How to open Demat Account, what are the benefits of opening it? डीमैट अकाउंट कैसे खोले, इसे खोलने के क्या लाभ हैं?

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How to open Demat Account, what are the benefits of opening it? डीमैट अकाउंट कैसे खोले, इसे खोलने के क्या लाभ हैं?

जिस प्रकार से बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट /एफडी में निवेश करने के लिए बैंक खाता होनाing account आवश्यक है। ठीक उसी प्रकार पूंजी को शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। शेयर मार्किट में पूंजी निवेश करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए 1996 डिपॉजिटरी एक्ट बनायी गयी। इस एक्ट के डीमेट अकाउंट कैसे खोले? अनुसार कंपनी के शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को डिजिटल रूप दे दिया गया है। डीमैट अकाउंट में शेयर के डाक्यूमेंट्स के अतिरिक्त म्युचुअल फंड, बांड, डिबेंचर एवं सरकारी सिक्योरिटीज भी रखा जा सकता है। इस खाते को खोलने के लिए भरतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) द्वारा दो डिपाजिटरी अधिकृत की गयी है – एनएसडीएल और सीडीएसएल। इन दोनों डिपाजिटरी के अंतर्गत डीपी (डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट) होते हैं। डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट कोई बैंक, ब्रोकर , वित्तीय संस्थान हो सकते हैं। एनएसडीएल और सीडीएसएल संस्था के अंतर्गत रजिस्टर्ड डीपी के माध्यम से डीमैट अकाउंट ऑनलाइन खोला जा सकता है। आइये जाने डीमैट खाता किस खोला जा सकता है और इसे खोलने के क्या लाभ हैं?

Demat Account kya hai डीमैट अकाउंट क्याs, है

शेयर मार्किट में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से निवेश करने के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है। इस खाते के बिना शेयर खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है। डीमैट खाते में शेयर अथवा सरकारी प्रतिभूतियों के डाक्यूमेंट्स डिजिटल रूप में सुरक्षित रहते है। शेयर में निवेश के इच्छुक व्यक्ति को अपने डीमैट अकाउंट को बैंक खाते से लिंक करना होता है। जिससे शेयर खरीदने पर या बेचने पर शेयर के मूल्य का भुगतान निवेशक के बैंक खाते से ऑनलाइन हस्तांतरित किया जा सके। इसी प्रकार शेयर से प्राप्त होने वाले प्रॉफिट का हस्तांतरण डीमैट अकाउंट से लिंक्ड बैंक खाते में कर दिया जाता है।

Demat Account opening Documents डीमैट खाता खोलने के दस्तावेज

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • बैंक बचत खाता के पासबुक के पहले पेज की फोटोकॉपी

How to open Demat Account डीमैट अकाउंट कैसे खोले

डीमैट अकाउंट एनएसडीएल और सीडीएसएल संस्था में से किसी एक से रजिस्टर्ड डीपी की मदद से खुलवाया जा सकता है जैसे – एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर और जेरोदा को किसी भी ब्रोकरेज में जाकर खोला जा सकता है।

  • अपनी सुविधानुसार डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • अपना नाम,मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, निवास स्थान का एड्रेस आदि लिख कर फॉर्म भरने के माध्यम से वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा।
  • इसके बाद आपके द्वारा दर्ज किये गए मोबाइल नंबर पर ओटिपी का मेसेज प्राप्त होगा।
  • otp लिखने के बाद वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।
  • इसके बाद डीपी संस्था का एग्जीक्यूटिव आपके एड्रेस पर मिलने का टाइम बुक करेगा।
  • फिर तय समय पर आकर डीमैट अकाउंट से सम्बंधित डाक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी लेने और अकाउंट खोलने का फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इस प्रकार आपका डीमैट अकाउंट खुल जाएगा।
  • एक रजिस्टर्ड डीपी संस्था में अधिकतम तीन डीमैट अकाउंट खोला जा सकता है। इसके अतिरिक्त बैंक अकाउंट की हीं तरह एक से अधिक डीपी के अंतर्गत डीमैट अकाउंट खोल जा सकता है।

