छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.

Zerodha के CEO नितिन कामत ने क्यों कहा- स्कूल से ही बच्चों को देना चाहिए फाइनेंशियल और पैसा निवेश करने का ज्ञान

नितिन कामत (Nitin Kamath) का मानना ​​​​है कि स्कूलों में छात्रों को पैसा निवेश (Money Investment) करने की मूल बातें सिखानी चाहिए। ये ठीक वैसे ही होना चाहिए जैसे कि फिजिक्स और केमिस्ट्री के फॉर्मूला याद कराए जाते हैं

ज़ेरोधा (Zerodha) के CEO नितिन कामत (Nitin Kamath) कई मौकों पर ये जोर देते आए हैं कि किसी भी शख्स को फाइनेंशियल समझ या ज्ञान (Financial Knowledge) उसकी उम्र के शुरुआती दौर से ही मिलना चाहिए। उनका मानना ​​​​है कि स्कूलों में छात्रों को पैसा निवेश (Money Investment) करने की मूल बातें सिखानी चाहिए। ये ठीक वैसे ही होना चाहिए जैसे कि फिजिक्स और केमिस्ट्री के फॉर्मूला याद कराए जाते हैं।

शुक्रवार को एक ट्वीट में, नितिन कामत ने संसद में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्हें ये कहते सुना गया कि कई युवा भारतीय फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्किल्स की समझ नहीं रखते थे।

क्लिप में सूर्या ने कहा, "औपचारिक स्कूली शिक्षा में हमारे पास वित्तीय साक्षरता नहीं है।" उन्होंने कहा कि अगर छात्रों को स्कूलों और कॉलेजों में बेसिक फाइनेंशियल स्किल्स सिखाई जाती है, तो वे अपने जीवन में बेहतर ढंग से योजना बना सकते हैं और धोखाधड़ी वाली योजनाओं से भी बच सकते हैं।

एक्सपर्ट की सलाह: शेयर बाजार या किसी भी इंस्ट्रूमेंट में अच्छे रिटर्न के लिए निवेश के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई जरूर करें

याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है - Dainik Bhaskar

पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) ट्रेडिंग के क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विषयों में से एक है। हालांकि, यह सबसे अधिक उपेक्षित भी है, खासकर नए निवेशकों द्वारा। फिर भी शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी अनुभवी निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से संतुलित रखते हैं। दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में समान संपत्ति निवेश में भी विविधता का पालन होता है। ऐसा करने से उनके समग्र रिटर्न में सुधार के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता का पालन क्यों जरूरी है?

एंजल ब्रोकिंग के मुख्य सेल्स अधिकारी संदीप भारद्वाज कहते हैं कि न तो बाजार और न ही इसके अलग-अलग क्षेत्रों में एक-सी प्रतिक्रिया होती है। इस वजह से जब आप किसी विशेष सेगमेंट या बड़े स्तर पर बाजार में कोई घटना देख रहे हों, तो किसी क्षेत्र में ज्यादा रुझान दिखता है तो किसी में कम दिखता है। कभी-कभी इसका उलटा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए बाजार की मौजूदा स्थिति पर विचार करें।

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव में होती है मदद

वे कहते हैं कि शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है और पिछले दो महीनों में सभी शेयर्स ने करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। दूसरी ओर, फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्रों ने इसी समय में वृद्धि दर्ज की है। एफएमसीजी सेक्टर भी अच्छा खासा बढ़ा है। ऐसे में एक बुद्धिमान निवेशक के रूप में आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव की स्थिति में नुकसान कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। ऐसे में जब रुझान आपके पक्ष में होगा तो आपका रिटर्न भी कई गुना बढ़ चुका होगा।

आपको निवेश कैसे करना चाहिए?

शुरुआत में यह अच्छे से समझ लीजिए कि पोर्टफोलियो बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। हालांकि, इस पर लागू होने वाले फैक्टर आपको पता होना चाहिए। अलग-अलग उद्योगों, वर्टिकल्स व अन्य प्रासंगिक डायनॉमिक्स जैसे रेगुलेटर स्ट्रक्चर, कंपनी प्रबंधन सप्लाई-डिमांड आदि सभी फैक्टर्स को मिलाकर आसानी से बाजार को समझा जा सकता है। आपकी समझ जितनी ज्यादा होगी, आपका मूल्यांकन उतना ही सटीक होगा।

पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लानी चाहिए?

