कंपनी की योजना अब लो कॉस्ट म्यूचुअल फंड स्कीम लाने की है. इसी मकसद से कंपनी ने असेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए एप्लिकेशन डाला था. अपनी इस योजना को लेकर निखिल कामथ ने कहा कि मेरा मकसद म्यूचुअल फंड को और बेहतर इन्वेस्टमेंट विकल्प बनाना है. यह जितना सिंपल होगा, रिटेल भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर और नए निवेशक इसके प्रति उतना ज्यादा आकर्षित होंगे.जिरोधा म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए Coin प्लैटफॉर्म लॉन्च किया था. क्वॉइन का असेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM करीब 5500 करोड़ का है.

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LIC IPO लेने से न जाएं चूक. ऐसे शुरू हो गई Demat Accounts बनवाने की होड़

LIC IPO : भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance Corporation of India) के जल्द ही अपना आईपीओ प्रॉस्पेक्टस फाइल करने का अनुमान है। जहां एलआईसी मेगा आईपीओ (जिसके 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का होने का अनुमान है) से जुड़े अहम बिंदुओं पर काम कर रही है, वहीं ब्रोकर्स एलआईसी पॉलिसीहोल्डर्स (LIC policyholders) की भारी दिलचस्पी को भुनाने के लिए तैयार हो रहे हैं।

10 फीसदी पॉलिसीहोल्डर्स के कोटे से शुरू हुई होड़

सरकार का आईपीओ में 10 फीसदी पॉलिसीहोल्डर्स का कोटा बनाने का फैसला अनूठा है और आईपीओ की कीमत पर डिस्काउंट की संभावना से कई पॉलिसीहोल्डर्स अपने डीमैट अकाउंट खोलने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। किसी आईपीओ में निवेश के लिए एक डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है।संबंधित खबरें

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ब्रोकरेज को लगता है कि एलआईसी आईपीओ से उन्हें कई नए कस्टमर्स हासिल करने में मदद मिल सकती है, जो आईपीओ में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट खुलवाने वाले नए कैपिटल मार्केट इनवेस्टर्स होंगे।

10-30 लाख नए डीमैट खाते खुलने का अनुमान

आईआईएफएल की सब्सिडियरी डिस्काउंट ब्रोकर 5Paisa.com के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर प्रकाश गगडानी कहते हैं, “हमें एलआईसी के आईपीओ में भाग लेने के लिए 10-30 भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर लाख नए डीमैट खाते खुलने का अनुमान है।”

हालांकि, अंतिम आंकड़ा अनुमान से ज्यादा हो सकता है। गगडानी ने माना कि यदि पॉलिसीहोल्डर्स को डिस्काउंट मिलता है तो उनमें से कई आईपीओ के लिए आवेदन करना चाहेंगे।

Zerodha करेगा अब आपके पैसे का मैनेजमेंट, म्यूचुअल फंड कारोबार के लिए कंपनी को मिला लाइसेंस

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शेयर मार्केट ब्रोकर Zerodha के फाउंडर निखिल कामथ ने कहा कि कंपनी को म्यूचुअल फंड बिजनेस शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. जिरोधा ने फरवरी 2021 में असेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए एप्लिकेशन डाला था. कंपनी के फाउंडर नितिन कामथ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.

जिरोधा भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर है. सेबी से मंजूरी मिलने के बाद अगले एक साल के भीतर कंपनी म्यूचुअल फंड बिजनेस शुरू कर सकती है. वर्तमान में वह शेयर बाजार के निवेशकों को डिस्काउंट रेट पर निवेश का मौका देती है. जिरोधा ने ब्रोकरेज का कारोबार 2010 में शुरू किया था. जिरोधा प्रति ऑर्डर के लिए ब्रोकरेज चार्ज 20 रुपए वसूलता है. इसके प्लैटफॉर्म की मदद से रोजाना आधार पर 40 लाख से ज्यादा ट्रेडिंग की जाती है.

10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

बड़े ब्रोकर्स पर बढ़ेगी निगरानी, बैंकों की तरह सिस्टमकली इंपॉर्टेंट ब्रोकर्स रेगुलेशन लागू करेगा सेबी

Sebi: सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने सेबी ने इसी मामले पर ब्रोकर्स की बैठक बुलाई थी. जिसमें मोटे तौर संभावित नियमों की जानकारी दे दी गई है.

