आगरा में मसाज पार्लर के नाम पर देह व्यापार, वीडियो वायरल
आगरा में मसाज पार्लर के नाम पर देह व्यापार का धंधा फिर से होने लगा है. सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
आगरा: जिले में एक बार फिर स्पा सेंटरों में देह व्यापार का बाजार सजने लगा है. इंटरनेट पर हाईटेक तरीके इस काम को किया जा रहा है. इस अय्याशी के खेल का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस जांच की बात कह रही है.
मंगलवार को एक स्पा सेंटर का वीडियो वायरल हुआ है. इसके बाद पुलिस स्पा और सैलून सेंटरों की जांच में जुट गई है. वायरल वीडियो में हल्की रंगीन रोशनी में एक गेट से बारी-बारी लड़कियां मॉडल्स की तरह लुभावनी ड्रेसेज में कैटवॉक करती हुई नजर आ रही हैं. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि रिसेप्शन पर मैनेजर और एजेंट की देख-रेख में ग्राहक उनमें से अपने लिए लड़की चुनते हैं. यह वीडियो ताजमहल से मात्र 300 मीटर दूर पर स्थित मसाज पार्लर का बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार वेबसाइट्स पर तमाम स्पा सेंटर के नाम और नम्बर मौजूद रहते हैं. नम्बरों पर कांटेक्ट करने के बाद ग्राहक को स्पा सेंटर के पास बुलाते हैं. एक कर्मचारी ग्राहक को अपने साथ लेकर आता है.
इंटरनेट के जरिये स्पा की आड़ में देह व्यापार: आगरा की बदनाम गलियों में गलीच काम बंद होने के बाद देह व्यापार से जुड़े लोग भी क्रॉस जोड़े पर व्यापार अब हाईटेक हो गए हैं. यहां क्रॉस जेंडर मसाज के नाम पर अनट्रेंड स्टाफ मसाज के लिए बुक होता है. पर्यटन नगरी होने के कारण आगरा में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं.
न लाइसेंस न मानक: स्पा सेंटर चलाने के लिए यूनानी चिकित्सा विभाग से अनुमति चाहिए होती है. फिजियोथेरेपिस्ट की उपस्थिति में डिग्री धारक ट्रेंड स्टाफ मसाज कर सकता है. यूपी में क्रॉस मसाज के लिए कोई भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है.आगरा में एक भी स्पा सेंटर के पास यूनानी लाइसेंस नहीं है. इसके बाबजूद यहां मसाज पार्लर की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस मामले में एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि ऐसा एक वीडियो संज्ञान में आया है. जिसकी जांच की जा रही हैं. तथ्य सामने आने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अभियान के बाद भी बंद नही हुआ काम:सेक्स रैकेट को लेकर शहर का रोशनी कांड सबसे मशहूर है. जिसमे कई लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था. पुलिस ने स्पा सेंटर पूरी तरह से बंद होने का दावा किया था. इसके बाबजूद स्पा सेंटर की संख्या दोगुनी हो गई. पुलिस ने अभियान चलाकर दूसरी कोरोना लहर में स्पा सेंटर पर छापामारी कर कार्रवाई को अंजाम दिया था.
World Red Cross Day 2020: क्यों मनाया जाता है रेड क्रॉस दिवस, कैसे हुई इसकी शुरुआत
8 मई का दिन रेड क्रॉस दिवस के तौर पर जाना जाता है. मुख्य रूप से रेड क्रॉस हिंसा और युद्ध में पीड़ित लोगों के लिए काम करती है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 08 May 2020 01:07 PM (IST)
हर साल आठ मई को वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया जाता है. इसी दिन रेड क्रॉस सोसायटी के संस्थापक जॉन हेनरी ड्यूडेंट का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन को ही वर्ल्ड रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये संस्था दुनियाभर में हिंसा, युद्ध या आपात स्थिति में पीड़ित लोगों की मदद और उनकी सेवा करती है. इस संस्था का उद्देश्य किसी युद्ध या महामारी के समय लोगों की रक्षा करना और उन्हें नया जीवन देना है.
इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की स्थापना साल 1863 में हुई थी. इसका मुख्यालय स्विटरजरलैंड के जेनेवा में है. इसी संस्था ने हर साल आठ मई को रेड क्रॉस दिवस मनाए जाने की मांग की थी. आठ मई 1948 को पहला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया गया. आइए जानते हैं रेड क्रॉस की स्थापना कैसे हुई और ये विचार आया कैसे?
सोल्फेरिनो का युद्ध बना रेड क्रॉस की स्थापना की वजह साल 1859 में क्रॉस जोड़े पर व्यापार जॉन हेनरी ड्यूडेंट अल्जीरिया में व्यापार करने के लिए फ्रांस के सम्राट नेपोलियन तृतीय मिलने गए. लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. नेपोलियन तृतीय से मुलाकात नहीं हुई तो हेनरी इटली चले गए. वहां उस वक्त सोल्फेरिनो का युद्ध चल रहा था. युद्ध में हर दिन हजारों सैनिक मारे जा रहे थे और घायल हो रहे थे. वहां उन घायल सैनिकों के इलाज का कोई साधन उपलब्ध नहीं था. सैनिक जमीन पर पड़े दर्द से चिल्ला रहे थे. हेनरी से खौफनाक दृश्य देखा नहीं गया. उन्होंने कुछ लोगों को इकट्टा किया और खुद ही घायलों की मदद करने लगे. उनका इलाज करवाया और उनके लिए खाने का इंतजाम किया. यहीं नहीं, घायलों के परिवारों को पत्र लिखकर जानकारी भी दी.
हेनरी इस घटना से काफी आहट थे. उन्होंने 'ए मेमरी ऑफ सोल्फेरिनो' (A Memory of Solferino) नाम की एक किताब लिखी, जिसमें इस पूरे भयावह दृश्य के बारे में बताया. किताब में अंत में उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना करने सुझाव दिया था, जो युद्ध या आपात स्थिति में घायल लोगों की मदद करें. ऐसी सोसायटी जो बिना भेदभाव के दुनिया के हर वर्ग के लोगों की रक्षा करें.
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रेड क्रॉस की स्थापना हेनरी के इस सुझाव को गंभीरता से लिया गया. किताब प्रकाशित होने के तीन साल बाद हेनरी के सुझाव पर पांच सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी का उद्देश्य हेनरी के सुझाव पर चर्चा करना था. कुछ महीने बाद अक्टूबर 1863 में कमेटी ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें 16 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस दौरान इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के गठन का ऐलान किया गया और दूसरे देशों से भी संगठन की स्थापना करने की अपील की गई. इसके बाद से हेनरी ने अपना जीवन पूरी तरह से जरूरतमंदों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उनकी इसी सेवा के लिए साल 1901 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया.
आज दुनियाभर के करीब 200 देश रेड क्रॉस सोसायटी से जुड़े हुए हैं. भारत में रेड क्रॉस की स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार हुई. देश में रेड क्रॉस की करीब 700 ब्रांच हैं.
