मनी लॉन्ड्रिंग के मामले (Money Laundering Case) में जेल में बंद AAP नेता सत्येंद्र जैन (Aam Aadmi Party leader Satyendar Jain) की जमानत याचिका फिर से खारिज हो गई है. उनके साथ वैभव और अंकुश जैन भी आरोपी हैं. इनकी भी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है.
Thane राज्य में 40,000 करोड़ रुपये हिट: अमेरिकी ब्याज दर में बढ़ोतरी के झटके से सेंसेक्स 879 अंक गिर गया
महाराष्ट्र न्यूज़ डेस्क, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में बढ़ोतरी से भारत सहित दुनिया भर के शेयर बाजार गुरुवार को प्रभावित हुए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स, जिसमें बैंकों, आईटी, धातु, सेवाओं, उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों सहित वित्तीय सेवा कंपनियों के शेयर शामिल हैं, 878.88 अंक गिर गया। सेंसेक्स 1.40 फीसदी की गिरावट के साथ 61,799.03 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक मार्केट यानी निफ्टी 245.40 अंकों (1.32 फीसदी) की गिरावट के साथ 18,414.90 अंक पर बंद हुआ।
देशभर के निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपए का नुकसान सेंसेक्स में गिरावट से देशभर के निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। सेंसेक्स में निवेश में मुंबई समेत महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 13 फीसदी है और इस हिसाब से महाराष्ट्र में निवेशकों को 40 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. पिछले कुछ दिनों में यह बड़ी गिरावट है।
आयुष कॉलेज स्कैमः फर्जी दाखिले में निलंबित किए जाएंगे गिरफ्तार कर्मचारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में 891 फर्जी छात्रों के दाखिले के मामले में गिरफ्तार हुए दो कर्मचारियों को आज निलंबित कर दिया जाएगा। यह कर्मचारी राजेश सिंह व कैलाश भाष्कर है। इसके बाद इस मामले से जुड़े तीन अन्य कर्मचारियों को भी आरोप पत्र दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार हुए आयुर्वेद के पूर्व निदेशक डॉ. एसएन सिंह व प्रभारी अधिकारी उमाकांत यादव को पहले ही निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि आयुष कॉलेजों में दाखिले में हुई हेराफेरी मामले में एसटीएफ द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद अब दाखिले से लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग तक के कारनामों की पोटली खुल रही है। इस मामले में एसटीएफ ने जांच करते हुए आरोपी पाए गए कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया था। जिन में से प्रो एसएन सिंह, प्रो उमाकांत को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। जबकि इन दोनों के साथ ही विभाग के लिपिक राजेश सिंह और कैलाश भास्कर को भी शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इन दोनों पर लगे आरोपों की पड़ताल की गई और इन को निलंबित कर दिया जाएगा।
अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की मांग
नैनीताल, . प्रदेश के बहुचर्चित अंकिता भंडारीहत्या (Murder) कांड को लेकर महिला एवं मानवाधिकार संगठनों के राष्ट्रीय तथ्यान्वेषण दल की ओर से गुरुवार (Thursday) को पत्रकार वार्ता आयोजित की गई. इस दौरान दल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का विमोचन किया गया.
दल के सदस्यों ने कहा शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला कि राज्य में महिला हेल्पलाइन सही ढंग से कार्यान्वित नहीं कर रही है. इस कारण अंकिता के गुमशुदा होने पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई. इसे सुधारने के लिये शीघ्र कदम उठाये जाने की जरूरत है. इसके अलावा टीम ने पूरे मामले की जांच CBI को सौंपे जाने की आवश्यकता बताई. उन्होंने बताया कि इसहत्या (Murder) कांड की प्रारम्भिक जांच में प्रशासनिक लापरवाही तथा शासन के लोगों के लिप्त होने व आनन-फानन में सबूतों को नष्ट करने के प्रयासों को देखते हुए उत्तराखंड महिला मंच ने देश भर के जिम्मेदार महिला संगठनों के साथ मिलकर तथ्यान्वेषण के लिए एक टीम गठित की है.
Evening News Brief : आफताब नार्को टेस्ट में उगलेगा राज, ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष की याचिका मंजूर
श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब को कोर्ट ने 5 और दिन की रिमांड पर भेजने के शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला साथ ही नार्को टेस्ट की भी मंजूरी दे दी है. दूसरी तरफ वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी के मामले में हिंदू पक्ष की याचिका को मंजूरी दे दी है. ऐसी शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला ही तमाम बड़ी खबरें देखिए फटाफट अंदाज में
Shraddha Murder Case: आफताब को कोर्ट ने 5 दिनों की पुलिस रिमांड में भेजा, नार्को टेस्ट की भी मंजूरी
श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब पूनावाला को कोर्ट ने 5 और दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. इससे पहले भारी हंगामे के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसकी अदालत में पेशी हुई. अदालत ने आफताब के नार्को टेस्ट शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला की भी मंजूरी दे दी है.
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष की याचिका पर कोर्ट का फैसला, कहा- मामला सुनने योग्य
केतन पारेख
केतन पारेख मुंबई के एक पूर्व स्टॉकब्रोकर हैं , जिन्हें 2008 में भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर घोटाले में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जो 1998 के अंत से 2001 तक हुआ था। [1] इस अवधि के दौरान, पारेख ने कुछ चुनी हुई प्रतिभूतियों की कीमतों में कृत्रिम रूप से हेराफेरी की (अनौपचारिक रूप से संदर्भित के -10 स्टॉक के रूप में), माधवपुरा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक सहित बैंकों से उधार ली गई बड़ी रकम का उपयोग करते हुए, जिसके वे स्वयं निदेशक थे। [२] परिणामस्वरूप, उन्हें २०१७ तक भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। [३]
पारेख, चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के बाद , [4] ने 1980 के दशक के अंत में एक प्रतिष्ठित संस्थागत ब्रोकरेज फर्म नरभेराम हरकचंद सिक्योरिटीज (एनएच सिक्योरिटीज) में अपना करियर शुरू किया। 90 के दशक में, वह एक जाने-माने स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता के संपर्क में आए और बाद में मेहता की फर्म ग्रोमोर इनवेस्टमेंट्स में शामिल हो गए , एक फर्म जिसे मेहता ने स्थापित किया था और जो 1992 के भारतीय शेयर बाजार घोटाले में शामिल थी। [५] [६] [७] हालांकि कुछ घोटालों में से एक आरोपी जिसने आईटी, मीडिया और संचार से संबंधित शेयरों में भारी निवेश किया और उनका प्रचार किया। जैसे ही शेयर बाजार से संबंधित उनके कदाचार की वित्तीय मीडिया में कवर कहानियां सामने आईं, जांच उनकी गतिविधियों में स्थानांतरित हो गई, जिससे 30 मार्च 2001 को उनकी गिरफ्तारी हुई। [8]
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