अभी तक शेयर बाजार को लोग अस्थिर बाजार के रूप में जानते हैं| जिसमें शेयर का मूल्य का उतार-चढ़ाव के कारण इसमें निवेश जोखिम भरा माना जाता है| इसलिए शेयर बाजार में निवेश करने से लोग कतराते है| जबकि यह पूर्णता सरकार द्वारा नियंत्रित बाजार है| क्रिप्टो करेंसी का बाजार बहुत ही ज्यादा अस्थिर होता है| क्रिप्टो करेंसी का मूल्य कभी आसमान छूता है तो कभी धूल चाटता है|

क्रिप्टोकरेंसी के रहस्य

भारत में ये क्रिप्टो पर नियम अगले महीने लागू होंगे, सरकार तय करेगी कि क्या वॉलेट ट्रेडिंग कानूनी है या नहीं?

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि एक वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) की रिपोर्ट जो अक्टूबर में अपेक्षित है, सरकार को यह निर्णय लेने में मदद करेगी कि क्या वॉलेट के माध्यम से क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन पर प्रतिबंध लगाया जाए और भारत में क्रिप्टो व्यापार से निपटने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान किया जाए। नाम न छापने की शर्त पर बात कर रहे अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट में दिशानिर्देश होंगे कि भारत के क्रिप्टोक्यूरेंसी व्यापार की कानूनी रूपरेखा कैसे आकार लेगी।

एफएसबी क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनों के आसपास अंतरराष्ट्रीय उदाहरणों का भी अध्ययन कर रहा है और इसकी रिपोर्ट से भारत की कानूनी नीति का मार्गदर्शन करने की उम्मीद है, जो कि हाल ही में भारत में सामने आए क्रिप्टो व्यापार के आसपास मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के आसपास की चिंताओं से निपटने के लिए है।

भारत में स्थिति

भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं, लेकिन बजट 2022 में, सरकार ने क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर 30% कर के साथ-साथ 1 प्रतिशत के कर कटौती स्रोत (TDS) की घोषणा की। “RBI का विचार है कि इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इसने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है।

सरकार का मानना ​​है कि जब तक इसके इर्द-गिर्द कानून नहीं बनता, तब तक इस पर टैक्स लगना चाहिए। कराधान नहीं छोड़ा जाना चाहिए, यही वजह है कि बजट में करों की घोषणा की गई। एफएसबी रिपोर्ट इस मुद्दे को हल करने में मदद करेगी, चाहे क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए या नहीं। और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों की जरूरत है।

केवल भारत में इसे प्रतिबंधित करने से वॉलेट के माध्यम से लेन-देन के लिए आधार खुला रहेगा, जो सीमा पार प्रकृति के हैं, ”अधिकारी ने कहा। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के बारे में क्या जो चर्चा में रहा है? “एक बार जब क्रिप्टो के कानूनी पहलू पर विचार किया जाता है, तो अगला कदम स्वाभाविक रूप से जीएसटी लागू करना होगा।

आरबीआई क्या कहता है

आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी का कड़ा विरोध करता रहा है। राज्यपाल शक्तिकांत दास ने एक से अधिक अवसरों पर कहा क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? है कि क्रिप्टोकरेंसी देश के लिए एक खतरा है और यह कि कोई भी चीज जिसका मूल्य पूरी तरह से अनुमान से प्राप्त होता है, प्रकृति में सट्टा है। केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोक्यूरेंसी परिसंपत्ति बाजारों से संबंधित कई जोखिमों की पहचान की, जिसमें ऐसे बाजारों और विनियमित बैंकिंग प्रणाली के बीच संबंध शामिल हैं। आरबीआई ने अतीत में कहा है, “क्रिप्टो-परिसंपत्तियों द्वारा उत्पन्न जोखिमों की पहचान और मात्रा का निर्धारण डेटा अंतर चुनौतियों का सामना करता है।”

लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि RBI क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है और उसने मंत्रालय को बता दिया है कि इसे कानूनी निविदा नहीं माना जा सकता क्योंकि वे RBI द्वारा जारी नहीं किए जाते हैं। “किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर आरबीआई द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआई का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, ”सीतारमण का लोकसभा में जवाब कहता है।

Cryptocurrency Update: आपने भी लगाया है क्रिप्टोकरेंसी में पैसा तो जरुर जाने इस पर रिजर्व बैंक की चेतावनी

rbi on crypto

RBI on Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बजट के बाद से बहुत सी अटकलें लगाईं जा रही है। जिसे लेकर RBI ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत में के भविष्य को लगभग स्पष्ट कर दिया है। आइये जानते हैं RBI गवर्नर ने इस पर क्या कहा है .

