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राजस्थान सरकार बेरोजगारों को दे रही है 50,000 रूपये का लोन बिना ब्याज के जानीय पूरी योजना के बारे में

इंदिरा गांधी अर्बन क्रेडिट कार्ड योजना – राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओ छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी को बिजनस शुरू करने के लिए बिना ब्याज के 50,000 रूपये का लोन दे रही है.

राजस्थान सरकार राज्य के सभी बेरोजगार युवाओ के लिए इंदिरा गांधी अर्बन क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू किया गया है. जिसमे योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा छोटे व्यापारियों, थाड़ी, विक्रेताओं, ठेला व्यापारियों और असंगठित क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वालों को 50,000 रुपये का लोन प्रदान कर रही है इस योजना को कोरोना महामारी में बेरोजगार हुए सभी प्रदेशवासियों के लिए शुरू किया गया है.

इंदिरा गांधी अर्बन क्रेडिट कार्ड योजना कि शुरुआत:-

राजस्थान सरकार द्वारा Indira Gandhi Urban Credit Card Yojana 6 अगस्त 2021 को शुरू किया गया है. इस योजना का उदेश्य प्रदेश के छोटे व्यापारियों को कोरोना महामारी से आई आर्थिक तंगी कि समस्या से बचाना है. जिला कलेक्टर जिले में इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के नोडल अधिकारी होंगे. Indira Gandhi Urban Credit Card Yojana के तहत आने वाला सारा खर्चा राजस्थान सरकार द्वारा वहन किया जायेगा.

लोन चुकाने कि समय छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी अवधि:-

राजस्थान Indira Gandhi Urban Credit Card Yojana के तहत व्यापरियों को लोन लेने के लिए 31 मार्च 2022 तक आवेदन कर सकते है और लोन लेने के 12 महीने के अंदर अंदर योजना के तहत लिए गये लोन को चुकाना होगा कर्ज की राशी को चौथे से 15वें महीने तक 12 समान किश्तों में छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी चुकाया जाएगा क्योकि इस योजना के तहत लोन लेने के लिए व्यापारियों को किसी भी तरह कि गारंटी देना जरुरी नही है. बिना गारंटी के सरकार द्वारा चयन किये गये बैंक से लोन के लिए आवेदन कर सकते है.

योजना के तहत लोन लेने के लिए यहा करे आवेदन:-

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
  • लघु वित्त बैंक
  • सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों द्वारा ऋण प्रदान किया जाएगा.

इन व्यापारियों को छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी मिलेगा योजना के तहत लोन:-

  • दर्जी
  • धोबी
  • पेंटर
  • नाई
  • कुम्हार
  • मोची
  • मेकैनिक
  • रिक्शावाला
  • इलेक्ट्रिक रिपेयरमैन आदि.

लोन के लिए जरुरी दस्तावेज:-

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साईज फोटो
  • पहचान पर आदि.

योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कैसे करे:-

इस योजना का आवेदन करने के लिए व्यापारियों जल्द ही सरकार आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी. जिससे व्यापारियों को आवेदन करने में आसानी होगी योजना के तहत आवेदन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किये जायेगे क्योकि योजना के तहत प्रदेश के लगभग 5 लाख नागरिको को ही योजना का लाभ दिया जायेगा.

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Tokenization की प्रकिया को तेजी से लागू करने में लगा RBI, नहीं बढ़ेगी समय सीमा, यहां पढ़ें- पूरी डिटेल्स

RBI Monetary Policy

नई दिल्ली: फेल्ड पेमेंट और राजस्व हानि जैसी कई चिंताएं अभी सामने है, लेकिन भारतीय केंद्रीय बैंक ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी को लेकर सतर्क है और सुरक्षा को देखते हुए अतिरिक्त काम इसपर किया जा रहा है। जिसे जल्द छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी लागू भी किया जा रहा है और व्यवसायों के लिए समय सीमा बढ़ाने की संभावना न के बराबर है। यह जो नया सिस्टम लाया जा रहा है यह एक ‘टोकन’ होगा। कार्ड टोकेनाइजेशन प्रोसेस एक अक्टूबर से प्रभाव में आएगा।

डेडलाइन बढ़ाई जाए!

