स्टॉक या म्यूचुअल फंड? इन दोनों में क्या अंतर है और निवेश के लिए आपको क्या चुनना चाहिए?

निवेश के शुरुआती दिनों में अक्सर निवेशकों में कई बातों को लेकर असमंजस की स्थिति होती है. इनमें से एक असमंजस इस बात की भी होती है कि उन्हें सीधे स्टॉक में निवेश करना चाहिए या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. इन दोनों में क्या अंतर है और किसमें उन्हें फायदा मिल सकता है.

ज्यादातर निवेशक इस दुविधा में रहते हैं कि वो स्टॉक या म्यूचुअल फंड में से किसी एक को कैसे चुनें? इसका कोई गलत या सही जवाब नहीं है. मामला पूरी तरह से सब्जेक्टिव है और इसका एक दूसरे से तुलना करना सेब और संतरे की तुलना करने जैसा है. सीधे शब्दों में कहें, यदि आप शेयरों में निवेश कर रहे हैं, तो आप अपनी पिक के लिए जिम्मेदार हैं. दूसरी ओर, यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो फंड मैनेजर आपकी ओर से यह कॉल लेता है. अपने गोल्स को अचीव करने के लिए आपके कुछ फैक्टर्स को ध्यान में रखकर स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए.

यदि आपके पास आवश्यक जानकारी और एक्सपीरियंस है, तो शेयर बाजार में सीधे निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो साबित हो सकता है. हालांकि, अगर आप कभी-कभार ही शेयरों में निवेश करते हैं या सलाह के लिए किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर हैं, तो आपको निवेश से पहले दो बार सोचना चाहिए. दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड के साथ मामला अलग है. फंड मैनेजर आपके पोर्टफोलियो की देखभाल करता है. यानी आपको बार-बार मार्केट को ट्रैक करने की जरूरत नहीं होती. संक्षेप में कहे तो म्यूचुअल फंड पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा काम करते हैं जिनके पास समय की कमी है और अनुभव कम है.

निवेश के मूल सिद्धांतों में से एक, पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करना होता है. ये रिस्क को कम करने और पोर्टफोलियो को संतुलित करने में मदद करता है. विभिन्न क्षेत्रों में 10-15 शेयरों के बास्केट से आपको पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने का मौका मिलता है. जब आप किसी एक स्टॉक में निवेश करते हैं, तो आपको उस डोमेन में एक्सपोजर मिलता है जिसे कंपनी संचालित करती है. उदाहरण के लिए, यदि आप किसी तकनीकी फर्म के शेयर खरीदते हैं, तो आपका एक्सपोजर उस क्षेत्र तक ही सीमित हो जाता है. दूसरी ओर जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपका पैसा अलग-अलग सेक्टर्स और स्टॉक में लगता है. इससे आपका पोर्टफोलियो अपने आप ही डायवर्सिफाई हो जाता है.

स्टॉक से आपको कभी खुशी तो कभी गम मिल सकता है. यदि आपके पास एक मल्टीबैगर है, तो आपका रिटर्न कुछ ही समय में बढ़ सकता है. ये रातों-रात आपके रिटर्न को कई गुना कर सकता है. दूसरी ओर अगर आप से गलत स्टॉक का चुनाव हो गया तो ये आपके इन्वेस्टमेंट को डूबा भी सकता है. म्यूचुअल फंड में हमेशा आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रहता है इसलिए इसमें न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम क्या आपको निवेश करना चाहिए रिटर्न मिलता है.

इन म्‍यूचुअल फंडों ने दिया सबसे ज्‍यादा रिटर्न, क्‍या आपको निवेश करना चाहिए?

इन्‍होंने पिछले एक महीने में शानदार रिटर्न दिए हैं. इन तीनों कैटेगरी के फंडों में तेजी के अलग-अलग कारण हैं. लेकिन, निकट भविष्‍य में इन तीनों का आउटलुक पॉजिटिव है.

