E-Commerce in Hindi , ई-कॉमर्स क्या है
ई-कॉमर्स (E-Commerce) क्या है , Scope of E-Commerce in Hindi , What Is E Commerce , Impact of E-Commerce , Business Model of E Commerce in Hindi , E-Commerce Sites in Hindi , E Ferral Commerce Hindi , What Is E-Commerce Website in Hindi , E-Commerce Che Fayde
आज के इंटरनेट के जमाने में लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। ई-कॉमर्स के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग होना संभव हो पाया है। ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग तथा होम डिलीवरी की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के पश्चात लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने में काफी अधिक रुचि दिखा रहे हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से यह क्या है और इसका क्या इतिहास है, इसके बारे में बात करेंगे।
E-Commerce in Hindi :- e-commerce जिसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहते हैं। आज के इंटरनेट के समय में लोग इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उत्पाद और सेवाओं को खरीदना व बेचना पसंद करते हैं। ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करना ऑनलाइन डाटा शेयर करना यह सभी प्रक्रिया ई-कॉमर्स के अंतर्गत आते फिजिकल प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक का व्यापार भी होता है। इस प्रकार की ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचना खरीदना और पैसों का ट्रांसफर e-commerce कहलाता है।
दूसरे शब्दों में बात की जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग करना ई- कॉमर्स कहलाता है। ई कॉमर्स वेबसाइट के जरिए किसी भी वस्तु को खरीदना बेचना ई-कॉमर्स प्रणाली के अंतर्गत आता है। आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग के तौर पर हर वस्तु खरीदने के लिए उपलब्ध है। जैसे:- फर्नीचर, मशीनरी, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान,बुक्स, पेपर,मैगजीन, खिलौने, खाने के सामान और अन्य सभी वस्तुएं इत्यादि।
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ई-कॉमर्स का इतिहास:- ई-कॉमर्स के शुरुआती 11 अगस्त 1994 को हुई ई-कॉमर्स की शुरुआत ‘फिल ब्रेंडनबर्जर’ ने की थी। फिल ब्रेंडनबर्जर ने सबसे पहले अपने कंप्यूटर के माध्यम से एक स्टिंग की सीडी को खरीदा था और उसका भुगतान कई रिकॉर्ड कार्ड के माध्यम से 12.48$ किया था। एक सीडी का नाम ‘Ten Summoners’ Tales’ था।
फिल ब्रेंडनबर्जर के द्वारा सबसे ईकामर्स क्या है पहले ऑनलाइन शॉपिंग करने की यह घटना इतिहास रच चुकी है। आज के समय भी इसे ही असल उम्र ट्रांजैक्शन माना जाता है। क्योंकि इस ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान पहली बार कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए। ऑनलाइन तौर पर कुछ प्रोडक्ट खरीदा गया था। हालांकि आज के समय में यह आम बात हो चुकी है।
E-Commerce क्या हैं इसका इतिहास, यह कितने प्रकार का होता है?
