किसी भी कंपनी के शेयर लेने से पहले उस कंपनी के बारे में पूरी जानकारी होना अनिवार्य होता है । जिसे शेयर मार्केट के भाषा में Stock Analysis कहा जाता है | Stock Analysis यह एक Method है जिसकी Help से Investor और Treader स्टॉक मार्केट को Examine और Evaluate करते हैं ।
डेली अपडेट्स
हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संविधान में मौलिक कर्तव्य केवल "पांडित्य या तकनीकी" उद्देश्य की पूर्ति के लिये नहीं हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक परिवर्तन की कुंजी के रूप में शामिल किया गया है।
- मौलिक कर्तव्यों का विचार रूस के संविधान (तत्कालीन सोवियत संघ) से प्रेरित है।
- इन्हें 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर संविधान के भाग IV-A में शामिल किया गया था।
- मूल रूप से मौलिक कर्त्तव्यों की संख्या 10 थी, बाद में 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के माध्यम से एक और कर्तव्य जोड़ा गया था।
- सभी ग्यारह कर्तव्य संविधान के अनुच्छेद 51-ए (भाग- IV-ए) में सूचीबद्ध हैं।
मौलिक कर्त्तव्यों की सूची:
- संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय गान का आदर करें।
- स्वतंत्रता के लिये राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोये रखें और उनका पालन करें।
- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें तथा उसे अक्षुण्ण रखें।
- देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करें।
- भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा व प्रदेश या वर्ग आधारित सभी प्रकार के भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं।
- हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें।
- प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्यजीव आते हैं, की रक्षा और संवर्द्धन करें तथा प्राणीमात्र के लिये दया भाव रखें।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
- सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें।
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत् प्रयास करें जिससे राष्ट्र प्रगति की और निरंतर बढ़ते हुए उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को प्राप्त किया जा सके।
- छहसे चौदह वर्ष की आयु के बीच के अपने बच्चे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना (इसे 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया)।
मौलिक कर्तव्यों के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का पक्ष:
- सर्वोच्च न्यायालय के रंगनाथ मिश्रा वाद 2003 में कहा गया कि मौलिक कर्तव्यों को न केवल कानूनी प्रतिबंधों से बल्कि सामाजिक प्रतिबंधों द्वारा भी लागू किया जाना चाहिये।
- एम्स छात्र संघ बनाम एम्स 2001 में, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह माना गया था कि मौलिक कर्तव्य मौलिक अधिकारों के समान ही महत्त्वपूर्ण हैं।
- हालाँकि मौलिक कर्तव्यों को मौलिक अधिकारों की तरह लागू नहीं किया जा सकता है, लेकिन उन्हें भाग IV ए में कर्तव्यों के रूप में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
- मूल कर्तव्यों की उपस्थिति अप्रत्यक्ष रूप से पहले से ही संविधान के भाग III में कुछ निर्बंधनों के रूप थी।
- मौलिक कर्तव्य केवल पांडित्य या तकनीकी उद्देश्य नहीं हैं। बल्कि इन्हें सामाजिक परिवर्तन की कुंजी के रूप में शामिल किया गया था।
- समाज में सार्थक योगदान देने के लिये नागरिकों को पहले संविधान और उसके अंगों को समझना होगा जिसके लिये "जन-व्यवस्था और उसकी बारीकियों, शक्तियों और सीमाओं को समझना अनिवार्य है”।
- इसलिये भारत में संवैधानिक संस्कृति का प्रसार बहुत ज़रूरी है।
- प्रत्येक नागरिक को भारतीय लोकतंत्र में सार्थक हितधारक होने और संवैधानिक दर्शन को उसकी वास्तविक भावना में आत्मसात करने का प्रयास करने की आवश्यकता है।
- मौलिक कर्तव्यों के "उचित संवेदीकरण, पूर्ण संचालन और प्रवर्तनीयता" के लिये एक समान नीति की आवश्यकता है जो "नागरिकों कोज़िम्मेदार होने में काफी मदद करेगी"।
Year Ender 2022: इस साल ने निवेशकों को सिखाईं 3 खास बातें, 2023 में बड़े काम आएंगे ये टिप्स
साल 2022 शेयर बाजार के लिए भारी उतार-चढ़ाव वाला रहा. इस साल ने निवेशकों को कई अहम बातें सिखाई हैं. अगर इन बातों को मन में बैठा लें तो ये 2023 में कमाई कराने वाले टिप्स जैसी साबित होंगी.