छोटे व्यापारियों ने डेडलाइन बढ़ाए जाने की मांग की है। हालांकि, आरबीआइ ने अब तक इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि कार्ड टोकेनाइजेशन की समय सीमा बढ़ाई जाएगी या छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी नहीं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसको लेकर किए गए एक ईमेल का जवाब नहीं दिया।

राज्य के स्वामित्व वाले एक बैंक के बैंकर ने कहा, ‘सामान्य बात यह है कि बैंक, कार्ड नेटवर्क और (बड़े) व्यापारी बेहतर तरीके से तैयार हैं और इसलिए अनुमान यही है कि आरबीआइ द्वारा 30 सितंबर की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी और हमें विस्तार का सुझाव देने के लिए कुछ पूछा भी नहीं गया।’ उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा होता है, तो यह आश्चर्य की बात होगी।’

बता दें कि तीन साल पहले, भारत ने 30 सितंबर तक कार्डों को टोकन करने के लिए व्यवसायों की आवश्यकता के द्वारा कार्ड डेटा सुरक्षित करने के लिए एक विशाल छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी अभ्यास शुरू किया। जानकारी के मुताबिक, टोकेनाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्ड की जानकारी को एक यूनीक कोड या टोकन द्वारा बदल दिया जाता है। ये टोकन एक एल्गोरिदम द्वारा जेनरेट होता है।

ये भी है बड़ी मुसीबत

टोकेनाइजेशन से ऑनलाइन फ्रॉड पर अंकुश लगेगा और ग्राहकों के निजी डाटा सेफ रहेंगे। हालांकि, छोटे व्यापारियों और कुछ बैंकरों ने इस डर को भी सामने लाया कि टोकन के मानदंड लागू होने के बाद कार्ड से संबंधित लेन-देन में कुछ समय के लिए कमी आ सकती है।

जानकार कहते हैं कि जब भी इस तरह की कोई सिक्योरिटी लेयर बढ़ाई जाती है, कार्ड से होने वाले लेन-देन कम होने लगते है। ऐसा इस बार भी देखने को मिल सकता है।

वहीं, कई और सवाल भी जहन में आते हैं, जैसे अगर कोई प्रोडक्ट लौटाया जाता है तो टोकेनाइजेशन के बाद उसके रिफंड का क्या होगा, इसको लेकर संदेह बना हुआ है, क्योंकि व्यापारियों के पास कार्ड का डाटा सेव नहीं होगा।

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अब भारत में भी दी जाएंगी 5 साल से छोटे बच्चों को वैक्सीन

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले दो साल कोरोना के चलते भारत के लिए काफी बुरे साबित हुए, लेकिन बीता साल 2021 शुरुआत से ही भारतवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया था। क्योंकि, पिछले साल की शुरुआत छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी में ही भारत में कोरोना की दो वैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी और तब से देशभर में वैक्सीनेशन जारी है। वहीं, इस साल भारत को एक और खुशखबरी मिलने जा रही है और अब देश में 5 साल से छोटे बच्चों का इंतज़ार भी जल्द ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि 5 साल से छोटे बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी की सिफारिश की गई है।

5 साल से छोटे बच्चों को लगेगी वैक्सीन :

आज भी लगभग देशों में कोरोना का कहर जारी ही है। हालांकि, इन सभी देशों में कोरोना का वैक्सीनेशन भी जारी है। कोरोना का आतंक झेल रहे देशों में भारत का नाम भी इस साल फिर से बड़े स्तर पर नजर आने लगा है। ऐसे हालातों में यदि वैक्सीनेशन की बात करें तो, भारत में अब तक 18 साल से ऊपर की आयु के लोगों को वैक्सीनेशन पिछले साल से ही जारी है, लेकिन अब जल्द ही 5 साल से छोटे बच्चों का भी वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा। क्योंकि, फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNtech) ने बच्चों पर इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी की मांग की है। इन दोनों ही कंपनियों ने छोटे बच्चों की वैक्सीन तैयार कर ली है।

इमरजेंसी प्राधिकरण की मांग :

खबरों की मानें तो, फाइजर और बायोएनटेक दोनों कंपनियां अपनी वैक्सीन को पांच साल और उससे कम उम्र के बच्चों छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी पर इस्तेमाल के लिए अमेरिकी नियामकों से इमरजेंसी प्राधिकरण की मांग करेंगी। इस मामले में अमेरिकी मीडिया द्वारा सामने आई खबर के अनुसार, बड़े बच्चों को अमेरिका में टीका दे दिया गया है और यह अंतिम आयु वर्ग है जो अभी तक कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए योग्य नहीं है। मंजूरी मिलने के साथ ही छोटे बच्चों का भी टीकाकरण शुरू हो जाएगा।

