4.) ऊर्जा कुशल आर्थिक विकास (FEEED), वित्तीय साधनों के विकास के लिए के लिए फ्रेमवर्क ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए।
Agni- 5 मिसाइल का वजन 20 प्रतिशत कम हुआ, 5 हजार से बढ़कर 7 हजार किलोमीटर हुई रेंज, जानें कितनी है ताकतवर
By: ABP Live | विस्तृत क्षमताएं Updated at : 17 Dec 2022 08:47 PM (IST)
बैलिस्टिक मिसाइल (Photo- PTI)
Agni-5 Missile: भारत ने हाल ही में सबसे लंबी दूरी मारक क्षमता वाली अग्नि-5 न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. अब इसको लेकर एक बड़ा अपडेट आया है कि इसके वजन को कम कर दिया गया है और इसकी मारक क्षमता में भी इजाफा हो गया है. पहले इसकी मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 7 हजार किलोमीटर हो गई है. वहीं इसके वजन में 20 प्रतिशत की कमी की गई है.
इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, रक्षा सूत्रों ने बताया है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि डीआरडीओ ने मिसाइल में लगे स्टील को हटाकर कंपोजिट मटीरियल लगा दिया गया है. इससे मिसाइल का वजन अब 20 प्रतिशत कम हो गया है. इसके विस्तृत क्षमताएं साथ ही ये भी बताया गया है कि अगर सरकार चाहे तो इसकी मारक क्षमता को 7 हजार किलोमीटर से भी आगे बढ़ाया जा सकता है.
परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, 5000 किमी तक मार करने में सक्षम
Highlights अग्नि-5 परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का रात्रि परीक्षण सफलतापूर्वक किया अग्नि-5 मिसाइल 5,000 किमी से अधिक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है यह डीआरडीओ द्वारा विकसित एक परमाणु सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है
नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार 5,000 किमी से अधिक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम अग्नि-5 परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का रात्रि परीक्षण सफलतापूर्वक किया। रक्षा सूत्रों ने इस परीक्षण के बारे में जानकारी दी। इस मिसाइल में तीन स्टेज में संचालित होने वाला सॉलिड फ्यूल इंजन लगाया गया है। अग्नि-5 पांच हजार किलोमीटर तक सटीक मार करने की क्षमता रखती है।
NMEEE
बढ़ी ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMEEE) राष्ट्रीय कार्य योजना जलवायु परिवर्तन पर (NAPCC) के तहत आठ विस्तृत क्षमताएं मिशनों में से एक है। NMEEE अनुकूल नियामक और नीतिगत व्यवस्था बनाने के द्वारा ऊर्जा दक्षता के लिए बाजार को मजबूत करना है और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र के लिए नवीन और स्थायी व्यापार मॉडल को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है।
NMEEE चार पहल बाहर वर्तनी ऊर्जा गहन उद्योगों जो इस प्रकार हैं में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए:
पाना प्रदर्शन और व्यापार योजना (पीएटी), एक नियामक साधन ऊर्जा गहन उद्योगों में विस्तृत क्षमताएं विशिष्ट ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए, एक संबद्ध बाजार आधारित तंत्र के साथ अतिरिक्त ऊर्जा की बचत जो कारोबार किया जा सकता का प्रमाणीकरण के माध्यम से लागत प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए।
2.) ऊर्जा दक्षता (MTEE) के लिए बाजार परिवर्तन, उत्पादों को और अधिक किफायती बनाने के लिए अभिनव उपायों के माध्यम से नामित क्षेत्रों में ऊर्जा कुशल उपकरणों के लिए पाली में तेजी के लिए।
एडिटोरियल
यह एडिटोरियल 15/12/2022 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “An energy conundrum: On India betting big on solar power” लेख पर आधारित है। इसमें भारत की सौर ऊर्जा क्षमता और संबंधित चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है।
भारत की अपनी आबादी और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिये ऊर्जा प्रावधान बढ़ाने की आवश्यकता एक विकट चुनौती पेश करती है, जिसे समग्र ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने हेतु देश के लिये एक वृहत अवसर और आवश्यकता दोनों के रूप में देखा जाता है।
- सौर ऊर्जा (Solar Energy) भारत को स्वच्छ ऊर्जा (Cleaner Energy) उत्पादन प्रौद्योगिकियों के अंगीकरण की ओर ले जा रही है। वर्ष 2010 में 10 मेगावाट (MW) से भी कम क्षमता से आगे बढ़ते हुए भारत ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय सौर ऊर्जा का योग किया है और वर्ष 2022 तक 50 गीगावाट (GW) से अधिक की क्षमता हासिल कर ली है।
- वैश्विक जलवायु संकट को संबोधित करने की प्रतिबद्धता को आधार बनाते हुए भारत ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी लगभग आधी ऊर्जा आवश्यकता पूरी करने का संकल्प लिया है और लघु अवधि में अपनी नवीकरणीय ऊर्जा का कम से कम 60% सौर ऊर्जा से प्राप्त करने का निश्चय किया है।
- इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिये सौर ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ इसकी वहनीयता एवं पहुँच पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
सौर ऊर्जा की क्या आवश्यकता है?
