शेफ़ ट्रेंड साइकिल
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एक अवधारणा के रूप में तकनीकी विश्लेषण काफी बड़ा और व्यापक है। इसमें सूचकों, पैटर्नों और चार्टों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होती है जिसका व्यापारी लाभ उठा सकते हैं। तकनीकी संकेतकों के मेजबानों के बीच, शेफ़ ट्रेंड साइकिल (एसटीसी) सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। शेफ़ सूचक मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (एमएसीडी) सूचक के समान है, परंतु यह सटीकता के एक बढ़े हुए स्तर के साथ आता है। आइए लंबी और छोटी स्थिति को समझना शेफ़ ट्रेंड साइकिल सूचक का थोड़ा गहराई से अध्ययन करते है और यह समझने की कोशिश करते हैं कि यह कैसे काम करता है।
शेफ़ ट्रेंड साइकिल क्या है?
1990 के दशक में इसे डौग शेफ़ नामक एक सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी द्वारा संकल्पित और विकसित किया गया था, शेफ़ ट्रेंड साइकिल एक दोलन सूचक है। एसटीसी सूचक का उपयोग व्यापक रूप से ट्रेंडों और उनकी दिशाओं की पहचान करने के लिए किया जाता है। कभी कभी इसका उपयोग व्यापारियों द्वारा ट्रेंड रिवर्सल की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है। शेफ़ ट्रेंड साइकिल के मूवमेंट के आधार पर, खरीदने या बेचने के संकेत उत्पन्न होते हैं, जो तब व्यापारियों द्वारा या तो लंबी या छोटी स्थितियों को आरंभ करने के लिए उपयोग किए जाते है।
शेफ़ सूचक इस अवधारणा पर कार्य करता है कि ट्रेंड चाहे तेजी या मंदी का हो, यह उच्चिष्ठ और निम्निष्ठ को दोहराने के साथ एक चक्रीय तरीके से पूर्ण होता है। इसका अनिवार्य रूप से अर्थ यह है कि हर ट्रेंड के अंत में, बाजार का मूवमेंट पलट जाता है और एक नया विपरीत ट्रेंड बनता है। उदाहरण के लिए, यदि बाजार ऊपर की ओर बढ़ रहा है, तो ऊर्ध्वमुखी ट्रेंड के अंत में, बाजार का मूवमेंट पलट जायगा और अधोमुखी ट्रेंड को अपना लेगा। और अधोमुखी ट्रेंड के अंत में, बाजार का मूवमेंट फिर से पलट जाएगा और एक ऊर्ध्वमुखी ट्रेंड को अपना लेगा। इस तरह का चक्रीय मूवमेंट निरंतर होता रहता है।
शेफ़ सूचक कैसा दिखाई देता है?
यदि आप सफेद शेफ़ सूचक रेखा (इसे सिग्नल लाइन के नाम से भी जाना जाता है) को बारीकी से ट्रैक करते हैं, लंबी और छोटी स्थिति को समझना तो आप देख सकते हैं कि यह ऊपर दी गई परिसंपत्ति की कीमतों के मूवमेंट का प्रतिनिधित्व करती है। इसके अलावा, आप यह भी देख सकते हैं कि यह बार-बार उच्चिष्ठ और निम्निष्ठ की ओर जाती है, जिससे इस तथ्य की पुष्टि होती है कि ट्रेंड चक्रीय तरीके से चलते हैं।
सूचक में ’25’ और ’75’ लेबल वाली दो अन्य क्षैतिज रेखाएँ भी शामिल हैं। ये दो रेखाएँ क्रमशः सूचक की निचली और ऊपरी सीमाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। सफेद रंग का छायांकित क्षेत्र सूचक की ऊपरी और निचली सीमाओं के ऊपर या नीचे बिताए गए समय का प्रतिनिधित्व करता है।
शेफ़ ट्रेंड साइकिल सूचक का उपयोग कैसे करें?