पोर्टफोलियो में विविधता पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत निवेश रणनीति पर निर्भर करती है। सेक्टर्स, बाजार पूंजीकरण (लार्ज कैप / मिड कैप / स्माल कैप), या निवेश साधन के संदर्भ में विविधता लाई जा सकती है। विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो को अच्छा तब कहेंगे जब उसमें सिक्योरिटीज (विभिन्न क्षेत्रों और कंपनी के आकारों से संबंधित) और कमोडिटी (बुलियन और बेस मेटल्स सहित) एवं करेंसी शामिल हो। उदाहरण के लिए भारत में लॉकडाउन 31 मई, 2020 को समाप्त होने वाला है।

एक अच्छे निवेशक के रूप में, आपको हमेशा दूसरे विकल्प पर भी विचार करना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को उसके अनुसार संतुलित करना चाहिए।

लक्ष्य बनाएं और नुकसान को बचाएं

इसमें दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए लेकिन संबंधित लक्ष्य तय करना और नुकसान को रोकना हमेशा याद रखें। इसमें कोई भी फैसला भावनाओं में आकर न लें। इससे आपको अपने निवेश के साथ लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलेगी। आपके अनूठे निवेश पैटर्न और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर विविधीकरण पूरी तरह से आपको तय करना है। याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है।

एक निवेशक होने के नाते आपके पास बाजार और अपने प्रमुख शेयरों या संपत्तियों के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतना बेहतर होगा। आखिर, ज्ञान और सही नजर ही बाजार में सच्चे गेम-चेंजर हैं।

मार्केट का महारथी बनने के लिए काफी हैं 12वीं की अकाउंट्स की किताबें

यदि आपको भी यही लगता है कि शेयर बाजार का खिलाड़ी बनने के लिए काफी वित्तीय ज्ञान और उच्च स्तरीय आईक्यू की जरूरत है, तो शायद आप गलत हैं.

मार्केट का महारथी बनने के लिए काफी हैं 12वीं की अकाउंट्स की किताबें

अपने तर्क के पक्ष में मित्तल ने कहा, "बहुत कम लोग जानते हैं कि एल्बर्ट आइंसटीन ने 1921 में नोबेल पुरस्कार के साथ मिली रकम को शेयर बाजार में निवेश किया था. मगर वे 1929 के शेयर बाजार की मंदी में अपना काफी पैसा गंवा बैठे. विश्व विख्यात निवेशक वॉरेन बफे की बातें भी आईक्यू से संबंधित नहीं होती."

31 वर्षीय मित्तल ने कई ऐसे सबक सीखे, जो उन्हें एक बेहतर निवेशक बनाने में मदद करता है. उन्होंने 2011 में कैटलिस्ट वेल्थ की स्थापना की थी. उनके निवेश ने उन्हें 1,700 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. उनके पोर्टफोलियो में डीएफएम फूड्स, विमप्लास्ट और एक्रिसिल जैसे शेयर हैं.

Mutual Fund.

दिलचस्प बात यह है कि मित्तल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने वित्तीय बाजार की शिक्षा नहीं ली. वे सिर्फ पढ़कर की ही निवेश के बारे में सीखे. उन्होंने कहा, "मैंने काफी कम उम्र में ही निवेश शुरू कर दिया था. मैंने घर में गुलाबी रंग के अखबार ईटी को देखा और वहीं से मेरी दिलचस्पी बढ़ने लगी."

मित्तल दीर्घावधि निवेश के पक्षधर हैं. सही समझ के साथ ही कंपनियों पर दांव खेलते हैं. अच्छे प्रबंधन के साथ सही वैल्यूएशन वाली कंपनियों को वे क्वालिटी शेयर मानते हैं. मित्तल ने बताया कि अपने बीटेक के दौरान वे अपने जेब खर्च से माइक्रो-कैप शेयर खरीदते थे.

उन्होंने कहा कि आज सूचना की भरमार है. मगर इससे अधिक उत्साहित नहीं होना चाहिए. बुनियादी समझ ठोस होनी चाहिए. 11वीं और 12वीं की अकाउंटेंसी की किताबें पर्याप्त जानकारी और समझ प्रदान करकती हैं. बैलेंस शीट, नकद प्रवाह और नफा-नुकसान की बुनियादी समझ इससे मिल जाती है.

जब आप जमीन तैयार कर लेते हैं, तो निवेश सरल हो जाता है. इसके बाद आप किसी विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं. मित्तल ने सलाह दी कि छोटी-छोटी रकम से निवेश शुरू करें, ताकि नुकसान कम हो. मित्तल ने कहा, "अपने घाटे को ट्यूशन फीस की तरह लें और भविष्य में गलतियां दोहराने से बचें."

अपने इस सफर के दौरान मित्तल कई दिग्गज लोगों की किताबें पढ़ चुके हैं. इसमें हावॉर्ड मार्क्स की 'अनकॉमन सेंस फॉर थॉटफुल इंवेस्टर्स', पीटर लिंच की 'वन अप ऑन वॉल स्ट्रीट' और हावर्ड शिलिट की 'फाइनेंशियल शेनेघन' शामिल हैं.

