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क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामला : पुलिस ने 4 करोड़ की रकम की सीज, जानिए कौन है मास्टर माइंड ?

राजनांदगांव में पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी से धोखाधड़ी करने के मामले को सुलझा लिया (Crypto currency fraud case in Rajnandgaon) है. इस केस के तार इंटरनेशनल ठगों से जुड़े हुए हैं. पुलिस का दावा है कि कुल 4 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरंसी फ्रीज की गई है.

राजनांदगांव : राजनांदगांव पुलिस ने सीमा-पार क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी 'शू झू पान' मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपए की क्रिप्टोकरंसी सीज की है. Global anti scam organization के अनुसार 'शू झू पान' स्कैमर्स दुनिया भर में पीड़ितों से हर साल अरबों डॉलर की धोखाधड़ी करते हैं. वही राजनांदगांव में भी एक पीड़ित ने पूरे मामले में कुछ माह पूर्व कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं इस पूरे मामले में राजनांदगांव पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लगभग 4 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरंसी फ्रीज की (Seizure of four crores in accounts in Rajnandgaon) है.

क्या है पूरा मामला : कोतवाली थाना पुलिस ने 3 महीने के भीतर प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी धोखधड़ी “शू झू पान“ (चीनी में अर्थ - रोमांटिक घोटाला) मामले को सुलझा लिया है.पीड़ित डॉ अभिषेक पाल राजनांदगांव निवासी की शिकायत पर थाना कोतवाली में एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी. जिसके बाद नगर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव गौरव राय ने मामले की विवेचना की .

कैसे दिया धोखा : मामले में संदिग्ध “एना-ली“ ने एक सोशल नेटवर्क साइट पर पीड़ित डॉ अभिषेक पाल से दोस्ती की. फिर फ्रॉड की वारदात को अंजाम दिया. एना ली ने पीड़ित को विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मेटाट्रेडर-5 में निवेश करने के लिए मनाया. फिर एक ब्रोकर ऑर्डे कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड जो कि लंदन में पंजीकृत एक शेल कंपनी है और क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर करने के लिए कहा. इसके लिए एक्सचेंज बायनेंस से एक फर्जी वेबसाइट insafx.com के माध्यम से बायनेंस से क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर कर धोखा (Crypto currency fraud case in Rajnandgaon)दिया.

पीड़ित ने लाखों का किया था निवेश: पीड़ित ने मेटाट्रेडर-5 में 35,000 $ अमरीकी डालर की राशि 31 लाख रुपए का निवेश किया था. बाद में उसका पोर्टफोलियो बढ़कर 107825 $ अमरीकी डालर हो गया था. बाद में,जब पीड़ित ने अपना रूपए निकालने की कोशिश की,तो संदिग्ध ने पीड़ित के खाते को फ्रीज कर दिया और उससे 107825 $ अमरीकी डालर की ठगी की. संदिग्ध “एना-ली“ ने पीड़ितों को धोखा देने के लिए ताइवान के ताइपे नामक जगह की एक करोड़ों रुपए की क्रिप्टोकरेंसी फ्रीज इंस्टाग्राम स्टार स्टेफनी तेह की तस्वीरों का उपयोग करके एक नकली खाता बनाया था.वहीं पुलिस ने पूरे मामले में 3 उपयोगकर्ताओं के खाते जिसमें 4 करोड़ रुपए की राशि है. उसे फ्रीज किया गया है. जिसे पुलिस ने जब्त करने की कार्रवाई की है.

क्या है पुलिस की सलाह : राजनांदगांव सीएसपी गौरव राय (Rajnandgaon CSP Gaurav Rai) के मुताबिक '' राजनांदगांव के पीड़ित की रिपोर्ट पर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही थी.पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी के धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. वहीं इससे बचने के लिए पुलिस लोगों से अपील भी कर रही है. फिलहाल क्रिप्टो करेंसी फ्रिज पर आगे की कार्रवाई राजनांदगांव पुलिस द्वारा की जा रही है.''

Cryptocurrency की आड़ में करोड़ों की ठगी, भारतीय निवेशकों को लगा 1,000 करोड़ का चूना

धोखेबाज पहले नकली डोमेन बनाते हैं जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कॉपी होता है। इसी के जरिये वो फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 21, 2022 15:37 IST

Cryptocurrency - India TV Hindi

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Highlights

  • क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो हो जाएं सावधान, लगातार बढ़ रहे हैं धोखाधड़ी के मामले
  • मोदी कमाई का लालच देकर क्रिप्टो निवेशकों से ठगा जा रहा पैसा
  • करोड़ों रुपए की क्रिप्टोकरेंसी फ्रीज
  • सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर निवेशकों से किया जा रहा संपर्क