शेफ़ ट्रेंड साइकिल सूचक को समझना और उपयोग लंबी और छोटी स्थिति को समझना करना एक बहुत ही आसान है। जब भी सिग्नल लाइन शेफ़ सूचक पर ’75’ के निशान की ऊपरी सीमा से ऊपर जाती है, तो यह ‘अधिक्रीत’ क्षेत्र में परिसंपत्ति के प्रवेश का संकेत देती है। यह एक ‘बिक्री’ का संकेत उत्पन्न करता है क्योंकि बाजार स्वयं को सही कर सकता है और किसी भी समय ट्रेंड के पलटने की एक बड़ी संभावना है। इसलिए, जब व्यापारी ’75’ के निशान को पार करते हुए सिग्नल लाइन का सामना करते हैं, तो वे या तो परिसंपत्ति बेच सकते हैं और या तो बाजार से बाहर निकल सकते हैं, या वे ट्रेंड रिवर्सल से लाभ के लिए एक छोटी स्थिति की शुरुआत कर सकते हैं।
इसी प्रकार, जब भी सिग्नल लाइन शेफ़ सूचक पर ’25’ के निशान की निचली सीमा से नीचे आती है, तो यह ‘अधिविक्रीत’ क्षेत्र में परिसंपत्ति के प्रवेश का संकेत देती है। यह एक ‘खरीद’ का सिग्नल उत्पन्न करती है क्योंकि बाजार वापस ऊपर उछल सकता है और किसी भी समय ट्रेंड के पलटने की बड़ी संभावना है। इसलिए, जब व्यापारी ’25’ के निशान को पार करते हुए सिग्नल लाइन का सामना करते है, तो वे या तो आगामी मूल्य वृद्धि से लाभ उठाने के लिए एक लंबी स्थिति शुरू कर सकते है या अपनी छोटी स्थितियों को कवर करके बाजार से बाहर निकल सकते हैं।
जब सिग्नल लाइन दो चरम सीमाओं के बीच में पड़ती है, तो एक ट्रेंड का निर्माण होता है। परिस्थितियों के आधार पर, ट्रेंड या तो एक तेजी या मंदी का हो सकता है। व्यापारी स्थितियों की शुरुआत करने के लिए चल रहे ट्रेंड की इस जानकारी का उपयोग कर सकते हैं जो उन्हें लगता है कि वह उनके पक्ष में हो सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापारियों द्वारा मुख्य रूप से शेफ़ ट्रेंड साइकिल सूचक का उपयोग किया जाता है। यह इस तथ्य के कारण उपयोग किया जाता है लंबी और छोटी स्थिति को समझना कि यह केवल भारी मात्रा और तरल बाजारों पर अच्छी तरह से कार्य करता है। हालाँकि, सूचक काफी परिवर्तनशील है और अत्यधिक तरल इक्विटी काउंटरों पर भी कार्य करने के लिए इसे अपनाया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि शेफ़ ट्रेंड साइकिल अधिक्रीत और अधिविक्रीत स्तरों को इंगित कर सकते हैं। हालाँकि यह इस बात को इंगित करने में सक्षम नहीं है कि उन स्तरों में परिसंपत्ति के कितनी देर तक बने रहने की संभावना है। इसलिए, इस तकनीकी सूचक के आधार पर ट्रेडों की शुरुआत करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
लंबी और छोटी स्थिति को समझना
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बड़ी डोरी की अपेक्षा छोटी डोरी .
