करंट अकाउंट क्या है | Current Account की पूरी जानकारी 2022

क्या आप जानते हैं, करंट अकाउंट क्या है ? अक्सर लोग जब किसी बैंक में खाता खोलने के लिए जाते हैं, तो उन्हें सही तरह से इस बारें जानकारी नहीं होती है। Saving account और CURRENT ACCOUNT में बहुत अन्तर है। सेविंग अकाउंट यानी बचत खाता, किसी भी आदमी के पर्सनल लेन-देन के लिए खुलवाया जाता है। वहीँ करंट अकाउंट यानी चालू खाता, किसी बिजनेस के लिए खुलवाया जाता है। दोनों खाता के लिए अलग – अलग नियम बनाए गए हैं । यहां इस पोस्ट में Current Account की पूरी जानकारी मिलेगी। तो आइये पोस्ट को पूरा पढ़ें :

करंट अकाउंट क्या है ? Current Account kya hai.

वैसा खाता जिसमें बड़ी मात्रा में पैसा निकाला और जमा किया जाता है या खातों में जमा करने तथा निकासी की कोई सीमा नहीं होती है, उसे करंट अकाउंट कहते हैं। यह खाता उद्योगपतियों, फर्म, कंपनी आदि के लिए होता है। यह एक प्रकार का डिपोजिट अकाउंट होता है, इस अकाउंट के अंदर बहुत ज्यादा ट्रांसक्शन्स होती है और बैंक द्वारा यह अकाउंट उन कस्टमर के ओपन किया जाता है जो कस्टमर बैंक के साथ बहुत ज्यादा ट्रांजैक्शन करते है।

करंट अकाउंट का मतलब न तो ब्याज कमाने के उद्देश्य से है और न ही बचत के उद्देश्य से, बल्कि बिज़नस की सुविधा के लिए, इसलिए वे गैर-ब्याज (Interest) वाले खाते हैं।यह एक ऐसा अकाउंट है जिसके अन्दर हर समय लेन देन चलता रहता है। इसीलिए इस CURRENT ACCOUNT को फाइनेंसियल अकाउंट या चालू खाता करंट अकाउंट क्या होता है भी कहते है।

करंट अकाउंट के फायदे और नुकसान (Benifit of Current Account in hindi)

  • करंट अकाउंट में आप unlimited transection कर सकते है,
  • करंट अकाउंट से आप को जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
  • करंट अकाउंट में आप को मिनिमम बैलेंस रखना होगा नहीं तो आपको इसके लिए चार्ज किया जायेगा।
  • आप खाते में कितनी भी राशि रख सकते हैं । इसके लिए आपको टैक्स नहीं देना होता है।
  • इस खाते से आसानी से बैंक लोन लिया जा सकता है।
  • करंट अकाउंट ओवर ड्राफ़्ट, इंटरनेट बैंकिंग एंड मोबाइल बैंकिंग जैसे कई फैसिलिटीज भी प्रोवाइड करता है।
  • करंट अकाउंट के अंदर कोई भी बिजनेसमैन Cheques, Demand Drafts से डायरेक्ट Payments कर सकते है।

करंट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं (Types of Current Account)

यदि Current Account के प्रकार की बात करें तो सुविधाओं के आधार पर ये कई प्रकार के होते हैं

