मान लीजिए आपका वजन 58 किलो है और लंबाई 165 सेमी यानी 1.65 मीटर है। तो इसका बीएमआई निकालने के लिए 1.65 को 1.65 से गुना कीजिए और जो रिजल्ट आए, उससे 58 में भाग दे दीजिए। जो रिजल्ट आएगा वही आपका बीएमआई होगा।

सीजीपीए

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स्वस्थ इंसान का वजन उसकी लंबाई के हिसाब से होना चाहिए, जिसके लिए मानक निर्धारित है। किसी व्यक्ति की ऊंचाई और वजन का अनुपात बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स है। बीएमआई एक ऐसा कैलकुलेशन है, जिसके आधार पर आप यह जान पाते हैं कि आप लंबाई और वजन के हिसाब से संतुलित और स्वस्थ हैं या नहीं। बॉडी मास इंडेक्स का पता लगाने के लिए कई सारे ऑनलाइन और ऑफलाइन कैलकुलेटर उपलब्ध हैं। अब सवाल यह है कि यह किस फॉर्मूले पर काम करता है और इसका उपयोग कैसे करें? आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से:

बॉडी मास इंडेक्स की गणना करने के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर पर आपको अपनी लंबाई और वजन के बारे में जानकारी देनी होती है। ध्यान रहे कि अपनी लंबाई और वजन सही अंकित करें। बॉडी मास इंडेक्स किसी व्यक्ति की ऊंचाई और वजन का उपयोग करके एक सरल गणना होती है, जिसका सामान्य सा फॉर्मूला है:
बीएमआई = वजन / लंबाई स्कवायर
या
बीएमआई = वजन / (ऊंचाई आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? X ऊंचाई)

इनके लिए बीएमआई कैलकुलेटर (Body Mass Index Calculator) का उपयोग सही नहीं

बीएमआई का उपयोग बॉडीबिल्डरों, एथलीटों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों या छोटे बच्चों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। कारण कि इन मामलों में यह सही गणना नहीं कर पाता। दरअसल, बीएमआई इस बात पर ध्यान नहीं देता है कि क्या वजन को मांसपेशियों या वसा के रूप में लिया जा सकता है। जैसे गर्भवती महिलाओं का वजन केवल उनका नहीं होता, बल्कि इसमें होने वाले बच्चे का भी वजन शामिल होता है।

अगर आपकी ऊंचाई और वजन के आधार पर आपका बीएमआई इंडेक्स 18.5 से कम आता है तो समझ लें कि आपका वजन सामान्य से कम है और आपको इसे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अगर आपका बीएमआई स्तर 18.5 से 24.9 के बीच में है तो यह आदर्श स्थिति है। इस स्थिति में आपका वजन बिल्कुल फिट है और आपके लिए इसे मेनटेन रखना जरूरी है। वहीं, बीएमआई स्तर अगर 25 या अससे ऊपर है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। इस स्थिति में आपको डायबिटीज 2, दिल का रोग या स्ट्रोक होने की अधिक आशंका होती है जबकि 30 से अधिक बीएमआई होने पर मोटापे के सभी दुष्परिणामों के लिए तैयार रहें।

बीएमआई की सीमाएं

केवल बीएमआई नहीं हो सकता स्वस्थ शरीर और मानक वजन का आधार, उम्र और लिंग से भी पड़ता है असर बीएमआई (BMI) यानी बॉडी मास इंडेक्स को एक तरह से आपके शरीर की लंबाई और वजन का अनुपात कहा जा सकता है। बीएमआई ये तो बताता है कि आपके शरीर का वजन आपकी हाईट यानी लंबाई के अनुसार ठीक है या नहीं, लेकिन इसकी अपनी सीमाएं भी हैं। बीएमआई में ये पता लगना मुश्किल हो जाता है कि आपके शरीर के किस हिस्से में कितनी चर्बी यानी फैट जमा है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि बीएमआई स्वस्थ शरीर के वजन का एक संकेतक है, लेकिन इसकी सीमाएं हैं। बीएमआई शरीर की संरचना को ध्यान में नहीं रख सकता है। मांसपेशियों, हड्डी के वजन और फैट के कारण शरीर की अपनी विविधता है। ऐसे में केवल मानक बीएमआई के आधार पर स्वस्थ शरीर का आकलन किया जाना उचित नहीं है।

आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं?

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आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं?

हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं ? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं ? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।

हम औसत का प्रयोग इसलिए करते हैं क्योंकि दो देशों की आर्थिक स्थिति को जाने का यह सबसे अधिक सरल मापदंड हैं। किसी देश की आय को यदि उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाए तो हमें उसकी औसत आय प्राप्त हो जाती हैं। इसी प्रकार औसत विभिन्न विषयों के बारे में प्राप्त की जा सकती हैं।
हालांकि 'औसतें' तुलना के लिहाज़ से उपयोगी हैं, इससे आसमानताएँ छुपती हैं।
उदाहरण के लिए, दो 'देश क' और 'ख' देखते हैं। सरलता के लिए, हम जानते हैं की प्रत्येक देश में 5 निवासी हैं। निम्न तालिका में दिए आँकड़ों के अनुसार, दोनों देशों की औसत आय निकालिए।

देश 2007 में नागरिकों की मानसिक आय (रुपए में )
I II III IV V औसत
देश क 9500 10500 9800 10000 10200 10000
देश ख 500 500 500 500 48000 10000

CGPA की फुल फॉर्म क्या है ?

सीजीपीए की फुल फॉर्म Cumulative Grade Point Average होती है इसके अलावा हिंदी में इसे ‘औसत ग्रेड बिंदु’ कहा जाता है CGPA एक तरह का एजुकेशनल ग्रेडिंग सिस्टम कहलाता है।

सीजीपीए

CGPA में Grading नापने का तरीका

दोस्तों जहां तक हमारे देश भारत का सवाल है यहां पर CGPA ग्रेड परसेंटेज के आधार पर दिया जाता है मिसाल के तौर पर किसी स्टूडेंट के 90% से 100% के बीच नंबर आते हैं तो उसे CGPA के आधार पर A+ ग्रेड दी जाती है इसी प्रकार अलग-अलग परसेंटेज के लिए अलग-अलग ग्रेड दिए जाते हैं जिसे आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? हम आपको एक टेबल द्वारा समझा रहे हैं जो निम्नलिखित हैं

सीजीपीए की कैलकुलेशन कैसे करते हैं ?

कोई विद्यार्थी अगर अपना सीजीपीए स्कोर जानना चाहता है तो इसका तरीका बड़ा आसान है इसके लिए विद्यार्थी को सबसे पहले अपने सारे विषयों का CGPA ग्रेड का पता करना होता है इसके बाद उन सभी को जोड़ना होता है फिर आपके पास जितने भी सब्जेक्ट हैं उनकी संख्या से grade के टोटल को भाग कर दें इस कैलकुलेशन को करने से आपको आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? अपना Cumulative Grade Point Average ग्रेड पता चल जाएगा. इसको पता करने का तरीका बड़ा आसान है मिसाल के तौर पर आपके पास 5 सब्जेक्ट हैं और उसका सीजीपीए स्कोर इस प्रकार है।

  • हिंदी – 8.5
  • इंग्लिश – 8
  • सामाजिक विज्ञान – 8.5
  • साइंस – 9
  • मैथ – 9

इसके बाद इन सब को जोड़ना होगा।

अब जो टोटल आया है उसे सब्जेक्ट की संख्या से भाग करना होगा।

प्रतिशत में सीजीपीए की गणना कैसे करते हैं ?

परसेंटेज में Cumulative Grade Point Average की कैलकुलेशन करना और भी आसान है अगर कोई विद्यार्थी अपना सीजीपीए परसेंटेज निकालना चाहता है तो उसे अपना सीजीपीए को पता होना चाहिए इसके बाद सीजीपीए को 9.5 से मल्टीप्लाई करना होगा ऐसा करने से विद्यार्थी का अपना सीजीपीए परसेंटेज निकल आएगा। मिसाल के तौर पर अगर आपका Cumulative Grade Point Average स्कोर 8.6 है तो आपको उसे 9.5 से मल्टीप्लाई करना होगा।

तो इस प्रकार आपका सीजीपीए

तो दोस्तों आज हमने आपको सीजीपीए ग्रेड सिस्टम के बारे में बताया और यह भी बताया कि सीजीपीए ग्रेड क्या है और इसकी गणना कैसे करते हैं और इसका प्रतिशत कैसे निकालते हैं तो उम्मीद करते हैं कि आपको सीजीपीए के बारे में सब बातें पता हो गई होंगी।

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