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हालांकि, मित्तल को गिरावट से भी दो-चार होना पड़ा. उन्होंने ईटी मार्केट्स से कहा कि इप्का लैब्स और इरोज इंटरनेशनल ने उन्हें काफी चपत लगाई थी. वे इस दौरान इसने रुझान को नहीं समझ पाए. उन्होंने सलाह की दी कि बाजार में सट्टा खेलने से बचे.

उन्होंने सलाह दी कि अच्छा डिविडेंड देने वाली कंपनियों से जुड़े. उन्होंने कहा, "अपने आस-पास देखें. ऐसी कंपनियों पर दांव लगाएं, जिसे आप समझें और जिसके आप नियमित ग्राहक हो. ये एफएमसीजी ही नहीं, ऑटो, ट्रेवल आदि किसी भी सेक्टर की हो सकती हैं."

उन्होंने नए और कच्चे निवेशकों को सलाह दी कि यदि आप विशेषज्ञ नहीं हैं, तो डेरिवेटिव बाजार से दूर रहें. सिर्फ सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें. अच्छे शोध के बाद ही निर्णय लें. वास्तविक्ता में निवेश करें. इस बात को समझें कि आप एक ही रात में राकेश झुनझुनवाला नहीं बन सकते.

मित्तल ने कहा कि शेयर बाजार को एसेट समझें. यह कोई कसीनों नहीं है. पैसा उधार लेकर निवेश न करें. जैसे उधार वाली कंपनियां में निवेश से आप बचते हैं. शेयरों में निवेश कोई रॉकेटसाइंस नहीं है, मगर यह आपके लिए शानदार सौगात ला सकता है.

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एक्सपर्ट की सलाह: शेयर बाजार या किसी भी इंस्ट्रूमेंट में अच्छे रिटर्न के लिए निवेश के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई जरूर करें

याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है - Dainik Bhaskar

पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) ट्रेडिंग के क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विषयों में से एक है। हालांकि, यह सबसे अधिक उपेक्षित भी है, खासकर नए निवेशकों द्वारा। फिर भी अनुभवी निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से संतुलित रखते हैं। दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में समान संपत्ति निवेश में भी विविधता का पालन होता है। ऐसा करने से उनके समग्र रिटर्न में सुधार के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता का पालन क्यों जरूरी है?

एंजल ब्रोकिंग के मुख्य सेल्स अधिकारी संदीप भारद्वाज कहते हैं कि न तो बाजार और न ही इसके अलग-अलग क्षेत्रों में एक-सी प्रतिक्रिया होती है। इस वजह से जब आप किसी विशेष सेगमेंट या बड़े स्तर पर बाजार में कोई घटना देख रहे हों, तो किसी क्षेत्र में ज्यादा रुझान दिखता है तो किसी में कम दिखता है। कभी-कभी इसका उलटा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए बाजार की मौजूदा स्थिति पर विचार करें।

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव में होती है मदद

वे कहते हैं कि शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है और पिछले दो महीनों में सभी शेयर्स ने करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। दूसरी ओर, फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्रों ने इसी समय में वृद्धि दर्ज की है। एफएमसीजी सेक्टर भी अच्छा खासा बढ़ा है। ऐसे में एक बुद्धिमान निवेशक के रूप में आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव की स्थिति में नुकसान कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। ऐसे में जब रुझान आपके पक्ष में होगा तो आपका रिटर्न भी कई गुना बढ़ चुका होगा।

आपको निवेश कैसे करना चाहिए?

शुरुआत में यह अच्छे से समझ लीजिए कि पोर्टफोलियो बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। हालांकि, इस पर लागू होने वाले फैक्टर आपको पता होना चाहिए। अलग-अलग उद्योगों, वर्टिकल्स व अन्य प्रासंगिक डायनॉमिक्स जैसे रेगुलेटर स्ट्रक्चर, कंपनी प्रबंधन सप्लाई-डिमांड आदि सभी फैक्टर्स को मिलाकर आसानी से बाजार को शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी समझा जा सकता है। आपकी समझ जितनी ज्यादा होगी, आपका मूल्यांकन उतना ही सटीक होगा।

पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लानी चाहिए?

