भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा : चंद्रशेखरन
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि भारत अगले साल तेजी से आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहने के लिये बेहतर स्थिति में है। दूसरी तरफ वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट को छोड़कर इस सदी की शुरूआत से सबसे किस में निवेश करना बेहतर है नीचे रह सकती है।
चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के करीब 9.35 लाख करोड़ कर्मचारियों को नये साल के संदेश में कहा कि खपत में वृद्धि, उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ना और निवेश में तेजी से भारत की वृद्धि को समर्थन मिलेगा। हालांकि, वैश्विक परिवेश के स्तर पर कई जोखिम है। इसमें यूरोप में ऊर्जा संकट, मंदी को रोकने के लिये महंगाई को काबू में लाने का संघर्ष तथा वैश्विक स्तर पर जारी तनाव शामिल हैं।
उन्होंने अपने संदेश में लिखा है, ‘‘महामारी के बाद भारत में चीजें बेहतर हुई हैं और पिछले एक साल में हमारा दैनिक जीवन सामान्य रास्ते पर लौट आया है…हमारी कई कंपनियों के लिये कारोबारी गति मजबूत बनी हुई है।’’
चंद्रशेखरन ने कहा कि अगले साल मुद्रास्फीति के धीरे-धीरे नरम पड़ने की उम्मीद है। भारत बेहतर स्थिति में है और खपत और निवेश में तेजी तथा ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ने से तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने किस में निवेश करना बेहतर है वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मंद पड़ते वैश्विक आर्थिक वृद्धि उत्पादन पर दबाव के रूप में कार्य कर सकती है। लेकिन वैश्विक विनिर्माण में हमारी बढ़ती हिस्सेदारी कुछ राहत प्रदान कर सकती है।’’
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट को छोड़ दिया जाए तो अगले साल वैश्विक वृद्धि दर इस सदी की शुरुआत से सबसे कम होगी। हमें जिंसों के दाम में तेजी पर नजर रखने की जरूरत होगी।’’
समूह के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गतिविधियों वाला वर्ष रहा। हमने वर्ष के दौरान महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। इसमें एयर इंडिया का समूह में वापस आना, टाटा न्यू पेश करना तथा टाटा मोटर्स की यात्री कारों की संख्या एक साल में 5,00,000 के पार पहुंचना शामिल है। इसमें ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) का हिस्सा 10 प्रतिशत रहा।’’
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सिंगल मां इन 5 टिप्स से बनाएं अपने बच्चों को आर्थिक रूप से स्मार्ट: Single Mother Financial Tips
Single Mother Financial Tips: एक सिंगल मां के रूप में आपके पास कई तरह के काम होते हैं, जिसमें ऑफिस के काम से लेकर घर को मैनेज करने तक का काम शामिल है। यह तो वे काम हैं, जो सबको शायद नजर आएं, इसके अलावा बच्चों की देखभाल और उनकी पढ़ाई एक ऐसा काम है, जो जिम्मेदारियों से भरा है। और यहां तो एक सिंगल मां की जिम्मेदारी डबल हो जाती है क्योंकि उसे ही अकेले सभी काम करने होते हैं।
आप एक सिंगल मां की सभी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रही हैं, इसके लिए आपको किसी को कुछ भी प्रूव करने की जरूरत नहीं है। लेकिन हां, आपके लिए यह भी जरूरी है कि आप अपने बच्चों को आर्थिक तौर पर स्मार्ट बनना किस में निवेश करना बेहतर है सिखाएं। उन्हें बताएं कि वे कम उम्र से ही किस तरह पैसों को मैनेज कर सकते हैं और इसमें आपकी भूमिका अहम हो जाती है। इस तरह से उनका भविष्य भी बेहतर होता है और आगे भी किस में निवेश करना बेहतर है उन्हें सही रास्ता मिलता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सिंगल मां किस तरह अपने बच्चों को आर्थिक रूप से स्मार्ट होने में मदद कर सकती है।
स्मार्ट बजट रणनीति
पर्याप्त और सही तरीके से बजट बनाने से इसकी शुरुआत की जा सकती है और इसे फॉलो करने पर बल देना चाहिए। यह संभव है कि सिंगल कमाई का स्रोत होने के कारण आपका बजट टाइट हो, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि इसका फायदा आपको भविष्य में भी मिले। इसके लिए सबसे बड़ी और पहली सलाह है कि बिल पेमेंट, राशन, स्कूल की फीस और अन्य जरूरी खर्चों के लिए पैसे सबसे पहले अलग कर लें। इसके साथ ही अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए लंबे टर्म वाली पॉलिसी में निवेश करें।
Emergency Fund
जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है, इसलिए आपको पहले से ही खुद को हर तरह की स्थिति के लिए तैयार करके रखना चाहिए। एक सिंगल मां होने का मतलब है कि आपको भावनात्मक और आर्थिक रूप से मजबूत और संबल होना पड़ेगा। ऐसे में, अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए लंबे टर्म वाली पॉलिसी में निवेश करना बेहद जरूरी है। इससे आपकी अनुपस्थिति में या फिर बच्चों के किस में निवेश करना बेहतर है बड़े होने पर उन्हें आर्थिक मदद मिलने में दिक्कत नहीं होगी।
इमरजेंसी फंड
कोरोना के दौर में सब समझ चुके हैं कि हमारे लिए इमरजेंसी फंड कितना जरूरी है। इसलिए हर महीने अपनी सैलरी का एक छोटा हिस्सा इमरजेंसी फंड के लिए सुरक्षित रखना शुरू कर दीजिए। यह इमरजेंसी फंड भविष्य में होने वाली किसी भी आर्थिक संकट में काम आ सकता है।
आर्थिक साक्षरता
With the development of financial prudence in children, they come to know about the importance of money
बच्चों में आर्थिक तौर पर समझदारी आने से उन्हें पैसों के महत्व के बारे में पता चलता है। यह याद रखिए सिर्फ आप ही अपने बच्चों की रोल मॉडल हैं, वे आपको ही देखकर कुछ भी सीखते हैं। इसलिए उनके अंदर स्वस्थ आर्थिक आदतें डालना भी आपका ही काम है। इस तरह से वे खुद को आर्थिक तौर पर संबल मानेंगे।
कर्ज को कहें ना
क्रेडिट कार्ड बिल, लोन जैसी चीजों से बचकर रहें क्योंकि ये आपके बच्चों की जिंदगी को प्रभावित करते हैं। इस तरह से पैसे बिल्कुल भी ना उठायें।
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