  • Standard Current Accounts : इस अकाउंट के अंदर मंथली एवरेज बैलेंस होना चाहिए और इस अकाउंट के अंदर cheque books, debit cards, overdraft facility, etc फैसिलिटीज प्रोवाइड की जाती है और इस अकाउंट के अंदर बहुत से फीचर है जैसे; internet banking, SMS banking, Free RTGS and NEFT transactions, etc. यह एक नॉन इंटरेस्ट के साथ डिपाजिट अकाउंट है। तो यदि कोई बिजनेस के लिए एक Current Account ओपन करना चाहते है तो उसके लिए सही करंट अकाउंट क्या होता है है।
  • Packaged current accounts : एकाउंट्स के अंदर भी अकाउंट होल्डर को बहुत सी फैसिलिटीज प्रोवाइड की जाती है जैसे; travel insurance, medical support, roadside assistance, etc.और भी बहुत से फीचर मिलते है। इस Current Account के अंदर और कस्टमर की जरुरत के हिसाब से बहुत सी फैसिलिटीज प्रोवाइड करता है।
  • Single column cash book : Simple कैश एकाउंट्स और सिंगल कॉलम कॅश बुक भी एक Current Account है यह अकाउंट डेली ट्रांसक्शन्स को Allow करता है। लेकिन इस अकाउंट के अंदर ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी नहीं मिलती है। यह अकाउंट एक बिज़नेस के लिए बहुत ही बेस्ट अकाउंट है। क्योंकि यह किसी बिजनेस के के लिए केश बुक का काम करता है।
  • Premium current accounts : यह अकाउंट होल्डर्स भी को एक्सक्लूसिव ऑफर्स एंड बेनिफिट्स प्रोवाइड करता है।
  • 5. Foreign currency accounts: यह उस व्यक्ति के लिए है, जिसको अपने बिज़नेस के लिए ट्रांसक्शन दूसरे देशों में करनी पड़ती है। foreign currency में ट्रांजेक्शन करने के लिए यह बेस्ट अकाउंट है। क्योंकि, बहुत से बिज़नस है जिनके लिए फॉरेन कंट्री के अंदर ट्रांजैक्शन करनी पड़ती है, तो उन बिजनेस के लिए यह एक बिल्कुल परफेक्ट अकाउंट है ।

करंट अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents required for opening a Current Account)

चालू खाता खोलने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज की आवश्यकता होगी:-

  • पैन कार्ड (PAN Card)
  • साझेदारी कार्य (साझेदारी फर्म के मामले में) Partnership deed (for partnership Firm)
  • निवेश का प्रमाणपत्र, एसोसिएशन के ज्ञापन और एसोसिएशन ऑफ आर्टिकल्स (कंपनियों के मामले में) Certificate of incorporation ( for companies)
  • बैंक खाता खोलने के लिए एक चेक (Cheque for account opening)
  • फर्म / कंपनी / एचयूएफ का पता प्रमाण (Firm/Company/Huf address prooF)
  • सभी भागीदारों / निदेशकों का आईडी और पता प्रमाण (Address Proof & ID proof)

करंट अकाउंट खोलने के लिए कैसे अप्लाई करे

यदि कोई भी व्यक्ति अपने बिज़नेस के लिए कोई Current Account ओपन करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को ऊपर दिए गए डॉक्यूमेंट की एक कॉपी और ओरिजिनल डॉक्यूमेंट के साथ बैंक जाकर करंट अकाउंट ओपन करवा सकता है। लेकिन जब तक आपके डॉक्यूमेंट अप्रूव नहीं होंगे तब तक आपका अकाउंट ओपन नहीं किया जायेगा।

Note : चालू खाता उपयोगकर्ताओं को अपने खातों में न्यूनतम त्रैमासिक औसत शेष राशि बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है। अधिकांश बैंकों में न्यूनतम त्रैमासिक औसत बैलेंस मानदंड 5,000 / 10,000 रुपये है।

Video: करंट अकाउंट की पूरी जानकारी

उम्मीद करते हैं आप इस पोस्ट में करंट अकाउंट क्या है, Current Account की पूरी जानकारी को पढ़ें होंगे। हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपके काम आएगी और पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे और कमेंट करे।

Saving Account और Current Account में क्या होता है बड़ा अंतर, करंट अकाउंट क्या होता है करंट अकाउंट क्या होता है जानिए इनके सभी फायदे

Saving bank account Vs Current bank account: क्या आप सेविंग बैंक अकाउंट और करंट बैंक अकाउंट में अंतर जानते हैं? क्या आप इनसे जुड़े सभी फायदों के बारे में जानकरी रखते हैं. अगर नहीं तो नीचे जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें.

