क्रिप्टोकरेंसी में कमाई पर लगेगा 30 प्रतिशत टैक्स, जानें निवेश से जुड़ी सभी अहम बातें
देश में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या है ? देश का बजट आने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बूम पकड़ रहा है. बिटक्वाइन में 2.40 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है इसके क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं दाम 71,981 तक बढ़ गये हैं. इथेरियम में भी जबरदस्त उछाल देखा गया.
देश में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या है ? देश का बजट आने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बूम पकड़ रहा है. बिटक्वाइन में 2.40 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है इसके दाम 71,981 तक बढ़ गये हैं. इथेरियम में भी जबरदस्त उछाल देखा गया/ इथेरियम में जहां 7.26 क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं प्रतिशत का उछाल हुआ। तो वहीं इसके दाम 14,811 की बढ़ोतरी हुई.
30 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला
इस बढ़ोतरी को आप किस तरह देख सकते हैं. यह समझना आपके लिए जरूरी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला कर दिया. वर्चुअल डिजिटल असेट्स के किसी भी प्रॉपर्टी के ट्रांसफर पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस साल डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी. यह ब्लॉक चेन आधारित करेंसी होगी. ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल करेंसी जारी होगी.
अब सवाल है कि क्रप्टोकरेंसी में निवेश सुरक्षित है या नहीं
अब सवाल है कि क्रप्टोकरेंसी में निवेश सुरक्षित है या नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक (RBI) अपनी चिंता जाहिर कर चुके है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को रेगुलेट करने के लिए सरकार नपा-तुला रुख अपनाएगी. क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा असर देश की वित्तीय स्थिरता पर देखा जा सकता है, इसलिए सरकार इसे लेकर सधा हुआ कदम बढ़ाएगी. यह बात देश के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कही जाहिर है सरकार इसे लेकर रणनीति तैयार कर रही है. आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे को कवर नहीं किया गया है.
नवंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद कयास लगाए गए कि इस मामले में सरकार कोई सख्त कानून और रेगुलेशन जारी कर सकती है लेकिन इसे लेकर अबतक कोई ठोस कानून नहीं आया है.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
देश में पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह भी है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें जोखिम रहने के बावजूद तेजी से रिटर्न मिलता है. हर देश की मुद्रा अलग-अलग नाम से जानी जाती है, जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, यूरोपीय देशों में यूरो, सउदी अरब में रियाल, जापान में येन आदि. उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरह की मुद्रा है, लेकिन यह बाकी सभी मुद्राओं से बिलकुल अलग है. यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते हैं. यानी यह एक डिजिटल करेंसी (डिजिटल मुद्रा) है.
इसे आप अपने पर्स या पॉकेट में नहीं रख सकते
इसे आप अपने पर्स या पॉकेट में नहीं रख सकते बल्कि अपने पास डिजिटल स्वरूप में रख सकते हैं, वह भी ऑनलाइन. इसका मुद्रण नहीं किया जाता है. यह कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं होता यानी इसको कोई कंट्रोल नहीं करता है.इसका इस्तेमाल अन्य करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं वस्तुओ और सर्विसेज को खरीदने के लिए किया जा सकता है, सिर्फ ऑनलाइन तरीके से.
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क्रिप्टो करेंसी क्या है
प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |
इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |
क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?
Table of Contents
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं गयी |
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)
वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-
बिटकाइन (Bitcoin)
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|
सिया कॉइन (Sia Coin)
सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |
लाइटकॉइन (Lite Coin)
लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |
डैश (Dash)
यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |
रेड कॉइन (Red Coin)
रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।
एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)
एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।
ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)
इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |
मोनेरो (Monero)
मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |
Crypto currency: भारत में आशंकाओं के डर से सहम गया डिजिटल करेंसी का भविष्य
भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.
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भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, लोकसभा बुलेटिन में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (The Crypto currency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाया जा सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, तो कुछ लोग गलत बता रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर चुके लोगों के बीच इसके बैन होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं और लगातार टूटती कीमतों की वजह से भारी नुकसान होना भी तय माना जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो डिजिटल करेंसी का भविष्य भारत में आशंकाओं के बीच झूल रहा है.
भारत में करीब 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्रिप्टो करेंसी है 'पंटर गेम'
एक अनुमान के अनुसार, भारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी में पुराने निवेश के जरिये लोगों ने काफी पैसा बनाया है. लेकिन, यह लोगों को जितनी तेजी से मुनाफा देती है, उतनी ही तेजी से घाटा भी पहुंचाती है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी एक तरह का पंटर गेम है. आसान शब्दों में इसे कमोडिटी यानी वायदा बाजार की तरह माना जा सकता है. लेकिन, इस पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं है तो इसमें जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा होती है. कोरोना महामारी के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक बयान पर इसके भाव बढ़ने लगते हैं, तो चीन के प्रतिबंध लगाने पर क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट आने लगती है. भारतीय संसद में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल आने की खबर के बाद से भी इसका भाव लगातार गिर रहा है.