पोर्टफोलियो में विविधता पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत निवेश रणनीति पर निर्भर करती है। सेक्टर्स, बाजार पूंजीकरण (लार्ज कैप / मिड कैप / स्माल कैप), या निवेश साधन के संदर्भ में विविधता लाई जा सकती है। विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो को अच्छा तब कहेंगे जब उसमें सिक्योरिटीज (विभिन्न क्षेत्रों और कंपनी के आकारों से संबंधित) और कमोडिटी (बुलियन और बेस मेटल्स सहित) एवं करेंसी शामिल हो। उदाहरण के लिए भारत में लॉकडाउन 31 मई, 2020 को समाप्त होने वाला है।

एक अच्छे निवेशक के रूप में, आपको हमेशा दूसरे विकल्प पर भी विचार करना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को उसके अनुसार संतुलित करना चाहिए।

लक्ष्य बनाएं और नुकसान को बचाएं

इसमें दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए लेकिन संबंधित लक्ष्य तय करना और नुकसान को रोकना हमेशा याद रखें। इसमें कोई भी फैसला भावनाओं में आकर न लें। इससे आपको अपने निवेश के साथ लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलेगी। आपके अनूठे निवेश पैटर्न और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर विविधीकरण पूरी तरह से आपको तय करना है। याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है।

एक निवेशक होने के नाते आपके पास बाजार और अपने प्रमुख शेयरों या संपत्तियों के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतना बेहतर होगा। आखिर, ज्ञान और सही नजर ही बाजार में सच्चे गेम-चेंजर हैं।

Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स

अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपनाए ये कुछ जरूरी टिप्स, जो आपके निवेश को तो सुरक्षित करेगा ही साथ ही आप को दिलायेगा ज्यादा रिटर्न

Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स

छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.

Equity Investment : अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आज आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताने वाले हैं. इन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि बेहतरीन रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे. आम तौर पर भारत में ज्यादातर लोग इक्विटी में निवेश करना पसंद करते हैं. क्योंकि इसमें कम निवेश पर भी बेहतरीन रिटर्न शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी हासिल हो सकता है. हालांकि इसमें निवेश जोखिम बना रहता है. इसलिए इक्विटी में निवेश से पहले आपको इसके बारे में सभी जानकारी तो लेनी ही चाहिए, साथ ही आपको व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए. ताकि आपके निवेश पर जोखिम कम से कम हो.

निवेशकों को इक्विटी में निवेश करते समय ये कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.

1. कभी भी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे न भागें

हमारे देश में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले 10 में से 9 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने किसी अन्य से मिली इन्वेस्टमेंट टिप्स को आधार बनाते हुए शेयर बाजार में निवेश शुरू किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर मार्केट का जानकार या उसमें काम करने वाला व्यक्ति आप को ऐसी जानकारी या टिप्स क्यों देगा, जिससे उसकी जगह आप शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी का फायदा होगा? उदाहरण के तौर पर हम देखेंगे कि कभी भी कोई सेफ (खाना बनाने वाला) अपनी रेसिपी का खुलासा नहीं करता है, तो फिर कोई आपको फायदा कराने वाली टिप्स की जानकारी क्यों देगा?. इसलिए किसी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे भागने से बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले स्कीम को लेकर थोड़ा रिसर्च जरूर करें, ताकि आप की मेहनत की कमाई बेकार न हो जाए.

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2. फंडामेंटल एनालिसिस

जहां तक रिसर्च की बात है तो हर व्यक्ति को न तो रिसर्च की तकनीक का ज्ञान है और न ही उसमें इतनी समझ है कि वो खुद से इन्वेस्टमेंट से जुड़े टेक्निकल वर्ड को सही मायनों में समझ सके. हालांकि वो पढ़ जरूर सकता है. वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो इन्वेस्टमेंट सेक्टर में हमेशा वॉरेन बफे और चार्ली मुंगेर की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने निवेश से पहले शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी अच्छी तरह से रिसर्च किया और प्लान तरीके से निवेश किया. अपनी इसी रिसर्च और प्लान निवेश के दम पर इंटरनेशनल मार्केट में दोनों ने अपनी खास पहचान बनाई है.

3. पोर्टफोलियो में लाएं डायवर्सिटी

क्या आप जाने हैं कि एक ही स्टॉक या सेक्टर में निवेश करना आप के लिए बड़ा जोखिमभरा साबित हो सकता है. इसलिए आप को निवेश करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, ताकि अगर एक सेक्टर या एक स्टॉक में कोई दिक्कत आती है तो आप की सारी रकम एक साथ न डूब जाएये. यही वजह है कि निवेशकों को अपने निवेश पोर्टपोलियों में विविधता लाने की सलाह दी जाती है.

4. जोखिमों के बारे में रखें जानकारी

स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को ये पता होता है कि उसे कब शेयर खरीदना और बेचना है. आम तौर पर 20 से 30 फीसदी के लाभ पर शेयर होल्डर्स अपने शेयर को बेच देते हैं, लेकिन मंदी के दौर में निवेशकों को इसे लेकर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि कई बार लोग सोचते हैं कि मंदी के समय में सस्ते शेयर लेकर इन्हें बाद में प्रॉफिट के साथ बेच देंगे. तो ये सोच कभी-कभी निवेशक के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है.

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