Saving bank account Vs Current bank account: आज लगभग सभी के पास बैंक अकाउंट होता है. आज अधिकतर लोग पैसोंज की लेन-देन के लिए बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप सेविंग बैंक अकाउंट और करंट बैंक अकाउंट में अंतर जानते हैं और क्या आप इनसे जुड़े सभी फायदों के बारे में जानकरी रखते हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें:

सेविंग बैंक अकाउंट

आप किसी भी बैंक में सिंगल अथवा जॉइंट सेविंग बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं. सेविंग बैंक अकाउंट के तहत खाताधारक को खाते में जमा राशि पर 3 से 6 फीसदी तक ब्याज दिया जाता है. कुछ बैंक सेविंग बैंक अकाउंट पर 7 फीसदी तक ब्याज भी प्रदान करते हैं. अधिकतर बैंकों में सेविंग बैंक अकाउंट में कुछ न्यूनतम राशि रखना आवश्यक होता है. सेविंग बैंक अकाउंट कई तरह के होते हैं जैसे: रेगुलर सेविंग अकाउंट, सैलरी सेविंग अकाउंट, जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट.

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करंट बैंक अकाउंट

करंट बैंक अकाउंट उन ग्राहकों के लिए होता है, जो बड़ी मात्रा में नियमित रूप से पैसों का लेन-देन करते हैं. करंट बैंक अकाउंट खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो व्यापार करते हैं. करंट बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने अथवा निकालने के लिए कोई लिमिट नहीं होती है. हालांकि करंट बैंक अकाउंट पर किसी तरह का कोई ब्याज नहीं मिलता है.

सेविंग बैंक अकाउंट के फायदे

कई बैंक सेविंग बैंक अकाउंट पर लाइफ और जनरल इश्योरंस ऑफर देती हैं. सेविंग बैंक अकाउंट वाले खाताधारकों को लॉकर फीस पर 15 से 30 फीसदी तक की छूट मिल जाती है.
सेविंग बैंक अकाउंट के जरिए आप आसानी से बिलों का भुगतान कर सकते हैं. ट्रेडिंग के लिए भी सेविंग बैंक अकाउंट जरूरी होता है.

करंट बैंक अकाउंट के क्या हैं फायदे

इस बैंक अकाउंट में खाताधारक के लिए ड्राफ्ट के जरिए पैसे जमा करना अथवा ट्रांसफर करना बेहद आसन होते हैं. कई बैंक करंट बैंक अकाउंट पर डोर स्टेप बैंकिंग की सुविधा भी देते हैं.

करंट बैंक अकाउंट रखने वाले खाताधारक देशभर में अपनी बैंक की किसी भी शाखा से पैसे निकाल अथवा जमा कर सकते हैं. करंट बैंक अकाउंट पर खाताधारकों को आसानी से लोन भी मिल जाता है.

Saving Vs Current Account: बैंक के सेविंग और करंट अकाउंट में क्या होता है अंतर, दोनों अकाउंट में मिलते हैं ये लाभ

Saving Current Account: सेविंग अकाउंट आम लोगों के लिए बनाया गया है वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए बनाया गया है. बचत खाते में ब्याज मिलता वहीं चालू खाते में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है.

By: ABP Live | Updated at : 30 Jan 2022 11:20 AM (IST)

Edited By: Taruna

सेविंग और करंट अकाउंट में अंतर

Saving and Current Account Difference: आजकल देश में हर किसी के पास बैंक खाता हो गया है. ज्यादातर सरकारी योजनाओं (Government Schemes) के लाभ आपको बैंक अकाउंट के द्वारा ही मिलते हैं. बैंक में खाता खुलवाते वक्त आपको अकाउंट खोलने का फार्म (Account Opening Form) दिया जाता है. इस फॉर्म में आपसे यह जानकारी ली जाती है कि आप सेविंग / करंट अकाउंट (Saving and Current Account) में कैन-सा खुलवाना चाहते हैं. लेकिन, यह बहुत कॉमन है कि ज्यादातर लोग सेविंग अकाउंट ही खुलवाते हैं. इसके अलावा हम जब भी ATM से पैसे निकालते हैं तो उस दौरान भी हमें स्क्रीन पर अकाउंट को चुनने का ऑप्शन आता है. हमें बताना पड़ता है कि हमारा अकाउंट सेविंग है या करंट है.