- ऊर्जा सुरक्षा: भारत की ऊर्जा मांग बड़े पैमाने पर ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोतों से पूरी की जाती विस्तृत क्षमताएं है। इन जीवाश्म संसाधनों की कमी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता पर बल देती है।
- सौर ऊर्जा की प्रचुरता भारत की स्वच्छ ऊर्जा मांगों को पूरा कर सकती है।
- भारत को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता एवं न्यूनतम लागत के साथ ही सुनिश्चित नियमित आपूर्ति की भी आवश्यकता है, जिससे इसके उद्योगों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- ऊर्जा की अधिकांश मांग सब्सिडीयुक्त किरासन तेल से पूरी की जाती है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान होता है।
- इससे पर्यावरण प्रदूषण भी होता है। सौर ऊर्जा ऊर्जा संसाधन का एक स्वच्छ रूप है, जो एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance)
- राष्ट्रीय सौर मिशन (National Solar Mission)
- किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
- ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ (OSOWOG)
भारत में सौर क्षेत्र से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ
- विद्युत क्षेत्र में अपर्याप्त योगदान: स्थापित सौर क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद देश के विद्युत उत्पादन में सौर ऊर्जा का योगदान उस गति से नहीं बढ़ा है।
- उदाहरण के लिये, वर्ष 2019-20 में सौर ऊर्जा ने भारत के 1390 बिलियन यूनिट कुल बिजली उत्पादन में केवल 3.6% (50 बिलियन यूनिट) का योगदान किया।
- इसके अलावा, जबकि भारत ने यूटिलिटी-स्केल खंड में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये रिकॉर्ड निम्न टैरिफ हासिल किया है, यह अंतिम उपभोक्ताओं के लिये सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के रूप में फलित नहीं हुआ है।
- आपूर्ति शृंखला के शस्त्रीकरण का जोखिम: विशेष रूप से सिलिकॉन वेफर—जो सबसे महँगी कच्ची सामग्री है, भारत में विनिर्मित नहीं होती है। चूँकि वर्तमान में दुनिया का 90% से अधिक सोलर वेफर का विनिर्माण में चीन में होता है, भारत और चीन के बीच मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव भविष्य में आपूर्ति शृंखला के शस्त्रीकरण का कारण बन सकता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विस्तृत क्षमताएं विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्र. इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (IREDA) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (वर्ष 2015)
- यह एक पब्लिक लिमिटेड सरकारी कंपनी है।
- यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2PGCIL Bharti 2022: 211 डिप्लोमा ट्रेनी पदों के लिए आवेदन शुरू, यहाँ देखें डिटेल्स
PGCIL Bharti 2022: पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) ने इलेक्ट्रिकल, सिविल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग सहित विभिन्न विषयों के तहत डिप्लोमा ट्रेनी के पद के लिए अधिसूचना प्रकाशित की है। उम्मीदवारों को 09 दिसंबर से 31 दिसंबर 2022 के बीच कॉर्पोरेशन की ऑफिसियल वेबसाइट पर ही ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों के पास संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा होना चाहिए। ऐसे उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 27 वर्ष है। ये रिक्तियां उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी क्षेत्र और दिल्ली कॉर्पोरेट क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
PGCIL Bharti 2022 महत्वपूर्ण तारीखें :
आवेदन प्रक्रिया शुरू होने की तारीख - 09 दिसम्बर 2022
आवेदन की आखिरी तारीख - 31 दिसम्बर 2022
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 825