Updated On: 27-06-2022
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Solution : `tau=Ialpha = ml^(2)alpha`, अत: डोरो को लम्बाई (l) अधिक होने पर अधिक बल आघूर्ण लगाना होगा।
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Aap ko kya acha nahi laga
बड़ी दूरी की अपेक्षा छोटी दूरी के सिरे से पत्थर बांधकर कुमार आसान होता है कि वह ऐसा प्रश्न में हमसे पूछा गया दोस्तों इस को समझने के लिए हम दूर दूरी बना लेते हैं और उसको घुमा देते हैं मतलब दो डोरी से पत्थर बांधकर उसको कमारेते एक को ज्यादा दूरी से और एक को कम दूरी से और जो घूमेगा तो जो वह प्रिय पथ बनाएगा उस पथ को भी बना लेते हैं अब हम समझते कि लंबी और छोटी स्थिति को समझना यह ज्यादा बड़ी वृत्तीय पत्र और एक छोटी वृद्धि पर भी बना देते कुछ इस तरीके से ठीक है दोस्तों अब यहां यह मतलब यह केंद्र हो गया ना आज इस केंद्र के पड़ता यह वृत्तीय गति कर रहा है और यह वृत्तीय पथ हो गया इस पद पर गति कर रहे इस पत्थर यहां पर एक पत्थर में बना देता हूं इस पत्थर को हम बनेंगे एक डोरी से ठीक है यह पत्थर स्टोरी से बंधा हुआ है और यह इस पद में जो मैंने काले रंग से बनाया है पर इस पद के प्रथम व्यक्तिगत ही कर रहे हैं वैसे यहां पर एक पत्थर है सामान पत्थर ले लेते हम ठीक हैं लंबी और छोटी स्थिति को समझना आसान क्यों होता है वह भी बता देंगे और यह सिर्फ त्रिज्या पर निर्भर क्यों करता है त्रिज्या पर नहीं बाकी सभी चीजों पर
घर में सभी चीज संभाले दुसरीच्या भरोसे बदल दूं तो कम त्रिज्या वाला जो पत्थर है मतलब दूरी की लंबाई कम है तो घुमाना आसान क्यों होगा यह हम देख रहे हैं ठीक है तो दोस्तों दूरी की लंबाई से छुट्टी कर दी है तो तुझे हमारी छोटी हो गई और पहले क्या लंबी और छोटी स्थिति को समझना थी त्रिज्या बड़ी थी अब उसके पश्चात अगर हम देखे यहां पर तो क्या लिख सकते हैं कि पत्थर जो है उसका जड़त्व आघूर्ण लिखेंगे केंद्र के परिचय पत्र का क्या लिख रहा है जड़त्व आघूर्ण जिसको हम प्रदर्शित करते हैं आई से ठीक है और इसके परीक्षा ले रहे हैं केंद्र के प्रत्यावर्ती गति कर रहा है तो तू क्या जाएगा हमारे पास यह होता है आई बराबर जो पत्थर का दामाद है वह गुना लंबाई की घात 2 लंबाई क्या है यहां पर डोरी की लंबाई है या फिर ले सकते इसको हम भृत्य पद की त्रिज्या उसकी घाट में दो तो यह किसके लिए आ गया आइए छोटे वाले के लिए आ गया ठीक है अगर इसको हम लोग दूसरा भाग दूसरा केस कंसीडर कर रहे इसको कर रहे हैं पहला केस ठीक है तो इसको दूसरा ले रहे
हैं आज का पहला भाग ले रहा है पहली स्थिति ले रहा है तो दूसरी स्थिति के लिए जो जड़त्व आघूर्ण है उसमें त्रिज्या का मान आ रखा है छोटा ठीक है और पहले के लिए आई वांट बराबर क्या जाएगा यहां से एम गुना कैपिटल हर बड़ा वाला हार लंबी और छोटी स्थिति को समझना ठीक है कि हाथ में दो अब यहां पर दोनों का दामन समान लिए हैं हम शिवपुत्र जा में परिवर्तन किए हैं तो जो आर है कैपिटल और उसका मान क्या है बड़ा है मौला से इस तरीके से क्या हो गया कि आई वांट जो मनाएगा जड़त्व आघूर्ण इस पत्थर के लिए उसका मन क्या हो जाएगा इस पत्र के लिए जड़त्व आघूर्ण के मान से बड़ा हो जाएगा ठीक है दोस्तों अब जड़त्व आघूर्ण के बड़ा छोटा होने से यहां पर आसान और कठिन क्यों शब्द आ रहे हैं इसको समझना बाकी है तो हम देखते हैं कि अगर इस को घुमा रहे हैं ठीक है तो यहां पर हम एक प्रकार का आघूर्ण लगा है वाला गुंडा फुल तेज इसको ठीक है और उस बल आघूर्ण को अगर हम तो उसे प्रदर्शित करें और पहली स्थिति के लिए का लेटा हुआ तो उसका मन क्या होता है दोस्तों इस टाउन का मान होता है हमारे पास जड़त्व आघूर्ण का गुणा करते हैं हम यहां पे