क्रिप्टोकरेंसी पर रिजर्व बैंक के गवर्नर
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना रुख एक बार फिर साफ किया है। RBI की मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा गुरुवार को पेश करते हुए शक्तिकांत दास ने फिर दोहराया कि क्रिप्टोकरेंसी भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्‍होंने साफ किया कि निजी क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं, और दोनों मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की इसकी क्षमता को कमजोर करते हैं। उन्‍होंने कहा कि RBI को इस भारी उतार-चढ़ाव वाली मुद्रा को लेकर बड़ी चिंता हैं।

क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है, जिस पर किसी भी केंद्रीय बैंक या सरकार का नियंत्रण नहीं है| सभी क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र रूप से काम करती है| इनका मूल्यांकन करने के लिए न कोई संस्था है, और न ही कोई ठोस मौलिक कारक जिस पर उनका मूल्यांकन किया जा सके| क्रिप्टो करेंसी की विश्वसनीयता तथा फंडामेंटल के विषय में जानकारी करने का कोई Tool या Factor उपलब्ध नहीं है|

क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में हजारों क्रिप्टो करेंसी मौजूद है| इनमें से कुछ का चुनाव कर उस में निवेश करना एक कठिन कार्य है| इनमें कुछ क्रिप्टो करेंसी अच्छे हैं | जिन पर दांव लगाया जा सकता है| इनमें से बिटकॉइन एक है, जो सबसे पुराना और सबसे ज्यादा मूल्य का क्रिप्टो करेंसी | कुछ अन्य क्रिप्टो करेंसी भी हैं| जिसमें आप निवेश कर सकते हैं | इसकी जानकारी हमारी अन्य लेख से ले सकते हैं|

क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार में ब्लॉकचेन का महत्व

जब हम क्रिप्टो करेंसी के व्यापार की ओर देखते हैं| तो हमें यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि, क्रिप्टो करेंसी के अंदर क्या है जो इसे इतना मूल्यवान बनाता है | क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है | दरअसल ब्लॉकचेन एक बुनियादी ढांचा है, जिस पर क्रिप्टो करेंसी की स्थापना की जाती है| यह तकनीक एक डिजिटल तथा विकेंद्रीकृत खाता बही है, जो लेन देन और भुगतान का रिकॉर्ड सुरक्षित तथा प्रभावी ढंग से दर्ज करती है | यह क्रिप्टोकरेंसी का टॉप सीक्रेट भी होता है|

क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन और भुगतान के रिकॉर्ड को एक ब्लॉक में दर्ज किया जाता है| जब इस ब्लॉक की क्षमता पूरी हो जाती है तो इसे ब्लॉकचेन में जोड़ दिया जाता है फिर दूसरे ब्लॉक का निर्माण किया जाता है| इन रिकॉर्ड को ब्लॉक में दर्ज करने के लिए एक गुप्त कोड की आवश्यकता होती है| इस गुप्त कोड के निर्माण में Miners की अहम भूमिका होती है| Miners उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर का उपयोग से जटिल गणितीय समीकरणों को हल कर एक Hash code का निर्माण करते हैं| इसके लिए उन्हें Reward के रूप में coin दिया जाता है| यह क्रिप्टोकरेंसी के रहस्य में से एक है, जिसे आप को जाना चाहिए|

विकेंद्रीकरण इसे अत्याधिक सुरक्षित बनाता है

जैसा कि हम जानते हैं, क्रिप्टो करेंसी कोई केंद्रीय नियंत्रण वाली करेंसी नहीं है, इस पर एक संस्था, सरकार फिर एक व्यक्ति व्यक्ति का नियंत्रण नहीं है| कोई ऐसा एक केंद्रीय डाटा केंद्र भी नहीं है, जिस पर सारे के सारे विवरण एक ही जगह दर्ज है| और जहां से कोई साइबर अपराधी हमला कर उस पर नियंत्रण हासिल कर सकें|