Cryptocurrency में निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। हालांकि, अब इसी की आड़ में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी भी की जा रही है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नकली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से भारतीय निवेशकों को 128 मिलियन डॉलर (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ है। साइबर-सुरक्षा कंपनी क्लाउड एसईके ने कहा कि उसने कई फिशिंग डोमेन और एंड्रॉइड-आधारित नकली क्रिप्टो एप्लिकेशन से जुड़े ऑपरेशन का खुलासा किया है।

नकली डोमेन बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम

क्लाउडएसईके को एक पीड़ित ने संपर्क किया था, जिसने इस तरह के एक क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में कथित तौर पर साथ ही जमा राशि, कर इत्यादि जैसी अन्य लागतों के अलावा 50 लाख रुपये (64,000 डॉलर) खो दिए थे। क्लाउडएसईके के संस्थापक और सीईओ राहुल ससी ने कहा, हमारा अनुमान है कि धोखेबाज इस तरह के क्रिप्टो घोटालों के माध्यम से पीड़ितों को 128 मिलियन डॉलर (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) तक का चूना लगाया है। ससी ने कहा, जैसे ही निवेशक क्रिप्टोकरेंसी बाजारों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, स्कैमर और धोखेबाज भी उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। धोखेबाज पहले नकली डोमेन बनाते हैं जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कॉपी होता है। इसी के जरिये वो फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं।

सोशल मीडिया का भी सहारा

धोखेबाज निवेशकों से संपर्क करने और दोस्ती स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया पर एक महिला प्रोफाइल बनाते हैं। इस तरह का प्रोफाइल एक विशेष क्रिप्टो एक्सचेंज को उपहार के रूप में 100 डॉलर का क्रेडिट भी साझा करता है, जो इस मामले में एक वैध क्रिप्टो एक्सचेंज का डुप्लिकेट है। नकली एक्सचेंज निवेशकों को शुरुआत में मुनाफा देता है, जिससे उनका विश्वास बढ़ता है। मुनाफा कमाने के बाद, स्कैमर उन्हें बेहतर रिटर्न का वादा करते हुए अधिक राशि का निवेश करने के लिए मना लेता है। एक बार जब निवेशक नकली एक्सचेंज में अपना पैसा जोड़ता है, तो उसके खाते को फ्रीज कर दिया है। इस तरह निवेशक का पैसा हजम कर दिया जाता है।

नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने की सबसे बड़ी Crypto चोरी, साफ कर दिए इतने हजार करोड़ रुपये, अभी भी पकड़ से बाहर

Cryptocurrency भी अब सेफ नहीं है. हाल ही में नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी की थी. अब ये फंड्स को मूव भी कर रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से ये साइबर क्रिमिनल्स बाहर हैं.

Cryptocurrency

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2022,
  • (अपडेटेड 24 अप्रैल 2022, 4:03 PM IST)
  • नॉर्थ कोरिया का है हैकिंग ग्रुप करोड़ों रुपए की क्रिप्टोकरेंसी फ्रीज Lazarus
  • हाल ही में हैकर्स इन करेंसी को मूव किया है

Cryptocurrency में भी चोरी की घटनाएं सामने आने लगी हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले करोड़ों रुपए की क्रिप्टोकरेंसी फ्रीज महीने नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरी की थी. 600 मिलियन डॉलर (लगभग 4500 करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी साइबर क्रिमिनल्स ने Axie Infinity नाम के वीडियो गेम से चोरी की थी.

The Washington Post की एक रिपोर्ट के अनुसार अभी भी चोरी की हुई क्रिप्टोकरेंसी का यूज हैकर्स कर पा रहे हैं. हाल ही में हैकर्स ने 4.5 मिलियन डॉलर की कीमत के Ethereum को मूव किया था. क्रिप्टोकरेंसी ट्रैकिंग साइट Etherscan ने इसको रिपोर्ट किया है.

इससे पहले Treasury Department ने उन एसेट्स को फ्रिज करने की कोशिश की थी जिसमें डिजिटल वॉलेट ग्रुप जो इस अटैक में यूज किया गया था उस पर सेंक्शन लगाया गया था. इस गैंग की पहचान Treasury Department ने Lazarus Group के रूप में की है. ये ग्रुप नॉर्थ कोरिया का है.

इस ग्रुप ने ही साल 2014 में सोनी पिक्चर्स को हैक किया था. ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म Elliptic के अनुसार, साइबर क्रिमिनल्स का ये ग्रुप अभी तक चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी का 100 मिलियन डॉलर लॉन्ड्री कर चुके हैं.

गैंग से जुड़े तीन और एड्रेस को ट्रेजरी ने सेंक्शन कर दिया है. इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance ने बताया कि उसने उन्होंने 5.8 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी जो हैकर्स ने ट्रांसफर किए हैं उन्हें फ्रॉज कर दिया है. ये क्रिप्टो चोरी दिखाती है कि लो-इनफॉर्समेंट और नॉर्थ कोरिया के बीच चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है.