Ecommerce क्या हैं (What is E-Commerce) – इंटरनेट के जरिये व्यापार करना ही ई-कॉमर्स कहलाता है चाहे वह सामान खरीदना हो या बेचना। इसके साथ-साथ इंटरनेट पर गेम्स, वीडियो, ई-बुक्स, सर्च, डोमेन नेम सर्विस, ई-लर्निंग या ई-शिक्षा भी ई-काॅमर्स के अन्तर्गत आता है। अर्थात ऐसे सभी क्षेत्र जिनके माध्यम से ग्राहकों को सुविधायें देकर उसने आर्थिक लाभ लिया जाता है और ऐसे क्षेत्र भी जिसमें सीधे धन का आदान-प्रदान न कर विज्ञापन के माध्यम से आर्थिक लाभ मिल सकता है ई-कॉमर्स के अन्तर्गत आते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको e-commerce kya hai, इसकी कैसे शुरुआत हुई और लाभ क्या क्या है। इन सभी के बारे ईकामर्स क्या है में विस्तार से बताने जा रहे है।
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आज इंटरनेट के माध्यम से ई-काॅसर्म काे यूज करते हैं इसलिये जिन बेवसाइट का इस्तेमाल आप इस दौरान करते हैं वह ई-कॉमर्स बेवसाइट कहलाती हैं।
E-Commerce Kya Hai
साधारण अर्थ में “ई-कॉमर्स एक प्रोसेस हैं, जिसके द्वारा बिज़नेस और कन्जूमर एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से माल और सर्विसेस को बेचते और खरीदते हैं।”
ई-कॉमर्स को विस्तार रूप से इलेक्ट्रानिक कॉमर्स भी कहते है| ई- कॉमर्स खरीददारी, बेचना, मार्केटिंग, तथा प्रोडक्टो की सर्विस इत्यादि से मिलकर बना होता है। ये सेवाएं कंप्यूटर नेटवर्क पर भी की जाती है। ई-कॉमर्स कंप्यूटर के माध्यम से व्यापार करने की व्यवस्था है | कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से बिजनेस से संबंधित फाईलो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है | कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्या कर सकती है.
हम इन्टरनेट के माध्यम से कंप्यूटर के सामने बैठकर किसी भी प्रोडक्ट को खरीद सकते है। “इलेक्ट्रानिक विधियों जैसे- EDI (electronic data inter change) तथा ऑटोमेटेड डाटा कलेक्शन के माध्यम से बिजनेस कमर्शियल कम्युनिकेशंस तथा मैनेजमेंट को कंडक्ट करने की सुविधा को ई- कॉमर्स कहते है”। ई- कॉमर्स इन्टरनेट पर प्रोडक्टो को बेचना तथा खरीदना और व्यापार तथा उपभोक्ताओ के द्धारा सेवाए उपलब्ध कराने की टेक्निक है।
ई-कॉमर्स का इतिहास (History of E-Commerce)
1970 में EDI (electronic data inter change) तकनीक का प्रयोग करके ई-कॉमर्स को Introduce किया गया था | इसके माध्यम से व्यावसायिक दस्तावेजो जैसे – परचेज आर्डर, Invoice को इलेक्ट्रोनिक रूप से भेजा जाता था। बाद में इसे अधिक गतिविधियों के रूप में वेब फॉर्म्स के नाम से जाना जाने लगा। इसका उद्देश्य Goods and Products की खरीददारी www के ऊपर http सर्वर के द्धारा ई-शॉपिंग इलेक्ट्रोनिक भुगतान सेवाए इत्यादि करना था। catts तथा इलेक्ट्रोनिक भुगतान सेवाए इत्यादि करना था |
1979 में, अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट ने ASC X12 को इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से डॉक्यूमेंट को शेयर करने के व्यवसायों के लिए एक युनिवर्सल स्डैंडर्ड के रूप में विकसित किया था।
ई-कॉमर्स की हिस्ट्री को eBay और Amazon के बिना सोचना असंभव है जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्जेकशन को शुरू करने वाली पहली इंटरनेट कंपनियों में से थे।
कंप्यूटर का प्रयोग हर क्षेत्र में अधिक से अधिक होने लगा है | बिजनेस मेन अपने व्यवसाय का विस्तार भी कंप्यूटर के माध्यम करने लगे है | इसके प्रयोग से कम समय में अधिक से अधिक कार्य संपन्न हो जाता है तथा कोई भी सूचना कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पूरी दुनिया को कही भी भेजी जा सकती है। यह सूचना टेक्स्ट, ऑडियो, इमेज ग्राफ़िक्स इत्यादि फोर्मेट में हो सकती है | आज कल के व्यवसायी ई-कॉमर्स तकनीक का प्रयोग अपने अपने क्षेत्र में करके विश्व में अपना स्थान बनाने की कोशिश कर रहे है।
ई–कॉमर्स का कार्यक्षेत्र (Scope of E-commerce)
ई-कॉमर्स अब इंटरनेट पर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्य बन गया है बहुत सी वेबसाइट मैं उनके उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन खरीदने या आदेश करने की सुविधा उपलब्ध होती हैं इन वेबसाइटों को विशेष रूप से ई कॉमर्स के लिए ही तैयार किया जाता है और इनमें किसी उत्पाद या सेवा का आदेश देने की विशेषताएं शामिल होते हैं वैसे ई कॉमर्स में केबल उत्पादों और सेवाओं का क्रय विक्रय की शामिल नहीं है इसमें वे सभी व्यापारिक गतिविधियां शामिल हैं जो इंटरनेट और अन्य कंप्यूटर नेटवर्कों का उपयोग करते हैं उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, सप्लाई चैन मैनेजमेंट, ई मार्केटिंग, ऑनलाइन मार्केटिंग, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज, ऑटोमेटेड इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम तथा ऑटोमेटेड डाटा कलेक्शन आदि गतिविधियां भी ई कॉमर्स का भाग मानी जाती है.
