Share Market Open: महंगाई के आंकड़ों का इंतजार में सपाट खुले बाजार; निफ्टी 18,350 के ऊपर

Share Market Open आज भारतीय शेयर बाजार सपाट खुले हैं। बाजार में मेटल आईटी रियलिटी इंफ्रा ऑटो और कमोडिटी इंडेक्स बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। वहीं सरकार सोमवार को अक्टूबर के महंगाई के आंकड़े जारी कर सकती है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सोमवार को सपाट हुई है। बाजार के दोनों मुख्य सूचकांक लगभग सपाट खुले। हालांकि शुरुआती कारोबार के बाद बाजार का रुख तेजी का हो गया। खबर लिखे जाने तक बीएसई सेंसेक्स 84 अंक या 0.14 प्रतिशत बढ़कर 61,864 अंक पर और एनएसई निफ्टी 31 अंक या 0.17 प्रतिशत चढ़कर 18,381 अंक पर आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें कारोबार कर रहा था।

आज ही शुरू करें अपना शेयर मार्केट का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX

Share Market 21 December 2022, See Details Of NSE, BSE

निफ्टी में मेटल, आईटी, रियलिटी,इंफ्रा,ऑटो और कमोडिटी इंडेक्स में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है, जबकि सरकारी बैंक, फार्मा, एफएमसीजी, मीडिया, एनर्जी और आयल एवं गैस इंडेक्स बाजार पर दवाब बनाने का काम कर रहे हैं।

टॉप गेनर्स और लूजर्स

निफ्टी पैक में हिंडालको, टाटा स्टील, अपोलो हॉस्पिटल, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा, ग्रासिम, बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व,अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, हीरो मोटोकॉर्प, आयशर मोटर्स, यूपीएल, बजाज फाइनेंस, एमएंडएम, सिप्ला, एचसीएल टेक और टाइटन बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। डॉ रेड्डी लैब्स, डिवीज लैब्स, सन फार्मा, एसबीआई, पावर ग्रिड, एचयूएल, मारुती सुजुकी, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी और रिलायंस में गिरावट के कारोबार हो रहा है।

Stock Market Opening: Sensex up 200 points, Nifty around 18,450; all sectors in green

महंगाई कम होने की उम्मीद

बता दें, केंद्र सरकार आज अक्टूबर माह के महंगाई के आंकड़ों को जारी करेगी। पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अक्टूबर के आंकड़ों में खुदरा महंगाई 7 प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है। पिछले महीने जारी सितंबर के आंकड़ों में ये 7.41 प्रतिशत रही थी।

Share Market Close Today (Jagran File Photo)

रुपये में तेजी

डॉलर के मुकाबले रुपये में सोमवार को तेजी देखने को मिली। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 25 पैसे बढ़कर 80.53 के स्तर पर खुला। रुपये में तेजी का कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूती बताने वाला डॉलर इंडेक्स में गिरावट आना है और यह गिरकर 106 के आसपास पहुंच गया है।

Share Market Opening: आज शेयर बाजार खुलते ही हुआ कुछ ऐसा, निवेशकों को बिल्कुल नहीं थी इसकी उम्मीद

Share Market Tips: FII ने 1 अगस्त को शुद्ध रूप से 2,320.61 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने शुद्ध रूप से 822.23 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. वहीं शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव बना हुआ है.

alt

5

alt

5

alt

7

alt

5

Share Market Opening: आज शेयर बाजार खुलते ही हुआ कुछ ऐसा, निवेशकों को बिल्कुल नहीं थी इसकी उम्मीद

Share Market Update: शेयर बाजर (Stock Market) में पिछले चार सत्रों से तेजी देखने को मिली है. हालांकि मंगलवार को शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट देखी गई है. चार सत्रों से हरे निशान में आए बाजार को मंगलवार को लाल निशान में देखकर निवेशकों को शुरुआती झटका लगा. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) ने गिरावट के साथ शुरुआत की है. वहीं कई दूसरे इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार करते हुए दिखाई दिए हैं. चार सत्रों की तेजी के बाद निवेशकों को कम उम्मीद थी कि मार्केट आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें आज लाल निशान में खुलेगा. हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है.

गिरावट के साथ खुला बाजार

मंगलवार 2 अगस्त 2022 को सेंसेक्स 64.96 अंक (-0.11%) की गिरावट आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें के साथ 58049.02 के स्तर पर खुला. इसके अलावा निफ्टी में भी गिरावट देखने को मिली है. निफ्टी 29.90 अंक (-0.17%) लुढ़क कर 17310.15 के स्तर पर खुला है. वहीं शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स एक बार फिर से 58 हजार के स्तर के नीचे आ गया. बाजार के शुरुआती 5 मिनट में ही सेंसेक्स ने 57910.46 का लो लगा दिया. वहीं इसका हाई 58050.87 रहा. इसके अलावा निफ्टी ने 17268.20 का लो लगाया और इसका हाई 17310.15 रहा.

