क्या आपको भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करने के इन फायदों के बारे में पता है?
Stock Market Investment शेयरों का स्वामित्व आपको वोटिंग अधिकार प्रदान करता है और आपको डिविडेंट बोनस इत्यादि प्राप्त होते है। साथ ही आपकी ग्राोथ भी कंपनी के भविष्य में होने वाली ग्रोथ की रफ्तार पर निर्भर करती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टॉक और स्टॉक मार्केट, ये शब्द तो आपने सुने ही होंगे। लेकिन क्या आपको इनके बारे में पूरी जानकारी है? क्या आपको इनके फायदे के बारे में पता है? क्या आप यह जानते हैं कि इसमें सही तरीके से निवेश करके कोई भी आम इंसान अच्छा खासा घर बैठे- बिठाए मुनाफा कमा सकता है।
वैसे तो हम सभी को यह मालूम है कि निवेश या बचत करने का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति अपने भविष्य के वित्तीय उद्देश्यों मजबूती के साथ पूरा कर सके। हालांकि यह भी कही हद तक सच ही है कि शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं? मुद्रास्फीति में वृद्धि से आम लोगों के लिए साधारण ढंग से कमाना और अपनी आय के कुछ हिस्से को बचा पाना अपर्याप्त हो गया है। फिर भी हमें अपने फ्यूचर को सुरक्षित करने के लिए बचत करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए स्टॉक में निवेश करना महत्वपूर्ण हो जाता है, जोकि बड़ा फायदेमंद भी साबित होता है। आईए, इस लेख में स्टॉक व उनके बारे में बारीकी से समझते हैं।
5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX
पहले समझें शेयर मार्केट के फायदे के बारे में-
कम समय में अधिक रिटर्न की प्रबल संभावना
अगर आप भी कम समय में अधिक पैसे कमाने चाहते हैं या अपने पैसे का सही उपयोग करना चाहते हैं तो शेयर मार्केट सबसे सटीक जगह है। इस मार्केट में इन्वेस्टमेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें बैंक एफडी, बचत खाते आदि जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट की तुलना में थोड़े समय में ही अधिक रिटर्न जेनरेट करने की क्षमता होती है।
कंपनी में हिस्सेदारी
जब आप पब्लिक लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो इसमें आपके शेयर का आकार कितना भी छोटा क्यों न हो, यह आपको कंपनी पर नियंत्रण शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं? प्रदान करता है। शेयरों का यह स्वामित्व आपको वोटिंग अधिकार प्रदान करता है और आपको डिविडेंट, बोनस इत्यादि प्राप्त होते है। साथ ही आपकी ग्राोथ भी कंपनी के भविष्य में होने वाली ग्रोथ की रफ्तार पर निर्भर करता है।
हाई लिक्विडिटी
अन्य इन्वेस्टमेंट के विपरीत, शेयरों में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है। इन्वेस्टर सेकंड के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से शेयरों को खरीद और बेच सकते हैं।
सेबी द्वारा अधिकारों को संरक्षित किया जाना
स्टॉक मार्केट को भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। सेबी सख्ती से शेयरधारकों की सुरक्षा के लिए ब्रोकर, सब ब्रोकर, एडवाइजर और स्टॉक एक्सचेंज जैसे मार्केट पार्टिसिपेंट की निगरानी करता है।
टैक्स में मिलते हैं कई तरह के लाभ
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन जैसे 12 महीने से अधिक समय तक ₹1 लाख रुपये से अधिक की इन्वेस्टमेंट पर 10% टैक्स लगता है। शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स जैसे 12 महीने से कम समय के लिए की गई इन्वेस्टमेंट पर 15% + 3% सेस लगता है। किसी भी पूंजीगत नुकसान को आठ फाइनेंशियल वर्षों तक ऑफसेट या आगे बढ़ाया जा सकता है।
Share Market Tips: इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में क्या है फर्क? कौन-सा रास्ता ज्यादा सही?
