हॉस्पिटैलिटी उद्योग 2023 में उछाल के लिए तैयार है
NEW DELHI: घरेलू हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री ‘उड़ान’ देख रही है 2023 भुना रहा है भारत की G20 अध्यक्षता महामारी से पिछले दो वर्षों में अपंग होने के बाद 2022 में चलने के लिए ‘ऑक्सीजन’ प्राप्त किया।
घरेलू यात्रा, विशेष रूप से अवकाश खंड, ने इस वर्ष उद्योग को हवा दी और इसके अगले वर्ष भी जारी रहने की उम्मीद है। उद्योग जगत के लोगों का मानना है कि चूंकि अंतरराष्ट्रीय आवक में और भी तेजी आने की संभावना है, इसलिए 2023 के लिए परिदृश्य उत्साहजनक है।
हालांकि, यात्रियों के लिए, आतिथ्य क्षेत्र में मांग-आपूर्ति बेमेल जारी रहने के साथ, कमरे के टैरिफ आगे बढ़ने की संभावना है।
“मुझे लगता है कि यह कहना वास्तव में सुरक्षित है कि हमने वास्तविक कठिन अवधि को पार कर लिया है। मुझे नहीं लगता कि हम में से कोई भी इस बात से इनकार कर सकता है कि यह वास्तव में कठिन था, सभी मामलों में – रहने की जगह, दैनिक औसत दर और प्रति उपलब्ध कमरा राजस्व ( महामारी के दौरान), “होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष केबी काचरू ने पीटीआई को बताया।
“लेकिन, मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कोविड के बाद, हम वास्तव में वापस आ गए हैं। हमारी अधिभोग दर, औसत दर और निचला रेखा सभी ऊपर दिख रहा है,” काचरू, जो अध्यक्ष एमेरिटस और दक्षिण के प्रमुख सलाहकार भी हैं। एशिया रेडिसन होटल ग्रुप ने आगे कहा।
उद्योग के अनुमान के अनुसार, 2022-23 की तीसरी तिमाही तक कोविड-19 के प्रभाव से उबरते हुए, आतिथ्य उद्योग ने 70 प्रतिशत की ऑक्यूपेंसी को छू लिया था, जबकि औसत दैनिक दरें 6,540 रुपये की तुलना में 7,260 रुपये हो गई थीं। FY20 में इसी अवधि में।
साथ चलती औसत रेखा क्या है? ही, Q3FY20 में प्रति उपलब्ध कमरे का राजस्व 4,499 रुपये के मुकाबले बढ़कर 5,085 रुपये हो गया था।
Mahindra Holidays & Resorts India Ltd (MHRIL) के प्रबंध निदेशक और सीईओ कविंदर सिंह ने कहा, “मैं कहूंगा (कि) 2022 में, हॉस्पिटैलिटी उद्योग को आखिरकार वह ऑक्सीजन मिल गई जिसका वह होटलों, रिसॉर्ट्स में आने वाले लोगों की संख्या के मामले में हकदार था। और शहर”।
जनवरी और फरवरी में कोविड-19 की ऑमिक्रॉन लहर के बाद एक “स्पष्ट रूप से अनलॉक वर्ष”, उन्होंने कहा कि अनलॉक होने की भावना, जीवन में बेड़ियों से मुक्त होने की भावना और मुक्त सांस लेने की क्षमता उस वर्ष को पूरा करती है जो गुजर रहा है।
2021 में, उद्योग के खिलाड़ियों ने धीरे-धीरे चलना शुरू किया था, सिंह ने कहा, “फिर, 2022 में, हमने दौड़ना शुरू किया, और 2023 उड़ने का समय है”।
“हमने जो बड़ा चलन देखा, वह यह था कि मनोरंजन के अवसर अधिक थे, साथ ही एआरआर (औसत कमरे की दर) अधिक थी, शहर के खिलाड़ियों की तुलना में अवकाश खिलाड़ियों का रेवपार (प्रति उपलब्ध कमरा) अधिक था। यह कुछ ऐसा है जो अब यह एक चलन बनता जा रहा है कि लोग अवकाश आवास के लिए अधिक भुगतान करने को तैयार हैं…,” उन्होंने जोड़ा।
इंटरग्लोब होटल्स हेड – एसेट मैनेजमेंट, मनोज अग्रवाल ने कहा कि COVID-19 प्रतिबंधों में ढील देते हुए, घरेलू यात्रा और मजबूत अवकाश यात्रा की मांग ने सेक्टर की रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली और कॉर्पोरेट यात्रा की क्रमिक वापसी ने भी भूमिका निभाई है। भूमिका।
उन्होंने कहा, “उद्योग अब घरेलू मांग पर फल-फूल रहा है और अंतरराष्ट्रीय यात्रा में धीरे-धीरे वृद्धि से इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है।”
एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विजय दीवान कहा कि FY23 की मांग “पूर्व-महामारी के स्तर की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है और अगले 3-5 वर्षों में दोहरे बहाव में रहने की उम्मीद है”।
“इसके अलावा, एक आपूर्ति-पक्ष बेमेल है, जो आने वाले वर्षों में औसत कमरे की दरों को बढ़ा देगा,” उन्होंने कहा।
2023 के लिए उज्ज्वल स्थान पर, काचरू ने कहा कि न केवल शादी समारोहों और लंबे सप्ताहांत के गेटवे से बल्कि “जी20 के चलती औसत रेखा क्या है? दौरान भारत के पुनर्स्थापन से भी बड़ा बढ़ावा होगा, जहां हम देश भर के प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहे हैं”।
उन्होंने कहा, “भारत की जी20 अध्यक्षता, हमें बहुत बढ़ावा देगी। जी20 में भाग लेने वाले देश, सभी प्रमुख लोग भारत का दौरा कर रहे हैं और वे विभिन्न स्थानों पर जा रहे हैं। हमें वास्तव में उन्हें अपना राजदूत बनाना होगा, जो भारत को प्रोजेक्ट करेंगे और जो भारत के बारे चलती औसत रेखा क्या है? में बात करेगा”।
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) महासचिव जैसन चाको यह भी कहा कि यह “पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के लिए एक महान अवसर” है, और इसके स्पिलओवर लाभों की प्रत्याशा में, सरकार को देश में MICE पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चैंपियन सेक्टर इन सर्विसेज स्कीम (CSSS) को भी फिर से सक्रिय करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “दो साल तक पूरी तरह ठप रहने के बाद, यह पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के लिए एक सुनहरा अवसर के रूप में आया है। यह समय है कि सरकार को अतुल्य भारत के बैनर तले पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी ताकत लगानी चाहिए।”
भारत ने दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता संभाली थी। देशों के ब्लॉक के भारत के साल भर के नेतृत्व के दौरान, जो “विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 80 प्रतिशत से अधिक, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा है”, देश से एक श्रृंखला की मेजबानी करने की उम्मीद है घटनाओं और बैठकों।
ऐसा अनुमान है कि 2023 में, भारत के 50 शहरों में इन देशों के अधिकारियों और नागरिक समाज की 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। शिखर सम्मेलन में G20 देशों के 30 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों और जिन्हें आमंत्रित किया गया है, के भाग लेने की उम्मीद है।
दीवान ने सहमति व्यक्त की कि G20 उद्योग के FY23-24 में उच्च प्रदर्शन को जोड़ देगा, जो “इस वर्ष न्यूनतम 15 प्रतिशत और फिर अगले दशक में 10 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है”।
2023 में, अग्रवाल ने कहा, “हमारा मानना है कि इनबाउंड ट्रैवल, एमआईसीई और इन-पर्सन मीटिंग, जो इस साल कम हो गई थी, एक महत्वपूर्ण वृद्धि का गवाह बनेगी, जो स्वस्थ एडीआर (औसत दैनिक दर) रिकवरी के मार्ग को और मजबूत करेगी”।
जहरीली शराब पर नीतीश के "जो पिएगा, वह मरेगा ही" के बाद विधानसभा अध्यक्ष का "लोकतंत्र के हत्यारे"
छपरा में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत के बाद से भाजपा बेहद आक्रामक है. आज विधानसभा की कारवाई शुरू हुई तो भाजपा विधायक सदन के वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे.
