Multiple Candlestick Patterns (Part-1)

सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न(Single Candlestick Pattern) में एक ट्रेडर को केवल एक कैंडलस्टिक की जरूरत होती है जिसके आधार पर वह अपने लिए ट्रेडिंग के मौके ढूंढ सके, लेकिन मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न(Multiple Candlestick Patterns) में ट्रेडर को अपने मौके तलाशने के लिए कभी-कभी दो या तीन कैंडलस्टिक को भी पहचानना पड़ता है।

इसका मतलब यह हुआ कि ट्रेडर को मौके तलाशने के लिए 2 या 3 ट्रेडिंग सेशन यानी दो या तीन दिनों की ट्रेडिंग के पैटर्न(Trading Pattern) को देखना पड़ता है।

इस भाग में हम 4 चार पेटर्न को समजेंगे

  1. Bullish Engulfing Pattern – बुलिश एंगलफिंग पैटर्न
  2. Bearish Engulfing Pattern – बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न
  3. Piercing Pattern – पियर्सिंग पैटर्न
  4. Dark Cloud Cover Pattern – डार्क क्लाउड कवर पैटर्न

Engulfing Pattern – एंगलफिंग पैटर्न

Table of Contents

एंगलफिंग पैटर्न(Engulfing Pattern) को बनने में कम से कम 2 सेशन लगते हैं। इसमें पहले दिन आप एक छोटा कैंडलस्टिक देखेंगे और दूसरे दिन एक लंबा कैंडलस्टिक पैटर्न देखेंगे।

ऐसा लगता है कि दूसरे दिन के कैंडलस्टिक ने पहले दिन के कैंडलस्टिक को ढका या घेरा हुआ है यानी एंगलफिंग (engulfing) किया हुआ है।

  1. अगर एनगल्फिंग पैटर्न किसी ट्रेंड के नीचे की तरफ बनता है तो इसको बुलिश एंगलफिंग पैटर्न(Bullish Engulfing Pattern) कहते हैं।
  2. अगर एनगल्फिंग पैटर्न किसी ट्रेंड में ऊपर की तरफ बनता है तो इसको बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न(Bearish Engulfing Pattern) कहते हैं।

Bullish Engulfing Pattern – बुलिश एंगलफिंग पैटर्न

BULLISH ENGULFING candlestck

इससे पहले का ट्रेंड नीचे की तरफ का होना चाहिए।

पहले दिन का पैटर्न लाल कैंडल वाला होना चाहिए जिससे पता चलता है कि बाजार में मंदी का मूड है।

दूसरे दिन का कैंडल एक नीला कैंडल होना चाहिए जो कि लाल कैंडल को पूरी तरीके से ढंक दे मतलब के खा जाये अपने बोडी में समा दे जो आपने उपर चित्र में देखा।

Psychology Behind Bearish Engulfing Candlestick Pattern

बाजार मंदी में है और कीमतें धीरे-धीरे नीचे जा रही हैं। पैटर्न के पहले दिन बाजार नीचे खुलता है और एक नया लो बनाता है, इससे एक लाल रंग का कैंडल बन जाती है।

पैटर्न के दूसरे दिन स्टॉक पहले दिन के बंद भाव के करीब खुलता है और एक नया लो बनाने की कोशिश करता है। लेकिन इस लो पर खरीद आ जाती है जो कि कीमत को पिछले दिन के ओपन से ऊपर ले जाकर बंद करती है, इसकी वजह से एक नीला कैंडल बन जाता है।

दूसरे दिन की कीमत में आया बदलाव यह भी बताता है कि बुल्स बाजार में मजबूती के साथ आ गए हैं, उन्होंने कीमत ऊपर ले जाने और मंदी के ट्रेंड को तोड़ने के लिए काफी मेहनत की है और वो कीमत ऊपर ले जाने में सफल भी हुए हैं।

इस वजह से नीला कैंडल लंबा बनता है। तब मार्किट में नयी खरीदी भी बढ़ जाती है और सेलर गभरा कर आपनी पोजीसन स्केवर ऑफ करते है तो मार्किट और उपर जाने लगता है।

