हीरे और इंजीनियरिंग सामानों के निर्यातकों को भी चिंता सता रही है। चीनी नववर्ष की एक्सटेंडेड छुट्टियों के बारे में वे चिंतित हैं। यह अक्टूबर महीने से पहले से ही कमजोर हुई मांग को और नुकसान पहुंचा रही है। नवंबर में भारत से चीन को तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात पिछले साल की तुलना में 4% घटकर करीब 1.25 अरब डॉलर रह गया। चीन भारत से हीरे का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है, जो कुल निर्यात का 30% हिस्सा है। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, इंजीनियरिंग सामान का निर्यात साल-दर-साल आधार पर नवंबर में 58% और अक्टूबर में 64% तक गिर गया।
Corona Virus in China : चीन हुआ बीमार, कीमत चुका रहीं भारतीय कंपनियां
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता (Ind-Aus ECTA) पर दोनों देशों के बीच हुई चर्चा, JMC की बैठक 2023 में
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (Ind-Aus ECTA) जल्द ही लागू होने की उम्मीद है। समझौता को आगे बढ़ने के तरीके पर 1 नवंबर (सोमवार) को भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्य और पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल के साथ हुई। बैठक के दौरान दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने 22 अप्रैल, 2022 के IndAus ECTA समझौते के अनुसमर्थन में हुई प्रगति की समीक्षा की। डॉन फैरेल ने कहा कि IndAus ECTA का शीघ्र कार्यान्वयन दोनों देशों के सर्वोत्तम हित में है।
ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने बताया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता (Ind-Aus ECTA) से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के घरेलू विनियमन से संबंधित डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) संशोधन को ऑस्ट्रेलिया की संसद में पेश किया गया था, जिस पर संयुक्त स्थायी समिति ऑस्ट्रेलियाई संसद को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। डॉन फैरेल ने बताया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते से संबंधित प्रक्रियाओं को अगले कुछ हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा।
JMC की बैठक 2023 में
संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग (JMC) अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है। दोनों देश अगले साल की शुरुआत में किसी समय संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग (जेएमसी) की वार्षिक बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। इस बीच, दोनों पक्षों के विशेषज्ञ अपने पहले दौर की चर्चा करेंगे, जो संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग की बैठक के लिए रोडमैप तैयार करेगा।
बैठक प्रतिनिधिमंडलों ने उल्लेख किया कि दोनों राष्ट्र बहुलवादी संसदीय लोकतंत्रों के पारस्परिक मूल्यों पर आधारित एक विशेष साझेदारी साझा करते हैं। इस आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी से दोनों देशों को भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ परस्पर लाभ मिलेगा। इससे दोनों देशो के द्विपक्षीय संबंधन और प्रगाढ़ होंगे।
अप्रैल 2022 किया गया था IndAus ECTA पर हस्ताक्षर
बता दें कि 2 अप्रैल 2022 को एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की मौजूदगी में पीयूष गोयल और डेन तेहान ने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (Ind-Aus ECTA) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत भारत से निर्यात होने वाले 96 प्रतिशत उत्पादों को जीरो ड्यूटी एक्सेस मुहैया कराने की बात कही गई है। इसके अंतर्गत इंजीनियरिंग गुड्स, ज्वेलरी, टेक्सटाइल, वस्त्र और चमड़ा जैसी चीजें आएंगी।
5 सालों में 50 अरब डॉलर बढ़ेगा द्विपक्षीय व्यापार