इन समस्त कार्यों में इंटरनेट और अपने कंप्यूटर नेटवर्क तथा संचार तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जाता है वैसे कॉमर्स वर्ल्ड वाइड वेब से भी अधिक डेटाबेस और ईमेल जैसी सुविधाओं पर निर्भर करता है इस प्रकार एक कॉमर्स वास्तव में साधारण व्यापार का ही दूसरा और विस्तृत रूप है।
निष्कर्ष – E-Commerce Kya hai in Hindi
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हमने आपको E-Commerce Kya Hai, E-Commerce के प्रकार और इसके इतिहास के बारे में बताया। आशा करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया हो। अगर आपको E-commerce से जुड़ा कोई भी सवाल हॉट तो comment कर के पूछ सकते है।
E-Commerce क्या है? | What is E-Commerce in Hindi
ई-कॉमर्स का यूज इन्टरनेट के द्वारा किया जाता है ये इन्टरनेट के द्वारा वस्तुओं को खरीदने और बेचने का एक अच्छा तरीका होता है तो अगर आप ई-कॉमर्स के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़िये क्युकी इसमें ईकामर्स क्या है हमने आपको ई-कॉमर्स से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
Table of Contents
ई-कॉमर्स क्या है? (What is E-Commerce in Hindi)
ई-कॉमर्स इन्टरनेट के द्वारा वस्तुओं को खरीदने और बेचने का अच्छा तरीका है ये इन्टरनेट जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर व्यापार करने के लिए सही है. ई-कॉमर्स को व्यापक रूप से इन्टरनेट पर उत्पादों की खरीदारी और बिक्री के लिए माना जाता है.
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आज के समय में ई-कॉमर्स इन्टरनेट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, ई-कॉमर्स के द्वारा उपभोक्ताओं को समय या दूरी जैसी किसी भी समस्या के बिना वस्तुओं और सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदान-प्रदान करने की अनुमति देता है. इन्टरनेट पर प्रोडक्ट को खरीदना और बेचना ई-कॉमर्स का सबसे लोकप्रिय उदाहरण हो गया है.
ई-कॉमर्स के उदाहरण क्या है?
ई-कॉमर्स के बहुत से उदाहरण है जैसे-
ऑनलाइन शॉपिंग
अगर आप अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसी किसी भी वेबसाइट से कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन मंगवाते हैं तो ये ऑनलाइन शॉपिंग ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है.
इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट
जब भी हम कही मॉल जाते हैं और पीओएस पर कार्ड से पेमेंट करते हैं तो ये इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के अंतर्गत आता है.
ऑनलाइन ऑक्शन्स
यदि हम कोई सामान खरीदते हैं या बुक करते हैं तो ये भी ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है.
इन्टरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन टिकटिंग आदि.
ई-कॉमर्स के फायदे क्या है?