इस साल की शुरुआत में सेंसेक्स 58,310 अंकों (Sensex) पर खुला था. वहीं 21 दिसंबर 2022 तक इसमें 2757 अंकों की तेजी देखी जा चुकी है और अब सेंसेक्स 61,067 अंकों पर पहुंच चुका है. इस अवधि में सेंसेक्स में काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला. सेंसेक्स ने इस दौरान 63,583 अंकों का उच्चतम स्तर छुआ तो 50, 921 अंकों के न्यूनतम स्तर तक भी जा पहुंचा. इसी तरह निफ्टी (Nifty) के लिए भी इस साल की शुरुआत 17,387 अंकों के साथ हुई और 21 दिसंबर तक यह 812 अंक चढ़कर 18,199 अंकों पर पहुंच चुका है. साल भर में निफ्टी ने 18,887 अंकों का उच्चतम स्तर छुआ और 15,183 अंकों का न्यूनतम स्तर छुआ.
2022 से मिलीं ये 3 सीख
2022 के दौरान भारत ने महंगाई (Inflation) और मंदी (Recession) से लेकर युद्ध (Russia-Ukraine War) तक देख लिए. इनका शेयर बाजार (Share Market) पर बुरा असर भी देखने को मिला, लेकिन देखते ही देखते बाजार ने तगड़ी तेजी भी हासिल की. आइए जानते हैं शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को 2022 से क्या सीखने की जरूरत है, जो 2023 में उनके बड़े काम आएंगे.
अगर बात फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? मुसीबतों की करें तो पूरा 2022 ही मुसीबतों भरा रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर ब्याज दरें बढ़ने, चीन में सख्त लॉकडाउन पॉलिसी आने और मंदी-महंगाई आने तक. पूरे 2022 के दौरान रुक-रुक कर कोई ना कोई मुसीबत आती ही रही. इन सबके बीच ये सबके लेने की जरूरत है कि कुछ भी हो जाए दुनिया रुकती नहीं और आगे बढ़ती रहती है. यही वजह है कि इतनी परेशानियों के बावजूद शेयर बाजार 2022 में चढ़ा है. यानी मुसीबतों के पहाड़ हमेशा ही टूटते रहेंगे, लेकिन उनसे जिंदगी रुक नहीं जाती. 2022 में ही भारत में करीब 25 फीसदी आईफोन बनने लगे हैं. वहीं चिप बनाने का काम भी भारत में ही शुरू हो गया है. यहां तक कि भारत को सस्ता कच्चा तेल भी मिल रहा है. यानी घबराकर अपना निवेश नुकसान में बेचने की जरूरत नहीं है, धैर्य रखिए और मुनाफा होगा.
2- महंगाई और ब्याज दरें बढ़ती-घटती हैं
आज के वक्त में दुनिया के कई देश मंदी की मार झेल रहे हैं. अमेरिका भी आर्थिक मंदी की चपेट में है. इसी वजह से बहुत सारे देशों से खबरें आ रही हैं कि तमाम कंपनियां तेजी से छंटनी कर रही हैं. वहीं अगर मंदी की मार भारत पर देखी जाए तो तुलनात्मक रूप से भारत पर मंदी का असर बहुत कम है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारत सरकार अपनी पॉलिसी में कई अहम बदलाव किए हैं, जिसकी वजह से भारत कई चीजों में आत्मनिर्भर हो गया है. मंदी से निपटने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, भारतीय रिजर्व बैंक भी दरें बढ़ा रहा है. हालांकि, यहां एक बात समझने की है कि महंगाई कभी ज्यादा होती है तो कभी कम. उसी तरह ब्याज दरें भी कभी बढ़ती हैं तो कभी घटती हैं. तो भविष्य में जब शेयरों में निवेश करें तो इस बात का भी ध्यान रखें.
2020 में बाजार बहुत अधिक उतार-चढ़ाव वाला रहा. अगर 2022 की बात करें तो इस साल में भी तगड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिली. निफ्टी ने 18,887 अंकों का उच्चतम स्तर छुआ और 15,183 अंकों का न्यूनतम स्तर छुआ. यानी 3704 अंकों का उतार-चढ़ाव रहा. सेंसेक्स ने इस दौरान 63,583 अंकों का उच्चतम स्तर छुआ तो 50, 921 अंकों के न्यूनतम स्तर तक भी जा पहुंचा. इस तरह सेंसेक्स में भी 12,662 अंकों का उतार चढ़ाव देखने को मिला. अगर साल की शुरुआत से साल के अंत तक को देखें तो निफ्टी में 812 अंक और सेंसेक्स में 2757 अंकों की तेजी देखने को मिली है. बाजार में उतार-चढ़ाव हमेशा ही रहेगा, आपको सिर्फ धैर्य रखने की जरूरत है. हां, किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उसकी फंडामेंटल एनालिसिस जरूर करें वरना दिक्कत भी हो सकती है.
Stock Analysis क्यों जरुरी है ?