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बिहार विधानसभा में मर्यादा लगातार भंग होती जा रही है. दो दिन पहले ही भाजपा विधायकों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन के अंदर बरस पड़े थे. अभी यह मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि कल नीतीश कुमार ने कह दिया, "जो पियेगा, वो मरेगा". अब आज विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों को "लोकतंत्र के हत्यारे" कह दिया. जाहिर है, विधानसभा के अंदर और बाहर अब राजनीतिक तापमान बेहद गरम रहने वाला है. बस, देखना यह है कि मर्यादा कितनी लांघी जाती है.
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छपरा में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत के बाद से भाजपा बेहद आक्रामक है. आज विधानसभा की कारवाई शुरू हुई तो भाजपा विधायक सदन के वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे.उसी समय कुछ पार्टी विधायक फ़ोन से वीडियो बना रहे थे. इस पर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने उन्हें "लोकतंत्र के हत्यारे" कह दिया.
आपको बता दें कि 14 दिसंबर को छपरा में जहरीली शराब पीने से 53 लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार विधानसभा में भी उसी दिन शराबबंदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तेजित हो गए और बीजेपी सदस्यों को याद दिलाने लगे कि आपने भी इसका समर्थन किया था और सफल बनाने के लिए शपथ ली थी. दरअसल, विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर राज्य सरकार के शराबबंदी पर सवाल उठाए और इसी दौरान नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे.
नीतीश कुमार ने बीजेपी विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि शराबबंदी के पक्ष में आप सब थे या नहीं. अब क्या हो गया. शराबी हो गए तुम लोग. अब ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा..बिहार में शराब भगवान की तरह हो गई है. जो दिखती नहीं, लेकिन हर जगह मौजूद है. भाजपा ने नीतीश कुमार के इस व्यवहार का विरोध किया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के चलते हर दिन शराब से मौत हो रही है.
15 दिसंबर को नीतीश कुमार ने ज़हरीली शराब से हुई मौत पर फिर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, "भाजपा सरकार से बाहर चलती औसत रेखा क्या है? गई है, इसलिए इतना आक्रामक है. देश भर में लोग जहरीली शराब से मरते हैं. बिहार में शराबबंदी से पहले भी मौतें भी होती थीं. जो शराब पिएगा, वह मरेगा ही."
शश-जिहत
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क्या आप जानते हैं?
सरदार जाफ़री को 1968 में जब दिल का दौरा पड़ा तो अस्पताल से वापस आ कर डाक्टरों के मश्विरे पर तीन माह के आराम के दौरान उन्होंने चलती औसत रेखा क्या है? अपनी यादों का इम्तिहान लेना शुरू कर दिया। जो शे'र उन्हें बचपन से याद थे उन्हें लिखते गए। स्मृतियों के इस इम्तिहान से एक लंबी सूची तैयार हो गई तब उन्हें ख़्याल आया कि उर्दू चलती औसत रेखा क्या है? अश्आर का एक शब्दकोश तैयार किया जाए और उन्हें संयोग से उस काम के लिए दो साल के लिए फेलोशिप भी मिल गई। उन्होंने "सरमाया ए सुख़न" नाम से उर्दू शायरी की एक शब्दकोश तैयार की जिसमें इक्कीस हज़ार ऐसे शब्दों का चयन किया गया जो उर्दू शायरी में इस्तेमाल हुए हैं और उन्हें उर्दू वर्णमाला के क्रम में संकलित किया और उनकी व्याख्या के साथ साथ उदाहरण के रूप में अश्आर भी शामिल किए। यह काम शब्दकोश लेखन और ऐतिहासिक प्रसंग से बिल्कुल अलग था। "सरमाया ए सुख़न" की लंबी भूमिका भी बहुत दिलचस्प है। उसमें प्रसिद्ध और लोकप्रिय रूपकों का भी एक अध्याय बनाया गया है जिसका शीर्षक है 'मक़बूल इस्तिआरों का ख़ज़ाना'। सरदार जाफ़री की यह आख़िरी अदबी यादगार है जो उनकी ज़िंदगी में प्रकाशित नहीं हो सकी। उनका इरादा उसको कई खंडों में लिखने का था। अभी दूसरा ही खंड लिख रहे थे कि मौत ने उन्हें अपनी आग़ोश में ले लिया।
क्या आप जानते हैं?