इस समझौते के प्रभाव में आने के बाद दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार आने वााले पांच वर्षां में 45 से 50 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। बता दें फिलहाल यह 27 बिलियन डॉलर है। इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया के भी 85 प्रतिशत निर्यात की वस्तुओं को भारतीय बाजार में ड्यूटी फ्री एक्सेज दिया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया 17वां सबसे बड़ा पार्टनर
भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया 17वां सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत नौंवा सबसे बड़ा साझेदार है। दोनों देशों के बीच 2021 में माल एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 27.5 अरब डॉलर था। 2021 में भारत से वस्तुओं का निर्यात 6.9 अरब डॉलर का था और आयात 15.1 अरब डॉलर था।
भारत से निर्यात की जाने वाली सौ फीसदी वस्तुओं को जीरो ड्यूटी एक्सेज के दायरे में लाना है लक्ष्य
समझौते के अनुसार भारत से निर्यात की जाने वाली 100% वस्तुओं को आने पांच वर्षों में जीरो ड्यूटी एक्सेस के दायरे में लाना भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। हाल के वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के कारण हाल के कुछ वर्षों में दोनों देशों के परस्पर व्यापार में बड़े और सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध के कारण इसमें दिनोंदिन सुधार होता जा रहा है।
इन वस्तुओं का होगा निर्यात
भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में प्रमुख रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, टैक्सटाइल और परिधान, इंजीनियरिंग सामान, चमड़ा, ऊन, मांस, रसायन, रत्न और आभूषण शामिल हैं। आयात में मुख्य रूप से कच्ची सामग्री, कोयला, खनिज और मध्यवर्ती सामान शामिल है।
भारत-इंडोनेशिया निवेश और व्यापार मंच की बैठक पोर्ट ब्लेयर में आयोजित की गई
20 दिसंबर 2022 को पोर्ट ब्लेयर, अण्डमान और निकोबार में सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने, बुनियादी ढांचा विकसित करने, पर्यटन, व्यापार और संपर्क बढ़ाने के लिए "भारत-इंडोनेशिया निवेश और व्यापार मंच" की संयुक्त कार्यबल समिति की बैठक आयोजित की गई।
टास्क फोर्स कमेटी की यह दूसरी बैठक है। पहली बैठक 25 नवंबर, 2019 को इंडोनेशियाई राजधानी जकार्ता में आयोजित की गई थी।
इंडोनेशियाई प्रतिनिधियों के साथ बैठक में अंडमान और निकोबार के उपराज्यपाल डीके जोशी, इंडोनेशियाई सरकार के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के निदेशक, जतमिको हेरु प्रसेत्यो ने भाग लिया।
2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान, उन्होंने द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों से एक संयुक्त कार्य बल समिति का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार इंडोनेशिया सिंगापुर के बाद आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस)देशों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
भारत इंडोनेशिया से कोयले और कच्चे ताड़ के तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है और खनिज, रबर, लुगदी और कागज और हाइड्रोकार्बन भंडार का आयात करता है।
भारत इंडोनेशिया को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद, वाणिज्यिक वाहन, दूरसंचार उपकरण, गोजातीय मांस, पशु चारा, कृषि उत्पाद, स्टील और प्लास्टिक निर्यात करता है।
सरस आजीविका मेले ने 41वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिकॉर्ड व्यापार किया
सरस आजीविका मेले ने 41वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिकॉर्ड व्यापार किया
सरस आजीविका मेले में 26 राज्यों के 300 से ज्यादा शिल्पकारों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ किया
