नॉर्मल सेलिंग डेटा पर कर्टोसिस की वैल्यू तीन होती है। तीन से ज्यादा वैल्यू होने पर असामान्य रिटर्न की संभावना ज्यादा होती है जबकि तीन से कम में कम संभावना होती है। स्क्यूनेस और कर्टोसिस डिस्ट्रीब्यूशन यानी सेलिंग के मौकों पर आधारित सांख्यिकीय सिद्धांतों से तैयार किए गए हैं। इन सिद्धांतों को समझना आम निवेशकों के लिए आसान नहीं लेकिन MS एक्सेल के स्क्यू और कर्ट फंक्शंस के जरिए आसानी से स्क्यूनेस और कर्टोसिस कैलकुलेट किया जा सकता है।
विद्यार्थियों को वाटर लेवल इंडिकेटर बनाने का दिया प्रशिक्षण
मेरठ ब्यूरो
Updated Sun, 17 Jul 2022 12:12 AM IST
सेंट आरसी स्कूल में तकनीकी कार्यशाला का दूसरा दिन
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संवाद न्यूज एजेंसी
शामली। सेंट आरसी कान्वेंट स्कूल में तीन दिवसीय युवा कौशल तकनीकी कार्यशाला के दूसरे दिन विद्यार्थियों को वाटर लेवल इंडिकेटर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया ।
कार्यशाला में शनिवार को प्रधानाचार्या मीनू संगल ने कहा कि आधुनिक युग विज्ञान का युग है। वर्तमान में वैज्ञानिकों ने हर क्षेत्र में आविष्कार करके मानव जीवन को अत्यंत सरल एवं सुलभ बना दिया है। जल ही जीवन है यह वास्तविकता है, लेकिन जल की बर्बादी और वनों के अंधाधुंध कटान के कारण बारिश कम होती है। इससे भूजल स्तर लगातार घट रहा है। जिस कारण भविष्य में मानव जाति को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। इसलिए प्रत्येक मानव का कर्तव्य है कि वह जल को अनावश्यक रूप से बर्बाद न करे।
कार्यशाला में हरिद्वार की विज्ञान तकनीकी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के टेक्निकल इंडीकेटर्स इंजीनियर प्रमोद और उनकी छह सदस्यीय टीम ने विद्यार्थियों को कार्ड बोर्ड, स्टीकर, जार, एलईडी, बैटरी कनेक्टर, बटन, वायर, रेसिस्टर आदि की सहायता से वाटर लेवल इंडिकेटर का वर्किंग मॉडल बनाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि पानी की बर्बादी को बचाने के लिए वाटर लेवल इंडिकेटर निर्माण किया गया है। यह टैंक के अंदर जमा पानी को तीन स्तर पर इंडिकेट करता है। निम्न स्तर, मध्यम स्तर और उच्च स्तर पर पानी का लेवल आने पर यह बीप कर पानी पूरा भरने के संकेत देता है। इससे टैंक की टंकी से बाहर पानी अनावश्यक रूप से नहीं बहेगा।
इस अवसर पर अंशुल गुप्ता, अभिषेक वर्मा, सतीश जैन, अजय गोयल, मनीष मित्तल, हर्षित मित्तल, अनुपम मित्तल, मनोज मेनवाल, रवि हुड्डा, विशाखा गोयल, शालिनी गर्ग, कविता, स्वाति, अंजू पवार, भावना शर्मा, विनीता, सपना चौधरी, सुरक्षा, निशा शर्मा आदि मौजूद रहे।
टेक्निकल इंडीकेटर्स
Stock Volatility is very important for Intraday Trading. Normally, it can be measured numerically with the help of an excel sheet. However, most of the traders and investors are not comfortable using excel sheet to calculate the stock volatility. Many viewers of this channel, requested me to share the technical indicators with the help of which they can easily find out the stock volatility on the charts or visually. In this video, i have shared 3 such technical indicators and these technical indicators are 1. Moving Average: I use 20 period exponential moving average on a One Hour chart. 2. ATR or Average True Range 3. Bollinger Bands
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Assalam Alaiki dear Sister in Islam. I hope this meets you well. Hope you are keeping safe in this pandemic. May Allah preserve you and your beloved family. I would like to address the misconception and misinterpretation in your thread. Please peruse the THREAD below.
A lot of things Muslims do now and claim as Islamic rule is actually a culture that Islam curtailed or tried to perfect.
Let's talk polygamy.
Islam didn't come and say, "oh men, marry four wives"
No.
Polygamy was in existence, long before the coming of Islam.
1. First off, a disclaimer. Should you feel hurt by my words in the course of the thread, then forgive me. It’s from me and not from Islam. And I probably have to improve on my delivery. And I may not quote you verbatim, but the intended meaning would be there. Thank You!