शाह नसीर की गिनती अठारहवीं शताब्दी के प्रसिद्ध शायरों में होती है। शाह नसीर ने अपनी ज़िंदगी में बेशुमार शे'र कहे मगर अपना दीवान संकलित नहीं किया। जो कलाम कहते उसे एक जगह रखते जाते और जब बहुत सारा कलाम जमा हो जाता तो तकिए की तरह एक लम्बे से थैले में रख देते। घर वालों को निर्देश चलती औसत रेखा क्या है? देते कि इसकी देखभाल करते रहना। शाह नसीर के बहुत से शागिर्द हुए जिनके कलाम को न केवल दुरुस्त करते बल्कि कभी कभी ग़ज़लें भी कह कर देते और मुशायरे पढ़वाते। सख़्त ज़मीनों और मुश्किल रदीफ़ व क़ाफ़िये में शे'र कहना उनका शौक़ था। शायरी की वजह से ही शाह आलम के दरबार में पहुंच हुई। उनका देहांत हैदराबाद में हुआ और उसके बाद उनका दीवान "चमनिस्तान-ए-सुख़न" के नाम से प्रकाशित हुआ। यह मशहूर शे'र उन्हीं से सम्बद्ध है:
ख़्याल-ए-ज़ुल्फ़ दोता में नसीर पीटा कर
गया है सांप निकल तो लकीर पीटा कर
क्या आप जानते हैं?
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ सातवीं कक्षा में थे तब उन्होंने शायरी शूरू की। उनकी पहली कोशिश एक हजो(निंदा) थी। क़िस्सा यूं है कि फ़ैज़ को स्कूल के ज़माने से ही नावेल और शायरी पढ़ने का शौक़ हो गया था। उनके भाई तुफ़ैल अहमद ख़ां जो उन से तीन साल बड़े थे, उनके एक दोस्त ने फ़ैज़ से पूछा, 'तुम शायरी पढ़ते ही हो कि लिखते भी हो।'
फ़ैज़ ने कहा, 'कभी लिखी तो नहीं।'
तब उन्होंने अपने दोस्त छज्जो राम की हजो लिखने की फ़रमाइश की। फ़ैज़ ने अपनी समझ के अनुसार लिख दी। अगले दिन स्कूल में उस हजो की धूम मची हुई थी।नर्म दिल फ़ैज़ को बड़ी ग्लानि हुई कि मेरे कारण छज्जो राम को हार्दिक कष्ट हुआ होगा। उन्होंने उसे ढूंढ कर उससे माफ़ी मांगी, लेकिन छज्जो राम तो बहुत ख़ुश था उस हजो की वजह से वह स्कूल में मशहूर हो गया। फ़ैज़ ने पंद्रह साल की उम्र में स्कूल में छात्रों की शायरी की प्रतियोगिता में अपनी ग़ज़ल पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था।उस प्रतियोगिता के जज मौलवी मीर हसन थे जिन्होंने अल्लामा इक़बाल को भी पढ़ाया था। यही मीर हसन अल्लामा इक़बाल और फ़ैज़ दोनों के साझा उस्ताद चलती औसत रेखा क्या है? थे, जिन्हें शम्सुल उलमा का ख़िताब भी मिला।
क्या आप जानते हैं?