Published at : 08 May 2020 01:07 PM (IST) Tags: Henry Dunant Red Cross Red Cross Day World Red Cross Day हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
क्रॉस-कंट्री कॉटन सहयोग: कॉटन ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तानी और भारतीय किसानों के साथ काम कर रहा है
2017 में विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डीएफएटी) ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान में तीन बीसीआई परियोजनाओं को वित्त पोषित किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तानी किसानों के लिए वैश्विक कपास बाजारों तक पहुंच में सुधार करना था। प्रोजेक्ट अम्ब्रेला के तहत, बेटर कॉटन इनिशिएटिव और कॉटन ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया के कपास उत्पादकों के लिए निकाय, ने कपास उत्पादन सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के एक नए मॉडल पर सहयोग किया। परियोजना ने ऑस्ट्रेलियाई और पाकिस्तानी किसानों के बीच एक प्रभावी ज्ञान विनिमय बनाने और कपास की वैश्विक प्रतिष्ठा में सुधार करने की मांग की।
परियोजना के हिस्से के रूप में, इस साल अप्रैल में, डॉ. शफीक अहमद, बीसीआई के कंट्री मैनेजर पाकिस्तान; बिलाल खान, पाकिस्तान के एक प्रगतिशील कपास किसान और बीसीआई परिषद के सदस्य; मुल्तान, पाकिस्तान में कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. सगीर अहमद; और भारत के एक बेहतर कपास उत्पादक इकाई प्रबंधक राजेश कुमार ने कपास ऑस्ट्रेलिया के वार्षिक कृषि दौरे में भाग लिया।
कंट्री रोड ग्रुप, हैन्स, जीन्सवेस्ट, आरएम विलियम्स और स्पोर्ट्सक्राफ्ट जैसे ऑस्ट्रेलियाई फैशन और खुदरा ब्रांडों के प्रतिनिधियों के साथ, समूह ने कपास के खेतों, एक कपास जिन, एक बीज उत्पादन सुविधा और कपास अनुसंधान और विकास निगम का दौरा किया। उन्होंने कपास उत्पादन तकनीक और व्हाइटफ्लाई प्रबंधन पर चर्चा करने के लिए किसानों, कृषिविदों और सलाहकारों से भी मुलाकात की।
ऑस्ट्रेलियाई किसानों ने अपना ज्ञान साझा किया:
- पारंपरिक खेती बनाम यंत्रीकृत खेती;
- बेहतर फसल प्रबंधन;
- कपास उत्पादन में स्थिरता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग;
- सफेद मक्खी और अन्य कपास कीटों का प्रबंधन;
- कपास अनुसंधान और विकास; तथा
- कपास बीज उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण।
डॉ. शफीक अहमद का मानना है कि क्रॉस-कंट्री ज्ञान साझा करने वाली परियोजनाओं के कई लाभ हैं। "इस क्रॉस जोड़े पर व्यापार यात्रा ने कई नए अवसर खोले हैं। हमने अधिक टिकाऊ कपास उत्पादन, फसल प्रबंधन और कीट प्रबंधन में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की है जिसे हम ले जा सकते हैं और पाकिस्तान और भारत में लागू कर सकते हैं। इस परियोजना ने कपास अनुसंधान के लिए एक नई दिशा भी खोली है जिससे पाकिस्तानी और ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।"
बिलाल खान ने टिप्पणी की, "ऑस्ट्रेलियाई कपास बेल्ट के लिए मेरी पूरी तरह से शैक्षिक और सुखद यात्रा थी। ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का परिष्कार बेहद दिलचस्प है। इस यात्रा को संभव बनाने के लिए मैं कॉटन क्रॉस जोड़े पर व्यापार ऑस्ट्रेलिया और बीसीआई का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। इस पहल का लाभ मिलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
व्यापार संचार के क्रॉस सांस्कृतिक आयाम - The Cross Cultural Dimensions of Business Communication