लेकिन, अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर सेविंग और करंट अकाउंट में अंतर (Difference Between Current and Saving Account) क्या होता है? ज्यादातर लोगों को इन दोनों अकाउंट के बीच का फर्क नहीं पता होता है. ऐसे में आज हम आपको बेहद आसान भाषा में सेविंग और करंट बैंक अकाउंट के बीच के अंतर को बताते हैं. इससे आप अपनी जरूरत के अनुसार बैंक अकाउंट को चुन सकते हैं-

सेविंग अकाउंट क्या है?
सेविंग अकाउंट (Saving Account) को आसान भाषा में बचत खाता भी कहा जाता है. यह खाता आम आदमी के लिए बहुत लाभकारी होता है. इस खाते के द्वारा आपको पैसे सेव (Saving Money) करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस करंट अकाउंट क्या होता है अकाउंट में आप थोड़ा-थोड़ा करके पैसे सेव कर सकते हैं. जमा पैसों पर आपको ब्याज भी मिलता है. अकाउंट को आप अकेले या जॉइंटली (Joint Account) खुलवा सकते हैं. अकाउंट पर 4 से 6 प्रतिशत तक ब्याज दर मिलता है. यह बैंक खुद तय करते हैं. वहीं सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) को ब्याज दर में कुछ छूट मिलती है.

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करंट अकाउंट क्या है?
करंट अकाउंट (Current Account) को आसान भाषा में चालू खाता भी कहा जाता है. यह ज्यादातर व्यापारियों (Businessman) के लिए होता है. इस अकाउंट में ज्यादातर लगातार लेन देन चलता ही रहता है. यह खाता रेगुलर ट्रांजेक्शन के लिए अच्छा माना जाता है. खाता धारक ज्यादातर बिजनेस आर्गेनाइजेशन (Business Organization), फर्म आदि के होते हैं. इस अकाउंट में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है.

सेविंग और करंट अकाउंट के बीच में है ये अंतर
आपको बता दें कि सेविंग अकाउंट आम लोगों के लिए बनाया गया है वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए बनाया गया है. बचत खाते में ब्याज मिलता है, चालू खाते में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है. सेविंग अकाउंट में एक लिमिट तक ही आप ट्रांजैक्शन (Limited Transaction) कर सकते हैं वहीं करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन लिमिट (Transaction Limit) नहीं होती है. जितना चाहे उतना ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.

Published at : 30 Jan 2022 11:20 AM (IST) Tags: saving account current account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

जानिए क्‍या होता है करेंट अकाउंट?

बिजनेस की जरूरत के अनुसार करेंट अकाउंट में जमा पैसा अक्‍सर फ्लक्‍चुएट (ऊपर-नीचे) हुआ करता है.

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करेंट अकाउंट बिजनेस चलाने वाले लोगों के लिए एक बैंक खाता होता है. यह रोजमर्रा के बिजनेस ट्रांजेक्‍शन करने की सहूलियत देता है.

2. करेंट अकाउंट में पड़े पैसे को किसी भी समय बैंक की शाखा या एटीएम से निकाला जा सकता है. इसमें किसी तरह की कोई बंदिश नहीं होती है. खाताधारक कितनी भी बार चाहें पैसे को निकाल जमा कर सकते हैं. यानी चालू खाते में आप अपनी मर्जी से दिन में जितने चाहें उतने लेनदेन कर सकते हैं.

3. इस खाते का इस्‍तेमाल इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रांजेक्‍शन या चेक ट्रांजेक्‍शन के लिए होता है.

4. बिजनेस की जरूरत के अनुसार करेंट अकाउंट में जमा पैसा अक्‍सर फ्लक्‍चुएट (ऊपर-नीचे) हुआ करता है. लिहाजा, बैंक इस पैसे का इस्‍तेमाल नहीं करते हैं. कह सकते हैं कि बैंकों से मिलने वाली यह खास तरह की सुविधा होती है.

