1930 की महामंदी | Black Tuesday | दुनिया की अर्थव्यवस्था का सबसे ख़राब समय
1930 की महामंदी | Black Tuesday | दुनिया की अर्थव्यवस्था का सबसे ख़राब समय
इससे पहले कि शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण मै आपको 1930 की महामंदी के बारे में बताना शुरू करूँ पहले समझ लेते हैं आखिर मंदी क्या होती है सरल सी भाषा में, दोस्तों मंदी वो अवस्था है जिसमे लोगों की खरीदने कि क्षमता ख़त्म हो जाती है, दुकानों पर सामान अनबिका रह जाता है यानी बिकता नहीं है, और इस तरह डिमांड ख़त्म हो जाती है और डिमांड ख़त्म होने से फैक्ट्रियां भी बंद होने लगती हैं और लोगों के रोजगार भी ख़त्म होने लगते हैं |
“जब भी मंदी की बात होती है तो सबसे पहले नाम आता है 1930 की आर्थिक मंदी का, और उसी से लोग तुलना भी करने लगते हैं तो चलिए जानें कि आखिर कैसी थी वो 1930 की महामंदी
कैसी थी वो आर्थिक मंदी
- उसकी शुरुआत अमेरिका से हुई और उसने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था।
- वर्ष 1923 में अमेरिका का शेयर बाजार चढ़ना शुरू हुआ और चढ़ता ही चला गया। लेकिन 1929 तक आते-आते अस्थिरता के संकेत आने लगे। आखिरकार वह बुलबुला फूटा 24 अक्टूबर 1929 को। शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण
- एक दिन में करीब पाँच अरब डॉलर का सफाया हो गया। अगले दिन भी बाजार का गिरना जारी रहा।
क्या था कारण उस महामंदी का ?
- हालांकि 1930 की महामंदी का कोई एक कारण नहीं था, लेकिन बैंकों का विफल होना और शेयर बाजार की भारी गिरावट को प्रमुख कारण माना जाता है, जिससे शेयरधारकों के 40 अरब डॉलर का सफाया हो गया।
- अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का इतना मनोवैज्ञानिक असर पड़ा कि वहां के लोगों ने अपने खर्चो में दस फीसदी तक की कमी कर दी जिससे मांग प्रभावित हुई। लोगों ने खरीदारी बंद कर दी, जिससे कंपनियाँ बंद होने लगीं। नौकरियाँ जाने लगी।
महामंदी का महाप्रभाव
- 1 करोड़ 30 लाख लोग बेरोजगार हो गए।
- 1929 से 1932 के दौरान औद्योगिक उत्पादन की दर में 45 फीसदी की गिरावट आई।
- 1929 से 1932 के दौरान आवास निर्माण की दर शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण में 80 फीसदी तक की कमी हो गई।
- इस दौरान 5 हजार से भी अधिक बैंक बंद हो गए।
प्रमुख परिवर्तन
- साम्यवाद के प्रति बढ़ा रुझान
आर्थिक संकट का विश्व के प्रमुख देशों पर प्रभाव
- जर्मनी पर प्रभाव – आर्थिक शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण संकट के परिणामस्वरूप जर्मनी में बेरोजगारी अत्यधिक बढ़ी। 1932 ई. तक 60 लाख लोग बेरोजगार हो गये। इससे जर्मनी में बाह्य गणतंत्र की स्थिति दुर्बल हुईं हिटलर इसका फायदा उठाकर सत्ता में आ गया। इस प्रकार आर्थिक मंदी में जर्मनी ने नाजीवाद का शासन स्थापित किया।
- ब्रिटेन पर प्रभाव – 1931 ई. में आर्थिक मंदी के कारण ब्रिटेन को स्वर्णमान का परित्याग करना पड़ा। सरकार ने सोने का निर्यात बंद कर दिया। सरकार ने आर्थिक स्थिरीकरण की नीति अपनाई। इससे आर्थिक मंदी से उबरने में ब्रिटेन को मदद मिली। व्यापार में संरक्षण की नीति अपनाने से भी व्यापार संतुलन ब्रिटेन के पक्ष में हो गया। ब्रिटिश सरकार ने सस्ती मुद्रा दर को अपनाया जिससे बैंक दर में कमी आयी। इससे विभिन्न उद्योगों को बढ़ावा मिला।
- फ्रांस पर प्रभाव – जर्मनी से अत्यधिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के कारण फ्रांस की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ थी, अतः आर्थिक मंदी का उस पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। फ्रांस की मुद्रा फ्रेंक अपनी साख बचाये रखने में सफल रही।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- 1930 के आर्थिक संकट यानी महामंदी को The Great Depression के नाम से भी जाना जाता है
- इस पर ढेर सारी Books भी शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण लिखी गयी जो कि काफी सफल भी हुई, इनमें सबसे प्रसिद्ध हुई जॉन स्टीनबेक लिखित ‘द ग्रेप्स ऑफ राथ’ जो 1939 में प्रकाशित हुई थी। इसे साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला।
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हीरा धारण करने से पहले कुछ बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान
Update: Friday, February 18, 2022 @ 4:05 PM
आजकल हीरे की अंगूठी और अन्य ज्वेलरी का ट्रेंड जोरों पर है। लोग हीरे (Diamond) को इसे सामान्य ज्वेलरी मानकर धारण कर लेते हैं, लेकिन हीरा एक रत्न होता है। बिना सलाह के हीरा पहनना जीवन में तबाही मचा सकता है। हीरा बगैर परामर्श के धारण करना आपके जीवन में तमाम समस्याओं का कारण बन सकता है।
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आजकल सोने से ज्यादा हीरा पहनने का चलन है। हीरा आपका स्टेटस सिंबल भी होता है और इसकी ज्वेलरी भी देखने में काफी आकर्षक लगती है। बता दें कि हीरा शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस रत्न के शुभ फल से इंसान के सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही शादीशुदा जिंदगी पर भी सीधा असर होता है। हालांकि, हीरा सबके लिए शुभ नहीं होता है। हीरा धारण करने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।
दरअसल, अगर हीरा राशि के विपरीत हो तो मुश्किलें बढ़ा सकता है और आपकी जिंदगी को भी खतरे में डाल सकता है। ऐसे में डायबिटीज या खून से संबंधी समस्या होने पर हीरा नहीं पहनना चाहिए। कहा जाता है हीरा जितना सफेद हो उतना ही अच्छा होता है। दाग या चटका हुआ हीरा दुर्घटना या अपयश शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण की वजह बन सकता है।
ज्योतिष शास्त्रों का कहना है कि हीरे के साथ मूंगा या गोमेद नहीं धारण करना चाहिए। ज्योतिषों का कहना है कि हीरे को तर्जनी या अंगूठे में धारण करने से शुक्र मजबूत होता है और आर्थिक परेशानी दूर होती है। वहीं, ग्लैमर, फिल्म या मीडिया के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए हीरा लाभकारी हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न में हीरा पहनना शुभ नहीं होता है। शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण ऐसे में इन राशियों के लोगों को हीरा पहनने से बचना चाहिए। हालांकि, कर्क लग्न के जातक विशेष दशाओं में हीरा पहन सकते हैं। इसके अलावा वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ लग्न में हीरा बहुत शुभ होता है। हालांकि, जो लोग आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं, उन्हें हीरा नहीं पहनना चाहिए।
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