व्यापार संचार के क्रॉस सांस्कृतिक आयाम - The Cross Cultural Dimensions of Business Communication
डोनाल कार्बाघ ने संस्कृति को "भावनाओं, परिसर, नियमों, रूपों, और डोमेन से जुड़े पारस्परिक अर्थों के डोमेन और आयामों के साथ अभिव्यक्तिपूर्ण अभिव्यक्तियों की एक प्रणाली" के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि संस्कृति "विश्वासों, मूल्यों और मानदंडों के बारे में साझा व्याख्याओं का एक सीधा सेट है, जो लोगों के अपेक्षाकृत बड़े समूह के व्यवहार को प्रभावित करती है।" संचार वह वाहन है जिसके द्वारा अर्थ व्यक्त किए जाते हैं, पहचान रचना और प्रबलित होती है, और भावनाएं व्यक्त की जाती हैं। जैसे-जैसे हम विभिन्न सांस्कृतिक आदतों और अर्थ प्रणालियों का उपयोग करके संवाद करते हैं, दोनों संघर्ष और सद्भाव, किसी भी बातचीत के संभावित परिणाम होते हैं।
आज के वैश्विक कारोबारी माहौल में, हम में से अधिक से अधिक लोगों को उन देशों को समझने की आवश्यकता है जो विविध देशों और संस्कृतियों से आते हैं। हालांकि किसी भी गहराई में किसी दिए गए संस्कृति के बारे में जानने के लिए कोई छोटा और आसान तरीका नहीं है, कुछ सामान्य सिद्धांत हैं जो पृष्ठभूमि के लोगों के साथ व्यापार के संचार और संचालन में सफलता का कारण बनते हैं। संस्कृतियों में संचार प्रभावी ढंग से आपकी उत्पादकता और दक्षता में सुधार करता है और सामंजस्यपूर्णकार्य वातावरण को बढ़ावा देता है। क्रॉस-सांस्कृतिक संचार में सांस्कृतिक मतभेदों को समझना और भाषा की समस्या पर काबू पालना शामिल है।
सांस्कृतिक अंतर की समस्याएं:
विशेष रूप से, ये समस्याएं दो प्रकार के सांस्कृतिक मतभेदों से संबंधित हैं:
• शरीर की स्थिति और हाव भाव में मतभेद
• मानव संबंधोंके विभिन्न कारकों से संबंधितविचारों और प्रथाओं में मतभेद
(1) शरीर की स्थिति और हाव भाव
संस्कृतियों के बीच शरीर की स्थिति और हाव भाव अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में, लोग बैठते हैं। कौन कहता है कि बैठना अधिक उन्नत या बेहतर है? संस्कृतियों के बीच चलने के शिष्टाचार अलग-अलग हैं।
शरीर के अंगों (हाथ, हथियार, सिर, आदि) के साथ संचार संस्कृति भिन्न होता है। हाथ से इशारा की संस्कृति अलग-अलग हैं। तो आंखों की गति, स्पर्श और हैंडशेकिंग, बॉडी •मोशन या किनेसिक्स को निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है
सानिध्य विभिन्न संस्कृतियों द्वारा सानिध्य को अलग-अलग देखा जाता है। कुछ संस्कृतियों में, लोग बहुत अलग होना चाहते हैं (उत्तरी अमेरिकी); अन्य संस्कृतियों में, वे करीब होना चाहते हैं (कुछ अरब और दक्षिण अमेरिकी)।
शारीरिक गंध - कुछ संस्कृतियों में शरीर की गंध खराब होती है (शरीर के शरीर को निष्क्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत होती है);
अन्य उन्हें सामान्य रूप में देखते हैं (एशियाई इसे दोस्ती के कार्य के रूप में लेते हैं)।
स्पष्टता- उच्च संदर्भ संस्कृतियां कम संदर्भ संस्कृतियों क्रॉस जोड़े पर व्यापार की तुलना में अधिक स्पष्ट हैं। जर्मन और इज़राइली अमेरिकियों की तुलना में और भी स्पष्ट हैं।
रिश्ते की अंतरंगता - कई संस्कृतियों में, सख्त सामाजिक वर्ग मौजूद हैं, और कक्षा निर्धारित करता है कि संचार में लोगों को कितनी गहराई से संबोधित किया जाता है और व्यवहार किया जाता है। इसी प्रकार लोग बेहतर- अधीनस्थ संबंधों को कैसे देखते हैं संस्कृति द्वारा भिन्न हो सकते हैं। भूमिका निभाते हुए संस्कृति द्वारा व्यापक रूप से भिन्न होती है। उत्तरी अमेरिका में, हम समानता के आनुवंशिक रूप से मान्यता प्राप्त लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं।