टेक्निकल इंडिकेटर्स से ढूंढा जा सकता है अपार संभावनाओं वाले कम रिस्की स्टॉक्स
इक्विटी इनवेस्टमेंट में दो तरह के रिस्क होते हैं- इंटरनल और मार्केट रिस्क। इंटरनल रिस्क अलग-अलग स्टॉक्स और सेक्टर में इनवेस्टमेंट करके घटाया या कुछ हद तक खत्म किया जा सकता है, लेकिन मार्केट रिस्क मैक्रो-इकनॉमिक और ग्लोबल फैक्टर्स से जुड़ा होता है, जिसे इनवेस्टर्स न घटा सकते हैं और न ही मिटा सकते हैं। ऐसे में हमारे पास स्टैंडर्ड डेविएशन के रूप में कॉमन टूल है जिससे किसी स्टॉक या इंडेक्स का टोटल रिस्क (इंटरनल और मार्केट दोनों) का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल फाइनेंशियल एनालिस्ट स्टॉक या इंडेक्स के संभावित रिटर्न की रेंज का पता लगाने में करते हैं।
ऐसी रेंज से संबंधित अनुमान इस सिद्धांत पर आधारित होता है कि स्टॉक रिटर्न या पीई रेशियो जैसे फाइनेंशियल वैरिएबल एवरेज के करीब रहने की कोशिश करेगा और इनके अपर या लोअर लिमिट के ऊपर जाने यानी स्टैंडर्ड डेविएशन होने की संभावना बहुत कम होती है। ये आंकड़े समानुपातिक पैटर्न के हिसाब से चलते हैं, जिसका मतलब यह होता है कि आधे समय स्टॉक रिटर्न एवरेज से ऊपर होगा जबकि आधे समय औसत से नीचे रहेगा।
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HELLO FRIENDS, आज आप जानेंगे RSI INDICATOR यानि RELATIVE STRENGTH INDEX के बारे मे। RSI इंडिकेटर एक बहुत महत्पूर्ण इंडिकेटर है ये इंडिकेटर कोई भी शेयर की दिशा बताती है। वह शेयर की दाम कहाँ जा रही है शेयर की दाम नीचे जा रही या ऊपर जा रही है इसकी जानकारी देती है। RSI इंडिकेटर मार्किट मे ट्रेड करने के लिए और शेयर चुनने के लिए काम में आती है। स्टॉक मार्किट मे हर ट्रेडर अपना चार्ट में इस इंडिकेटर को टेक्निकल इंडीकेटर्स इस्तिमाल करते हैं । RSI इंडिकेटर की 3 LEVEL होते हैं पहला 30 LEVEL 50 LEVEL और 70 LEVEL
फोटो मे आप देख रहे है नीचे में वह RSI इंडिकेटर है इसकी 3 LEVEL को हम लाल, नीला और हरा रंग की लाइन दिए है। . लाल रंग की लाइन जो है वह 30 LEVEL है नीला रंग की जो लाइन है वह 50 LEVEL और हरा रंग की लाइन वह 70 LEVEL की है। इन सभी LEVEL शेयर के दिशा की अलग अलग स्तिति को बताती है। जभी शेयर की दाम RSI की 30 LEVEL से नीचे आ जाती है तो RSI बताती है SHARE की दाम OVER SOLD हो चुकी है मतलब SHARE की दाम बहुत ज्यादा गिर चुकी है यहां से दाम ऊपर जाने की सम्भाबना है इसीलिए RSI की OVER SOLD ZONE में शेयर की दाम को BUY किया जाता है।ऐसे ही अगर शेयर का दाम ऊपर हरे बाला लाइन मतलब RSI लाइन की 70 लेबल को पार करके ऊपर चला जाये तो वह शेयर की दाम बहुत ज्यादा बढ़ चूका है इसको OVER BOUGHT ZONE बोला जाता है यहां से शेयर की दाम गिरने की सम्भाबना है इसीलिए OVER BOUGHT ZONE में शेयर को SELL किया जाता है। इसके अलाबा सबसे ज्यादा महत्यपूर्ण LEVEL है बीच की नीला रंग की लाइन जो की RSI की 50 LEVEL है अगर टेक्निकल इंडीकेटर्स शेयर की दाम जभी 30 LEVEL से ऊपर जायगी वह 50 LEVEL तक जाएगी और 50 LEVEL पार कर दी मतलब समझ जाये वह शेयर मै खरीदार ज्यादा हो रहे है और यह शेयर की दाम ऊपर जाने के लिए तैयार हो रहा है। वैसे ही अगर शेयर की दाम 70 LEVEL से नीचे आने लगे तो शेयर मे गिराबट सुरु हो गयी और यह 50 LEVEL तक गिरने की सम्भाबना है ऐसे स्तिति मे अगर शेयर की दाम 50 LEVEL को पार करके नीचे आने लगे तो शेयर को बेचने के लिए हर कोई तैयार हो रहे टेक्निकल इंडीकेटर्स हैं और ऐसा स्तिति मे शेयर की दाम नीचे ही जायगी। इसीलिए 50 LEVELको हमेशा गुरुत्य दिया जाता है। बह सरे ट्रेनर वह सरे बात बताना भूल जाते हैं।
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