हम इसकी तुलना किसी क्रिप्टोकरेंसी से न करते हुए पहले से बाजार में चल रही डिजिटल करेंसी से करेंगे. क्या आरबीआई का डिजिटल रुपया फिलहाल बाजार में मौजूद डिजिटल करेंसी के मुकाबले बेहतर है, ये कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे होंगे यह लेख मुख्यत: इन्हीं बातों पर केंद्रित है.

digital currency kya hai in hindi

Digital Currency: आ गया भारत का अपना डिजिटल रुपया, जानें आपको इससे क्या होंगे फायदे

By: अजातिका सिंह | Updated at : 01 Nov डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? 2022 08:21 PM (IST)

Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार 1 नवंबर से डिजिटल करेंसी यानी भारतीय रुपे की शुरुआत कर दी है. अपने पहले पायलट परीक्षण कार्यक्रम के जरिए डिजिटल रुपये का इस्तेमाल अब व्यापक रूप से किया जा सकेगा. इसके लिए रिजर्व बैंक ने नौ बैंकों- भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी- को इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया है.

डिजिटल रुपये के ज़रिए अब लोगों की कैश पर निर्भरता कम होगी और यह एक तरह से थोक खंड (Wholesale Transaction) के लिए अच्छा विकल्प भी साबित होगा. अभी तक ट्रांजेक्शन करेंसी, रुपये या चेक के माध्यम से या किसी बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से किया जाता है. लेकिन डिजिटल नोट में कोई हार्ड करेंसी की जरूरत नहीं होगी. वॉलेट टू वॉलेट आप ट्रांजेक्शन कर पाएंगे.

Auto Reels

Crypto Currency से कैसे अलग होगी डिजिटल करेंसी?

ये Rupee to Rupee ट्रांजेक्शन पर आधारित है, क्राइपो में मार्केट का उछाल- गिरावट भी मायने रखते हैं. ये RBI यानि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है और उनके द्वारा ही रेगुलेटेड है. वहीं क्रिप्टो प्राइवेट एंटरप्राइज हैं, जिसके चलते उसमे जोखिम बहुत होता है. यहां आरबीआई में 9 बैंक शामिल हैं जिसके जरिए जानकारी मिलेगी कि कहां हमें इसका लाभ मिल रहा है. अभी आपको कैश जमा करना पड़ता है, संभाल कर रखना पड़ता है, बैंकों में जमा करना होता है, करेंसी डैमेज भी होती है, डिजिटल करेंसी आ जाने से अब ऐसा नहीं होगा.

गूगल पे, पेटीएम, UPI जैसे ई-वॉलेट से कैसे अलग है?

ई-वॉलेट में लिमिट होती है, लेकिन इसमें डिजिटल करेंसी से बड़ा अमाउंट भी आप ट्रांसफर कर पाएंगे. लेकिन इसमें सिक्योरिटी का भी बड़ा कंसर्न होगा. जिससे इसका मिसयूज ना हो. जैसे गलत नंबर पर पैसे ट्रांसफर करने की सूरत में क्या किया जाएगा. इसका ब्योरा भी RBI द्वारा साफ किया जाएगा.

Digital Currency : जानिए क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे? बदल जाएगा ट्रांजेक्शन का तरीका

Digital Currency : जानिए क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे? बदल जाएगा ट्रांजेक्शन का तरीका

Digital Currency : भारत में डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी (Digital Rupee) की एक नवंबर से शुरुआत हो गई है. रिजर्व बैंक ने 01 नवंबर 2022 को अपनी डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से भी जाना जाता है. शुरूआत डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? में इस प्रोजेक्ट में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के करीब 9 बैंकों को जोड़ा गया है. हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. अभी होलसेल ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल किया जाएगा. 1 महीने के अंदर इसका रिटेल इस्तेमाल भी शुरू हो जाएगा. बता दें कि डिजिटल रूपी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इसका इस्तेमाल उसी तरह से होगा, जैसे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है.

रोजमर्रा के लेनदेन में होगी आसानी

डिजिटल रुपी के 2 फॉर्म हैं. पहला रिटेल (CBDC-R) और दूसरा होलसेल (CBDC-W) इस्तेमाल के लिए. रिटेल CBDC सभी कंज्यूमर यानी प्राइवेट सेक्टर, नॉन फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस के लिए होगा. जबकि होलसेल CBDC सेलेक्टेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए होगा. रिटेल CBDC रिटेल ट्रांजेक्शन का ही इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए भी कर सकेंगे. जिससे लोगों को कैश ले जाने से डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? राहत मिलेगी. इसके साथ ही कई समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाएगा.