ब्लॉकचेन विकेंद्रीकरण प्रणाली पर आधारित है| यह प्रणाली ब्लॉकचेन को आकर्षक, सुरक्षित तथा विश्वसनीय बनाता है | विकेंद्रीकरण प्रणाली ब्लॉकचेन में अधिक संख्या में होने वाले लेन देन को सुरक्षित और सुदृढ़ बनाते हैं|

ब्लॉकचेन के अन्य फायदे भी हैं

विकेंद्रीकरण के लाभ को हमने पिछले पैराग्राफ में देखा | ब्लॉकचेन के अन्य फायदे भी हैं जो क्रिप्टो करेंसी को आकर्षक बनाता है| ब्लॉकचेन पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली एक काफी तेज होता है तथा बिना किसी बिचौलिए के भी लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है | जिससे लेन-देन में होने वाली लागत कम हो जाता है | इसके अलावा ब्लॉकचेन उपयोगकर्ता या निवेशक को नियंत्रण तथा पारदर्शिता क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? भी प्रदान करता है| यह क्रिप्टोकरेंसी के रहस्य में से एक है, जिसे हम निवेशक को जानना चाहिए|

ऐसा नहीं है कि ब्लॉकचेन में सिर्फ गुण है | इस तकनीक की अपनी कमियां भी है | यह तकनीक अभी विकासशील अवस्था में है| इसमें अभी अनुसंधान चल रहे हैं| जिसके कारण कभी-कभी इसमें लेनदेन की धीमी गति या सत्यापन में विलंब हो सकता है| इस नई तकनीक को एकीकृत करने का मुद्दे से चल रहे हैं|

सरकार ने क्रिप्टो से होने वाली आय पर लगाया टैक्स, क्रिप्टो निवेशकों को बजट से क्या मिला? जानें

कहते हैं नो रिस्क नो गेम. यानि बिना जोखिम लिए मुनाफा नहीं होता. ऐसा ही एक निवेश का माध्यम है क्रिप्टो करेंसी. जिसमें जोखिम तो काफी है लेकिन मुनाफा तगड़ा है. दुनिया के अलग अलग देशों में क्रिप्टो करेंसी को अलग अलग नियम हैं. भारत में इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. इसको लेकर शीतकालीन सत्र में सरकार एक बिल लाने वाली थी, लेकिन वो बिल संसद में पेश नहीं हो सका. इधर सरकार ने आज बजट के दौरान क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक बड़ी घोषणा कर दी. ऐसे में सात सवाल इसी मुद्दे पर होंगे.

The government made a big announcement for crypto investors during the budget. The government decided to tax the income from crypto. Watch full video for full details.

टैक्स एक्सपर्ट क्रिप्टो पर एक राय नहीं

टैक्स एक्सपर्ट इस बात पर एक राय नहीं है कि क्रिप्टो एसेट से मिले रिटर्न क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? को इक्विटी या रियल एस्टेट पर लागू होने वाले कैपिटल गेन की तरह वर्गीकृत किया जाना चाहिए या बिजनेस इनकम के रूप में. सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर कानून लाना चाहती है. सरकार नए ड्राफ्ट बिल में क्रिप्टोकरेंसी को टैक्सेशन सहित सभी उद्देश्यों के लिए संपत्ति/वस्तु के रूप में मान सकती है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स इस बात पर भी निर्भर करेगा कि सरकार एसेट को कैसे परिभाषित करती है.

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई निवेशकों यह जानना चाहते हैं कि क्रिप्टो एसेट्स से मिले रिटर्न पर टैक्स कैसे लगाया जाएगा? इकोनॉमिक टाइम्स से टैक्स एडवाइजरी फर्म KPB एंड एसोसिएट्स के पार्टनर पारस सावला ने कहा, ज्यादातर इंक्वायरी में इस तरह के सवाल किए जाते हैं कि क्रिप्टो को एसेट माना जाए या गुड्स? एक क्रिप्टो करेंसी का दूसरी क्रिप्टो के लिए एक्सचेंज, क्रिप्टो के वैल्यूएशन, क्रिप्टो का फिएट करेंसी में परिवर्तन, एक सॉफ्ट वॉलेट से दूसरे में क्रिप्टो का ट्रांसफर, नॉन-क्रिप्टो बिजनेस से प्राप्त क्रिप्टो पर लगने वाला टैक्स.

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