तेजी का ये नया माहौल अगले कुछ दिनों की ट्रेडिंग तक जारी रहने की उम्मीद होती है जिसकी वजह से कीमते ऊपर जाने की गुंजाइश दिखती है, ऐसे में, हम खरीदी करके मार्किट से मुनाफा कमा सकते है।

Bearish Engulfing Pattern – बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न

BEARISH ENGULFING BULLISH ENGULFING candlestck

इसके पीछे की सोच एकदम वैसी ही होती है जैसी बुलिश एंगलफिंग पैटर्न की होती है अंतर सिर्फ एक होता है बुलिश एंगलफिंग पैटर्न खरीद ने का और इसे सेल करने के मौके के तौर पर देखा जाता है।

Psychology Behind Bullish Engulfing Candlestick Pattern

शुरुआत में बाजार पूरी तरीके से बुल्स के कब्जे में है और वह कीमतों को ऊपर ले जा रहे हैं।

जैसे की उम्मीद से भी बाजार ऊपर जा रहा है और एक नया हाई बनेगा जिससे यह तय हो जाएगा कि बाजार में तेजी की हवा चल रही है दूसरे दिन को बाजार उम्मीद के मुताबिक ही, ऊपर खुलेगा और एक नया हाई बनाने की कोशिश करेगा।

लेकिन इस हाई पर बाजार में बिकवाली आ जाएगी और बिक्री के इस दबाव से कीमतें नीचे आने लगेगी।

अचानक आई बिकवाली से बुल्स का असर कुछ कम हो जाएगा। तेजी करने वाले ट्रेडर थोड़े कमजोर पड़ेंगे बिकवाली यानी बेचने वाले कीमतो को नीचे दबायेंगे और इतना नीचे ले जाएंगे कि अहम मल्टिपल कैंडलस्टिक पैटर्न स्टॉक अपने पिछले दिन के ओपन से नीचे बंद हो।

इससे बुल्स में थोड़ी सी घबराहट आ जाएगी और अपनी पोजीसन सेल करने लगेगे और मार्किट में और मंदी अहम मल्टिपल कैंडलस्टिक पैटर्न आने लगेगी दुसरे दिन को अचानक आई तेज बिकवाली से पता चलता है कि बेयर्स ने बाजार पर से बुल्स का कब्जा तोड़ दिया है और ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि बाजार में अगले कुछ दिनों तक बिकवाली का दबाव बना रहेगा। और हम मार्किट में सेल पोजीसन बनाके मुनाफा कमा सकते।

Piercing Pattern – पियर्सिंग पैटर्न

PIERCING

जबकि, एक पियर्सिंग पैटर्न में दुसरे दिन का नीला कैंडल पहेले दिन के लाल कैंडल को सिर्फ आंशिक रूप से ही ढंकता है, हाँ ये ढंकना 50% से अधिक और 100% से कम होना चाहिए।

पियर्सिंग पैटर्न बनने की सायकोलोजी भी बुलिश एंगलफिंग पैटर्न के जैसी है और मार्किट में असर भी एक सामान है पियर्सिंग पैटर्न बनने के बाद कन्फर्मेसन मिलने के बाद हम मार्किट में खरीदी कर के मुनाफा कमा सकते है।

Dark Cloud Cover – डार्क क्लाउड कवर

DARK CLOUD COVER

डार्क क्लाउड कवर का पैटर्न वैसे तो बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न के समान है लेकिन एक अंतर है। बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न में दुसरे दिन का लाल कैंडल ने पूरी तरह से पहेले दिन के नीले कैंडल को ढंका हुआ रहेता है।

जबकि डार्क क्लाउड कवर पैटर्न में, दुसरे दिन की लाल कैंडल पहेले दिन के नीले कैंडल के लगभग 50% से ज्यादा और 100% से कम की ही होती है। हमारा सेल करने का सौदा बिल्कुल वैसा ही बनेगा जैसा कि बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न में होता है। डार्क क्लाउड कवर को पियर्सिंग पैटर्न का उल्टा माना जाता है।

डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बनने की सायकोलोजी भी बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न के जैसी है और मार्किट में असर भी एक सामान है डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बनने के बाद कन्फर्मेसन मिलने के बाद हम मार्किट में सेलिंग कर के मुनाफा कमा सकते है।

दोस्तों आपको ये मल्टीप्ल कैंडलस्टिक पैटर्न(Multiple Candlestick Patterns) पोस्ट कैसी लगी आप हमें कमेंट में कह शकते है। और भी कोई सवाल होतो पूछ शकते हो || धन्यवाद ||

मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न (भाग 2)

इससे पहले कि आप कुछ और सोचें हम बता देते हैं, ‘हरामी’ शब्द हिंदी में इस्तेमाल होने वाले हरामी शब्द के लिए नहीं है । यह ‘गर्भवती’ के लिए पुराना जापानी शब्द है। जब आप इस कैंडलस्टिक की बनावट देखते हैं, तो आप इस नाम को समझ सकेंगे।

हरामी दो कैंडलस्टिक वाला पैटर्न है। इसमें पहली कैंडलस्टिक आमतौर पर लंबी होती है और दूसरी कैंडलस्टिक में एक छोटी रियल बॉडी होती है। दूसरी कैंडलस्टिक आम तौर पर पहली कैंडलस्टिक के रंग के विपरीत होती है। हरामी पैटर्न की उपस्थिति पर एक ट्रेंड में बदलाव संभव है। हरामी पैटर्न दो प्रकार के होते हैं – बुलिश हरामी और बेयरिश हरामी।

9.2 – बुलिश हरामी ( The Bullish Harami )

जैसा कि नाम से पता चलता है, चार्ट के निचले सिरे पर दिखने वाला बुलिश हरामी एक बुलिश पैटर्न है। बुलिश हरामी पैटर्न भी एनगल्फिंग पैटर्न (Engulfing Pattern) की तरह दो दिन में विकसित होता है। नीचे दिए गए चार्ट में, बुलिश हरामी पैटर्न को घेर कर दिखाया गया है।

एक बुलिश हरामी पैटर्न के पीछे की सोच प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. बाजार मंदी में है और कीमतें नीचे गिर रही हैं, बेयर्स का बाजार पर पूर्ण नियंत्रण है।
  2. पैटर्न के पहले दिन ( P1) एक लाल कैंडल के साथ एक नया लो बनता है, जो बाजार में बेयर्स की स्थिति को मजबूत करता है।
  3. पैटर्न के अहम मल्टिपल कैंडलस्टिक पैटर्न दूसरे दिन ( P 2) बाजार पिछले दिन के बंद भाव से अधिक कीमत पर खुलता है। ओपन कीमत ऊपर देखकर बेयर्स घबरा जाते हैं, क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि ओपन कीमत नीचे जाएगी।
  4. बाजार ने P 2 पर मजबूती हासिल की और तेजी के साथ बंद होने में सफल रहा। इस तरह एक नीली कैंडल बन गयी। लेकिन P 2 की क्लोज कीमत पिछले दिन ( P 1) की ओपन कीमत से कम है।
  5. कीमत के उतार चढ़ाव से P 2 को छोटी नीली कैंडल बनती है जो P 1 की लंबी लाल कैंडल के भीतर (गर्भवती) दिखाई देती है।
  6. ये छोटी नीली कैंडल अपने आप में हानिरहित दिखती है, लेकिन वास्तव में घबराहट इस वजह से आती है कि ये बुलिश कैंडल अचानक से प्रकट होती है, जबकि इसकी कोई उम्मीद नहीं थी।
  7. यह नीली कैंडल न केवल बुल्स को लांग जाने यानी खरीदारी का हौसला देती है, बल्कि बेयर्स को भी परेशान करती है।
  8. उम्मीद यह है कि बेयर्स में डर और तेजी से फैलेगा और बुल्स को ताकत मिलेगी। इससे कीमतों में तेजी आएगी। इसलिए स्टॉक पर खरीदारी करने या लांग जाने का समय है।