विदेशी बाजार भी कमजोर

NSE पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 1 अगस्त को शुद्ध रूप से 2,320.61 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने शुद्ध रूप से 822.23 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. वहीं अमेरिकी बाजार निचले स्तर पर बंद हुए और एशियाई बाजार में कमजोरी बनी हुई है.

सोमवार तक ऐसा रहा बाजार का हाल

इससे पहले सोमवार को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में चार कारोबारी सत्रों से जारी तेजी के बीच निवेशकों की पूंजी 12.74 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है. बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को 545.25 अंक की छलांग के साथ 58,115.50 अंक पर पहुंच गया. बीएसई में तेजी का यह लगातार चौथा दिन रहा था. इन चार दिन में सेंसेक्स 2,847.01 अंक यानी 5.15 प्रतिशत चढ़ गया.

चार दिनों में बढ़ी पूंजी

शेयर बाजार में दिख रहे इस उत्साही माहौल में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण पिछले चार दिन में 12,74,885.77 करोड़ रुपये बढ़कर 2,70,29,915.21 करोड़ रुपये हो गया था. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘मजबूत वैश्विक संकेतों और वाहनों की बिक्री बढ़ने से घरेलू बाजार में तेजी का एक और दौर देखने को मिला. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के फिर से लिवाल होने से भी उत्साह बढ़ा है.’’

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है परंपरा?

Diwali Muhurat Trading 2022: शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।

Diwali Muhurat Trading 2022

दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

पांच दशक पुरानी है यह परंपरा

शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ

मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।

पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार

पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।

विस्तार

दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

पांच दशक पुरानी है यह परंपरा

शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ

मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।

पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार

पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

जब किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने वाले लोग अधिक हों और उसके कम शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध हों, तो शेयरों का भाव बढ़ जाता है

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

अब हम आपको बताते हैं कि किस वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आता है और शेयरों के भाव चढ़ते-गिरते हैं:
आम समझ यह है कि जब किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने वाले लोग अधिक हों और उसके कम शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध हों, तो शेयरों का भाव बढ़ जाता है. इसके साथ ही कई अन्य वजहें भी हैं, जिनकी वजह से शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव आता है.

यदि दो देशों के बीच कारोबारी और रणनीतिक संबंध बेहतर बनने की उम्मीद हो तो अर्थव्यवस्था की तरक्की के हिसाब से निवेशक शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं.

मसलन भारत-चीन के बीच बेहतर कारोबारी संबंध से अमेरिकी या यूरोपीय निवेशकों को भारत की ग्रोथ रेट बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाती है. वे भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं.

इन कारणों का भी पड़ता है असर:
* भारत कृषि प्रधान देश है. अगर मौसम विभाग मानसून की अच्छी बारिश का अनुमान लगाता है तो शेयर बाजार में तेजी आती है. निवेशक यह अनुमान लगाते हैं कि अच्छी बारिश से अनाज का ज्यादा उत्पादन होगा. मतलब यह कि कृषि आधारित उद्योग की तरक्की ज्यादा होगी.

इन उद्योग में ट्रैक्टर, खाद, बीज, कीटनाशक, बाइक एवं FMCG कंपनियां शामिल हैं. निवेशकों को लगता है कि इन कंपनियों का कारोबार और मुनाफा बढ़ेगा. इनसे जुड़ी कंपनियों के शेयरों की खरीदारी बढ़ जाती है.आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें

* यदि रिज़र्व बैंक मैद्रिक नीति की घोषणा में ब्याज दर में कमी करे तो कर्ज की दर सस्ती होगी. इससे बैंक से लोन लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी और अंत में बैंकों का लाभ बढ़ेगा. इस वजह से निवेशक बैंक एवं NBFC के शेयरों की खरीदारी करते हैं और उनके भाव में तेजी आती है.

* RBI की मौद्रिक समीक्षा (ब्याज दर में कमी या वृद्धि), सरकार की राजकोषीय नीति (कर की दरों में तेजी-नरमी), वाणिज्य नीति, औद्योगिक नीति, कृषि नीति आदि में किसी बदलाव की वजह से इन क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों के शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव होता है.

*अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव पर दुनिया भर की नजरें होती हैं. निवेशक मानते हैं कि अगर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ीं तो विदेशी निवेशक भारत जैसे बाजार से पैसे निकल कर वहां लगायेंगे. इस वजह से यहां शेयर बाजार में बिकवाली शुरू हो जाती है. इससे बाजार में कमजोरी आती है.

*अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम भी शेयरों के भाव पर असर डालते हैं. हाल में शुरू ट्रेड वार, उत्तर-कोरिया विवाद, रूस-अमेरिका विवाद की वजह से युद्ध की आशंका की वजह से निवेशक शेयर से पैसे निकाल कर सोने में निवेश करते हैं. इस वजह से शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव होता है.

* बजट पेश करने के दौरान की गयी सरकार की पॉजिटिव या निगेटिव घोषणाओं की वजह से भी शेयरों के भाव ऊपर-नीचे होते हैं.

