ट्रेडिंग वॉल्यूम में बड़ी गिरावट, क्या बंद हो सकते हैं कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज?
भारत में सभी क्रिप्टो एक्सचेंज की ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेज गिरावट आई है. 1 अप्रैल से देश में क्रिप्टो से कमाई पर 30 परसेंट का टैक्स लागू हो गया है. इसका असर क्रिप्टो ट्रेडिंग पर दिख रहा है.
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Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
नेटवर्क फीस
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है, इसे कहां से खरीदें?
Crypto currency: आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें
Crypto Currency पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है
- क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क पर आधारित डिजिटल मुद्रा है, जिसका डिस्ट्रीब्यूशन कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है.
- कंप्यूटर नेटवर्क और ब्लॉकचेन पर आधारित यह विकेंद्रीकृत संरचना क्रिप्टो करेंसी को सरकारों और किसी भी वित्तीय नियंत्रण से बाहर रखती है.
- क्रिप्टो करेंसी के बारे वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लॉकचेन पर आधारित इस तकनीक के कारण दुनिया भर में फाइनेंशियल और कानूनी पेचीदगियां पैदा होंगी.
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अन्य परंपरागत मुद्राओं के मुकाबले में बेहद सस्ता और तेज मनी ट्रांसफर है.
- क्रिप्टो करेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी एक जगह से इस मुद्रा पर नेगेटिव असर नहीं होगा.
- क्रिप्टो करेंसी की कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनमें कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव, माइनिंग के लिए ऊर्जा की ज्यादा खपत और इसका आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल है.
ब्लॉकचेन की इसी खूबी की वजह से क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिये एक भरोसेमंद थर्ड पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस तरह से देखें तो ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका लाभ आने वाले समय में वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा होगा. उम्मीद की जा रही है कि ब्लॉकचेन की मदद से आने वाले समय में लेन-देनों की लागत में भी कमी आएगी. इससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी लेन-देन से भी छुटकारा मिलेगा.
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे रूप हैं। यहां पर हम कुछ लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी की चर्चा कर रहे क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है हैं. बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है. इसे सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बनाया था. यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का नियंत्रण नहीं है. कीमत में लगातार होने बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है.
इथेरियम (Ethereum) भी एक ओपन सोर्स, डी-सेंट्रलाइज्ड और ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है. इसके संस्थापक का नाम है Vitalik Buterin. इसके क्रिप्टो करेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है. बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है.
लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है. इसके संस्थापक चार्ल्स ली (Charles Lee) हैं जो गूगल में काम कर चुके हैं. इसके बहुत सारे फीचर Bitcoin से मिलते-जुलते हैं.
डॉग कॉइन (Dogecoin) बनने की कहानी काफी रोचक है. बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए कुत्ते से उसकी तुलना की गई, जिसने आगे चलकर एक Cryptocurrency का रूप ले लिया. डॉग कॉइन के संस्थापक का नाम है बिली मार्कुस (Billy Markus). इन दिनों इस करेंसी की मार्केट वैल्यू बहुत अच्छी है.
टीथर (Tether) एक बड़ी और स्थिर मुद्रा है. यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है.
क्रिप्टो करेंसी कैसे और कहां से खरीदें?
हमें उम्मीद है कि ईटी हिंदी के इस लेख से आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बुनियादी जानकारी मिल गई होगी. अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो एक डिजिटल करेंसी होने की वजह से आपको ऑनलाइन ही इसमें निवेश करना होगा. ऐसे बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं जहां पर जाकर आप क्रिप्टो करेंसी की मौजूदा कीमत का पता लगा सकते हैं और उसे खरीद या बेच सकते हैं.
कुछ प्रमुख क्रिप्टो करेंसी खरीदने बेचने वाली ऑनलाइन वेबसाइट के बारे में हम आगे बता रहे हैं. इन सभी वेबसाइट पर आप अपना अकाउंट बनाकर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं. इनमें से कुछ ने अपना मोबाइल ऐप भी लॉंच कर रखा है, जिसे इंस्टॉल करके आप अपने मोबाइल से भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं.
1. कॉइनस्विच (CoinSwitch)
2. वजीरएक्स (Wazirx)
3. यूनोकॉइन (Unocoin)
4. जेबपे (Zebpay)
5. कॉइनबॉक्स (Coinbox)
6. बीटीसीएक्सइंडिया (BTCxIndia)
7. लोकलबिटकॉइन (LocalBitcoin)
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी एहतियात
ध्यान रखें अगर आप किसी ऐप के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे है तो इस बात की पड़ताल अवश्य कर लें कि जिस ऐप में आप निवेश कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं. इसकी एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नामों वाली बहुत से स्पैमिंग वाले ऐप भी बना देते हैं, जिनकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत सरकार की कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है, ऐसी स्थिति में वित्तीय जोखिम आपको ही लेना होगा. इसलिए बेहतर होगा क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है कि आप निवेश से पहले इसके जोखिम का मूल्यांकन कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें.
क्रिप्टो करेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा है, इस बारे में भी जानकारी हासिल करें. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ओपिनियन व रिव्यू के माध्यम से विश्वसनीयता परखी जा सकती है.
इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें. यह भी समझते और सीखते रहें कि किन फैक्टर का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है.
क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग का पहला मामला अमेरिका में सामने आया, दो भारतीय भाई, एक इंडियन अमेरिकन आरोपी
इन क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.
First ever cryptocurrency insider trading tipping scheme: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला साम . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 22, 2022, 09:21 IST
हाइलाइट्स
यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा.
इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं.
आरोपी वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया.