शेयर मार्केट में लगभग 5000+ companies है । उनमें से 1600+ companies National Stock Exchange ( NSE ) और 1328+ कंपनी Bombay Stock Exchange ( BSE ) मे Listed है | किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए कुछ Parameter की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है |
कुछ लोग कोई कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं यह देख कर हमें भी उस कंपनी के शेयर खरीद लेने चाहिए या सुनी सुनाई बातों पर भरोसा रख के किसी कंपनी की हिस्सेदारी लेना मूर्खता है । किसी कंपनी का नाम अच्छा है या कोई कंपनी अच्छे संगठन से Belong करती है इस वजह से हमें भी उस कंपनी में Invest करना चाहिए ऐसा ना सोचे ।
Types of stock analysis :
स्टॉक एनालिसिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं । उनमें से पहला प्रकार Fundamental Analysis और दूसरा Technical Analysis होता है ।
हम सबसे पहले फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानकारी लेते हैं । फंडामेंटल एनालिसिस कंपनी की पूरी इंफॉर्मेशन होती है जैसे कि कंपनी के डायरेक्टर कौन है कंपनी के सीईओ कौन है कंपनी किस सेक्टर से बिलॉन्ग करती है कंपनी का Market Capital कितना है इससे कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में हमें पता चलता है । बाद में कंपनी के फाइनेंसियल मैनेजमेंट के बारे में भी पता होना बहुत जरूरी होता है जैसे कि कंपनी की बैलेंस शीट, कंपनी का प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, लेजर स्टेटमेंट Etc .
कंपनी के हर 3 महीने में Quarterly Results आते हैं उसकी जानकारी से हमें यह पता चलता है कंपनी प्रॉफिट में है यह लॉस में हैं । कंपनी का ग्रोथ रेट कैसा है यह हमें फंडामेंटल एनालिसिस से पता चलता है फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? अगर कंपनी प्रॉफिट में है तो कंपनी को कितने करोड़ का प्रॉफिट हुआ है और अगर कंपनी लॉक में है तो कंपनी को कितने करोड़ को लॉस हुआ है यह क्वार्टरली रिजल्ट्स से पता चलता है । अगर किसी क्वार्टर में कंपनी को लॉस हुआ है तो नेक्स्ट क्वार्टर में कंपनी ने अपना कितना लॉस कवर किया है इसका भी कंपनी के शेयर प्राइस पे फर्क पड़ता है ।
Stock Analysis क्यों जरुरी है ?
शेयर मार्केट में लगभग 5000+ companies है । उनमें से 1600+ companies National Stock Exchange ( NSE ) और 1328+ कंपनी Bombay Stock Exchange ( BSE ) मे Listed है | किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए कुछ Parameter की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है |
कुछ लोग कोई कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं यह देख कर हमें भी उस कंपनी के शेयर खरीद लेने चाहिए या सुनी सुनाई बातों पर भरोसा रख के किसी कंपनी की हिस्सेदारी लेना मूर्खता है । किसी कंपनी का नाम अच्छा है या कोई कंपनी अच्छे संगठन से Belong करती है इस वजह से हमें भी उस कंपनी में Invest करना चाहिए ऐसा ना सोचे ।
Types of stock analysis :
स्टॉक एनालिसिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं । उनमें से पहला प्रकार Fundamental Analysis और दूसरा Technical Analysis होता है ।
हम सबसे पहले फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानकारी लेते हैं । फंडामेंटल एनालिसिस कंपनी की पूरी इंफॉर्मेशन होती है जैसे कि कंपनी के डायरेक्टर कौन है कंपनी के सीईओ कौन है कंपनी किस सेक्टर से बिलॉन्ग करती है कंपनी का Market Capital कितना है इससे कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में हमें पता चलता है । बाद में कंपनी के फाइनेंसियल मैनेजमेंट के बारे में भी पता होना बहुत जरूरी होता है जैसे कि कंपनी की बैलेंस शीट, कंपनी का प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, लेजर स्टेटमेंट Etc .
कंपनी के हर 3 महीने में Quarterly Results आते हैं उसकी जानकारी से हमें यह पता चलता है कंपनी प्रॉफिट में है यह लॉस में हैं । कंपनी का ग्रोथ रेट कैसा है यह हमें फंडामेंटल एनालिसिस से पता फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? चलता है अगर कंपनी प्रॉफिट में है तो कंपनी को कितने करोड़ का प्रॉफिट हुआ है और अगर कंपनी लॉक में है तो कंपनी को कितने करोड़ को लॉस हुआ है यह क्वार्टरली रिजल्ट्स से पता चलता है । अगर किसी क्वार्टर में कंपनी को लॉस हुआ है तो नेक्स्ट क्वार्टर में कंपनी ने अपना कितना लॉस कवर किया है इसका भी कंपनी के शेयर प्राइस पे फर्क पड़ता है ।
Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स
Image credit: freepik
- स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
- जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
- इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
- आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
- करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
- आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
- आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
- आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
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