आशियाने की कोनी वैसे ठीक है अल्फा उसे को नहीं पुरंदरचा देते थे वह में का दर्जा देते हैं ठीक है अब उसके पश्चात यह 222 कमान निकालेंगे तो उसके लिए भी जड़त्व आघूर्ण आएगा और टूटू के लिए ज्यादा धन कमाने टू है भगवान के लिए i1 है ठीक है तो दोनों के लिए को नहीं देखा कर हम सामान ले भी ले तो दोस्तों यह देख रहे कि आई पर निर्भर कर रहा है जो बोलना है वह तो यहां पर किसका भला गुना ज्यादा हो जाएगा i1 बड़ा है I2 से मतलब ताऊ वन जो है वह अधिक लगेगा कि सेट आउट उसे मतलब पहली स्थिति पर हमको अधिक बल आघूर्ण लगाना पड़ेगा ठीक है पहले से ही मतलब त्रिज्या अधिक होने पर बल आघूर्ण का मान अधिक लगेगा किस की अपेक्षा दूसरे की अपेक्षा ठीक है और दूसरे पर क्या लगेगा बल आघूर्ण का मान कम लगेगा ठीक है तो बल आघूर्ण कम लगने से बोल दो कि लगेगा वह भी कम लगेगा ठीक है तो दोस्तों कंबल लग रहा है इसीलिए हम को आसान लगता है कि कम दूरी वाले जो रस्सी है कम लंबाई वाले उसे पत्थर को बांधकर हम वृत्तीय गति पर घूम आए तो यह आसान लगता है क्योंकि
लंबी और छोटी स्थिति को समझना
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मात्रक, मापन तथा त्रुटि विश्लेषण
लम्बन विधि द्वारा पृथ्वी क .
Updated On: 27-06-2022
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Aap ko kya acha nahi laga
हेलो फ्रेंड हमें क्वेश्चन दिया गया है जिसमें उनसे पूछा गया है दूरी मापन की लंबाई विधि क्या है पृथ्वी से दूर स्थित खगोलीय पिंडों सूर्य तथा अन्य क्षेत्रों की दूरी किस विधि से कैसे ज्ञात करते हैं आयु दोस्तों को सबसे पहले यह समझने की लंबाई का मापन क्या होता है लंबाई का लंबाई के मापन में जैसे किसी भी दूरी को हमें नापना हो जैसे में मीटर पैमाने से हम कुछ छोटी बच्चियों की लंबाई आना सकते हैं जैसे किसी घर का एरिया ना अपने घर का चित्र बनाना है मैं या कोई कपड़ा मीटर में नापना है या कनकार्डिस बुढ़िया साइज नापने तुम सब के लिए छोटी-छोटी जिसके लिए 7
- 4 मीटर की लंबाई दोस्तों बनिया जिसके लिए इसको वर्नियर कैलिपर्स भी बोलते हो क्या अब इसके बाद मान लीजिए हमें कोई बहुत लंबी रिया बड़ी दूरियां ना अपनी है जिसमें दिव्य ज्ञान दूरी मापन की विधियां होती है तो बहुत बड़ी-बड़ी दूरियां बहुत बड़ी-बड़ी दूरियां जैसे बहुत बड़ी-बड़ी दूरियां जैसे कि मान लीजिए 11 तारीख की पृथ्वी से दूरी ग्रहों व जानकी पृथ्वी से दूरी से दूरी ऐसी दूरियों को नापने की विधि कौन क्या बोलते हैं दोस्तों नंबर बिजी बोलते हैं ठीक है और इसे हम किसी भी तो पैमाने से तो बात
नहीं कर सकते हैं ना दोस्त को ज्ञात करने के लिए हमारे पास जो विधि होती है उसको भी यही समझते हैं नंबर भी दे क्या होती है और कैसे इसका उपयोग करते हैं जैसे मान लीजिए कोई दूरस्थ ग्रह है प्लेनेट को पीसी मान लिया और उसकी दूरी भी हमें दी हुई है ठीक है मान लीजिए की दूरी कितनी दूरी है दीदी पर एक ही समय पर देखते हैं और ए बी के बीच की दूरी हमको के बीच की दूरी दे रखी है वह मान लीजिए टीवी के बीच की जोड़ी small.pdf ठीक है ठीक है क्योंकि ग्रह जो है पृथ्वी से बहुत अधिक
