क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

दूसरा पक्ष यह है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इनकार कर रही है. हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. यानि इनसे कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार

भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.

कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance

भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.

फिलहाल सरकार को ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है से कोई दिक्कत नहीं, न ही क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर मिलने वाले टैक्स से. लेकिन विडंबना यह है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को भी आतुर है. यह वही बात हो गई है कि कमरे में हाथी रखा है और सबने उसकी अपनी तरह से व्याख्या की है. भारत सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. एक ऐसा देश जो आईटी सेक्टर का हब हो, जहां 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो और जिसने डिजिटल इंडिया का ख्बाव देखा हो, वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के उदय के दौर में पिछड़ कर रह जाएगा.

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क्या आपको पता हैं क्यों बनाया गया था Bitcoin? वजह जानकार हो जाएंगे हैरान

क्या आपको पता है क्रिप्टोकरेंसी को इनवेस्टमेंट के लिए नहीं बनाया गया था. यहां पर आपको बता रहे हैं कैसे हुई थी क्रिप्टोकरेंसी की शुरूआत और क्या था इसको बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है बनाने का कारण.

Bitcoin

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 4:55 PM IST)
  • Bitcoin दुनिया की सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है
  • 2008 में फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद डिजिटल करेंसी के आइडिया को लाया गया था

Cryptocurrencies की लोकप्रियता पिछले कुछ टाइम में बहुत ज्यादा बढ़ी थी. इसमें कई लोग इनवेस्ट भी कर रहे थे. अब Cryptocurrencies की वैल्यू लगातार कम हो रही है. इसकी वजह Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency बिल को बताई जा रही है.

इस बिल के जरिए सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की तैयारी में है. इससे काफी इनवेस्टर्स चिंतित है. भारत में क्रिप्टोककरेंसी के भविष्य पर भी सवाल उठ रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है क्रिप्टोकरेंसी को इनवेस्टमेंट के लिए नहीं बनाया गया था. आइए आपको बताते हैं कैसे हुई थी क्रिप्टोकरेंसी की शुरूआत और क्या था इसको बनाने का कारण.

Bitcoin दुनिया की सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है. ये करेंसी कई इनवेस्टर्स की ये पहली च्वाइस होती है. साल दर साल इसने इनवेस्टर्स का भरोसा जीता है. किसी ने Bitcoin के क्रिएटर को नहीं देखा है. इस डिजिटल करेंसी को 2008 में बनाया गया था.

इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर साल 2009 में रिलीज किया गया था. Bitcoin बनाने वाला कोई एक व्यक्ति या ग्रुप Satoshi Nakamoto नाम से जाना जाता है. 2008 में Bitcoins से जुड़े एक एकेडमिक व्हाइट पेपर को अपलोड किया गया था.

इसका टाइटल Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System रखा गया. इसके बारे में कहा गया ये एक डिजिटल करेंसी है. इसपर किसी भी सरकार का कंट्रोल नहीं होगा ना ही सरकार इसमें दखल दे सकती है.

साल 2009 में इस सॉफ्टवेयर को रिलीज किया गया और Bitcoin नेटवर्क को लॉन्च किया गया. आज ये सॉफ्टवेयर ओपन सोर्स है और कोई भी इसे देख सकता है या कंट्रीब्यूट कर सकता है.

Bitcoins तीन प्रिंसीपल पर काम करता है. ये डिमांड और सप्लाई, क्रिप्टोग्राफी और डिसेंट्रेलाइज्ड नेटवर्क पर काम करता है. यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि 2008 में फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद डिजिटल करेंसी के आइडिया को लाया गया था.

Bitcoin सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी है. इस डिजिटल करेंसी का यूज गुड्स और सर्विसेज के एक्सचेंज वैल्यू लिए भी किया जाता है. Bitcoins करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. इसे मैसिव कंप्यूटिंग सिस्टम के जरिए माइन या प्रोड्यूस किया जा सकता है.

हालांकि, ये काफी टेक्निकल प्रोसेस है और इसके लिए इंटरनेट के साथ-साथ हैवी पावर सप्लाई भी चाहिए. इसकी वैल्यू ज्यादा होने की एक वजह ये है कि Bitcoin लिमिटेड अमाउंट में ही उपलब्ध है. अब कई कंपनियां Bitcoin में पेमेंट एक्सेप्ट करने लगी है.

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क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में

दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.

कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.

अवैध धंधों में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.

देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.

क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.

बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है

Ethereum जिसे Ether भी कहा जाता है। यह एक डिजिटल मुद्रा है और अगर कोई आप से पूछे कि Ethereum क्या है तो आप कह सकते हैं कि ये दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा वैल्युएबल डिजिटल मनी है। ये जिस टेक्नोलॉजी पर काम करता है उसे Ethereum Blockchain कहा जाता है। जिसका उपयोग Ethereum Network पर Smart Contract के संचालन के लिए किया जाता है।

Bitcoin की तरह Ethereum Network और Ether Token किसी भी सरकार या बैंक द्वारा जारी या नियंत्रित नहीं किए जा सकते। यह एक खुला नेटवर्क है जिसे इसके उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रबंधित किया जाता है। 2016 में Ethereum को दो अलग-अलग ब्लॉकचेन Ethereum और Ethereum Classic में विभाजित किया गया था। सितंबर 2019 तक बिटकॉइन के पीछे अथर्व दूसरी सबसे बड़ी Virtual currency थी।

बात बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है करें अगर Ethereum के वैल्यूएशन की तो 1 Ethereum, 1900 डॉलर के बराबर है। यह वैल्यूएशन हमेशा उपर नीचे होता रहता है। और Ethereum current market cap लगभग 231.98 बिलियन डॉलर है।

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Ethereum को किसने बनाया

सबसे पहले एक 19 साल के बिटकॉइन प्रोग्रामर जिनका नाम Vitalik Buterin है, इन्होंने साल 2013 में Ethereum को दुनिया के सामने लाया। यह Canada के निवासी हैं लेकिन इनका जन्म Russia में हुआ था।

  • Vitalik Buterin को Ethereum का सेटअप करने में 2 साल लगा था।
  • Vitalik Buterin और Canadian entrepreneur के साथ मिलकर Ethereum Switzerland GmBH की शुरुवात एक साल बाद की।
  • Vitalik Buterin ने Ethereum को कुछ इस प्रकार इंप्रूव किया कि यह बिटकॉइन से ज्यादा बेहतर है।

Bitcoin के जैसे ही यह एक Decentralised Payment Network है। जिसकी अपने Cryptography currency है। जिसे हम दुनिया में किसी भी जगह है इंटरनेट की मदद से भेज सकते हैं और ऐसा करने में हमें किसी थर्ड पार्टी या बैंक पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।

Ethereum Smart Contract क्या है?

स्मार्ट कांटेक्ट का उपयोग कंप्यूटर कोड का वर्णन करने के लिए किया जाता है जोकि धन-संपत्ति शेयर या मूल्य के कुछ भी आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान कर सकता है। Contract को कोड मैं लिखा जाता है, जिसे Creator Blockchain में अपलोड करते है।

जब किसी Contracts को execute किया जाता है तब सभी nodes जोकि नेटवर्क में मौजूद है उसे रन करते है, जिसके बाद ब्लॉकचैन में अपलोड किया जाता है और ऐसे ही उन्हें सार्वजनिक खाते में रखा जाता है। जोकि सैद्धांतिक रूप से Temper Proof होते हैं।

सभी कंप्यूटर्स जो इस नेटवर्क में स्थित है, वह सारे ट्रांजैक्शंस को ट्रैक कर रही होती है। इसलिए इसमें छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। यदि कोई छेड़छाड़ करता भी है तो तुरंत सभी को पता चल जाता है।

Ethereum सुरक्षित है या नही?

एथेरियम परियोजना को विभिन्न चरणों में बनाया गया है। वर्तमान में यह परियोजना दो चरण हैं। जिसे “होमस्टेड” कहा जाता है। एथेरियम नेटवर्क के विकास के लिए क्रमशः 4 सुनियोजित चरण है।

  1. फ्रंटियर
  2. होमस्टेड
  3. मेट्रोपोलिस
  4. सीनिटी

हालांकि एथेरियम अभी एक प्रौद्योगिक तकनीक है। क्योंकि यह प्रोग्राम अभी वर्चुअल मशीन पर चलाने की अनुमति देता है इसलिए यह बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है संभव है कि कुछ चीजें अभी भी गलत हो सकती है।

Ethereum का फ्यूचर क्या है?

दोस्तों अगर बात करें एथेरियम के फ्यूचर के बारे में तो निवेशकों का मानना है कि जिस तरह से एथेरियम का दिन प्रतिदिन ग्रोथ हो रहा है उसी हिसाब से आने वाले समय में एथेरियम में इन्वेस्ट करने के लिए सोचना नहीं पड़ेगा।

एथेरियम के तेज वृद्धि होने का कारण एक यह भी है कि इसमें बड़ी बड़ी कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन चेज आदि ने निवेश किया है।

Ethereum और Bitcoin में अंतर

  1. बिटकॉइन एक बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है तरह की करेंसी है और एथेरियम एक टाइप का लेजर टेक्नोलॉजी है जो कंपनी नए प्रोग्राम बनाने के लिए इस्तेमाल करती है।
  2. बिटकॉइन कम रॉबस्ट है और इसका वजन 1 पॉइंट जीरो है वही एथेरियम ज्यादा रॉबस्ट है और इसका वजन 2.0 है।
  3. एथेरियम में बिटकॉइन के मुकाबले माइनर्स ज्यादा प्रॉफिट कमाते हैं।
  • क्रिप्टो करेंसी क्या है? यह कैसे बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है काम करती है?