सरस आजीविका मेला 2022 आज संपन्न हुआ , जिसने पिछले 14 दिनों में 6 करोड़ रुपये से ज्यदा का कारोबार करते हुए अपना सभी पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिए। प्रगति मैदान , नई दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान द्वारा आयोजित 41वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में ग्रामीण भारत के दूरदराज के क्षेत्रों से आए शिल्पकारों ने अपने बेहतरीन हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में लगभग 150 स्टाल लगाकर 300 से ज्यादा शिल्पकारों ने हिस्सा लिया और अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। देश के 26 राज्यों के स्वयं सहायता समूहों की 300 से ज्यादा महिलाओं ने इन स्टालों के माध्यम से पूरे देश के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के हस्तशिल्प , हथकरघा और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन किया।
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इस सरस आजीविका मेले में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। बहुत सुंदरता से सजाए गए स्टालों , शानदार थीम वाले मंडपों और शाम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कारण सरस आगंतुकों के लिए पसंदीदा जगह बना रहा।
प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला, जो कि ' परंपरा , कला , शिल्प और संस्कृति ' के विषय पर केंद्रित है, केंद्र सरकार की सबसे प्रतिष्ठित पहलों में से एक है , जो न केवल सांस्कृतिक विरासत को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करता है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण महिलाओं को एक उद्यमी के रूप में स्थापित होने का अवसर भी प्रदान करता है।
सरस आजीविका मेला, 2022 में कारोबार करने के लिए 26 राज्यों के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखलाओं का प्रदर्शन किया गया। सरस आजीविका मेले ने पूरे देश के विभिन्न राज्यों से हथकरघा साड़ी , पोशाक सामग्री , सहायक उपकरण और जैविक हस्तशिल्प उत्पादों में अपने सर्वश्रेष्ठ संग्रह का प्रदर्शन किया। प्रत्येक स्टाल , प्रत्येक उत्पाद और इसमें शामिल प्रत्येक ग्रामीण एसएचजी महिलाओं के पास साझा करने के लिए अपनी एक कहानी थी। सरस ने भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनी में सूचीबद्ध उत्पादों की पेशकश की।
हस्तकला: प्रदर्शित करने वाली वस्तुओं में असम से बांस कला और जलकुंभी उत्पाद ; बिहार से मधुबनी पेंटिंग, चूड़ियां और सिक्की शिल्प ; छत्तीसगढ़ से मोमबत्ती , साबुन , लकड़ी की नेम प्लेट ; गोवा और गुजरात से लकड़ी के खिलौने और सजावटी सामान ; हरियाणा से धातु कला , टेराकोटा सामाग्री और कलाकृतियां ; उत्तर पूर्व से कृत्रिम फूलों की कला ; कर्नाटक से आभूषण ; महाराष्ट्र के जूते ; ओडिशा से सबाई हस्तशिल्प , पीतल समाग्री , गोल्डन घास उत्पाद ; पश्चिम बंगाल के जूट हैंड बैग आदि।
हथकरघा: ओडिशा , बिहार और छत्तीसगढ़ से सिल्क साड़ी , सूती साड़ी , हथकरघा कपड़ा , सूती सूट ; उत्तर प्रदेश से बेडशीट ; पश्चिम बंगाल से कांठा स्टिच साड़ी और पोशाक सामग्री ; तेलंगाना और केरल की विशेष साड़ियां ; जम्मू और कश्मीर की ऊनी और पश्मीना शॉल ; उत्तराखंड से पोशाक सामग्री , ऊनी शॉल और जैकेट ; हिमाचल प्रदेश से ऊनी शॉल ; राजस्थान की हस्तनिर्मित जूतियां और मोजरी ; आंध्र प्रदेश से चमड़े के सामान , चमड़े के लैंप शेड , पेंटिंग और लकड़ी शिल्प आदि।
खाद्य सामग्री: छत्तीसगढ़ और झारखंड से प्राकृतिक खाद्य पदार्थ , बेसन , चावल , काजू , जैविक दालें ; केरल से मसाले और कॉफी ; सिक्किम की चायपत्ती , उत्तराखंड की जैविक सब्जियां और मसाले ; उत्तर प्रदेश से औषधीय जड़ी-बूटियां , चावल और शहद और छत्तीसगढ़ से महुआ लड्डू आदि।
सरस आजीविका मेले ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ' वोकल फॉर लोकल , लोकल टू ग्लोबल ' वाले दृष्टिकोण का विस्तार करने में समर्थन दिया।
सरस आजीविका मेला के संदर्भ में: सरस आजीविका मेला दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) , ग्रामीण विकास मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसमें डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत ग्रामीण महिला एसएचजी सदस्यों को उचित मूल्य पर संभावित व्यापर का दिग्गज बनने के साथ-साथ अपने कौशल का प्रदर्शन करने , उत्पाद बेचने और पहुंच बनाने के लिए एक मंच प्रदान किया जाता है।
चीन में कोरोना से भारतीय व्यापारियों को फिर से लगने लगा 'वही' डर, क्या कीमतों में लगेगी आग?