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आइए, इन तीनों कैटेगरी की टॉप स्‍कीमों के बारे में जानते हैं. लेकिन, इसके पहले यह समझते हैं कि इनमें तेजी की क्‍या वजह है. शुरुआत करते हैं बैंकिंग सेक्‍टर फंडों से. पिछले काफी समय से इनका प्रदर्शन कमजोर था. बीते हफ्ते भारतीय स्‍टेट बैंक (एसबीआई) के शेयरों में एक दिन में 36 फीसदी तेजी ने बैंकिंग फंड सहित इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों को हवा दी. इन्‍होंने एसबीआई में निवेश किया हुआ था. इंडस्‍ट्री के एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि दिसंबर तिमाही में कंपनियों के मजबूत नतीजे और कम एनपीए बैंकिंग सेक्‍टर के लिए अच्‍छे साबित हुए हैं.

बैंकिंग सेक्‍टर फंडों में टॉपर

स्‍कीम एक महीने का रिटर्न (%)
निप्‍पॉन इंडिया बैंकिंग फंड10.87
यूटीआई बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड9.69
मिराए एसेट बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड9.16

अब चलते हैं जनवरी में सबसे क्या आपको निवेश करना चाहिए अच्‍छा प्रदर्शन करने वाली दूसरी कैटेगरी पर. इसमें इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर म्‍यूचुअल फंड शामिल हैं. तीन साल से अधिक समय से इस कैटेगरी का प्रदर्शन फीका था. लेकिन, दोबारा यह सेक्‍टर फोकस में आया है. इसका श्रेय सरकार की नीतियों को जाता है. मार्केट एक्‍सपर्ट्स कहते हैं कि निकट भविष्‍य में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर का आउटलुक पॉजिटिव है. हालांकि, इस सेक्‍टर में ढेर सारे वैरिएबल हैं. यह इससे अत्‍यधिक जोखिम वाला बनाते हैं.

इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर फंडएक महीने का रिटर्न (%)
यूटीआई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड12.38
आईडीएफसी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड11.35
केनरा रोबेको इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड11.17

लैडर7 फाइनेंशियल एडवाइजरीज के संस्‍थापक सुरेश सदगोपन कहते हैं कि छोटे निवेशकों को बैंकिंग और इंफ्रा फंडों के बजाय डायवर्सिफाइड फंडों के बारे में विचार करना चाहिए. डायवर्सिफाइड फंडों का एलोकेशन विभिन्‍न सेक्‍टरों में होता है. अगर आप जानते हों तो बता दें कि ज्‍यादातर डायवर्सिफाइड फंडों का बीएफएसआई (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंश्‍योरेंस) सेगमेंट में करीब 35 फीसदी निवेश है. ऐसे में बैंकिंग फंड या इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड में निवेश करने की इच्‍छा है तो बेहतर होगा कि अच्‍छे डायवर्सिफाइड फंड में निवेश करें.

अब बात करते हैं कि तीसरी बेस्‍ट कैटेगरी यानी वैल्‍यू फंडों की. लंबे समय के कमजोर प्रदर्शन के बाद इन्‍होंने आखिरकार वापसी की है. बीते एक महीने में इन्‍होंने अपने प्रदर्शन से चौंकाया है.

वैल्‍यू फंड एक महीने का रिटर्न (%)
टेम्‍पलटन इंडिया वैल्‍यू फंड12.66
जेएम वैल्‍यू फंड 7.02
यूनियन वैल्‍यू डिस्‍कवरी फंड6.69

सुरेश सदगोपन कहते हैं, ''अगर आप वैल्‍यू फंड में निवेश करना चाहते हैं तो सुनिश्चित कर लें कि आपके पास निवेश की लंबी अवधि हो. वैल्‍यू फंडों को उलटफेर करने में लंबा समय लगता है. ऐसे में इसे पोर्टफोलियो का कोर हिस्‍सा होना चाहिए.''

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Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।

अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?

चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।

हम हमेशा निवेशकों से लक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहते हैं। यह आपको दैनिक बाजार की गतिविधियों के बारे में चिंता करने के बजाय अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। हमेशा ऐसे म्युचुअल फंड चुनें जो आपके निवेश उद्देश्यों और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाते हों। अगर आप लंबी अवधि में संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो आप लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा और जोखिम लेने को तैयार हैं तो फ्लेक्सी कैप स्कीमों में निवेश कर सकते हैं।

अनावश्यक जोखिम न लें और रिटर्न के पीछे न भागें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें और जोखिम लेने से पहले कुछ अनुभव और ज्ञान हासिल करें।

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गजब का म्यूचुअल फंड: ₹10,000 के मंथली SIP को 3 साल में ₹11.27 लाख बना दिया, आप निवेश करना चाहेंगे?

स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिम भरा है लेकिन यह बुल मार्केट में सबसे ज्यादा रिटर्न देता है। एक स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल क्वांट स्मॉल कैप फंड इसका एक ताजा उदाहरण है।

गजब का म्यूचुअल फंड: ₹10,000 के मंथली SIP को 3 साल में ₹11.27 लाख बना दिया, आप निवेश करना चाहेंगे?

Mutual fund calculator: स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिम भरा है लेकिन यह बुल मार्केट में सबसे ज्यादा रिटर्न देता है। एक स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (small-cap equity mutual fund), क्वांट स्मॉल कैप फंड (Quant Small Cap Fund) इसका एक ताजा उदाहरण है। इस इक्विटी फंड ने लगभग 35 प्रतिशत प्रति सालाना रिटर्न दिया है और इसके बेंचमार्क यानी एसएंडपी बीएसई 250 स्मॉलकैप टीआरआई ने पिछले 3 वर्षों में लगभग 28.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष का CAGR रिटर्न दिया है। क्वांट स्मॉल कैप फंड ने न केवल अपने सभी पीयर फंडों को बल्कि 3 साल की समय सीमा में कैटेगरी एवरेज और बेंचमार्क को भी पीछे छोड़ दिया है और इस समयावधि में प्रति 54 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
क्वांट स्मॉल कैप फंड पर बोलते हुए निधि मनचंदा, हेड ऑफ ट्रेनिंग - रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फिंटू ने कहा, "क्वांट स्मॉल कैप फंड ने हाई रिटर्न देने के साथ-साथ जोखिम को भी काफी अच्छी तरह से प्रबंधित किया है। यह नकारात्मक जोखिम को कंट्रोल करने में भी कामयाब रहा है।''

क्या आपको निवेश करना चाहिए?
इस स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड में अब निवेश करना चाहिए या नहीं, इस पर फिंटू के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर ने कहा, "इस फंड में, स्मॉल कैप शेयरों में मौजूदा एक्सपोजर लगभग 54 फीसदी, मिड कैप- 25 फीसदी और लार्ज कैप- 20 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। चूंकि यह तीनों बाजार पूंजीकरण में शालीनता से विविध है, इसलिए आक्रामक से मध्यम निवेशक इस फंड में निवेश कर सकते हैं। साथ ही, इस फंड में कम से कम 5 साल की लंबी अवधि के निवेश कार्यकाल के लिए निवेश करना चाहिए। " हालांकि एक्सपर्ट ने कहा कि एक बार में एकमुश्त लगाने के बजाय इस फंड में SIP शुरू करने का सुझाव दिया जाएगा।
माईफंडबाजार के सीईओ और संस्थापक विनीत खंडारे ने कहा, "3 साल की अवधि के लिए 54 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ, म्यूचुअल फंड के लिए एक एसआईपी एक पसंदीदा क्या आपको निवेश करना चाहिए निवेश विकल्प है।"

निवेश पर प्रभाव
वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक, अगर किसी निवेशक ने तीन साल पहले ₹1 लाख का निवेश और ₹10,000 मासिक एसआईपी का निवेश किया होता तो पिछले 3 वर्षों में किसी के निवेश का पूरी वैल्यू ₹11,27,561 था। अगर ऐसा ही 5 साल पहले किया गया होता तो किसी के निवेश का वैल्यू ₹17,27,159 होता।

Krishna Institute IPO : क्या आपको KIMS के आईपीओ में निवेश करना चाहिए?

कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Krishna Institute of Medical Sciences) का आईपीओ (IPO) निवेश के लिए बुधवार को खुल गया है। इसमें शुक्रवार तक निवेश किया जा सकता है।

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हाइलाइट्स

  • केआईएमएस (KIMS) इस आईपीओ से 2144 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है।
  • यह मल्टी-स्पेशियलिटी (multi-speciality) हॉस्पिटल्स की बड़ी चेन में से एक है।
  • कंपनी ने शेयरों के लिए 815 से 825 रुपये का प्राइस बैंड (price band) तय किया है।

कंपनी इस इश्यू में 200 करोड़ रुपये के नए शेयर (fresh Share) जारी करेगी। ऑफर फॉर सेल (offer for sale) के तहत 23,56,0358 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे। कंपनी ने प्रत्येक शेयर के लिए 815-825 रुपये का प्राइस बैंड (price band) तय किया है। प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर कंपनी के शेयर का पीई (PE) वित्त वर्ष 2021 की कमाई के आधार पर 31.2 गुना बैठता है।

ज्यादातर निवेशकों ने लंबी अवधि के लिहाज से इस आईपीओ (IPO) में निवेश करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि अच्छे डॉक्टर को अपने साथ बनाए रखने के मामले में इस हॉस्पिटल चेन का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। दूसरी हॉस्पिटल कंपनियों के मुकाबले इसका डेट-इक्विटी रेशियो (debt-equity ratio) कम है। इसका रिटर्न ऑन कैपिटल इम्प्लॉयड (ROCE) 24 फीसदी है। वित्त वर्ष 2021 में एबिड्टा ग्रोथ पिछले तीन साल में सबसे अच्छा रहा है।

सिकंदराबाद हॉस्पिटल पर कंपनी की काफी ज्यादा निर्भरता है। कुल रेवेन्यू (revenue) में इसकी हिस्सेदारी 33 फीसदी है। यह एक बड़ा जोखिम (risk) दिखता है। इसके अलावा बेंगलुरु और चेन्नई में विस्तार की योजनाओं के लिए काफी नई पूंजी (new capital) की जरूरत होगी।

एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) के यश गुप्ता ने इस आईपीओ (IPO) में निवेश करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, "आईपीओ क्या आपको निवेश करना चाहिए प्राइस के ऊपरी बैंड पर वैल्यूएशन दूसरी हॉस्पिटल कंपनियों से थोड़ा बेहतर है। कंपनी का आरओई (ROE) और आरओसीई (ROCE) क्रमश: 23.8 फीसदी और 24.8 फीसदी है। यह काफी अच्छा है। इसकी बैलेंसशीट अच्छी है। हमारा मानना है कि बेंगलुरु और चेन्नई में विस्तार योजनाओं के लिए कंपनी आंतरिक स्रोतों से पैसा जुटाएगी। इससे इस पर कर्ज काफी कम होगा।"

वेंचुरा सिक्योरिटीज (Ventura Securities) में रिसर्च हेड विनीत बोलनीकर ने कहा, "हमें उम्मीद है कि केआईएमएस (KEIMS) अपनी बेड कैपेसिटी वित्त वर्ष 2024 तक बढ़ाकर 3,800 करेगी। इसमें नए हॉस्पिटल के साथ ही पुराने हॉसिप्टल की क्षमता में विस्तार शामिल होगा। इस पर 815.8 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) आएगा। इससे हमें कुल रेवेन्यू बढ़कर 2,607 करोड़ रुपये पहुंच जाने की उम्मीद है।" वेंचुरा ने केआईएमएस के शेयर केलिए 1,275 रुपये की वैल्यू बताई है, जो वित्त वर्ष 2024 के ईवी/एबिड्टा के 17 गुना पर आधारित है। इस तरह आईपीओ (IPO) के 825 रुपये के भाव के मुकाबले यह शेयर अगले 24 महीने में 55 फीसदी चढ़ सकता है।

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