ई-कॉमर्स के निम्नलिखित फायदे हैं
- ई-कॉमर्स का यूज करके आप कम पूंजी के साथ अपने व्यापार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ा सकते हैं.
- इससे कंपनी की ब्रांड छवि बेहतर बनती है.
- ये व्यापार को बढ़ाने में मदद करता है.
- ई-कॉमर्स ने संगठन की उत्पादकता में वृद्धि करता है.
- ये प्रोडक्ट की लागत को कम करने में मदद करता है इससे कम से कम समृद्ध लोग भी प्रोडक्ट को खरीद सकते हैं.
- ई-कॉमर्स का यूज आप 24 घंटे कर सकते हैं.
ई-कॉमर्स के नुकसान क्या है?
ई-कॉमर्स के कई नुकसान हैं-
- ई-कॉमर्स का यूज करने के लिए हाई स्पीड इन्टरनेट की जरूरत होती है कभी-कभी इन्टरनेट की स्पीड स्लो हो जाने के कारण ई-कॉमर्स वेबसाइट काम नही करती है
- ई-कॉमर्स के लिए आपको कंप्यूटर या स्मार्ट फ़ोन की जरूरत होती है.
- इसकी सिक्योरिटी less होती है.
- कई बार ऐसा होता है कि ऑनलाइन शॉपिंग करने पर खराब सामान आपको मिल जाता है.
- इसमें हैकिंग का खतरा रहता है.
ई-कॉमर्स के कितने प्रकार है?
ई-कॉमर्स के प्रकार –
Business to Business E-Commerce
इसे B2B ई-कॉमर्स के नाम से भी जाना जाता है. जब एक कम्पनी दूसरी कम्पनी के साथ बिज़नेस करती है तो इसे B2B ई-कॉमर्स कहा जाता है.
Business to Consumer E-Commerce
इसे B2C ई-कॉमर्स भी कहा जाता है. जब एक कंपनी किसी कंस्यूमर/उपभोक्ता के साथ बिज़नेस करती है तो इसे B2C ई-कॉमर्स कहा जाता है.
Consumer to Business E-Commerce
इसे C2B ई-कॉमर्स ईकामर्स क्या है भी कहा सकते हैं. जब एक कंस्यूमर किसी कम्पनी के साथ मिलकर बिज़नेस करता है तो उसे C2B ई-कॉमर्स कहा जाता है.
Consumer to Consumer E-commerce
जब एक कंस्यूमर (उपभोक्ता) दूसरे कंस्यूमर के साथ मिलकर बिज़नेस करता है तो उसे कंस्यूमर टू कंस्यूमर ई-कॉमर्स कहा जाता है इसे C2C ई-कॉमर्स भी कहा जाता है.
इसे भी पढ़ें?
आज आपने क्या सीखा?
दोस्तों, हम आशा करते है कि हमारे ये (E-commerce kya hai hindi) जानकारी आपके लिए काफी यूजफुल होगी और आपको पसंद भी आयी होगी, इसमें हमने आपको ई-कॉमर्स से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है जैसे- ई-कॉमर्स क्या है? ई-कॉमर्स के उदाहरण क्या है? ई-कॉमर्स के फायदे क्या है? ई-कॉमर्स के नुकसान क्या है? और ई-कॉमर्स के कितने प्रकार है? आदि.
हमारी ये (E-commerce kya hai hindi) जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर भी कीजियेगा.
E Commerce क्या है ? कितने प्रकार का होता है ? इसके फायदे और नुकसान
What is E Commerce Full Information in Hindi:- क्या आप जानते है की E Commerce क्या होता है ? अगर नहीं तो आपको ई-कॉमर्स के बारे में पता होना जरूरी है। क्योंकि वर्तमान समय में ई-कॉमर्स का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा होने लगा है। हो सकता है कि आप भी ई-कॉमर्स सर्विसेज का इस्तेमाल करते हो। या अगर ना भी करते हो तो आपने ई-कॉमर्स शब्द को भी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा।
इसलिए आपको पता होना चाहिए कि आखिर की ई-कॉमर्स क्या होता है ? इसका मतलब क्या होता है ? ई-कॉमर्स की फुल फॉर्म क्या है ? ई कॉमर्स कितने प्रकार का होता है ? ई कॉमर्स के फायदे और नुकसान क्या है ? तो अगर आप इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं ? तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं। यहां पर आपको ई-कॉमर्स के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिलने वाली है।
E- Commerce क्या है ? इसकी Full Form क्या है ?
