

प्रश्नः प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना किसके द्वारा कार्यान्वित की जा रही है?
(a) अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय
(b) संस्कृति मंत्रालय
(c) शिक्षा मंत्रालय
(d) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

करेंट अफेयर्स क्विज, उत्तर एवं व्याख्या की पीडीएफ माह के संकेतक किसके लिए हैं अंत में उपलब्ध होती है। आप इसे 60 रुपये का भुगतान कर एक महीने के लिए या 600 रुपये का भुगतान कर एक साल के लिए अपनी ई-मेल पर प्राप्त कर सकते हैं। CLICK HERE

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GI टैग कब से लागू हुआ, कितने वर्षों के लिए मान्य है, सबसे ज्यादा किस राज्य को मिला, GI टैग Full Form.

भौगोलिक चिन्ह एक ऐसा चीज है जो वस्तुओं की विश्व में पहचान कराता है जिसमें वस्तुओं की विशेषता, गुणवत्ता, प्रतिष्ठा से मिलता है जैसे प्राकृतिक वस्तुएं, कृषि उत्पाद ,निर्मित वस्तुएं आदि उनके राज्य क्षेत्र से शामिल होते हैंं। उस वस्तुु को कानूनी अधिकार देेेेे दिया जाता है । जिससे वस्तु कीमत और मांग दोनों बढ़ जाती है।

इसके अनुसार भारत के किसी राज्य क्षेत्र में पाई जाने वाली विशेष वस्तु को कानूनी अधिकार संकेतक किसके लिए हैं उस राज्य को दे दिया जाता है।

भौगोलिक संकेत पंजीकरण संरक्षण एक्ट 1999 के तहत भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है। जो आंतरिक व्यापार, वाणिज्य ,उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। जिसका मुख्यालय चेन्नई में है। जीआई टैग प्राप्त करने के लिए उसकी मांग के साथ साथ रजिस्ट्रेशन भी कराना होता है।

7 संकेत जो ये बताते हैं कि उनके लिए आप दोस्तों से कहीं ज्यादा हैं

हम किस तरह किसके साथ जुड़ते हैं ये पता नहीं चल पाता. दोस्ती कब प्यार में बदल जाता है इसका अंदाजा नहीं हो पाता. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आपको इन संकेतों से पता चल सकता है.

7 संकेत जो ये बताते हैं कि उनके लिए आप दोस्तों से कहीं ज्यादा हैं

ये संकेत साबित करते हैं कि आप दोस्तों से ज्यादा हो सकते हैं

कभी-कभी किसी दोस्त के साथ हमारा रिश्ता इतना गहरा हो जाता है कि हम संकेतक किसके लिए हैं उसके बिना नहीं रह सकते. आप कभी-कभी अपने रिश्ते पर संदेह करते हैं कि ये सिर्फ दोस्ती है या बहुत कुछ. आप एक दोस्त के रूप में प्यार में हैं या इसके अलावा भी बहुत कुछ है.

रेखाएं धुंधली लगती हैं और इनकार अंदर घुस सकता है. इसलिए अपनी शंकाओं को दूर संकेतक किसके लिए हैं करने के लिए, यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो आपको बताते हैं कि क्या आप सिर्फ दोस्त हैं या कुछ और चल रहा है.

1. हर रोज बात करना

आप एक-दूसरे से संपर्क करते हैं लेकिन हर कुछ दिनों में नहीं. ये आपका रोज का काम बन गया है कि आपको उससे बात करनी है, नहीं तो आप सो नहीं पाएंगे. ये समय-समय पर बातचीत करने का समय नहीं है, बल्कि एक रोजमर्रा की आदत है जिसे आप जाने नहीं दे सकते.

2. केमिस्ट्री

कभी-कभी, आप बस इतना जानते हैं कि आपके पास एक मजबूत केमिस्ट्री है और बस एक टच दोस्ती से कहीं ज्यादा लगता है. वो अपना हाथ आपकी पीठ या गर्दन पर बहुत ज्यादा डालता है.

आप दोनों हाथ पकड़ते हैं और ये स्वाभाविक रूप से आपके पास आता है. इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें जब तक कि आप अपने सभी दोस्तों के साथ ऐसा न करें.

3. आप हर बातचीत में होते हैं

जब हम किसी को पसंद करते हैं तो हम अनजाने में और चल रही हर बातचीत में, किसी न किसी तरह से उस व्यक्ति के बारे में जिक्र करते हैं. वो जिस तरह से आपके बारे में लोगों को बताते हैं, वो “सिर्फ दोस्तों” की तरह नहीं है. वो आपका नाम कैसे कहते हैं, ये भी एक संकेत है कि वो आपके बारे में क्या महसूस करता है.

4. वो कहते रहते हैं कि वो सिंगल हैं

अब शिकायत करने वाले संकेतक किसके लिए हैं तरीके से नहीं, बल्कि अक्सर एक व्यक्ति जो चाहता है कि आप उसे एक अलग तरीके से देखें, दोहराता रहता है कि वो आपके सामने है, सिंगल, पपी आंखों के साथ. वो कह रहे हैं कि वो चाहते हैं कि आप इसके बारे में कुछ करें, एक मूव लें, लेकिन सीधे तौर पर नहीं.

5. एक साथ बहुत समय बिताना

आप दोनों ऐसे काम करते हैं जो आमतौर पर जोड़े करते हैं. एक साथ जरूरी सामान्य समय से ज्यादा समय बिताएं. साथ में खरीदारी करें, साथ में खाएं, यहां तक ​​कि बाहर घूमने के दौरान टीवी देखते हुए एक ही सोफे पर सोएं. आप अकेले रहना संकेतक किसके लिए हैं पसंद करते हैं… लेकिन साथ में.