वॉशिंगटन. शेयर बाजार में इनसाइडर ट्रेडिंग और घपले-घोटाले की खबरें तो आपने पढ़ी होंगी लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी में इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला सामने आया है. एक तरह से देखा जाए तो यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा. यह मामला अमेरिका में सामने आया है. इसमें में दो भारतीय भाई और उनके एक इंडियन अमेरिकन दोस्त पर इसमें शामिल होने का आरोप लगा है.
केस के मुताबिक, इस इनसाइडर ट्रेडिंग से इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्षीय ईशान वाही (Ishan Wahi) और उसका 26 वर्षीय भाई निखिल वाही (Nikhil Wahi) भारत के नागरिक हैं और सिएटल में रह रहे थे. वहीं, उनका इंडियन अमेरिकन दोस्त 33 वर्षीय समीर रमानी ह्यूस्टन में रहता है.
क्वॉइनवेस एक्सचेंज से जुड़ा मामला
न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य अटॉर्नी डेमियन विलियम्स और फेडरल जांच ब्यूरो के न्यूयॉर्क फील्ड ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर-इन-चार्ज माइकल जे. ड्रिस्कॉल ने गुरुवार को इस केस को ओपन करने की घोषणा की. इस मामले में वाही ब्रदर्स और रमानी पर फ्रॉड कॉन्सपिरेसी और क्रिप्टोकरेंसी एसेट में इनसाइडर ट्रेडिंग का चार्ज लगा है. इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.
वाही बंधुओं को गिरफ्तार किया गया
सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने गुरुवार को इन तीन लोगों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों की घोषणा की. वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया. इनको वाशिंगटन के जिला कोर्ट में पेश किया जाएगा. एसईसी कम्प्लेन में कहा गया है कि माना जा रहा है कि रमानी वर्तमान में भारत में है. रमानी और ईशान वाही ने एक ही समय में ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और घनिष्ठ मित्र बने.
25 अलग-अलग क्रिप्टो एसेट में इनसाइडर ट्रेडिंग
प्रॉसक्यूटर्स ने कहा कि इन तीनों को पहली क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग टिपिंग स्कीम में आरोपित किया गया है. इस मामले में आरोपियों ने कम से कम 25 अलग-अलग क्रिप्टो एसेट में अवैध व्यापार किया और लगभग 1.5 मिलियन अमरीकी डालर का अवैध प्रॉफिट कमाया है.
ईशान वाही पर वायर फ्रॉड की साजिश के दो और वायर फ्रॉड के दो मामले दर्ज हैं. इनमें में से प्रत्येक में अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है. इसी तरह, निखिल वाही और रमानी पर वायर फ्रॉड की साजिश का एक और वायर फ्रॉड का एक आरोप लगाया गया है, जिनमें से प्रत्येक में अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है.
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क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग का पहला मामला अमेरिका में सामने आया, दो भारतीय भाई, एक इंडियन अमेरिकन आरोपी
इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.
First ever cryptocurrency insider trading tipping scheme: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला साम . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : July 22, 2022, 09:21 IST
हाइलाइट्स
यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा.
इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं.
आरोपी वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया.
वॉशिंगटन. शेयर बाजार क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है में इनसाइडर ट्रेडिंग और घपले-घोटाले की खबरें तो आपने पढ़ी होंगी लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी में इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला सामने आया है. एक तरह से देखा जाए तो यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा. यह मामला अमेरिका में सामने आया है. इसमें में दो भारतीय भाई और उनके एक इंडियन अमेरिकन दोस्त पर इसमें शामिल होने का आरोप लगा है.
केस के मुताबिक, इस इनसाइडर ट्रेडिंग से इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्षीय ईशान वाही (Ishan Wahi) और उसका 26 वर्षीय भाई निखिल वाही (Nikhil Wahi) भारत के नागरिक हैं और सिएटल में रह रहे थे. वहीं, उनका इंडियन अमेरिकन दोस्त 33 वर्षीय समीर रमानी ह्यूस्टन में रहता है.
क्वॉइनवेस एक्सचेंज से जुड़ा मामला
न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य अटॉर्नी डेमियन विलियम्स और फेडरल जांच ब्यूरो के न्यूयॉर्क फील्ड ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर-इन-चार्ज माइकल जे. ड्रिस्कॉल ने गुरुवार को इस केस को ओपन करने की घोषणा की. इस मामले में वाही ब्रदर्स और रमानी पर फ्रॉड कॉन्सपिरेसी और क्रिप्टोकरेंसी एसेट में इनसाइडर ट्रेडिंग का चार्ज लगा है. इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.
वाही बंधुओं को गिरफ्तार किया गया
सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने गुरुवार को इन तीन लोगों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों की घोषणा की. वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया. इनको वाशिंगटन के जिला कोर्ट में पेश किया जाएगा. एसईसी कम्प्लेन में कहा गया है कि माना जा रहा है कि रमानी वर्तमान में भारत में है. रमानी और ईशान वाही ने एक ही समय में ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और घनिष्ठ मित्र बने.
25 अलग-अलग क्रिप्टो एसेट में इनसाइडर ट्रेडिंग
प्रॉसक्यूटर्स ने कहा कि इन तीनों को पहली क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग टिपिंग स्कीम में आरोपित किया गया है. इस मामले में आरोपियों ने कम से कम 25 अलग-अलग क्रिप्टो एसेट में अवैध व्यापार किया और लगभग 1.5 मिलियन अमरीकी डालर का अवैध प्रॉफिट कमाया है.
ईशान वाही पर वायर फ्रॉड की साजिश के दो और वायर फ्रॉड के दो मामले दर्ज हैं. इनमें में से प्रत्येक में अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है. इसी तरह, निखिल वाही और रमानी पर वायर फ्रॉड की साजिश का एक और वायर फ्रॉड का एक आरोप लगाया गया है, जिनमें से प्रत्येक में अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है.
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