मछली के बीज या जीरा तालाब में डालने से पहले इसे साफ करना आवश्यक है. तालाब से सभी जलीय पौधे, खाऊ मछलियों को निकाल दें. देशी मछलियों की किस्मों में कतला, रोहू, मृगल और विदेशियों मछलियों में सिल्वर कार्प, ग्रांस कार्प और कॉमन कार्प सबसे अच्छा उत्पादन देती हैं. किसान चाहें तो बायोफ्लॉक मछली पालन के लिए अपनी सहूलियत के हिसाब से छोटे या बड़े टैंक बनवा सकते हैं.
बिजनेस में चाहिए डबल मुनाफा
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Fly Ash Bricks Business Idea: सिर्फ 2 लाख रुपये में ही शुरू हो सकता है ये बिजनस, हर महीने 1 लाख तक की होगी कमाई
Fly Ash Bricks Business Idea: सिर्फ 2 लाख रुपये में ही शुरू हो सकता है ये बिजनस, हर महीने 1 लाख तक की होगी कमाई
इस बिजनस में राख से ईंट बनाई जाती है, जिसे आमतौर पर सीमेंट की ईंट भी कहा जाता है। इन दिनों बड़ी-बड़ी बिल्डिंग में फ्लाई ऐश ब्रिक का खूब इस्तेमाल होता है, जो बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख, सीमेंट और स्टोन डस्ट को मिलाकर बनाई जाती हैं। कोरोना काल में सबसे बुरा हाल रीयल एस्टेट का था, लेकिन अब फिर से काम तेज हो रहा है तो जगह-जगह निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं। ऐसे में फ्लाई ऐश ब्रिक का बिजनस आपके लिए राख से पैसा कमाने जैसा है।
बस चाहिए 2 लाख रुपये और 100 गज जमीन
इसके लिए कम से कम 100 गज जमीन की जरूरत होगी। साथ ही आपको कम से कम 2 लाख रुपये का निवेश करना होगा। इस बिजनस से आप हर महीने एक लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। इसमें करीब 5-6 लोगों की भी जरूरत होगी। इस तरह आप हर रोज करीब 3 हजार ईंटें बना सकते हैं। हालांकि, यहां एक बात ध्यान रखने की है कि निवेश में कच्चे माल की कीमत शामिल नहीं है, क्योंकि वह आपके प्रोडक्शन के हिसाब से कम ज्यादा हो सकती है।
इस तरह हर महीने होगी 1 लाख रुपये की कमाई
इस बिजनस में आप महीने भर में आसानी से 1 लाख ईंटें तैयार कर लेंगे। वहीं ईंट को बनाने से लेकर पूरी तरह सुखाने तक में 1 महीने का समय लग जाता है। यानी शुरुआती 1-2 महीने आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा। इसके बाद अगर आप महीने भर में 1 लाख ईंटें भी बेच देते हैं तो आपकी महीने की कमाई 1 लाख रुपये तक हो जाएगी, क्योंकि हर ईंट पर आपको कम से कम 1 रुपये का मुनाफा होता है। बाजार में इस ईंट की कीमत 5-6 रुपये रहती है। अभी तेजी से जगह-जगह काम हो रहे हैं तो आप महीने में 1 लाख से अधिक ईंटें भी बेच सकते हैं।
सरकारी लोन से मिलेगी मदद
अगर आपके पास ये बिजनस करने के लिए पैसे नहीं हैं तो उसके लिए आप मुद्रा लोन ले सकते हैं, जो आसानी से स्वरोजगार योजना के तहत आपको मिल जाएगा। वहीं अगर आपका काम बढ़ने लगे और मैनुअल मशीन से आप पर्याप्त ईंटें ना बना पाएं तो 10-12 लाख रुपये खर्च कर के ऑटोमेटिक मशीन खरीद सकते हैं। इससे 1 ही घंटे में 1 हजार ईंटें बन जाती हैं यानी महीने में आप आसानी से 3-4 लाख ईंटें बना सकेंगे।
मछलियों के लिए भोजन
मछली के अधिक उत्पादन के लिए प्राकृतिक के अलावा कृत्रिम भोजन की आवश्यकता होती है. इसके लिए सरसों की खली और चावल का कुंडा बराबर मात्रा में डालकर मछिलों को चारा देना चाहिए.
बायोफ्लॉक में मछली पालन करने के लिए किसान की आवश्यकता, मार्केट डिमांड और बजट को ध्यान में रखकर टैंक बनाए जाते हैं. यह तरीका तालाब में मछली पालन के लिए काफी सस्ता पड़ता है.बिजनेस में चाहिए डबल मुनाफा
टैंक विधि से मछली पालन करने पर मछलियों को दाना डाला जाता है, इसके बाद मछलियां इसका सेवन कर अपशिष्ट छोड़ती हैं. यह अपशिष्ट दाने के साथ तली में बैठ जाता है. इसके सफाई या रिसाइक्लिंग के लिए बायोफ्लॉक बैक्टेरिया छोड़ा जाता है. यह बैक्टेरिया मछली के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है. इससे मछलियों का चार दोबारा तैयार हो जाता है.