5. सेविंग बैंक अकाउंट में जहां आपको बैलेंस पर ब्‍याज मिलता है. वहीं, चालू खाते के बैलेंस पर कोई ब्‍याज नहीं मिलता है. करेंट अकाउंट खोलने के लिए आप वोटर आईडी कार्ड, फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट का इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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करंट अकाउंट क्या होता है? इसके फायदे और नुक्सान क्या होते है?

करंट अकाउंट क्या होता है

करंट अकाउंट को चालू खाता भी कहा जाता है। यह अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसमे आप हर समय रोजाना लेन-देन कर सकते है। ये अकाउंट किसी कंपनी, पब्लिक इंटरप्राइजेज, businessmen (बिजनेसमेन) के लिए उपयोग होता है। जहा पर पैसे का लेन- देन बड़ी मात्रा में होता है, ऐसे लोग करंट अकाउंट का इस्तेमाल करते है।

करंट अकाउंट में आप एक दिन में जितने मर्जी पैसे का लेन देन कर सकते है। इसमें कोई लिमिट नहीं होती है इसी कारण RBI ने नियम बनाया है की किसी भी तरह के करंट अकाउंट में आपको ब्याज नहीं मिलता है। आपने चाहे जितने पैसे अकाउंट में जमा किये हो आपको ब्याज नहीं मिलेगा। आसान सी भाषा में कहे तो चालू खाता अर्थात करंट अकाउंट व्यवसाय से सम्बंधित होता है इसे व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग में लाया जाता है, तथा इससे किसी भी समय कितनी मात्रा में लेन-देन किया जा सकता है।

इसे transactional Account के रूप में भी जाना जाता है, ये खाते न तो निवेश के और न ही बचत के उदेश्य से खोले जाते है, ये केवल व्यापार की सुविधा के लिए होते है।

अब मन में सवाल आता है की करंट अकाउंट खोलते कैसे है? तथा इसे खोलने के लिए किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इसकी जानकारी आपको नीचे मिलेगी।

करंट अकाउंट कैसे खोलते है?

चालू खाता खोलने के लिए आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीको का इस्तेमाल कर सकते है। यदि आप offline तरीके का इस्तेमाल करते है तो आपको बैंक में जाके बैंक से एक फॉर्म लेना होता है तथा उसे भरना होता है, और उस फॉर्म की जरूरत के अनुसार उसमे मांगे गए documents जमा करवाने होते है तथा आपको करंट अकाउंट के लिए अप्लाई करना होता है।

यदि आप online तरीके का इस्तेमाल करते है तो आपको उस बैंक की जिस बैंक में आप अकाउंट खुलवाना चाहते है, बैंक की वेबसाइट पर जाना होता है तथा open account पर क्लिक करके करंट अकाउंट तथा चालू खाते पर क्लिक करके ऑनलाइन फॉर्म को भरना होता है जो बैंक द्वारा दिया गया होता है।

इस फार्म को भरने के बाद जरुरी दस्तावेजों को जोड़ कर बैंक को भेजना होता है तथा अकाउंट ओपन करना होता है। और आपका अकाउंट खुल जाता है तथा इसे चलाने के लिए इसमें पैसे रखने होते है, और सब अपने बैंक के नियम अनुसार करंट अकाउंट खोलने के पैसे लेते है। अधिकतर बैंको में करंट अकाउंट खुलवाने के लिए minimum राशि 10,000 होती है, 10 हजार में आप अपना करंट अकाउंट खुलवा सकते है तथा करंट अकाउंट का लाभ उठा सकते है।

करंट अकाउंट खुलवाने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

करंट अकाउंट (चालू खाता) खुलवाने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-

  • पेन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज की फोटो
  • व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट – GST registration /shop Establishment registration ( for proprietorship), partnership Deed (For Partnership), Incorporation certificate (For Company )
  • व्यवसाय का एड्रेस प्रूफ (Address proof of the proprietorship /firm / Company / HUF)
  • पार्टनर्स और डाइरेक्टर्स का आईडी और एड्रेस प्रूफ (पार्टनरशिप या कंपनी के करंट अकाउंट के लिए )
  • बैंक खाता खोलने के लिए एक चेक