* देश में राजनीतिक स्थिरता (बहुमत की सरकार या गठबंधन की), राजनीतिक वातावरण जैसे कारण भी निवेशकों के निर्णय को काफी हद तक प्रभावित करते हैं. राज्यों के विधानसभा नतीजे भी शेयर बाजार पर असर डालते हैं. मौजूदा सरकार की जीत से उसकी नीतियों के जारी रहने का भरोसा बना रहता है, इससे निवेशक खरीदारी शुरू करते हैं जिससे बाजार में तेजी आती है.

* समूह प्रभाव (herd effect) की वजह से भी शेयर बाजार में अधिक बिकवाली या खरीदारी की जाती है. इसकी वजह कभी कोई अफवाह या गुप्त जानकारी हो सकती है. बड़ी संख्या में एक साथ बिकवाली या खरीदारी की वजह से शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव होता है. कभी-कभी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव डर या अनिश्चितता की वजह से भी होता है.

हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिएयहां क्लिक करें.

आखिर अब ऐसा क्या हुआ जो विदेशी निवेशकों ने आज शेयर बाजार पर क्या उम्मीद करें भारत से 5 दिन में निकाल लिए 17000 करोड़ रुपये, क्या होगा शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों का

FII Selling in India- बीते कुछ दिनों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में तेज बिकवाली की है. उन्होंने महज 5 दिन में 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निकाल लिए है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों के पास हर गिरावट पर खरीदारी का अच्छा मौका है.

आखिर अब ऐसा क्या हुआ जो विदेशी निवेशकों ने भारत से 5 दिन में निकाल लिए 17000 करोड़ रुपये, क्या होगा शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों का

Stock Market India- भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से गिरावट आ रही है. इसके पीछे मुख्य वजह एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs-Foreign institutional investors) की बिकवाली को बताया जा रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये बिकवाली का दौर अगले महीने भी जारी रह सकता है. हालांकि, नए साल में एफआईआई के लौटने की उम्मीद है.

आपको बता दें कि 19 अक्टूबर को सेंसेक्स ने 62261 का उच्चतम स्तर छुआ था. तब से अब बाजार में गिरावट का दौर जारी है. ये गिरकर 58680 के स्तर पर आ गया है. इस दौरान सेंसेक्स में 3581 अंक की गिरावट आई है.

विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से निकाल लिए 87 हजार करोड़ रुपये

सेबी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने नवंबर में 17900 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. वहीं, मौजूदा फाइनेंशियल ईयर यानी 1 अप्रैल से अब तक 87000 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार से निकाले है. वहीं, घरेलू निवेशकों ने नवंबर में 13000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है. जबकि, इस वित्त वर्ष में 69000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे है.

ऐसा क्यों हुआ

शेयर बाजार से जुड़े एक्सपर्ट्स ने TV9 डिजिटल को बताया कि विदेशी निवेशकों के भारत से पैसे निकालने की बड़ी वजह अमेरिका है. उन्होंने बताया कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने कोरोना से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए राहत पैकेज दिया था. इस पैकेज के तहत सीधे रकम आम लोगों को मिली. उस समय कई और कदम अर्थव्यवस्था के लिए उठाए गए थे.

अब उन राहत कदमों को वापस लेने की तैयारी है. इसमें से एक है ब्याज दर पर फैसला. अगले महीने अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ा सकता है. ऐसे में भारतीय बाजार पैसा लगाने के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं रहेंगे.

अमेरिकी डॉलर में तेजी आएगी. इससे रुपये में कमजोरी बढ़ेगी. इसीलिए निवेशक फिर से अमेरिकी बाजारों की ओर लौट रहे है. बेंचमार्क यूएस 10 साल के ट्रेजरी यील्ड में तेजी से वृद्धि हुई, जिससे यूएस और भारत के बीच यील्ड अंतर कम हो गया.

अब क्या करें भारतीय निवेशक

एस्कॉर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने TV9 डिजिटल को बताया कि छोटे निवेशकों के पास ये खरीदारी का अच्छा मौका है. क्योंकि देश की आर्थिक ग्रोथ पटरी पर लौट आई है. आने वाले दिनों में इसके और बेहतर होने की उम्मीद है. लिहाजार बैंकिंग और फाइनेंशिय कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाना सही फैसला होगा.

कौन-कौन से देशों के लोग भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं

भारत में पैसा लगाने वाले विदेशी निवेशकों में अमेरिका की 34 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बाद मॉरीशस (11 फीसदी), सिंगापुर (8.8 फीसदी), लग्जमबर्ग (8.6 फीसदी), ब्रिटेने (5.3 फीसदी), आयरलैंड (4 फीसदी), कनाडा (3.4 फीसदी), जापान (2.8 फीसदी) और नॉर्वे व नीदरलैंड (2.4 फीसदी) का नंबर आता है.

इन 10 देशों के पास भारतीय एफपीआई निवेश की 83 फीसदी हिस्सेदारी है. इक्विटी निवेश की बात करें, तो अमेरिका की 37 फीसदी है, जिसके बाद 11 फीसदी के साथ मॉरीशस का नंबर है. डेट निवेश में सिंगापुर (29 फीसदी) टॉप है और लग्जमबर्ग (11 फीसदी) दूसरे नबंर पर है.

रेटिंग: 4.84
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 369