हरामी के लिए ट्रेड सेटअप यानी सौदा :

  1. बुलिश हरामी बनने पर खरीदारी करनी है।
  2. रिस्क लेने वाले P 2 कैंडल के क्लोज के करीब एक लांग ट्रेड यानी खरीद का सौदा शुरू कर सकते हैं।
  3. रिस्क लेने वाले को जांचना होगा कि क्या P 1 और P 2 एक साथ मिलकर एक हरामी पैटर्न बना रहे हैं? ये दो बातों से पता चलेगा :
    • P 2 का ओपन P 1 के क्लोज से ऊपर होना चाहिए।
    • P2 के 3:20 बजे की कीमत P1 के ओपन कीमत से कम होनी चाहिए।
    • यदि ये दोनों शर्तें पूरी हो रही हैं तो यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि P1 और P2 दोनों एक साथ मिलकर बुलिश हरामी पैटर्न बना रहे हैं।
  4. रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन बाजार बंद होने के समय खरीदारी की शुरुआत कर सकता है, केवल यह पुष्टि करना होगा कि उस दिन एक नीली कैंडल बन रही है।
  5. पैटर्न का सबसे निचला लो इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस होगा।

यहाँ नीचे एक्सिस बैंक का एक चार्ट देखिए इसमें बुलिश हरामी को घेर कर दिखाया गया है।

यहां OHLC इस प्रकार है:

P 1 – ओपन = 868, हाई = 874, लो = 810, क्लोज = 815 P2 – ओपन = 824, हाई = 847, लो = 818, क्लोज = 835

रिस्क लेने वाला P 2 के क्लोज कीमत के करीब 835 पर खरीदारी की शुरुआत करेगा। सौदे के लिए स्टॉपलॉस P 1 और P 2 के बीच सबसे कम कीमत होगा; जो इस मामले में 810 है।

रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन क्लोज के करीब ट्रेड शुरू कर देगा, बशर्ते यह एक नीली कैंडल का दिन हो, जो इस मामले में है।

एक बार सौदा शुरू हो जाने के बाद, ट्रेडर को या तो टारगेट के हिट होने या स्टॉपलॉस के ट्रिगर होने का इंतजार करना होगा।

यहां नीचे एक चार्ट दिया गया है जहां कैंडल (घेरे में दिखाई गयी) एक बुलिश हरामी पैटर्न दिखा रही हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इस पैटर्न के पहले का ट्रेंड मंदी का होना चाहिए, लेकिन इस मामले में पहले का ट्रेंड लगभग सपाट है जो हमें इस कैंडलस्टिक पैटर्न को बुलिश हरामी कहने से रोकती है।

अब एक और उदाहरण देखते हैं जहाँ बुलिश हरामी पैटर्न बना लेकिन स्टॉपलॉस ट्रिगर होने से सौदे में नुकसान हो गया।

9.3 बेयरिश हरामी (The Bearish Harami)

बेयरिश हरामी पैटर्न एक तेजी के ट्रेंड में ऊपर की तरफ बनता अहम मल्टिपल कैंडलस्टिक पैटर्न है और ये ट्रेडर को शॉर्ट करने का मौका देता है।

एक बेयरिश हरामी में शॉर्ट करने के पीछे का विचार इस प्रकार है:

  1. बाजार में तेजी है और बुल्स के नियंत्रण में है।
  2. पहले दिन ( P1) को बाजार तेजी में रहता है और एक नया हाई बनाता है। ये पूरी तरह से एक नीली कैंडल का दिन बनता है। बाजार में तेजी का ये दौर फिर से बुल्स के प्रभुत्व को दिखाता है।
  3. P 2 को बाजार अप्रत्याशित रूप से नीचे खुलता है जो बुल्स की पकड़ कमजोर करता है, बुल्स थोड़ी घबराहट में आ जाते है।
  4. बाजार उस हद तक नीचे चला जाता है, जहां यह लाल कैंडल का दिन बन कर बंद होता है।
  5. बाजार में आई इस अचानक मंदी से बुल्स डर जाते हैं और अपने सौदे छोड़ने लगते हैं।
  6. उम्मीद यह है कि यह मंदी जारी रहेगी और इसलिए यहाँ पर शॉर्ट करने पर ध्यान देना चाहिए।