E- Commerce का पूरा नाम Electronic Commerce होता है। ई-कॉमर्स का मतलब होता है इंटरनेट के माध्यम से कोई भी सामान ऑनलाइन खरीदना और बेचना। यानी कि हम अपने मोबाइल और कंप्यूटर से ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से जब भी कुछ सामान या सर्विस खरीदते हैं या बेचते हैं, तो उसी को E- Commerce कहते हैं। Amazon, Flipkart जैसी सभी कंपनियां जो की ऑनलाइन सामान बेचती और खरीदती है, वे सभी ई-कॉमर्स कंपनियां ही है।
E Commerce कितने प्रकार है ? Types of E Commerce
ई-कॉमर्स चार प्रकार के होते हैं। चलिये हम आपको बारी बारी से इनके बारे में बता देते है।
1. Business to Consumer (B2C)
इसमें व्यापारी डायरेक्ट ईकामर्स क्या है अपने ग्राहकों को समान बेचता है। जैसे कि मान लीजिये की कोई मोबाइल बेचने वाली कंपनी है जोकि एक व्यापारी कंपनी है और वह अपने मोबाइल को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से अपने ग्राहकों को बेचती है। कोई भी ग्राहक ऑनलाइन उनकी वेबसाइट पर जाकर उनके मोबाइल को ऑनलाइन खरीद सकता है। Amazon, Flipkart इसके सबसे अच्छे उदाहरण है।
2. Business to Business (B2B)
इस प्रकार के ई कॉमर्स में एक व्यापारी दूसरे व्यापारी को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से कुछ सामान बेचता है या खरीदता है। जैसे कि आपने देखा होगा कि बहुत सी बार बड़ी-बड़ी कंपनियां आपस में कॉन्ट्रैक्ट करती हैं और एक दूसरे से सामान खरीदती और भेजती हैं। जैसे की Intel एक प्रॉसेसर बनाने वाली कंपनी जो की बहुत सी मोबाइल और कंप्यूटर बनाने वाले कंपनियों को अपना सामान बेचती है।
3. Consumer to Consumer (C2C)
जब ग्राहक डायरेक्ट दूसरे ग्राहक को ऑनलाइन कोई समान बेचता है तो उसी को Consumer to Consumer E Commerce कहते हैं। जैसे कि मान लीजिये की आपके पास कोई पुरानी कार है, जिसे आप बेचना चाहते हैं। आप इंटरनेट पर अपनी कार की डिटेल डाल सकते है, उसके बाद जिस ग्राहक को आपकी कार पसन्द आएगी, वो आपकी कार खरीद सकता है। OLX ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म है, जिसकी मदद से एक ग्राहक दूसरे ग्राहक को सामान बेच सकता है।
4. Consumer to Business (C2B)
जब एक ग्राहक किसी व्यापारी या कंपनी को अपना सामान या सर्विस बेचता है, तो उसको Consumer to Business ई-कॉमर्स कहते हैं। चलिये इसको एक उदाहरण से समझते है। एक सामान्य व्यक्ति है जो कि काफी अच्छी फोटो एडिटिंग और एनीमेटेड वीडियो बनाता हैं, तो वह व्यक्ति किसी भी बड़ी कंपनी के लिए कोई भी फोटो यह वीडियो बना सकता हैं और उस कंपनी को बेच सकता हैं। यही C2B E Commerce होता है।
Benifits of E Commerce, ई-कॉमर्स के फायदे
:- व्यापारियों के लिए ई कॉमर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह अपने सामान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेच सकते हैं। अगर हम ऑफलाइन अपना सामान बेचे तो सिर्फ अपने आसपास के एरिया के लोगों को ही अपना सामान बेच सकते हैं। लेकिन अगर हम ई कॉमर्स के माध्यम से अपना सामान बेचे, तो हमारे सामान को देश और विदेशों के लोग भी खरीद सकते हैं। जिससे व्यापारियों का ज्यादा से सामान ज्यादा बिकता है और उनका मुनाफा भी ज्यादा होता है।