Ethereum के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

प्रश्न. एथेरियम कौन से देश से आया है?
उत्तर. मूल रूप से एथेरियम स्विट्जरलैंड के एक स्विस कंपनी ने स्थापित किया है। यह 2014 जून में Ethereum को डिवेलप करने के लिए बनाया गया था।

प्रश्न. कितने लोग एथेरियम का उपयोग करते हैं?
उत्तर. लगभग 121.5 मिलियन लोग एथेरियम का यूज़ करते हैं। और यह दिन-ब-दिन बढ़ रहा है।

प्रश्न. एथेरियम इतना पॉपुलर क्यों है?
उत्तर. एथेरियम एक बहुत ही आकर्षित करने वाली क्रिप्टो करेंसी है। इधर एक बहुत ही स्पेशल करेंसी है क्योंकि यह ऑनलाइन पेमेंट करने में किसी करेंसी का यूज नहीं करती। यह एथेरियम टोकन का यूज करता है ट्रांजैक्शन करने के लिए जिसे Smart Contract भी कहते हैं।

​Cryptocurrency- क्रिप्टोकरेंसी

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सिक्योर्ड है जो इसे जाली बनाये जाने या दो बार खर्च किया जाना लगभग असंभव बना देती है। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलाॅजी-कंप्यूटरों के एक डिपेरेट नेटवर्क द्वारा लागू एक वितरित लेजर-पर आधारित विकेंद्रित नेटवर्क है। क्रिप्टोकरेंसी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे किसी केंद्रीय प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए जाते जो उन्हें सैद्धांतिक रूप से सरकारी हस्तक्षेप या हेरफेर से प्रतिरक्षा प्रदान करती है।

प्रमुख बातें
- क्रिप्टोकरेंसी एक बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है नेटवर्क पर आधारित डिजिटल एसेट का एक रूप है जो कंप्यूटरों की एक बड़ी संख्या के बीच वितरित है। यह विकेंद्रित संरचना उन्हें सरकारी और केंद्रीय प्राधिकारियों के नियंत्रण के बाहर अस्तित्व बनाये रखने में सक्षम बनाती है।
-‘क्रिप्टोकरेंसी' शब्द इनक्रिप्शन टेक्नीक से लिया गया है जिसका उपयोग नेटवर्क की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- ब्लॉकचेन, जो ट्रांजेक्शनल डाटा की इंटीग्रिटी सुनिश्चित करने के लिए संगठनात्मक पद्धति है, कई क्रिप्टोकरेंसी के अनिवार्य घटक होते हैं।
- कई विशेषज्ञों का विश्वास है कि ब्लॉकचेन एवं संबंधित टेक्नोलॉजी वित्त् एवं कानून सहित कई उद्योगों को बाधित कर देगी।
- क्रिप्टोकरेंसी की कई कारणों से आलोचना की जाती है जिसमें अवैध गतिविधियों के लिए उनका उपयोग, एक्सचेंज दर अस्थिरता और उनमें अंतर्निहित अवसंरचना शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी को समझना
क्रिप्टोकरेंसी प्रणाली ऑनलाइन पेमेंट सिक्योर करने की अनुमति देती है जिनका डिनोमिनेशन वर्चुअल ‘टोकेन' के हिसाब से किया जाता है जिसका प्रतिनिधित्व प्रणाली के लिए आंतरिक लेजर एंट्रीज करती हैं। क्रिप्टो विभिन्न इनक्रिप्शन एल्गोरिदम और क्रिप्टोग्राफिक तकनीकों को संदर्भित करती है जो इन एंट्रीज, जैसेकि इलिप्टिकल कर्व इनक्रिप्शन, पब्लिक-प्राइवेट की पेयर्स और हैशिंग्स फंक्शंस की रक्षा करती है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार
पहली ब्लॉकचेन आधारित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन थी जो अभी भी सबसे लोकप्रिय और मूल्यवान बनी हुई है। आज विभिन्न फंक्शन और विनिर्देशों के साथ हजारों वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन नेटवर्क को कैसे नियंत्रित किया जाता है हैं। इनमें से कुछ बिटकॉइन के क्लोन या फोर्क हैं जबकि दूसरी नई करेंसियां हैं। बिटकॉइन 2009 में ‘संतोषी नाकामोटो' के छद्मनाम से किसी व्यक्ति या समूह द्वारा लांच किया गया।

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