आरबीआई की डिडिटल करेंसी
माना जा रहा है कि इस बिल के सहारे भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी के लिए रास्ता तैयार कर रहा है. दरअसल, दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी का एक बड़ा बाजार है. लेकिन, क्रिप्टो करेंसी किसी सरकार या विनियामक अथॉरिटी की ओर से जारी नहीं होने की वजह से इसके दुरुपयोग की आशंकाएं बनी रहती हैं. भारत जैसे देश में क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल टेरर फंडिंग से लेकर हवाला जैसा कारोबार करने के लिए भी किया जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे लेकर चिंता भी जाहिर की थी. लेकिन, शक्तिकांत दास ने आरबीआई की डिजिटल करेंसी के मार्केट में आने को लेकर सकारात्मक संकेत दिए थे. अगर ऐसा होता है, तो बहुत हद तक संभावना है कि आरबीआई की डिजिटल करेंसी में अच्छा निवेश आ सकता है. इतना ही नहीं, क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर जल्दी लाभ कमाने की कोशिश में अपना नुकसान करवा लोगों के लिए भी राहत हो सकती है. हालांकि, ये तय है कि आरबीआई की ओर से डिजिटल करेंसी को जारी करने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई जाएगी. और, अगर आरबीआई डिजिटल करेंसी लाता है, तो ये जल्द मुनाफा कमाने की चाह रखने वालों पर कितना प्रभाव डालेगा, ये देखने वाली बात होगी.
क्या सारी क्रिप्टो करेंसी हो जाएंगी बैन?
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है. ये बिल अभी संसद में पेश होना बाकी है. इस स्थिति में अभी इसके बारे में केवल संभावनाएं जताई जा रही हैं. जिसने लोगों में आशंकाएं बढ़ा दी हैं कि अगर सरकार सारी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देगी, तो निवेशकों का नुकसान होना तय है. भारत क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं में जिन लोगों ने इसमें निवेश किया है, वो फंसने की संभावना है. लेकिन, केंद्र सरकार के इस बिल को लेकर सामने आए संकेतों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से सभी क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की संभावना कम नजर आ रही है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी दो तरह की होती है. पहली पब्लिक और दूसरी प्राइवेट. पब्लिक क्रिप्टो करेंसी को ट्रेसेबल करेंसी कहा जा सकता है. क्योंकि, पब्लिक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक होते हैं और उनके लेन-देन के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. वहीं, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में इसके यूजर या लेनदेन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के यूजर की प्राइवेसी को बनाए रखा जाता है. जिसकी वजह से इसे ट्रेस करना मुश्किल है.
बिल के संसद में पेश होने से पहले संभावना जताई जा सकती है कि सारी क्रिप्टो करेंसी पर बैन नहीं लगाया जाएगा. लेकिन, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगना तय है. बहुत हद तक संभावना है कि पब्लिक क्रिप्टो करेंसी जारी रहें. क्योंकि, अगर केंद्र सरकार की ओर से सभी तरह की क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया गया, तो भारतीय निवेशकों को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो सकता है. जो बैन की खबरों के बाद अभी भी जारी है. लेकिन, इस विषय में संसद में बिल के पेश होने से लेकर उसके पारित होने तक कुछ भी पक्के तौर पर कहना गलत होगा. हालांकि, वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टो करेंसी को लेकर हुई चर्चा में पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था. अगर केंद्र सरकार की ओर से इस बिल में क्रिप्टो करेंसी के लिए किसी देश की सरकार के मालिकाना हक को जरूरी बनाया जाता है, तो सभी तरह की क्रिप्टो करेंसी पर बैन लग सकता है. क्योंकि, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी भी किसी देश की ओर से जारी की गई मुद्रा नहीं है. हो सकता है कि केंद्र सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 में इस पर बैन की जगह इसे रेगुलेट करने के लिए नियम बनाए जाएं.