Corona Virus in China : चीन में कोरोना की सबसे बड़ी लहर ने भारतीय कंपनियों की मुसीबतें बढ़ा दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान निर्माताओं से लेकर गोल्ड और डायमंड एक्सपोर्टर्स तक कई उद्योगों को सप्लाई चेन बाधित होने का डर है। भारत में कई उद्योगों के लिए कच्चा माल चीन से आता है।
Corona Virus in China : चीन में कोरोना बढ़ने से सता रहा सप्लाई चेन बाधित होने का डर
हाइलाइट्स
- चीन में कोरोना से भारतीय कंपनियों को सप्लाई चेन बाधित होने का डर
- ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BF.7 से चीन में ऑल टाइम हाई पर कोरोना के मामले
- वर्कर्स के संक्रमित होने से चीनी फैक्ट्रियों में घट रहा है उत्पादन
चीनी फैक्ट्रियों में घट रहा प्रोडक्शन
चीनी नववर्ष (Chinese New Year) की छुट्टियां भी आने वाली हैं। इससे शिपमेंट में देरी हो सकती है। कई भारतीय कंपनियां यह सुनिश्चित करने के लिए थोक में ऑर्डर दे रही हैं कि उनके पास कलपुर्जों और कच्चे माल का पर्याप्त स्टॉक हो। सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर में से एक के प्रमुख ने कहा, 'चीन में स्थिति बहुत खराब है, कंपोनेंट्स सप्लायर्स का कहना है कि उनकी फैक्ट्रियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जिसका हमारी सप्लाई पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।'
नहीं आ रही पूरी जानकारी
उन्होंने कहा, 'समस्या यह है कि जो जानकारी आ रही है, भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ वह बहुत ही अस्पष्ट है। इसलिए हमें अभी तक इस कोविड लहर के सटीक प्रभाव का आकलन करना बाकी है।' चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी हायर में भारत के प्रमुख सतीश एनएस ने कहा कि उनकी कंपनी एडवांस में कलपुर्जों की खरीद कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत का उत्पादन प्रभावित न हो।
ऑल टाइम हाई पर कोरोना
जीरो कोविड पॉलिसी वापस लेते ही चीन में कोरोना ने कोहराम मचा दिया है। वहां कोरोना संक्रमण ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया है। महामारी विज्ञानियों का कहना है कि 90 दिन में चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो सकती है। साथ ही उनका कहना है कि ऐसी और भी कई लहरें आ सकती हैं। ये चीन में उत्पादन को धीमा कर सकते हैं और विश्व स्तर पर सप्लाई चेन को तोड़ सकती हैं।
मोबाइल हो सकते हैं महंगे
अगर चीन में कोरोना की मौजूदा स्थिति जारी रहती है, तो स्मार्टफोन ब्रैंड्स को अगले महीने के मध्य से कंपोनेंट्स के लिए सप्लाई की कमी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन वे इमिडिएट लोकल डिमांड को पूरा करने में सक्षम हो सकते हैं, क्योंकि बाजार इस समय शांत है। साथ ही कंपनियां पहले से ही छोटी अवधि की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कंपोनेंट्स का स्टॉक कर चुकी हैं। TechArc के चीफ एनालिस्ट फैसल कावूसा ने कहा, 'अगर यह स्थिति अगले तीन सप्ताह तक बनी रहती है, तो हम स्मार्टफोन ब्रैंड्स के लिए कंपोनेंट्स सप्लाई में व्यवधान देख सकते हैं। भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ हम चीनी कारखानों से आने वाले कंपोनेंट्स पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।' अगले साल की शुरुआत में होने वाली डिवाइसेज की लॉन्चिंग पर भी असर पड़ सकता है।
हीरे और इंजीनियरिंग निर्यातकों को सता रही चिंता