:- अगर हम ऑनलाइन किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से कोई सामान खरीदें तो हमें सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हम सामान खरीदने से पहले ही हम उस सामान के रिव्यू पढ़कर उस सामान की क्वालिटी के बारे में जान सकते हैं। इससे हमें सामान खरीदने से पहले ही उस प्रोडक्ट के बारे में एक अंदाजा हो जाता है कि वह प्रोडक्ट कैसा होगा।
:- इंटरनेट के ईकामर्स क्या है माध्यम से सामान खरीदने से हमारा कीमती समय बच जाता है और समय बहुत ही कीमती होता है। इसलिए ग्राहकों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि अगर हम ऑफलाइन मार्केट से सामान खरीदें तो हमें उसमें काफी टाइम लग जाता है। लेकिन अगर हम ऑनलाइन सामान खरीदे तो हम सिर्फ 1 या 2 मिनट में अपने मोबाइल या कंप्यूटर से उस सामान को ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
:- ई-कॉमर्स कंपनियां 24/7 कार्य करती हैं। यानी कि हम जब चाहे तब इन इ कॉमर्स कंपनियों से अपना सामान ऑर्डर कर सकते हैं।
:- ई-कॉमर्स के माध्यम से सामान खरीदने के लिए हमें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। हम घर बैठे सिर्फ अपने मोबाइल से सामान ऑर्डर कर सकते हैं। सामान आर्डर करने के कुछ टाइम बाद वह सामान हमारे घर तक डिलीवर कर दिया जाता है।
Disadvantage of E- Commerce, ई-कॉमर्स के नुकसान
:- ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान खरीदने के लिए आपको इंटरनेट का ज्ञान होना जरूरी होता है। इसलिए अगर आपको इंटरनेट चलाने का ज्यादा ज्ञान नहीं है ? तो आप ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान नहीं खरीद सकते है। ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान खरीदने से हमें हमारा सामान तुरंत नहीं मिलता है। बल्कि सामान डिलीवर होने में 2 दिन से 10 दिन तक लग सकते हैं।
:- ऑनलाइन सामान खरीदते समय हमें अपनी सुरक्षा का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही से हमारा अकाउंट हैक हो सकता है।
:- ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से सामान खरीदते समय कई बार ऐसा देखा गया है कि हम समान कुछ और मंगाते हैं, लेकिन हमें कोई दूसरा सामान डिलीवर कर दिया जाता है। इसके अलावा कई बार ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी भी हो जाती है।
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तो बस ई-कॉमर्स के बारे में यही कुछ जानकारी थी जो कि आज आपने इस लेख में जानी है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी E commerce kya hai ? E Commerce kitne types ka hota hai ? E Commerce ke fayde aur nuksan kya kya hai ? यह लेख पसंद आया होगा। अगर अभी भी आपका कोई सवाल यह सुझाव हो तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं।
E-Commerce Kya Hai ? ई-कॉमर्स के फ़ायदे क्या हैं – पूरी जानकारी हिंदी में
E-Commerce से जुड़ी बड़ी-बड़ी कंपनियां इन के माध्यम से अपने सामान की Selling का काम करती हैं, और इस समय मे तो जो भी लोग अपना सामान ऑनलाइन सेल करना चाहते हैं अपने Product को बेचना चाहते हैं वो खुद का ही E-Commerce Program का इजाद कर रहे हैं। वो खुद का E-Commerce साइट बना कर अपने Product को प्रमोट कर रहे हैं।