ये सभी दस्तावेजों की आवश्यकता करंट अकाउंट खोलने के लिए एक बैंक को होती है तथा इन दस्तावेजों के द्वारा आप अपना करंट अकाउंट खुलवा सकते है और बैंक द्वारा दी जाने वाली सेवाएं जैसे मोबाइल बैंकिंग, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते है।

करंट अकाउंट खुलवाने की आवश्यकता क्या होती है?

दोस्तों जैसा की हमने आपको बताया करंट अकाउंट से एक दिन में कितनी बार भी आप पेसो का लेन-देन कर सकते है, यदि आप एक व्यवसायी है तो आपको रोजाना अत्यधिक मात्रा में पेसो का लेन देन करना होता होगा तथा करंट अकाउंट के द्वारा आप पेसो का लेन देन आसानी से हर समय कर सकते है और बैंको द्वारा दी जाने वाली सुविधा का लाभ उठा सकते है।

किसी भी साधारण व्यक्ति को अपना करंट अकाउंट नहीं खुलवाना चाहिए इससे उसे कोई लाभ नहीं होगा। क्यूंकि इसमें कोई ब्याज नहीं मिलता है।

करंट अकाउंट के फायदे क्या है?

बैंक ओवरड्राफ्ट – करंट अकाउंट से खाता धारक को अपने अकाउंट में जमा राशि से अधिक राशि निकालने की सुविधा मिलती है।

कोई सीमा नहीं – करंट अकाउंट से सबसे बड़ा लाभ यह होता है की व्यक्ति एक दिन में इससे कितना भी लेन देन कर सकता है।

लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नही – करंट अकाउंट में अधिक बार लेन देन करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है।

बैंकिंग सेवाएं – सेविंग अकाउंट की तरह इसमें भी आपको बैंक द्वारा नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम कार्ड वैगरह की फ्री सर्विस दी जाती है।

अन्य सुविधा – करंट अकाउंट के माध्यम से खाताधारक अपने लेनदारों को चेक, पे आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट प्रत्यक्ष रूप से भुगतान करने के लिए जारी कर सकता है।

हांलाकि चालू खाते की तरलता के कारण इस पर करंट अकाउंट क्या होता है किसी भी प्रकार का ब्याज अर्जित नहीं किया जा सकता है लेकिन अकाउंट बैलेंस पर बेहद कम ब्याज की उपलब्धता इस प्रकार के खाताधारकों को इनके उपयोग के लिए और भी आकर्षक बनाता है।

पूर्ण नियंत्रण – इसके अलावा कोई भी उद्यमी अपने Current Bank Account के माध्यम से कभी भी और कही भी और अनेको जगहों पर फंड निकाल एवं ट्रांसफर कर सकता है।

करंट अकाउंट के नुकसान क्या है?

कोई ब्याज नही – चालू खाता पर बयाज न मिलना एक बहुत ही बड़ा नुकसान है, क्यूंकि व्यवसायी को करंट अकाउंट खुलवाने के बाद उसमे बैंक द्वारा कोई ब्याज नही दिया जाता है तथा ब्याज के माध्यम से वह एक कमाई का अवसर खो देते है।

अतिरिक्त शुल्क – चालू खाते को नियमित रूप से अपडेट करने में खाताधारक पर कुछ अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, क्यूंकि अधिकांश पैकेज अतिरिक्त सेवाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज करते हैं।

लम्बी प्रक्रिया – इस प्रणाली में कागजी कार्यवाही ज्यादा होने की वजह से यह समय खाने वाला और लम्बा कार्य हो जाता है, अर्थात इसमें अधिक समय लग जाता है।

अधिक फीस – कॉर्पोरेट बिजिनेस ट्रांसक्शन की वजह से बैंको को ज्यादा फीस देनी हो सकती है।

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