हीरे और इंजीनियरिंग सामानों के निर्यातकों को भी चिंता सता रही है। चीनी नववर्ष की एक्सटेंडेड छुट्टियों के बारे भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ में वे चिंतित हैं। यह अक्टूबर महीने से पहले से ही कमजोर हुई मांग को और नुकसान पहुंचा रही है। नवंबर में भारत से चीन को तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात पिछले साल की तुलना में 4% घटकर करीब 1.25 अरब डॉलर रह गया। चीन भारत से हीरे का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है, जो कुल निर्यात का 30% हिस्सा है। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, इंजीनियरिंग सामान का निर्यात साल-दर-साल आधार पर नवंबर में 58% और अक्टूबर में 64% तक गिर गया।
Corona Virus in China : चीन हुआ बीमार, कीमत चुका रहीं भारतीय कंपनियां
गारमेंट मैन्युफैक्चरर की बढ़ी मुसीबत
भारत में गारमेंट मैन्युफैक्चरर और एक्सपोर्टर्स चीन से एसेसरीज मंगवाते हैं, जो मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक होती है। तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट राजा एम शनमुगम ने कहा, 'कोविड-19 के बढ़ते हालात से अगर एसेसरीज की सप्लाई पर असर पड़ता है, तो जिन ब्रैंड्स को हम सप्लाई करते हैं, उन्हें वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करनी पड़ सकती है।'
कंटेनर मूवमेंट हो सकता है प्रभावित
शिपिंग लाइनें कंटेनर्स की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रही हैं, जो पिछली कोविड लहरों के दौरान प्रभावित हुई थीं। कंटेनर शिपिंग लाइन एसोसिएशन (भारत) के कार्यकारी निदेशक सुनील वासवानी ने कहा कि चीन में बंदरगाह संचालन पर किसी भी प्रभाव के बारे भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ में अभी तक कोई आधिकारिक कम्युनिकेशन नहीं हुआ है। अगर स्थिति बिगड़ती है तो यह बंदरगाहों पर संचालन और उत्पादकता को प्रभावित कर सकती है। इससे कंटेनर मूवमेंट प्रभावित होगा और सप्लाई चेन बाधित होगी।
फूड कमोडिटी ट्रेड को लेकर चिंता
कमोडिटी ट्रेड के अधिकारियों ने कहा कि चीन में कोरोना के हालात ग्लोबल फूड कमोडिटी ट्रेड के सेंटिमेंट को प्रभावित कर सकते हैं। कमोडिटी विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा, 'चीन चावल, कपास, गेहूं, मक्का, सोयाबीन, चीनी, खाना पकाने के तेल जैसी कई वस्तुओं का सबसे बड़ा आयातक है। घरेलू कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार आने वाले समय में निर्यात और आयात पर कुछ प्रतिबंध लगा सकती है।
बढ़ेंगे भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ सोने के दाम
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकनॉमी पर महामारी का प्रभाव सोने की कीमतों (Gold Price Today) को बढ़ा सकता है। साल 2020 में कोविड की पहली लहर के दौरान भी ऐसा हुआ था। जब भी दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव या अस्थिरता आती है, तो सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिलता है।
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भारत, संयुक्त अरब अमीरात के बीच सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता लागू
सीईपीए, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक व्यापक पथ-प्रदर्शक व्यापार समझौते पर 18 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच एक आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौते पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री द्वारा हस्ताक्षर और आदान-प्रदान किया गया।
समझौते का महत्व
यह समझौता भारतीय और संयुक्त अरब अमीरात के व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा, जिसमें बढ़ी हुई बाजार पहुंच और कम टैरिफ शामिल हैं।
सीईपीए के माध्यम से अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है।
कुल मिलाकर, भारत को अपनी 97% से अधिक टैरिफ लाइनों पर संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रदान की जाने वाली तरजीही बाजार पहुंच से लाभ होगा I
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