Benefits of opening a Demat Account डीमैट अकाउंट खोलने के लाभ

  • डीमैट अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन शेयर किसी दुसरे व्यक्ति के डीमैट अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है। इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगती है।
  • इस अकाउंट की सुविधा होने से शेयर बेचने या खरीदने पर दो दिन के अन्दर खाते में हस्तांरित हो जाती है। पहले महीनों का वक्त लग जाता था।
  • डीमैट अकाउंट में शेयर के डाक्यूमेंट्स डिजिटल रूप में सुरक्षित रहने से खोने या चोरी होने का खतरा नहीं रहता है।
  • शेयर खरीदते , हस्तांतरित करते या बेचते समय किसी प्रकार के भौतिक डाक्यूमेंट्स को दिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • पहले केवल एक शेयर को बेचा और खरीदा नहीं जा सकता था। किन्तु अब डीमैट अकाउंट के जरिये ऑनलाइन केवल एक शेयर भी बेचा और ख़रीदा जा सकता है।

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डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम डीमेट अकाउंट कैसे खोले? एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।

10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।

कितना सही है एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट रखना, अगर घर बैठे ऑनलाइन खोलना हो अकाउंट तो क्या करें?

SEBI की ओर से ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है जिसमें ये कहा गया हो कि इन्‍वेस्‍टर्स एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट नहीं रख सकते. बस आपके अकाउंट से पैनकार्ड का लिंक होना जरूरी है. जानिए इसके फायदे और नुकसान.

अगर आप मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं, तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है, जो एक बैंक अकाउंट की तरह ही होता है. इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है. डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है. बस इसको एक्सेस करने के लिए आपके पास लॉगइन आईडी और पासवर्ड होना जरूरी है.

अब सवाल उठता है कि क्‍या बैंक अकाउंट की तरह एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट भी रखे जा सकते हैं? तो इसका जवाब है हां, लेकिन एक ही डिपॉजिटरी या बैंक में नहीं खोल सकते. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की ओर से फिलहाल ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है जिसमें ये कहा गया हो कि इन्‍वेस्‍टर्स एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट नहीं रख सकते. बस आपके अकाउंट से पैनकार्ड डीमेट अकाउंट कैसे खोले? का लिंक होना जरूरी है. लेकिन एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट के क्‍या फायदे और नुकसान हैं, ये जानना भी जरूरी है. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.


एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट के फायदे

इस मामले में फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट शिखा चतुर्वेदी बताती हैं कि एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट के कुछ खास फायदे नजर नहीं आते. बल्कि ये आपके लिए एक तरह से माथापच्‍ची करने जैसा हो जाता है. हालांकि आपको इसमें अलग-अलग ब्रोकरेज हाउस की अलग-अलग सुविधाएं लेने का फायदा मिल सकता है. इसके अलावा आप अपने दो अकाउंट को अलग अलग तरह के निवेश के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं, जैसे एक अकाउंट को लॉन्‍ग टर्म ट्रांजैक्शन और दूसरे को शॉर्ट टर्म के ट्रांजैक्शन के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इससे शेयर्स की बिक्री में किसी तरह का कन्‍फ्यूजन नहीं होगा. एक से ज्यादा अकाउंट के जरिए आप अपने पोर्टफोलियो को विस्तारित कर सकते हैं और अपनी प्राथमिकता के हिसाब से तमाम ब्रोकरों द्वारा पेश किए गए कई इंटरफेस से लाभ उठा सकते हैं.

ये हैं नुकसान

अब अगर एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट की बात करें तो इसमें अकाउंट के रखरखाव का खर्च बढ़ जाता है. हर बार जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो ट्रांसफर फीस भी ली जाती है. इसके अलावा एक से ज्‍यादा खाते होने पर आपको इसमें काफी समय देना पड़ता है. अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं और एक सक्रिय निवेशक नहीं बन सकते, तो आपको एक से ज्‍यादा डीमैट अकाउंट नहीं रखना चाहिए. एक से अधिक डीमैट अकाउंट के मामले में सभी डीमैट अकाउंट को ट्रैक करते रहना जरूरी होता है क्‍योंकि अगर आपने डीमेट अकाउंट कैसे खोले? किसी एक डीमैट अकाउंट में लंबे समय से लॉग-इन नहीं किया है तो आपका अकाउंट फ्रीज भी हो सकता है.

कैसे खोलें डीमैट अकाउंट?

डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से खोला जा सकता है. ऑनलाइन खाता खोलने के लिए स‍बसे पहले आपको अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) की वेबसाइट पर जाना होगा. डीमैट खाते का आवेदन करने के लिए आपको कुछ प्रमुख दस्तावेज देने होंगे और अपनी केवाईसी पूरी करनी होगी. इसके लिए आपको पहचान प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, कैंसिल चेक और पासपोर्ट साइज के फोटो आदि दस्‍तावेजों की जरूरत पड़ेगी. केवाईसी पूरी करने के बाद आपकी रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने और आपका खाता खोलने से पहले इनका वेरिफिकेशन किया जाएगा, इसके बाद आपका अकाउंट ओपन हो जाएगा.

डीमेट अकाउंट कैसे खोले?

5paisa ऐप का उपयोग करके ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें, इसके लिए आप इन चार आसान स्टेप्स का पालन करना होगा

स्टेप1:Google Playstore या Apple Store से 5paisa ऐप इंस्टॉल करें.
स्टेप2:‘Open Demat Account’ का विकल्प चुनें.

Written by Web Desk Team | Published :September 9, 2022 , 6:27 am IST

यदि आप शेयर बाजार के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं और शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको डीमैट खाता खोलना होगा. आपका फाइनेंशियल टारगेट चाहे कुछ भी हो लेकिन शेयर बाजार में कोई भी लेनदेन करने के लिए डीमैट खाता होना जरूरी है. इस आर्टिकल में हम आपको डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की प्रक्रिया बताने जा रहे हैं –

डीमैट खाता क्या है?
डीमैट खाते या डीमैटरियलाइज्ड खाते (dematerialised accounts) का इस्तेमाल किसी भी कंपनी के शेयर ऑनलाइन रखने के लिए किया जाता हैं. एक डीमैट खाता आपको स्टॉक, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), बॉन्ड आदि जैसे डीमैटरियलाइज्ड सिक्योरिटीज रखने की सुविधा देता है. जब आप किसी स्टॉक के लिए ऑर्डर देते हैं, तो आपके शेयर आपके डीमैट खाते में जमा हो जाते हैं. इसी तरह, जब भी आप अपने शेयर बेचते हैं तो आपका डीमैट खाता डेबिट हो जाता है.

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन कैसे बनाएं?

सेबी के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 और जनवरी 2021 के बीच नए डीमैट खाते में 10.7 मिलियन की वृद्धि हुई है. इसके अलावा, बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ, डीमैट खाता खोलना अब बेहद आसान हो गया है. इस आसान स्टेप्स के साथ आप 5paisa के साथ डीमैट खाता खोल सकते हैं –

स्टेप1 :डीमैट खाता खोलने के लिए 5paisa की वेबसाइट पर जाएं.
स्टेप2 :अपना फोन नंबर दर्ज करें और“Open account Now” पर क्लिक करें.
स्टेप3 :आपको उसी नंबर पर एक वेरिफिकेशन कोड प्राप्त होगा, कोड डालें और “Apply Now” बटन पर क्लिक करें.
स्टेप4 :इसके बाद, अपना ईमेल पता और आपके इनबॉक्स में भेजा गया वेरिफिकेशन कोड दर्ज करें.
स्टेप5 :अपना पैन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें, और “Proceed” पर क्लिक करें.
स्टेप6 :e-KYC प्रक्रिया को पूरा करें
स्टेप7 :वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा करें. इसके लिए आपको रीयल टाइम में एक सेल्फी अपलोड करनी होगी.
स्टेप8 :अपना खाता खोलने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फॉर्म पर ई-हस्ताक्षर करें.

5paisa ऐप का उपयोग करके ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें, इसके लिए आप इन चार आसान स्टेप्स का पालन करना होगा

स्टेप1:Google Playstore या Apple Store से 5paisa ऐप इंस्टॉल करें.
स्टेप2:‘Open Demat Account’ का विकल्प चुनें.
स्टेप3:5paisa का एक कार्यकारी आपसे संपर्क करेगा और खाता खोलने में आपकी सहायता करेगा.
स्टेप4:KYC प्रक्रिया को पूरा करें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें.

डीमैट खाता खोलने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

पहचान का प्रमाण ( Proof of identity)
•मतदाता पहचान पत्र
•आधार कार्ड, पैन कार्ड
•पासपोर्ट
•ड्राइविंग लाइसेंस
पते का प्रमाण (Proof of Address)
•राशन कार्ड
•बिजली बिल
•टेलीफोन बिल
•संपत्ति कर रसीद
•पासपोर्ट
•बैंक पासबुक
•मतदाता पहचान पत्र

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