भारतीय रक्षा निर्माण के लिए क्यों महत्वपूर्ण है C-295 प्रोजेक्ट? यहां जानें पूरी डिटेल

भारतीय रक्षा निर्माण के लिए क्यों महत्वपूर्ण है C-295 प्रोजेक्ट? यहां जानें पूरी डिटेल

रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, सरकार ने बदल दिया ये नियम

टैक्स चोरी हो सकती है कम

अगर अभी की बात करें तो कैश कहां जाता है, इसे ट्रैक करना काफी मुश्किल होता है। कोई भी शख्स किसी को कैश देता है तो उसका कोई रेकॉर्ड नहीं होता, लेकिन डिजिटल करंसी में इसकी ट्रैकिंग बेहद आसान हो जाएगी। नतीजा ये होगा कि कालेधन पर लगाम लग सकेगी और टैक्स चोरी की वजह से सरकार को आय में जो नुकसान होता है, वह भी कम होगा या हो सकता है धीरे-धीरे खत्म ही हो जाए।

प्राइवेट वर्चुअल करंसी के उतार-चढ़ाव से लोगों की रक्षा

गुरुवार को डिजिटल करंसी की बात करते हुए रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने कहा था डिजिटल करंसी बेहद फायदेमंद साबित होगी। इसके आने से प्राइवेट वर्चुअल करंसी के उतार-चढ़ाव से लोगों की रक्षा की जा सकेगी। अगर बात करें बिटकॉइन की तो सरकार उसके खिलाफ इसीलिए है, क्योंकि उसकी ट्रांजेक्शन पर नजर नहीं रखी जा सकती है और इससे लोगों को भारी नुकसान हो जाते हैं। वहीं डिजिटल करंसी सरकार की तरफ से जारी करंसी होगी और ऐसे में उसकी ट्रैकिंग आसानी से की जा सकेगी।

डिजिटल करंसी के नुकसान भी हैं

फिजिकल करंसी के मुकाबले डिजिटल करंसी के सिर्फ फायदे ही नहीं हैं, बल्कि कुछ नुकसान भी हैं। सबसे बड़ा नुकसान तो इसे साइबर चोरों से सुरक्षा देना होगा। जिस तरह अभी नोटों की सिक्योरिटी करनी पड़ती है, वैसे ही बाद में डिजिटल करंसी की सुरक्षा के लिए तकनीकी रूप से मुस्तैद रहना होगा। वहीं लेन-देन में अगर कोई तकनीकी दिक्कत आई तो सारी ट्रांजेक्शन रुक जाएंगी, जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है। खैर, अभी ये सिर्फ अनुमान ही हैं और हकीकत में डिजिटल करंसी आने के बाद क्या फायदे होंगे, क्या नुकसान होंगे और क्या चुनौतियां झेलनी होंगी, ये देखना दिलचस्प रहेगा।

2022 का यूनियन बजट संसद में 1 फरवरी, 2022 को पेश किया गया। भारत की वित्त मंत्री ‘निर्मला सीतारमण’ ने बजट के दौरान यह एलान किया कि वर्ष 2022-2023 में डिजिटल करेंसी की शुरुआत होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जो भारतीय क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं उन्हें 30 फ़ीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? भारत सरकार आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री ने अपनी बात रखी कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। इससे भारत एक सस्ते एवं कुशल करेंसी सिस्टम की ओर बढ़ेगा।

माना जा रहा है कि भारत में लाई जाने वाली डिजिटल करेंसी दुनियाभर में प्रचलित क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन की तरह ही उपयोग की जाएगी। इसमें फर्क सिर्फ इतना होगा कि डिजिटल करेंसी सरकारी करेंसी होगी। इस पर सरकारी यानी कानून का मोहर होगा। डिजिटल करेंसी को कैसे उपयोग करें, इसकी गाइडलाइंस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाएगी। डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से इंट्रोड्यूस किया जाएगा जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगी।

आरबीआई का कहना है कि इससे वित्तीय नीतियों के क्रियान्वयन में आसानी होगी. इसे किसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी से अधिक सुरक् . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2022, 07:30 IST
डिजिटल रुपया किसी कमर्शियल बैंक की नहीं बल्कि RBI की जिम्मेदारी होगा.
किसी भी कमर्शियल बैंक में डिजिटल रुपये को कैश में तब्दील किया जा सकेगा.
डिजिटल रुपये का इस्तेमाल बगैर बैंक अकाउंट के भी किया जा सकेगा.

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पर एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है. इसमें बैंक ने बताया कि इस करेंसी का उद्देश्य क्या और इससे क्या लाभ-हानि हो सकती है. नोट में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि इस करेंसी का बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति और देश की वित्तीय स्थिरता पर कैसा प्रभाव होगा. इसके अलावा बैंक ने इसे किसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी (बिटकॉइन) से अधिक सुरक्षित बताया है. गौरतलब है कि जब आरबीआई ने पहली बार डिजिटल करेंसी की बात शुरू डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? की थी लोगों ने इसकी तुलना बिटकॉइन से करना चालू कर दिया था.

रेटिंग: 4.59
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 547