दूरी पर है ठीक है तो मान लीजिए जो हमारा भी बैठे दी कमान आएगा वह जो है बहुत ही छोटा होगा इसलिए जो हमारा कौन बनेगा ठीक था वह भी बहुत छोटा बनेगा रीजन में बनाना चाहिए इस तरीके से बना सके ऐसी मान लीजिए कि जो हमारा ग्रह ठीक है नानी जी ठीक हमारा कौन होगी यह हमारी शादी के अभी जस्ट दूरियां अबे साले जो कितनी डिस्टेंस पर है दोस्ती पर इससे हम उपग्रह को देख रहे हैं मोदी के निर्धारण को पश्चात जाऊंगी राजकुमार आएगा दोस्तों बी बराबर 40 दोस्तों
बेटा सीता अगर प्यास हो तो अल्फा से कौन ही मां को तुम उसको भी ज्ञात कर सकते हैं ठीक है दोस्तों इस तरीके से जो हम दोनों देशों के बीच बने हो तो मिल जाएगा तो हम उससे कह के बीच की दूरी बिक्री को प्राप्त कर लेंगे समझ में दोस्तों आपको यह वीडियो पसंद आया हो
अपनी कार को कितना समझते हैं आप? छोटी बातों का ख्याल रखकर बचा सकते हैं हजारों रुपये
जब हम एक नई कार खरीदते हैं तो उसके बारें में जानकारी लेने की कोशिश करते हैं।आज हम आपके लिए आपकी कार से जुड़ी 5 खास बातें बताने जा रहे हैं।जिससे आप अपनी कार को खुद से ठीक कर सकते हैं और हजारों के खर्च को बचा सकते हैं ।
नई दिल्ली , ऑटो डेस्क। अगर आप पहली बार कार के मालिक बने हैं तो आपको इन खास बातों के बारें में जानना सबसे जरूरी है। कार खरीदने के बाद आपको इसका ख्याल रखना चाहिए । इससे ना सिर्फ आपको कार बंद होने की स्थिति में मदद मिलेगी बल्कि इसे अगर आप कहीं लंबी यात्रा पर जा रहे हैं तो उस समय भी आपको काफी मदद मिलेगी। इन खास बातों को अगर आप जान लेंगे तो बार -बार आपको मैकेनिक के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
कार के लंबी और छोटी स्थिति को समझना बेसिक मैनुअल को जरूर पढ़ें-
जब भी आप एक नई कार खरीदे सबसे पहले कार के बेसिक मैनुअल को जरूर पढ़ें । भले ही कोई मैनुअल का प्रत्येक पेज न पढ़ें, लेकिन बेसिक जानकारी तो जरूर पढ़ें। इसमें ऐसी कई चीजें शामिल होती है , जिसके बारें में वाहन चलाने वाले को पता नहीं होता । इसमें बेसिक मेंटेनेंस के साथ इंश्योरेंस, गाड़ी की अगली सर्विस, और कौन सा पार्ट कहा है इन सभी की जानकारी लिखी होती है। कि कार को बंद करने से पहले क्या करना चाहिए ये सभी जानकारी इस बुक में मिल जाएगी।
समय पर कार के ऑयल को बदलते रहें -
अगर आप चाहते हैं कि आपकी कार लंबे समय तक चले और इसका इंजन लंबे समय तक चले, तो इसलिए समय पर ऑयल को बदलते रहें। जब भी आप देखें ऑयल घिस चबका या फिर खराब हो चुका है तो इसे समय रहते हैं बदल ले। इसे बदलवाने के लिए आप मैकेनिक के पास जा सकते है। मैकेनिक ऑयल को बदलने की सलाह 5000 से 7000 किलोमीटर चलने के बाद देते हैं। आप ऑयल की जांच इसे बाहर निकाल कर भी कर सकते हैं।
कार ड्राइव करते समय वार्निंग लाइट्स पर नजर रखें
जब भी आप कार ड्राइव करें तो वार्निंग लाइट्स पर नजर बनाकर रखें, कार में अलग से फ्यूज जरुर रखें। वार्निंग सिंबल इंजन से ही कनेक्ट रहता है। इंजन की फिटिंग की जानकारी किस से मिलती रहती है। कुछ लोग कार चलाते समय इस पर ध्यान नहीं देते हैं जिससे बाद में उनको कोई परेशानी का सामना करना पड़ता है।
समय पर टायर प्रेशर की जांच करें
कही पर भी जाने से पहले एक बार कार के टायर की जांच कर ले ताकि आपकी बीच रास्ते में किसी परेशानी का सामना ना करना पड़ें। आप पेट्रोल पंप पर जाकर भी एयर प्रेशर की जांच करवा सकते हैं। अगर आपके कार में हवा कम होगी तो इससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ सकती है।
Explainer : घर खरीदें या किराये पर रहें? किससे मिलेगा ज्यादा फायदा, समझें दोनों में अपने फायदे का गणित
ज्यादातर नौकरीपेशा लोगों के सामने एक समय के बाद घर खरीदने को लेकर संशय की स्थिति बन जाती है.