अकबर इलाहाबादी पूर्वी संस्कृति और सभ्यता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने अपनी पूरी शायरी में अंग्रेज़ी सभ्यता पर कठोर व्यंग्य से काम लिया मगर स्वयं अपने पुत्र को शिक्षा के लिए लंदन भेज दिया, जिनका नाम इशरत हुसैन था। इशरत हुसैन को भेजते समय बहुत सारी प्रतिज्ञाएं भी लीं कि अपनी प्राच्य प्रम्परा को कभी न भूलना। एक बार इशरत का ख़त आने में बहुत देर हो गई तो अकबर इलाहाबादी ने अपना मशहूर क़तअ लिख भेजा जिसके दो शे'र मुलाहिज़ा हों;
इशरती घर की मोहब्बत का मज़ा भूल गए
खा के लंदन की हवा अह्द-ए-वफ़ा भूल गए
पहुंचे होटल में तो फिर ईद की परवा न रही
केक को चख के सिवइयों का मज़ा भूल गए
क्या आप जानते हैं?
उर्दू ज़बान हिंद-आर्याई परिवार के एक सदस्य के रूप में जानी जाती है। इस ज़बान ने हिन्दोस्तान की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को आज तक सुरक्षित रखा है। यहां तक कि भगवत गीता और महाभारत की 50 से अधिक पांडुलिपियां उर्दू ज़बान में मौजूद हैं, उनमें से कुछ रेख़्ता पर भी उपलब्ध हैं, जिन्हें क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
अक्सर लोग अपने हाथ की रेखाओं को देखकर सोचते हैं क्या उन्हें जीवन में कभी कामयाबी मिलेगी? लेकिन हममें से अधिकतर लोगों को हस्तरेखा के बारे में जानकारी नहीं होती। ऐसे में वो किसी ज्योतिष को अपना हाथ दिखाकर उसकी कही बातों पर यकीन कर लेते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि हाथों की अधिकतर लकीरें ऐसी होती हैं। जिसे देखकर आप अपनी किस्मत के बारे में काफी कुछ पता लगा सकते हैं इससे लिए आपको किसी ज्योतिष चलती औसत रेखा क्या है? की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आइए, हम आपको बताते हैं किस्मत की लकीर पढ़ने के कुछ तरीके।
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
जीवन रेखा जीवन रेखा आपके हाथ की सबसे महत्वपूर्ण रेखा है जिसमें आपके जीवन के साथ आपकी जिदंगी में होने वाली मुख्य घटनाओं के कई रहस्य छुपे होते हैं। अगर आपकी ये रेखा गहरी और लम्बी है तो यानि आपकी सेहत अच्छी होगी। वहीं दूसरी ओर रेखा के पतले और छोटे होने पर कई शारीरिक परेशानियों से आपको उम्र भर घिरा रहना पड़ता है।
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
हृदय रेखा हृदय रेखा में आपके प्यार और रिश्तों से जुड़े हुए कई रहस्य होते हैं। अगर आप किसी इंसान के बारे में ये जानना चाहते हैं कि वो भावुक है या नहीं तो, आप हृदय रेखा देखकर उस इंसान के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं। हाथों पर सीधी और छोटी हृदय रेखा होने का अर्थ होता है कि कोई व्यक्ति अपने शब्दों से ज्यादा अपने काम से प्यार जताता है। अगर किसी व्यक्ति की ये रेखा मुड़ी हुई है तो यानि उस व्यक्ति की इच्छाएं बहुत प्रबल होती है।
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
मस्तिष्क रेखा मस्तिष्क रेखा किसी व्यक्ति के ज्ञान और विवेक की जानकारी देती है। साथ ही इससे आपके मनोज्ञान के बारे में भी पता चलता है। इस रेखा के छोटे होने का अर्थ ये है कि आप जीवन में किसी भी फैसले को बड़ी आसानी से ले लेते हैं। जबकि इस रेखा के लम्बे होने का अर्थ ये है कि आप किसी बात को गहराई से जानकर उसके बारे में निर्णय लेते हैं। लम्बी और मुड़ी हुई रेखा का अर्थ है कि आप रचनात्मक सोच रखते हैं।