Share Market Tips इन्वेस्टिंग में निवेशक की संपत्ति समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसमें निवेशक कुछ शेयरों का पोर्टफोलियो म्यूचुअल फंड्स बांड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेट्स को खरीदकर होल्ड शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं? कर लेता है। ट्रेडिंग में लेनदेन काफी जल्दी-जल्दी होता है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने वालों ने इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं? कुछ लोग होते हैं, जो ट्रेडिंग (Trading) में विश्वास करते हैं और कुछ लोग लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Investing) करते हैं। आइए जानते हैं कि ये दोनों क्या हैं।
इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग वित्तीय शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं? बाजारों में मुनाफा कमाने को दो अलग-अलग तरीके हैं। दोनों में ही निवेशक बाजार में उतरकर मुनाफा बनाने की कोशिश करते हैं। इन्वेस्टिंग में निवेशक एसेट्स खरीदकर रख लेते हैं और लंबे समय में अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद करते हैं। वहीं, ट्रेडर्स बाजार की गिरावट और तेजी दोनों का फायदा उठाते हैं। वे काफी कम समय में एसेट्स खरीदते और बेचते रहते हैं। इससे उन्हें मुनाफा तो काफी कम मिलता है, लेकिन बहुत कम समय में मिल जाता है।
5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX
धीरे-धीरे बढ़ता है मुनाफा
इन्वेस्टिंग में निवेशक की संपत्ति समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसमें निवेशक कुछ शेयरों का पोर्टफोलियो, म्यूचुअल फंड्स, बांड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेट्स को खरीदकर होल्ड कर लेता है। इन्वेस्टमेंट छह महीने, साल भर, कई वर्षों, या दशकों लंबा भी हो सकता है। इस अवधि में निवेशकों को ब्याज, डिविडेंट और स्टॉक स्प्लिट आदि का फायदा भी मिलता रहता है।
लंबे समय में हमेशा बढ़ता है मार्केट
अगर हम शेयर बाजार की बात करें, तो यह काफी उतार-चढ़ावा वाला मार्केट है। वैश्विक रुख, सरकार और केंद्रीय बैंकों की नीतियों, आर्थिक परिदृश्यों या कोई बड़ी घटना घट जाने पर तुरंत बाजार पर असर देखने को मिलता है। लेकिन हर गिरावट के बाद तेजी भी आती है। मंदी के बाद रैली भी मार्केट में देखने को मिलती है। इतिहास हमें बताता है कि बाजार हर एक बड़ी मंदी से उबरा है। कई बार तो रिकवरी काफी शाॉर्प देखने को मिली है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि शेयर बाजार लंबे समय में हमेशा ऊपर जाता है। यही कारण है कि लंबे समय के लिए बाजार में पैसा लगाने वाले अधिकतर निवेशक अच्छा मुनाफा कमाते हैं।
ट्रेडिंग में जल्दी-जल्दी होता है लेनदेन
ट्रेडिंग में लेनदेन काफी जल्दी-जल्दी होता है। चाहे वह शेयरों का लेनदेन हो, या कमोडिटी का, करेंसी का या दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स का। जहां निवेशक सालभर में 10 से 20 फीसदी के करीब रिटर्न कमाते हैं, वहीं ट्रेडर्स करीब 10 फीसदी रिटर्न हर महीने कमा सकते हैं। ट्रेडिंग में निवेशक शेयर की चाल का फायदा उठाता है। वह निचले स्तर पर शेयर को खरीदते हैं और ऊपर जाने पर बेच देते हैं और फिर से निचले स्तर पर खरीद लेते हैं। वहीं, निवेशक गिरते हुए मार्केट में शेयर को उच्च कीमत पर बेच देते हैं और निचले स्तर पर खरीद लेते हैं। इसे सेलिंग शॉर्ट भी कहते हैं। हालांकि, इसमें जोखिम काफी अधिक होता है। आपको शेयर मार्केट की काफी अच्छी जानकारी हो, तब ही एक्सपर्ट की सलाह में ट्रेडिंग करनी चाहिए।
घर बैठे लगाएं विदेशी बाजारों में पैसा, Apple-Tesla जैसे शेयर में सिर्फ 100-200 रुपए लगाकर करें शुरुआत
US Stocks: यूएस मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक है.
US Stocks: यूएस मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक है.
Invest in Us Stocks: शेयर में पैसे लगाने की बात कहें तो आमतौर पर हम किसी कंपनी के कुछ स्टॉक खरीदते हैं. स्टॉक की संख्या 10, 20 या कुछ भी हो सकती है. बहुत महंगे शेयर हर तरह के निवेशक नहीं खरीदते हैं. घरेलू बाजार की बात करें तो एक तरीका यह हो सकता है कि हम सीधे शेयर खरीदने की बजाए ऐसे म्यूचुअल फंड में पैसे लगाएं, जिसने उस स्टॉक में निवेश किया हो. लेकिन अगर हम एप्पल, गूगल, अमेजॉन और टेस्ला जैसे महंगे विदेशी शेयरों की बात करें तो इसका क्या तरीका है. यूएस स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप भी इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है.
कुछ महंगे विदेशी शेयरों की रुपये में कीमत
गूगल: 1.76 लाख रुपये (2408 डॉलर)
फेसबुक: 24090 रुपये (330 डॉलर)
अमेजॉन: 2.40 लाख रुपये (3281 डॉलर)
टेस्ला: 43750 रुपये (599 डॉलर)
एप्पल: 9271 रुपये (127 डॉलर)
इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर सुविधा
मौजूदा समय में कई आनलाइल एडवाइजरी और इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म पर फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग की सुविधा दी जा रही है. इसमें 1 शेयर से कम भी आप खरीद सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म निवेशकों को यह सुविधा देते हैं कि वे कम से कम 1 डॉलर से विदेशी शेयरों में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. जितना निवेश होगा, कीमत की रेश्यो में शेयर का उतना हिस्सा निवेशक के पोर्टफोलियो में जुड़ जाएगा.
यहां इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए किसी शेयर का भाव 200 डॉलर और आपने उसमें 10 डॉलर निवेश किया है. तो शेयर का 0.05 फीसदी हिस्से के आप मालिक बन जाएंगे. इसी तरह से मान लिया कि आप एप्पल का शेयर में मौजूदा समय में 2 डॉलर निवेश करना चाहते हैं. ऐसे में आपको 0.015 हिस्सा मिल जाएगा. एप्पल का शेयर अभी 127 डॉलर का है.
कितना कर सकते हैं निवेश
आरबीआई की 'लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम' (LRS) की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई इंडिया का निवासी विदेशी बाजारों में हर साल 2.50 लाख डॉलर यानी 1.शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं? 82 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकता है. यह आरबीआई से अप्रूवल लिए बिना भी किया जा सकता है. इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी जरूरी होती है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 643