6. स्नगलिंग स्वाभाविक रूप से आती है

एक-दूसरे को गले लगाना, एक-दूसरे के करीब होने के तरीके ढूंढना एक और संकेत संकेतक किसके लिए हैं है. जब आप उनके पास जाते हैं, तो आप घर जैसा महसूस करते हैं, और ये सब स्वाभाविक लगता है.

7. ईर्ष्या

उनके दूसरे लोगों के साथ घूमने से आपको जलन महसूस होती है. जब वो आपके साथ किसी और के बारे में (रोमांटिक तरीके से) बात करता है तो आपको बुरा लगता है. ये सभी क्लियर, स्क्रीमिंग वाले संकेत हैं कि आप एक-दूसरे से प्यार करते हैं और “दोस्तों” से कहीं बढ़कर हैं.

Consumer Price Index – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक: परिभाषा, प्रकार, मापन

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Consumer Price Index-CPI – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एक व्यापक उपाय है जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं के औसत मूल्य के माप के लिए एक सूचकांक है. जिसकी गणना सामानों एवं सेवाओं (goods and services) के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है. आमतौर पर इसका उपयोग अर्थव्यवस्था में खुदरा मुद्रास्फीति को मापने के लिए किया जाता है.

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CPI की मदद से मुद्रास्फीति की गणना करने के लिए एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. goods and services की कई विभिन्न श्रेणियों और उपश्रेणियों का उपयोग वस्तुओं को संकेतक किसके लिए हैं वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, CPI ग्रामीण या शहरी जैसे उपभोक्ता श्रेणियों के आधार को भी ध्यान में रखता है. और फिर, अंतिम आंकड़ों के आधार पर, राष्ट्रीय सांख्यिकीय एजेंसियां मूल्य के समग्र सूचकांक को जारी करती हैं. सीधे शब्दों में कहें तो सीपीआई हमें जीवन यापन की लागत का अनुमान लगाने में मदद करता है.


उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index-CPI)

  • यह खुदरा खरीदार के दृष्टिकोण से मूल्य परिवर्तन को मापता है।
  • यह चयनित वस्तुओं और सेवाओं के खुदरा मूल्यों के स्तर में समय के साथ बदलाव को मापता है, जिस पर एक परिभाषित समूह के उपभोक्ता अपनी आय खर्च करते हैं।
  • CPI के चार प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Workers-IW) के लिये CPI
2. कृषि मज़दूर (Agricultural Labourer-AL) के लिये CPI
3. ग्रामीण मज़दूर (Rural Labourer-RL) के लिये CPI
4. CPI (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त)

Statistics and Program Implementation मंत्रालय CPI (UNME) के लिए डेटा एकत्र और संकलित करता है , जबकि श्रम मंत्रालय में श्रम ब्यूरो अन्य तीनों के लिए भी यही करता है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के प्रभाव

  1. यह एक व्यक्ति के रहने की लागत को बढ़ाता है
  2. यदि मुद्रास्फीति की दर अधिक है, तो यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है. जब माल की लागत अधिक होती है, तो इन वस्तुओं का उत्पादन कम हो जाता है.

CPI मुद्रा स्फीति में वर्तमान परिवर्तन

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा कि पिछले कुछ महीनों में सीपीआई मुद्रास्फीति, जो कि पिछले कुछ महीनों में बढ़ी है, वित्तीय वर्ष के दौरान सबसे अधिक नरम हो जाएगी. रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में पहली तिमाही में 4.8%, दूसरी तिमाही में 4.4%, तीसरी तिमाही में 2.7% तथा चौथी तिमाही में 2.4% तक कम होने का अनुमान है . RBI ने कहा कि अनुमानित और सुगमता के कारण मुद्रास्फीति में गिरावट आई है, जबकि आपूर्ति में रूकावट की वजह से अपेक्षा से अधिक दबाव बढ़ सकता हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा, आगे की ओर देखें तो मुद्रास्फीति के जोखिम का संतुलन नीचे की ओर भी धीमा है.

लॉकडाउन के चलते मार्च तथा आगामी कुछ महीनों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI ) का संकलन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. COVID-19 से स्थिति बिगड़ रही है, जिससे वृहद आर्थिक प्रभाव डालने के कारण वैश्विक वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से 2020 में भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ सकता है. COVID-19 के बढ़ते खतरे और मौजूदा लॉकडाउन के समय उच्च अनिश्चितता की स्थिति वर्तमान प्रत्याशित मांग तथा ‘कोर मुद्रास्फीति’ में संकेतक किसके लिए हैं कमी ला सकती है. जन की कीमतों, और अन्य चीजों में गिरावट के साथ, भारतीय रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2021 के लिए मुद्रास्फीति 3.6 से 3.8% के बीच गिर सकती है

यह भी देखें –

  • PMUY – प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना | ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लिंक
  • ऐसे improve करें Spoken English and Writing skills
  • Google ने भी किया corona fighters को सलाम, doodle series

बावजूद, मुद्रास्फीति पर प्रभाव, विशेष रूप से CPI मुद्रास्फीति, का प्रभाव काफी अस्पष्ट है. अगर कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी हो जाती है, तो देश की व्यापार की शर्तों में सुधार होने की सम्भावना है, लेकिन इस चैनल से होने वाले लाभ से मांग के नुकसान की भरपाई की उम्मीद नहीं है.

इसके अलावा, COVID-19 दुनिया भर के 200 से अधिक देशों में तेजी से फैल रहा है, वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में आसन्न मंदी की ओर जा रही है, जबकि इससे पहले वर्ष में 2.9% की वृद्धि हुई थी.

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