बेयरिश हरामी के आधार पर शॉर्ट ट्रेड का सेटअप है:

  1. P 1 और P 2 को मिल कर बेयरिश हरामी बनाते देखने के बाद रिस्क लेने को तैयार ट्रेडर P 2 के क्लोज के पास बाजार को शॉर्ट करेगा। बेयरिश हरामी सुनिश्चित करने के लिए दो शर्तों को पूरा होना होगा:
  1. P 2 को ओपन कीमत P 1 की क्लोज कीमत से कम होनी चाहिए।
  2. P 2 पर क्लोज कीमत P 1 की ओपन कीमत से अधिक होनी चाहिए।
  1. रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन यह देखेगा कि उस दिन लाल कैंडल ही बना है और फिर वो भी शॉर्ट करेगा।
  2. P 1 और P 2 के बीच सबसे ऊँचा हाई इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है।

यहाँ IDFC Limited का एक चार्ट है, जहाँ पर बेयरिश हरामी दिखता है। OHLC इस प्रकार हैं:

P 1 – ओपन = 124, हाई = 129, लो = 122, क्लोज = 127

P2 – ओपन = 126.9, हाई = 129.70, लो, = 125, क्लोज = 124.80

रिस्क लेने वाला P2 को क्लोज कीमत के करीब 125 पर अपना ट्रेड शुरू करेगा। रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन ट्रेड शुरू करेगा, लेकिन यह सुनिश्चित करने के बाद कि यह लाल कैंडल का दिन है। इस उदाहरण में, रिस्क से बचने वाले ने सौदा किया ही नहीं होगा।

इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस P 1 और P 2 के बीच सबसे ऊँचा हाई होगा। इस मामले में यह 129.70 होगा।

कैंडलस्टिक पैटर्न विश्लेषण करते समय ध्यान रखने योग्य 5 चीजें

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कैंडलस्टिक पैटर्न विश्लेषण के लिए 5 अहम चीज़ें अगर आप जानते हैं कि आप क्या ढूँढ रहे हैं, तो कैंडलस्टिक चार्ट पढ़ना काफी आसान हो जाता है। इन 5 चीज़ों पर आपको नज़र रखनी चाहिए। सबलसे पहले, ये अहम मल्टिपल कैंडलस्टिक पैटर्न देखें कि चार्ट को किस अवधि के लिए बनाया गया है। इसके बाद, शेयर की ओपनिंग और क्लोज़िंग कीमत जानने के लिए कैंडलस्टिक की बॉडी पर नज़र डालें। एक निश्चित अवधि के लिए शेयर की सबसे ऊँची कीमत दिखाने वाला ऊपरी विक भी अहम है और आपको इस पर नज़र रखनी चाहिए। इसी तरह, शेयर की सबसे कम कीमत दिखाने वाले निचले विक पर भी ध्यान देना चाहिए। और आखिर में, अगर आप वॉल्यूम कैंडल चार्ट पढ़ रहे हैं तो कैंडलस्टिक की चौड़ाई को भी ध्यान में रखना अहम है। ये आपको उस निश्चचित अवधि के लिए कारोबार किए गए शेयर की मात्रा के रूझानों का विश्लेषण करने में मदद करती है। ये सभी चीज़ों की जानकारी आपको कैंडलस्टिक चार्ट को बेहतर तरीके से पढ़ने और समझे में मदद कर सकती है। आप इन चार्ट का इस्तेमाल कर सपोर्ट और रेसिसटेंस स्तरों की जानने के लिए भी कर सकते हैं। इनके बारे में और जानकारी के लिए स्मार्ट मनी के अगले अध्याय पर जाएँ।

5 अहम मल्टिपल कैंडलस्ट.

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