कई इस्लामी संस्कृतियों में, महिलाओं की भूमिका अलग है।
मूल्य प्रत्येक संस्कृति के दृष्टिकोण, नियोक्ता कर्मचारी संबंधों और अधिकार के दृष्टिकोण जैसे मामलों
से संबंधित विभिन्न मूल्य हैं। भावनाओं का अभिव्यक्ति सामाजिक व्यवहार संस्कृति से भिन्न होता है, जैसे व्यवहार, स्नेह, हंसी, और भावनाओं के साथ उत्साह की डिग्री शामिल है। ऐसी कई और प्रथाएं मौजूद हैं। कुछ संस्कृतियां
व्यापार और सामाजिक सुख को जोड़ती हैं, अन्य नहीं। कुछ व्यवसाय में आक्रामक सौदेबाजी शामिल होने की उम्मीद करते हैं; दूसरों को सीधा व्यवहार करना पसंद करते हैं।
Maruti Suzuki प्रीमियम SUV पर क्रॉस जोड़े पर व्यापार दे रही 57 हजार तक का डिस्काउंट, पढ़ें ऑफर की पूरी डिटेल
अगर आप इस फेस्टिव सीजन में एक प्रीमियम एसयूवी खरीदना चाहते हैं। तो यहां जान लीजिए Maruti की इस SUV पर मिलने वाले बंपर डिस्काउंट की पूरी जानकारी।
प्रीमियम फीचर्स वाली इस SUV पर Maruti देगी बंपर डिस्काउंट। जानें यहां पूरी डिटेल। (फोटो- MARUTI)
देश में शुरू हो चुके फेस्टिव सीजन में होंडा के बाद अब मारुति ने अपनी चुनिंदा कारों पर आकर्षक डिस्काउंट की पेशकश की है। जिसमें कंपनी अलग अलग सेगमेंट की कारों पर 25 हजार से लेकर 57000 रुपये तक का डिस्काउंट दे रही है।
इसमें सबसे ज्यादा डिस्काउंट कंपनी की एसयूवी एस क्रॉस पर दिया जा रहा है जो कुल 57000 हजार रुपये तक होता है।अब जान लीजिए एस-क्रॉस पर मिलने वाले डिस्काउंट की पूरी डिटेल।
कंपनी इस कार पर 25 हजार रुपये का कैश डिस्काउंट देर रही है। जिसके साथ 25 हजार रुपये का एक्सचेंज बोनस और 7500 रुपये का कॉर्पोरेट डिस्काउंट भी दिया जा रहा है। जो कुल मिलाकर 57000 रुपये होता है।
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ग्राहक इस डिस्काउंट स्कीम पर कार खरीदने के लिए कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या अपने नजदीकी नेक्सा शोरूम जाकर इस ऑफर की पूरी डिटेल ले सकते हैं। क्योंकि कंपनी द्वारा जारी ये डिस्काउंट देश के अलग अलग राज्यों में अलग हो सकता है।
मारुति सुजुकी एस क्रॉस पर मिलने वाले डिस्काउंट की पूरी डिटेल जानने के बाद अब जान लीजिए इस कार की कीमत, फीचर्स और स्पेसिफिकेशन की हर छोटी-बड़ी जानकारी।
Maruti S Cross: मारुति एस-क्रॉस एक बेहतरीन डिजाइन वाली 5 सीटर एसयूवी है। जिसको इसके डिजाइन और फीचर्स के चलते पसंद किया जाता है। कंपनी ने इसे चार वेरिएंट में लॉन्च किया है।
इस एसयूवी में 1.5 लीटर क्षमता वाला 1462 सीसी का पेट्रोल इंजन दिया गया है। यह इंजन 105 पीएस की पावर और 138 एनएम का टॉर्क जनरेट कर सकता है। इस इंजन के साथ 5 स्पीड मैनुअल और 4 स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प दिया गया है।
कार के फीचर्स की बात करें तो इसमें 7.0 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है जिसके साथ एप्पल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो कनेक्ट के साथ जोड़ा गया है।
इसके साथ ही कार में रेन सेंसिंग वाइपर, क्रूज कंट्रोल, एलईडी प्रोजेक्टर हेडलैंप, व्हीकल टेलिमैटिक्स के लिए सुजुकी कनेक्ट जैसे फीचर्स को जोड़ा गया है।
इस एसयूवी की माइलेज को लेकर कंपन का दावा है कि ये कार मैनुअल वेरिएंट पर 18.55 किलोमीटर और ऑटोमैटिक वेरिएंट पर 18.43 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है। इस कार की शुरुआती कीमत 8.39 लाख रुपये है जो टॉप मॉडल में 12.39 लाख रुपये हो जाती है।
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