आप अगर घर खरीदने या किराये पर रहने में से कोई फैसला करते हैं तो आपकी छोटी और लंबी दोनों अवधि की वित्तीय स्थिति पर सीधा . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : August 23, 2022, 16:48 IST
हाइलाइट्स
45 लाख रुपये के होम लोन पर करीब-करीब 45 हजार रुपये तक ईएमआई चुकानी होगी.
60 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी पर इस समय औसतन 17 हजार रुपये तक किराया है.
रेपो रेट घटने और बढ़ने का होम लोन की ईएमआई पर भी सीधा असर पड़ता है.
नई दिल्ली. देश के छोटे शहरों, कस्बों, गांवों से लोग नौकरी, प्रोफेशन या बिजनेस के लिए मेट्रोपॉलिटिन और कॉस्मोपॉलिटिन शहरों का रुख करते हैं. शुरुआती दौर में किराये पर रहने के बाद जब कमाई ठीकठाक होने लगती है तो लोगों के दिमाग में सबसे पहला ख्याल मकान या फ्लैट खरीदने का आता है. हालांकि, इस दौरान ज्यादातर लोगों के दिमाग में ये सवाल बार-बार उठता है कि क्या अपना घर खरीदना किराये पर रहने से बेहतर रहेगा? आज हम ऐसे कुछ प्वाइंट्स पर चर्चा करेंगे, जिससे आपको इस सवाल का जवाब तलाशने में कुछ हद तक मदद मिलेगी.
आप अगर घर खरीदने या किराये पर रहने में से कोई फैसला करते हैं तो आपकी छोटी और लंबी दोनों अवधि की वित्तीय स्थिति पर सीधा असर पड़ता है. आप अपना फैसला अपनी मौजूदा आर्थिक हालत, भविष्य के वित्तीय लक्ष्य, आने वाले बड़े खर्च, संभावित इमरजेंसी फंड्स की दरकार, सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर तय करते हैं. आसान शब्दों में समझें तो आप तय करते हैं कि अगले 20 साल में आपको कौन-कौन से बड़े खर्च करने हैं, तब तक आपकी आर्थिक हालत कैसी होगी और आपको होम लोन के एवज में कितना भुगतान करना होगा?
घर खरीदने या किराये पर लेने में शुरुआती खर्च
अगर आप दिल्ली या नोएडा में 60 लाख रुपये तक का फ्लैट किराये पर लेते हैं तो आपको हर महीने औसतन 12-17 हजार रुपये का भुगतान करना होगा. इसमें मेंटेनेंस फीस भी शामिल है. वहीं, अगर आप यही घर खरीदते हैं तो आप 60 लाख रुपये की कीमत पर 15 लाख रुपये डाउन पेमेंट करेंगे. बाकी 45 लाख रुपये आप बैंक से होम लोन लेंगे. इस पर आपको करीब-करीब 40-45 हजार रुपये तक ईएमआई चुकानी होगी. साफ है कि घर खरीदने पर आप पर एकसाथ दो बड़े खर्च का बोझ पड़ेगा. पहला, एकमुश्त दिया जाने वाला डाउन पेमेंट और इसके बाद हर महीने की भारी-भरकम किस्त. वहीं, रेपो रेट बढ़ने या घटने का असर ईएमआई पर भी पड़ेगा.
लंबी अवधि में कितना पड़ेगा आर्थिक बोझ
अगर आप 20 साल की अवधि का होम लोन लेकर आज कोई प्रॉपर्टी 60 लाख रुपये में खरीदते हैं तो कर्ज खत्म होते इस घर की कीमत आपको दोगुने के आसपास पड़ती है.