लोग ई-कॉमर्स साइट्स की Affliate के जरिए खूब पैसे कमा रहे है, लोग इन साइट्स के प्रोडक्ट को प्रमोट करके अच्छा खासा पैसे कमा रहे हैं। ख़ासा E-Commerce Business Two Type के होते हैं।
पहला जिसमे कोई व्यक्ति खुद ही खुद के Business के लिए इन्वेस्टमेंट करता है और खुद का बिज़नेस तैयार करता हैं और दूसरा वो व्यक्ति जो किसी दूसरे साइट या उसके प्रोग्राम से जुड़के उसके शेयर्स के साथ बंटा हुआ होता हैं जैसे – Google और Amazon बंटे है।
आज के इस आधुनिक युग मे E-Commerce वेबसाइट बनाना कोई बड़ी बात नही हैं, अगर आपके पास अपना प्रोड्क्ट है और आप अपने Product को सेल करना चाहते है तो आओ आराम से खुद की एक E-Commerce साइट बनाकर बेच सकते हैं, या किसी अच्छी साइट से जुड़कर अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं।
E-Commerce के फ़ायदे और फ़ीचर्स क्या हैं ?
दोस्तों जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि आप ई-कॉमर्स की मदद से आप अपना कोई भी प्रोडक्ट या समान को ऑनलाइन सेल कर सकते है किसी भी बड़ी साइट से जुड़कर या अपना खुद का एक वेबसाइट बनाकर। अब बात करते है इसके फ़ीचर्स क्या हैं ?
ई-कॉमर्स के फ़ायदे –
- ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बिना ज्यादा इन्वेस्टमेंट किये आप राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट्स में आसानी से काम किया जा सकता हैं
- यह आपके कंपनी की ब्रांड के पहचान को और अच्छा बना देता हैं
- ई-कॉमर्स काम करने के तरीकों को और कुशल और आसान बनाने में मदद करती है और साथ ही ये काम को आसान भी बना देता हैं
- ई-कॉमर्स उत्पाद में लगने वाले लागत को कम करने में मदद करता है
◆ World Wide Reach :- E-Commerce के सबसे बड़े फ़ायदा यह कही जा सकती है कि इसकी मदद से आप अपने प्रोडक्ट को दुनिया भर में कही भी सेल कर सकते हैं इसकी मदद आए आप दुनियां में कही भी अपने सामान को बेच सकते हैं।
◆ Universel Standard :- अगर आप अपने प्रोडक्ट को ज्यादा दूर और ज्यादा सुविधा के साथ बेचेंगे तो प्रोडक्ट ज्यादा बिकेगी, और साथ ही लोग खरीदेंगे और इस से पॉपुलर भी ज्यादा होगी, फ़ॉर Exmaple – अगर आपकी कही शॉप है तो लोग ज्यादा से ज्यादा उस इलाके तक या सहर तक ही जान पाएंगे वही Ebay और Amazon को पूरी कंट्री ही नही पूरी दुनिया जानती हैं।
◆ Less Work :- इस से यह मतलब है कि आपने अपना ऑनलाइन स्टोर खोल लिया और आपने काम करना शुरू कर दिया और अब आपको E-Commerce के जरिये सिर्फ अपने वेबसाइट पर प्रोडक्ट्स को मॅनेज करना हैं, और वही अगर आपकी कोई शॉप है तो आपको लायी तरह के काम करने पड़ते है लोगो को अलग अलग प्रोडक्ट दिखाना और उसके बारे में बताना।
तो उम्मीद करता हु दोस्तों अभी तक आप समझ गये होंगे कि E-Commerce Kya Hai और इनके फायदे क्या हैं, ये काम कैसे करते हैं, और ये कितने प्रकार के होते हैं, दोस्तों अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और ऐसे ही जानकारियों के लिए ईमेल सब्सक्राइब जरूर करें और साथ ही आप मुझसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी जुड़ सकते हैं।
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