बड़े ब्रोकर्स के लिए सिस्टमकिली इंपॉर्टेंट ब्रोकर का दर्जा. (File Photo)

Sebi: बड़े शेयर और कमोडिटी ब्रोकर्स के लिए जल्द ही नए नियम लाकर निगरानी बढ़ाने की तैयारी है. ताकि निवेशकों और पूरे मार्केट के लिए जोखिम को कम किया जा सके. ज़ी बिजनेस ने जून में बताया था कि रिजर्व बैंक (RBI) जिस तरह से 'टू बिग टू फेल' वाले बैंक जिन्हें सिस्टमकली इंपॉर्टेंट बैंक कहा जाता है. उसी तर्ज पर सिस्टमकली इंपॉर्टेंट ब्रोकर्स के कॉन्स्पेट पर विचार कर रही है. अब ताजा अपडेट ये है भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर कि इस पर चर्चा हो रही है और आगे रेगुलेशन लाने की तैयारी है. सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने सेबी ने इसी मामले पर ब्रोकर्स की बैठक बुलाई थी. जिसमें मोटे तौर संभावित नियमों की जानकारी दे दी गई है.

कहां होगा फोकस

सूत्रों की मानें तो सेबी (Sebi) का सबसे ज्यादा फोकस ब्रोकर्स के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस नियम लाने पर है. जिसमें इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति, ऑडिट कमेटी बनाने, रिस्क मैनेजमेंट कमेटी बनाने जैसी बातें शामिल की जाएंगी. ताकि बोर्ड की निगरानी में ब्रोकिंग फर्म्स में कोई गड़बड़ी नहीं होने पाए. इसके अलावा कंप्लायंस बेहतर और तकनीकी तौर पर ब्रोकिंग फर्म्स बेहतर तरीके से काम कर पाएं ये भी पक्का किया जाएगा. साइबर सेफ्टी भी एक अहम हिस्सा होगा.

सूत्रों की मानें तो सब कुछ ठीक चले तो सेबी की मंशा इसे नए कारोबारी साल से अमल में लाने की है. इसी मामले पर चर्चा के लिए सेबी ने पिछले महीने सभी बड़े ब्रोकर्स को बुलाकर बैठक की थी. जिसमें मौटे तौर पर ड्राफ्ट नियमों को लेकर चर्चा की गई. दरअसल,शेयर बाजार के कामकाज में ब्रोकर काफी अहम कड़ी हैं। इसलिए अगर किसी बड़े ब्रोकर का कारोबार ठप होता है या फिर किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो बाजार के एक बड़े हिस्से पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर सेबी ऐसी चिंताओं को दूर करना चाहती है.

चुनाव के लिए किन पैमानों पर विचार

जानकारों की मानें तो सिस्टमकली इंपॉर्टेंट ब्रोकर्स के चुनाव के लिए सबसे अहम पैमाना क्लाइंट्स की संख्या हो सकती है. इसके अलावा ब्रोकिंग फर्म्स का टर्नओवर और क्लाइंट्स की कितनी बड़ी रकम वो संभालते हैं ये भी एक पैमाना हो सकता है. सेबी इसके अलावा दूसरे और पैमाने भी तय कर सकती है.

ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर नवंबर तक देश के सबसे बड़े एक्सचेंज NSE के कुल एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या का 59% टॉप 5 डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म्स के पास है, जबकि बड़े डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म्स की शुरुआत एक तरह से स्टार्टअप से हुई है. स्टार्टअप्स में कुछ गिनती के लोग ही डिसीजन मेकर होते है. इसका फायदा ये होता है कि फैसले तेजी से होते हैं. अमल भी तेज होता है लेकिन भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर सेबी की मंशा है कि नए नियमों के जरिए व्यवस्था को और बेहतर किया जाए. ताकि कोई गड़बड़ी होने पर विपरीत असर कम हो.

Career in Stock Market: आजकल लोगों को स्टॉक मार्किट और स्टॉक एक्सचेंज में काफी दिलचपी बढ़ने लगी है. कोई भी इस करियर में . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 19, 2022, 11:02 IST
स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद किसी की भी सालाना सैलरी 2 से 8 लाख रुपये तक पहुँच सकती है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार को कोर्स इसका कोर्स करना होगा.
इस क्षेत्र में पैसा कमाने के लिए जानकारी और दिलचस्पी दोनों ही बेहद ज़रूरी है.

नई दिल्लीः Career in Stock Market: दुनिया में हो रही हर भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर भारत के 8 सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ब्रोकर चीज़ की खबर रखने वाले लोग शेयर बाजार, स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकर, निफ्टी और सेंसेक्स के बारे ज़रूर पता होगा. इन दिनों शेयर बाजार में पैसा लगाना आम हो गया है. लेकिन शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है. इसमें जो पैसा लगता है उसे स्टॉक मार्केट की काफी जानकारी होती है.

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