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भाग्य रेखा जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये रेखा आपके भाग्य से जुड़ी होती है। इस रेखा पर आपका वश नहीं चलता। इस रेखा के टूटे और हल्के होने का अर्थ ये है कि आपका भाग्य बुलंद नहीं है और आपको जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यदि ये रेखा आपके अंगूठे से लगती हुई जीवन रेखा को छूती है तो आपको परिवार और दोस्तों का सुख जीवनभर प्राप्त होगा।
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
सूर्य रेखा इस रेखा के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं होती। ये आपकी हथेली पर लम्बवत होती है। जिससे पता चलता है कि कोई व्यक्ति कितना रचनात्मक है। साथ ही किसी में आत्मविश्वास और योग्यता का आंकलन भी इस रेखा से किया जा सकता है। बहुत से लोगों में इस रेखा का अभाव होता है।
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
हाथों में बहुत कम रेखाओं का होना ऐसे लोग अपनी लगन के पक्के होने के साथ जिद्दी भी होते हैं। ऐसी रेखा वाले लोग कभी भी किसी के लिए नहीं बदलते। ऐसे लोगों से बात करना थोड़ा मुश्किल होता है।
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आपके हाथों की रेखाएं भी बताती हैं आपके जीवन के राज, जानें
हाथों पर छोटी-छोटी और पतली रेखाएं हममें से काफी लोग ऐसे होते हैं जिनके हाथ में बहुत-सी छोटी-छोटी रेखाएं होती है। ऐसे लोग बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही समय आने पर ये लोग सही और गलत के बीच अंतर करने में दुविधा में घिरे रहते हैं।
घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट में एक हल्की रेखा दिखाई दी है। क्या मैं गर्भवती हूं?
प्रेगनेंसी जांच किट जितनी अधिक संवेदनशील होगी, उतनी जल्दी ही यह पॉजिटिव परिणाम दर्शाएगी। यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि कि आपका शरीर कितनी मात्रा में एचसीजी का उत्पादन कर रहा है, क्योंकि गर्भावस्था के प्रति हर महिला की प्रतिक्रिया अलग होती है।
एचसीजी की मात्रा चलती औसत रेखा क्या है? जितनी ज्यादा होगी, प्रेगनेंसी टेस्ट किट में उतनी ही गहरे रंग की रेखा दिखाई देगी। गर्भावस्था की शुरुआत में एचसीजी की मात्रा कम होती है, इसलिए यह रेखा हल्की दिखाई देती है।
अगर, घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट में हल्की रेखा दिखाई दी है, तो हो सकता है कि आपकी जांच किट इतनी अधिक संवेदनशील न हो कि स्पष्ट परिणाम दे सके। किट की पैकिंग पर देखें कि इसकी संवेदनशीलता कितनी है। उदाहरण के तौर चलती औसत रेखा क्या है? पर 10 एमआईयू/एमएल (मिली इंटरनेशनल यूनिट्स प्रति मिलीमीटर) की संवेदनशीलता वाली किट से आपको गर्भवती होने का पता 25 एम.आई.यू./एम.एल. की संवेनशीलता वाली किट की तुलना में पहले चल सकेगा।