नॉर्थ कोरिया के हैकर्स उदाहरण है किस तरह उन्होंने क्रिप्टो इकोनॉमी के कमजोरी प्वॉइंट को पकड़ लिया है. वो क्रिप्टो प्लेटफॉर्म में मौजूद खामी का फायदा उठाकर वैसे टूल का यूज करते हैं जिससे उन्हें इन एसेट्स ट्रैकर को हाइड करने और प्राइवेसी बढ़ाने में मदद मिलती है.

CG में क्रिप्टोकरंसी पर बड़ी कार्रवाई: चायनीज मॉडल की तस्वीर के सहारे राजनांदगांव के करोबारी को ठगा, पुलिस ने फ्रीज किए विदेशी अकाउंट

राजनांदगांव की पुलिस ने क्रिप्टोकरंसी के फर्जीवाड़े केस में बड़ी कार्रवाई की है। चायना के मशहूर “शा झू पान“ मामले में राजनांदगांव के SP, IPS संतोष सिंह ने करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरंसी फ्रीज करवाई है। बताया जा रहा है कि ये अपनी तरह का पहला मामला है जिसमें राजनांदगांव में FIR की गई है।

SP संतोष सिंह ने चायनीज का खाता फ्रीज करवा दिया।

SP संतोष सिंह ने बताया कि ग्लोबल एंटी स्कैम ऑर्गेनाजेशन के मुताबिक ’शू झू पान’ स्कैमर्स दुनिया भर में लोगों से हर साल अरबों डॉलर की धोखाधड़ी करते हैं। ये मशहूर क्रिप्टोकरेंसी धोखधड़ी गैंग “शा झू पान“ (चीनी में अर्थ - रोमांटिक घोटाला) के नाम से ऑपरेट करता है। राजनांदगांव के रहने वाले डॉ अभिषेक पाल ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह से इस केस की शिकायत की थी।

इस मॉडल की तस्वीर के सहारे ठगी।

ताइवान की मॉडल के हुस्न का जाल
कारोबारी को “एना-ली“ नाम की गैंग मेंबर में ने एक सोशल नेटवर्क साइट पर दोस्त बनाया। एना ली ने ताइवान की इंस्टाग्राम स्टार स्टेफनी की तस्वीरों के सहारे फर्जी आइडी से भरोसे में लिया। क्रिप्टोकरंसी में डील की बातें की, कुछ फायदा भी पहुंचाया जिससे शिकायतकर्ता को भरोसा हो जाए।

बातों में आकर अभिषेक पाल ने एना ली की बताई मेटाट्रेडर-5 नाम की कंपनी में 35,000 $ अमरीकी यानी की करीब 31 लाख रुपये का निवेश किया। इसमें मुनाफा हुआ तो रकम बढ़कर 68 लाख हो गई। मगर बाद में, जब पीड़ित ने अपना रूपये निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने पीड़ित के खाते को फ्रीज कर दिया और ठगी की।

फेक आइडी बनाकर भरोसे में लिया।

शिकायत मिलने के बाद खुद राजनांदगांव के SP संतोष सिंह ने इसकी जांच की। यह पता चला कि संदिग्ध “एना-ली“ ने ताइवान की मॉडल की तस्वीर लगाकर लोगों को ठग रही है। क्रिप्टोकरेंसी के खातों के ट्रांजेक्शन को पता किया गया। जानकारी मिली कि खातों से रकम का लेन-देन चायना के लियू कियांग, विंग सैन त्से और गुओ पैन नाम के लोग कर रहे हैं। राजनांदगांव पुलिस की पहल पर तीनों के खातों जिसमें करीब 4 करोड़ रुपए थे इसे फ्रीज कर दिया गया है। राजनांदगांव की पुलिस रकम जब्त करने और ठगों को पकड़ने की दिशा में काम कर रही है।

होती है अरबों डॉलर की ठगी
“शू झू पान“ स्कैम के शिकार भारत के कई लोग हो सकते हैं। ये एशियाई देशों में डिजिटल करंसी फ्रॉड करने वाला बड़ा ग्रूप है। ये हर साल अरबों डॉलर की ठगी करते हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया में ये काफी एक्टिव बताय जाता है। इस गैंग के लोग पीड़ित को धोखा देने के लिए पीड़ित के साथ धीरे-धीरे दोस्ती का संबंध बनाते हैं। ये किसी बड़े कॉर्पाेरेट की तरह अपने कार्यालय चलाते हैं। जांच में ये बात सामने आई है कि 2000 से अधिक फर्जी सेल कंपनियां भी चलाई जा रही हैं। जिनका पता लंदन का है। सभी कंपनियों के डायरेक्टर चीन के निवासी है। 2021 में अमेरिकी खूफिया एजेंसी FBI ने केवल अमेरिका में इस तरह के घोटालों से 1 बिलियन अमरीकी डालर के नुकसान की सूचना दी है।