क्रिप्टोकरेंसी की भविष्य में मजबूत संभावनाएं हैं अगर. जानिए क्या कहा रघुराम राजन ने
रघुराम राजन ने ये भी कहा कि सेंट्रल बैंकों को नई कंपनियों में निवेश के बजाय पॉलिसी पर फोकस करना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी की डिमांड दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। इस पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि अगर क्रिप्टोकरेंसी को बेहतर ढंग से रेगुलेट किया जाता है तो भविष्य में इसकी काफी संभावनाएं हैं।
रेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी के बेहतर भविष्य की उम्मीद करने के बावजूद रघुराम राजन ने ये भी कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि किन फंडामेंटल्स के कारण इसके वैल्यूएशन को सपोर्ट मिल रहा है।
रॉयटर्स से रघुराम राजन ने कहा, "मुश्किल वक्त में क्रिप्टोकरेंसी आपका आखिरी सहारा नहीं बनेगा। एक बार इनका सही इस्तेमाल शुरू होगा तब जाकर मुझे इनके वैल्यूएशन पर भरोसा होगा। मसलन पेमेंट का तरीका, खासतौर पर क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन कैसे होगा।"
क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय रखने के अलावा राजन ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंकों को नई कंपनियों में निवेश (Green Investment) को अपनी जिम्मेदारियों में शामिल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार निवेश को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए ना कि सेंट्रल बैंकों की क्योंकि इनके पास पहले ही पॉलिसी से जुड़ी कई जिम्मेदारियां होती हैं।
रघुराम राजन रॉयटर्स ग्लोबल मार्केट्स फोरम में 25 अगस्त को बोल रहे थे। उन्होंने कहा, केंद्रीय बैंकों को राजनीति से प्रेरित नए निवेश से दूर रहना चाहिए क्योंकि केंद्रीय बैंकों के कामकाज का दायरा पहले ही काफी बड़ा है।
रघुराम राजन ने कहा, "सेंट्रल बैंकों को यह कहना कि वो सिर्फ ग्रीन बॉन्ड्स खरीद सकते हैं, ब्राउन बॉन्ड्स नहीं खरीद सकते हैं। यह बिल्कुल ऐसा जैसे किसी फिस्कल मुद्दे पर अपनी राय थोपना।"
क्रिप्टोकरेंसी : क्या होगा ‘डिजिटल करेंसी का भविष्य’, केंद्र सरकार सतर्क
केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल मुद्रा पर बड़ा फैसला लेने के लिए तैयार है। इसके लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष को शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे। लिस्ट में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है। भारत में क्रिप्टो करेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर है। इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते है।
बीते दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है। असल में सरकार क्रिप्टोकरेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है।
पिछले साल मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी गई थी।
हालांकि इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने साल 2018 के भारतीय रिज़र्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। तब, रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार नहीं करने के लिए निर्देश जारी किए थे।
क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे तो नुकसान भी हैं, पहला और सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि क्रिप्टोकरेंसी में रिटर्न यानी मुनाफा अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है। क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता।
लेकिन बिटक्वाइन जैसी वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव होता है। पिछले पांच साल में कई मौके ऐसे आए जब बिटक्वाइन एक ही दिन में बगैर चेतावनी के 40 क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं से 50 प्रतिशत गिर गया। अप्रैल 2013 में बिटक्वाइन की क़ीमत एक ही रात में 70 फीसदी गिरकर 233 डॉलर से 67 डॉलर पर आ गई थी।
हालही में जब भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लेकर आ रही है तो ऐसी खबरों से क्रिप्टोकरेंसी 15 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखी गई। बिटक्वाइन में करीब 15 फीसदी, एथेरियम में 12 फीसदी और यूएसडी कॉइन में करीब 8 फीसदी की गिरावट देखी गई। भारत में बिटक्वाइन की कीमत 15 फीसदी गिरकर 40,28,000 रुपए, एथेरियम की कीमत 3,05,114 रुपए, कारडानो की कीमत करीब 137 रुपये तक पहुंच गई।
अमरीकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट के चिंता जताने के बावजूद वहां बिटक्वाइन के लेन-देन को जारी रखने की इजाजत लेकिन नुकसान की आशंका हमेशा बनी रहती है।
क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं का सबसे बड़ा नुक़सान तो यही है कि ये वर्चुअल करेंसी है और यही इसे जोखिम भरा सौदा बनाता है। इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध ख़रीद-फ़रोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है। इस पर साइबर हमले का खतरा भी हमेशा बना रहता है।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी : आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इसे बनाए रखने के लिए अनगिनत कम्प्यूटर बिना रुके कार्य करते हैं। यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है। इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसकी डिमांग देखते हुए कई देशों ने लीगल मान्यता दी है।
क्रिप्टोकरेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है। लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता यानी आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं। यहां तक बतौर इन्वेस्टमेंट इसे रख भी सकते हैं लेकिन, इसकी देखभाल या सुरक्षा के लिए कोई गवर्निंग बॉडी नहीं है। केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल 2021 में फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है।
साल 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। बहरहाल, केंद्र सरकार सक्रिय है, जो क्रिप्टोकरेंसी का भारत में भविष्य तय करेगी।
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