आपको हल्का पॉजिटिव परिणाम इसलिए मिला होगा, क्योंकि आपकी गर्भावस्था अभी इतनी आगे नहीं बढ़ी होगी, जितना की आपने सोचा होगा। हो सकता है आपने अपनी उम्मीद से बाद में डिंबोत्सर्जन किया हो। शुक्राणु, डिंब के जारी होने के इंतजार में आपके शरीर में सात दिन तक बने रह सकते हैं। इसलिए आप कब डिंबोत्सर्जन करती हैं, इसके आधार पर आप संभोग करने के एक सप्ताह तक कभी भी गर्भधारण कर सकती हैं।
यह भी हो सकता है कि आपका निषेचित डिंब उतनी जल्दी प्रत्यारोपित नहीं हुआ हो, जितनी कि उम्मीद हो।
इसका एक अन्य संभावित कारण भी हो सकता है, जिसे अंग्रेजी में “इवैपरेशन लाइन” के नाम से जाना जाता है। यह एक हल्की रेखा होती है, जो टेस्ट किट में पेशाब के वाष्पीकृत हो जाने के बाद दिखाई देती है और इसका मतलब है कि आप गर्भवती नहीं हैं। जांच किट के साथ आने वाले निर्देशों में बताया गया होता है कि परिणाम देखने के लिए कितनी देर इंतजार करना है। यदि यह हल्की रेखा इंतजार की अवधि बीत जाने के कुछ मिनटों बाद दिखाई दी है, तो संभव है कि यह केवल इवैपरेशन लाइन है।
कई बार गर्भावस्था जांच किट में खराबी होने की वजह से भी ये स्पष्ट परिणाम नहीं दे पाती। इसलिए उपयोग करने से पहले टेस्ट किट पर इस्तेमाल की अंतिम तिथि (एक्सपायरी डेट) चेक कर लें। यदि किट काफी समय से आपके पास रखी थी, तो यह जांचना और भी ज्यादा जरुरी है। यदि आपने टेस्ट किट को नमीयुक्त या गर्माहट वाली जगह पर रखा हुआ हो जैसे कि बाथरूम में, तो हो सकता है यह खराब हो गई हो।
अगर, आपको जांच परिणाम में हल्की रेखा दिखाई दे, तो आप डिजिटल प्रेगनेंसी टेस्ट के जरिये दोबारा जांच कर सकती हैं। डिजिटल टेस्ट किट से परिणाम समझना आसान होता है, क्योंकि इनमें हल्की रेखा की बजाय स्पष्ट लिखा आता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। हालांकि, यदि आप गर्भावस्था की जांच जल्दी करेंगी, तो इनके परिणाम की सटीकता भी टेस्ट किट की संवेदनशीलता पर निर्भर करेगी।
आप सामान्य जांच किट से तीन दिन बाद दोबारा भी जांच कर सकती हैं। यदि आप गर्भवती हैं और आपका शरीर सामान्य मात्रा में एचसीजी बना रहा है, तो आपकी माहवारी की नियत तिथि के समय तक यह जांच स्पष्टतया पॉजिटिव आनी चाहिए।
शुरुआती दिनों में यह इंतजार करना कि आप गर्भवती हैं या नहीं, भावनात्मक तौर पर काफी मुश्किल हो सकता है। दुर्भाग्यवश, यह भी संभव है कि एक बार जांच में हल्की पॉजिटिव रेखा आने के बाद, कुछ दिनों बाद दोबारा जांच करने पर परिणाम नेगेटिव आए।
यदि आपके साथ ऐसा हो, तो हो सकता है कि आपका बहुत ही शुरुआत में गर्भपात हो गया हो। दुर्भाग्यवश गर्भपात होना काफी आम है, और एक चौथाई गर्भावस्थाएं इससे प्रभावित होती हैं।
इस तरह की संवेदनशील परीक्षण किट के इस्तेमाल का एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि यह कुछ महिलाओं में झूठी आस जगा देता है। जब जांच किट हॉर्मोनल बदलावों के प्रति इतनी ज्यादा संवेदनशील नहीं होती थीं, तब बहुत ही शुरुआती चरण में होने वाले गर्भपातों का पता नहीं चलता था।
चाहे इंतजार करना कितना भी मुश्किल लगे, मगर बेहतर यही है कि प्रेगनेंसी की जांच पीरियड्स की तय तिथि के बाद ही की जाए। इस तरह आप परिणामों को लेकर ज्यादा निश्चित हो सकती है।
Neha translates BabyCenter India's English content into Hindi to make it available to a wider audience.
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