पीएम मत्स्य संपदा योजना 2022-23
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए सितंबर 2020 को पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत की गई थी. मछली पालन के क्षेत्र में यह सबसे बड़ी योजना है. इस स्कीम के तहत किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और ऋण प्रदान किया जाता है. योजना का लाभ उठाने के लिए आपको अपने जिले या तहसील के मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करना होगा.
इस योजना में महिलाओं को 60% अन्य सभी को 40% तक की सब्सिडी या 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.
योजना का लाभ उठाने के लिए ऐसे करें आवेदन
मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई भी व्यक्ति अपने राज्य की मत्स्य पालन विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://dof.gov.in/pmmsy पर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं. ऋण सुविधा का लाभ उठाने के लिए नजदीकी सहकारी बैंक में फॉर्म भरें. इसके तहत नाबार्ड सब्सिडी योजना के तहत लोन दिया जाएगा.
पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन क्रेडिट कार्ड बनवाकर 1.60 लाख रुपये का बिना गारंटी के लोन भी ले सकते हैं. क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है.
योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- तालाब या जमीन अभिलेख
- जाति प्रमाण पत्र
- मछली पालन में खर्च और बिजनेस में चाहिए डबल मुनाफा मुनाफा
English Summary: Fisheries 60 percent subsidy has been given by Govt. for fish farming start business like this for double profit Published on: 11 November 2022, 12:20 IST
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ये है डबल मुनाफे का कारोबार, दूध इस पार तो क्रीम उस पार
बिहारशरीफ। चारों ओर रोजगार के अवसरों की कमी के बीच ये रोजगार सृजन और कमाई में बढ़ोत्तरी का तरीका है। इसे तीन दशक पहले शुरू तो दो-तीन लोगों ने किया था, परन्तु आज ये कारोबार सैकड़ों लोगों के लिये पूरे साल का रोजगार बन चुका है। इस कारोबार का आधार गाय और भैंस का दूध है। दूध की उपलब्धता का आकलन कर 30 हजार से 1 लाख रुपये कीमत के बीच एक कामधेनु ब्रांड की मशीन खरीदिए, उसे लकड़ी के मजबूत तख्ते में फिट कीजिए और शुरू कीजिए दूध पेराई का कारोबार। जगह आपको वैसी चुननी होगी जहां आना-जाना आसान हो। क्योंकि अपने गांव से दूध लेकर शहर की ओर चला पशुपालक गली-गली भटकेगा नहीं। बस, साइकिल या बाइक से मेन रोड पर पहुंचते ही जिस दूध पेराई मशीन वाले पर नजर पड़ गई वहीं अपना सारा दूध दे देना है। अगर उसे दूध पेराई कराकर दूध और क्रीम दोनों साथ ले जाना है तो वह प्रति लीटर 2 रुपये मेहनताना देगा। अधिकांश पशुपालक दूध पेरने वाले के हाथों ही क्रीम बेच देते हैं और बचे टोंड दूध का सौदा चाय दुकान वाले से कर लेते हैं। फिलहाल, पशुपालक को 150 रुपये किलो की दर से क्रीम की कीमत मिल रही है। वहीं टोंड मिल्क 20 रुपये लीटर बिक जाता है। कारोबार में सभी एक-दूसरे के पूरक, नकद है लेन-देन : इस कारोबार में पशुपालक, दूध पेरने वाले और चाय वाले तीनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं। पशुपालक को नकदी, दूध पेरने वाले को क्रीम और चाय वाले को टोंड मिल्क का इंतजार रहता है। लेन-देन नगद होता है।
सिर्फ 2 हजार की लागत में लाखों का मुनाफा: इस पौधे की खेती कर शुरू करें बिज़नेस
कम पैसे खर्च करके भी ज्यादा रुपये कमाये जा सकते हैं। जी हां आज हम आपके लिए कुछ ऐसा बिज़नेस आईडिया लाये हैं जिसके जरिये आप ज्यादा पैसे बिजनेस में चाहिए डबल मुनाफा कमाने की तरकीब सीख सकते हैं। एक खास तरह के पौधे की खेती करके आप मुनाफे का रोजगार बना सकते हैं। अगर आप कम इन्वेस्टमेंट के साथ अपना बिज़नेस शुरू करने में दिलचस्पी रखते हैं तो ये ख़बर आपके लिए ही है। इस खास पौधे की खेती करने के लिए केंद्र सरकार भी आर्थिक सहायता देती है। हम बात कर रहे हैं बोन्साई प्लांट की।
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