समाचार एजेंसियों ने बताया :

समाचार एजेंसियों ने बताया है कि, "फाइजर और बायोएनटेक, दोनों कंपनियों ने छह महीने से पांच साल तक से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मांग कर सकती हैं। अमेरिका में यह कदम तब उठाया जा रहा है जब देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट की लहर कम हो रही है, लेकिन माता-पिता अभी भी स्कूल बंद होने के छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी कारण अपने बच्चों की शिक्षा और उनके टीकाकरण के लिए चिंताओं से जूझ रहे हैं। अमेरिकी नियामक दवा निर्माता फाइजर से छह महीने से पांच साल तक के बच्चों के लिए अपने कोविड-19 टीके की दो-खुराक के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करने की बात कही है, जबकि तीन-खुराक वाले टीके पर आंकड़े की प्रतीक्षा की जा रही है।"

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2014 से 2022 तक प्रति वर्ष नौकरियों की संख्या के आंकड़े || आइए जाने पूरी जानकारी हिदी मे ||

इस पोस्ट में हम आपको 2014 से 2022 तक प्रति वर्ष नौकरियों की संख्या के आंकड़े || के बारे में जानकारी देंगे, क्युकी इस टॉपिक के बारे मे पता होना चाहिए आप को , दोस्तों अगर आपको इसकी पीडीऍफ़ चाहिये तो कमेंट के माध्यम से जरुर बताये| आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये, ताकि आपको हमारी डेली की पोस्ट मिलती रहे |

2014 से 2022 तक प्रति वर्ष नौकरियों की संख्या के आंकड़े

Government Jobs: केंद्र सरकार ने पिछले आठ साल में कितने लोगों को सरकारी नौकरी के लिए बढ़ाया गया है, सरकार ने बुधवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को बताया कि 2014 से 2022 के दौरान केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए 22.05 करोड़ से अधिक एप्लिकेशन आए थे, जिसमें से विभिन्न एजेंसियों ने 7.22 लाख से अधिक लोगों को नौकरी पर रखा गया. उन्होंने एक लिखित उत्तर में बताया कि 2014-15 से लेकर 2021-22 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा कुल 22,05,99,238 एप्लिकेशन में से 7,22,311 कैंडीडेट्स की भर्ती की गई.

किस साल हुई कितनी भर्ती

  • 2014-15 – 1,30,423
  • 2015-16 – छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी 1,11,807
  • 2016-17 – 1,01,333
  • 2017-18 – 76,147
  • 2018-19 – 38,100
  • 2019-20 – 1,47,096
  • 2020-21 – 78,555
  • 2021-22 – 38,850

किस साल आए कितने आवेदन

  • 2014-15 – 2,32,22,083
  • 2015-16 – 2,95,51,844
  • 2016-17 – 2,28,99,612
  • 2017-18 – 3,94,76,878
  • 2018-19 – 5,09,36,479
  • 2019-20 – 1,78,39,752
  • 2020-21 – 1,80,छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी 01,469
  • 2021-22 – 1,86,71,121

जॉब्स पैदा करना प्राथमिकता

सिंह ने लोकसभा को बताया कि रोजगार देने के साथ ही रोजगार की क्षमता में सुधार लाना भी सरकारी की प्राथमिकता है. इसे देखते हुए भारत सरकार ने रोजगार पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बजट 2022 में सरकार ने 2021-22 से शुरू होने वाले 5 साल की अवधि के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के आउटले के साथ प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं शुरू कीं. सरकार द्वारा शुरू की गई इस PLI स्कीम से 60 लाख नए जॉब्स पैदा होंगे.

उन्होंने कहा कि PLI योजना संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा फाइनेंशियल लिमिट के भीटर संचालित की जाती है. इसके लिए संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा गाइडलाइंस जारी किए जाते हैं.

पीएम मुद्रा योजना से रोजगार को बढ़ावा

इसके साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) भी चलाया जा रहा है. पीएम मुद्रा योजना के तहत छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक लोन दिया जाता है, जिससे वह अपने व्यापार का विस्तार कर सकें.

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