घर की कीमत – 60 लाख रुपये
डाउन पेमेंट – 15 लाख रुपये
औसत ईएमआई – 45,000 X 12 X 20 = 1,08,00,000 रुपये
कुल कीमत – 1,23,00,000 रुपये
वहीं, अगर किराये में सामान्य वृद्धि के आधार पर मानें तो औसतन इतनी कीमत के फ्लैट के लिए आपको अगले 20 साल में 20 हजार रुपये प्रति माह का भुगतान करना होगा. ऐसे में आप अगले 20 साल में सिर्फ 48 लाख रुपये का भुगतान करेंगे. साफ है कि किराये के मकान में रहना ज्यादा फायदे का सौदा है.
मकान-फ्लैट के दाम में हो रहा कम इजाफा
आप अपने घर के लिए किए गए ज्यादा भुगतान को सही साबित करने के लिए ये तर्क भी दे सकते हैं कि अगले 20 साल में उसकी कीमत में भी बड़ा उछाल आएगा. हम आपको बता दें कि हाल के वर्षों के ट्रेंड को देखते हुए कहा जा सकता है कि पहले की तरह अब प्रॉपर्टी के दाम में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो रही है. पहले 4 या 5 साल में प्रॉपर्टी की कीमत दोगुना हो जाती थी, लेकिन अब 10 साल में दोगुना होने का दावा भी नहीं किया जा सकता है.
नौकरी बदलने के साथ बदल सकती है जगह
मौजूदा दौर में ज्यादातर युवा तेजी से नौकरी बदलने में ज्यादा भरोसा करते हुए नजर आते हैं. इससे उन्हें पद और वेतन दोनों में तेजी से बड़ा फायदा मिल जाता है. इसमें सबसे बड़ी बात यही है कि आपके बहुत लंबे समय तक एक ही शहर में रहना भी तय नहीं होता है. कुछ लोगों को तो ये भी पक्का पता नहीं होता कि वे भारत में कब तक काम कर पाएंगे. इसके अलावा दिल्ली, मुंबई जैसे कुछ शहर इतने बड़े हैं कि उनमें एक जगह से दूसरी जगह जाने में ही घंटों का वक्त लग जाता है. ऐसे में आपको यह खुद तय करना होगा कि आपको किराये पर घर लेना है या अपना घर खरीदना है.
कोरोना के बाद काफी बदली है तस्वीर
रियल एस्टेट एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद लोगों के लिए अपना घर फाइनेंशियल से ज्यादा सिक्योरिटी और मानसिक सुकून का मामला बन गया है. उन्होंने बताया कि दिल्ली एनसीआर में कोरोना के बाद फ्लैट की कीमतों में औसतन 20 फीसदी और जमीन के दाम में औसतन 80 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि इस समय लोगों की प्रायॉरिटी में अपना घर खरीद लेना है; यही नहीं, लोगों को अगर 2 बेडरूम, हॉल, किचिन फ्लैट की जरूरत है तो वो 3 बेडरूम, हॉल, किचिन का फ्लैट खरीद रहे हैं. उनके मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान विदेश में नौकरी करने वाले लोगों को भी ये समझ आया कि भारत में भी उनके पास कम से कम एक प्रॉपर्टी होनी चाहिए.
घर खरीदना ना हो तो क्या करें
अगर आप घर नहीं खरीदना चाहते हैं तो जिस फ्लैट में किराये पर रह रहे हैं उसकी ईएमआई कैलकुलेट करें. फिर उसमें से किराया घटाकर बाकी रकम एसआईपी में डाल सकते हैं. अब मान लीजिए कि आप किसी फ्लैट में 20,000 रुपये किराया देकर रहते हैं. इस घर को खरीदने पर आपको 45 हजार रुपये ईएमआई देनी होगी. अनुमानित ईएमआई में से किराया घटाएंगे तो 25 हजार रुपये बचेंगे. इस रकम को हर महीने सिप में निवेश करते रहें. अगर इस निवेश पर औसत 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिले और कंपाउंडिंग का रूल लगाएं तो 20 साल में आपके पास 1 करोड़ से भी ज्यादा रकम इकट्ठी हो जाएगी. वहीं, अगर डाउन पेमेंट के 15 लाख को एकमुश्त निवेश कर दें तो कई निवेश विकल्पों में ये रकम भी तगड़ा रिटर्न दे देगी.
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