कारोबारी अपनी कमाई इसके जरिए बढ़ाने की ताक में रहते हैं।

क्या होती है डिजिटल करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। जहां एक ओर किसी भी देश की करेंसी के लेन-देन के बीच में एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो पल में किसी को अमीर बना देता है और एक झटके में उसे जमीन पर गिरा देता है। लेकिन बावजूद इस उतार चढ़ाव के इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।

पुलिस की अपील
राजनांदगांव SP संतोष सिंह ने बताया कि इंटरनेट पर मिले किसी व्यक्ति के अनुरोध पर ऐसे किसी भी स्कीम में निवेश न करें। कोई इतना बड़ा मुनाफा देने वाली कोई स्कीम है तो समझिए वो ज्यादातर घोटाले होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी स्वयं अत्यधिक अस्थिर और जोखिम भरी संपत्ति हैं। निवेश करने से पहले उचित शोध कर लेने से व्यक्ति ऐसे घोटालों के जाल में फंसने से बच सकता है।

Cryptocurrency: हैकर्स ने करीब 10 करोड़ डॉलर के Binance Coin की चोरी की, क्रिप्टो निवेशकों को बड़ा झटका

Cryptocurrency Hacked: बिनांस के को-फाउंडर चैंगपेंग सीजेड झाओ ने जानकारी दी है कि हैकर्स ने करीब 10 करोड़ डॉलर के बिनांस कॉइन की चोरी कर ली है. इस बात की जानकारी आज सुबह एक ट्वीट के माध्यम से दी गई.

Cryptocurrency: हैकर्स ने करीब 10 करोड़ डॉलर के Binance Coin की चोरी की, क्रिप्टो निवेशकों को बड़ा झटका

Cryptocurrency Hacked: दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनांस पर हैकर्स ने हमला बोलकर करीब 824 करोड़ रुपये की भारी-भरकम चोरी कर ली है. ये चोरी क्रिप्टोकरेंसी बिनांस कॉइन के चोरी होने के रूप में सामने आई है. शुक्रवार की सुबह-सुबह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को इस झटके का सामना करना पड़ा जिसके बाद क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर निगेटिव असर देखा गया.

बिनांस के को-फाउंडर ने किया ट्वीट
बिनांस के को-फाउंडर चैंगपेंग सीजेड झाओ ने जानकारी दी है कि हैकर्स ने करीब 10 करोड़ डॉलर के बिनांस कॉइन की चोरी कर ली है. इस बात की जानकारी आज सुबह एक ट्वीट के माध्यम से दी गई. झाओ सिंगापुर में रहते हैं.

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10 करोड़ डॉलर के बिनांस कॉइन की चोरी हुई
दरअसल हैकर्स ने बिनांस और ब्लॉकचेन को जोड़ने वाले ब्रिज पर साइबर अटैक किया और 100 मिलियन या 10 करोड़ डॉलर के बिनांस कॉइन की चोरी की. इस डिजिटल चोरी में करीब 10 से 11 करोड़ डॉलर के डिजिटल टोकन हैकर्स ने हथिया लिए. हालांकि बिनांस की ब्लॉकचेन BNB के प्रवक्ता की ओर से इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा गया कि जितनी क्रिप्टोकरेंसी की चोरी हुई उसमें से 70 लाख डॉलर को फ्रीज कर दिया गया है.

BSC Token Hub को किया गया बंद
बिनांस की ब्लॉकचेन BNB के प्रवक्ता ने कहा कि क्रिप्टो एक्सचेंज और ब्लॉकचेन के बीच के ब्रिज बीएससी टोकन हब को फिलहाल बंद कर दिया गया है. बिनांस के को-फाउंडर चैंगपेंग सीजेड झाओ ने ट्विटर पर ये भी कहा कि समस्या अब समाहित है और आपके फंड सुरक्षित हैं. असुविधा के लिए हम माफी चाहते हैं और समय समय पर और अपडेट प्रदान करेंगे.

तीसरी तिमाही में क्रिप्टोकरेंसी बाजार को 428 मिलियन डॉलर तक का नुकसान
दुनिया में तीसरी तिमाही में क्रिप्टोकरेंसी बाजार को 428 मिलियन डॉलर तक का नुकसान देखा गया है. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. बग बाउंटी प्लेटफॉर्म इम्यूनफी द्वारा क्रिप्टो नुकसान के विश्लेषण में पाया गया कि 2022 की तीसरी तिमाही में धोखाधड़ी का कुल नुकसान का केवल 7 प्रतिशत है, जबकि हैकर्स का 93 प्रतिशत हिस्सा है.

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