China Debt Trap: चाइना गो होम. श्रीलंका को कर्ज जाल में फंसाया, अब ड्रैगन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन की तैयारी
व्यापार घाटा बढ़ा
पीयूष गोयल के मुताबिक, साल 2004-05 में भारत और चीन के बीच 1.48 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। लेकिन 2013-14 में ये बढ़कर 36.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत और चीन के बीच 44.33 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था, लेकिन वित्त वर्ष के दौरान ये बढ़ कर 73.31 अरब आप सप्ताहांत पर व्यापार क्यों करते हैं डॉलर पर पहुंच गया। सीमा पर तनाव के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय करोबार में 43.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 में चीन ने भारत को 65.21 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया था, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें तेज इजाफा हुआ और यह 94.57 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

फोरेक्स ट्रेडिंग के बारे में

सवाल "क्या है विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग?" सबसे में से एक शुरुआत के बीच सवाल पूछे है लेकिन अभी भी एक खाता खोलने के लिए चाहते हैं जो व्यापारियों व्यापार के बारे में पता नहीं है और शुरू करने के लिए कुछ जानकारी की जरूरत है। समझ विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग जानने के क्या विदेशी मुद्रा का अर्थ है - एक मुद्रा मुद्रा बाजार विदेशी मुद्रा है। 24 घंटे एक दिन और एक दुनिया भर में व्यापारियों का लाखों सप्ताह 5 दिन अत्यधिक तरल वित्तीय साधनों और व्यापार की मात्रा का लाभ ले लो। विदेशी मुद्रा दुनिया के सबसे में से एक रहा है क्रांतिकारी और नवीन वित्तीय बाजारों तक। क्या विदेशी मुद्रा के बारे में और अधिक आकर्षक है कि, यह सबसे शायद है है व्यापार के लिए सबसे सस्ती अभी तक संभावित लाभदायक बाजार।

क्या विदेशी मुद्रा व्यापार में एक बहुत ही सरल तरीका है यह समझाने के लिए है कि यह ट्रेडिंग मुद्राओं के बारे में कहा जा सकता है मुद्रा बाजार, जो एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है। एक स्पष्ट और पूर्ण क्या समझ है करने के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार हम मौद्रिक प्रणाली के विकास और उद्भव पर एक नज़र लेने के लिए आप का समर्थन है विदेशी विनिमय बाजार के। करने के बाद कि यह क्या उपकरणों रहे हैं समझने के लिए आसान हो जाएगा वहाँ, कारोबार कैसे वे ऐसे में विभाजित किया गया है समूह के रूप में प्रमुख, नाबालिग, और विदेशी मुद्राओं और क्यों समग्र व्यापार की जरूरत है।

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग का लाभ

  • कोई शुल्क या अप्रत्यक्ष कमीशन नहीं
  • 24 घंटे बाजार कार्रवाई
  • व्यापार मुद्रा जोड़े के दर्जनों करने के लिए की क्षमता
  • अपने लाभ के अवसरों को अधिकतम करने के लिए प्रचलित उत्तोलन
  • लाभ की क्षमता बढ़ती है और गिरती कीमतों से
  • उच्चतम करने के लिए अन्य वित्तीय बाजारों की तुलना में तरलता
  • पहुँच ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न उपकरणों से बाजार

करेंसी अब्ब्रेविएशंस

नीचे दी गई तालिका निम्न सूची प्रदान करती है:

सफल व्यापार के लिए 10 स्वर्ण नियम

व्यापारी बनना मुश्किल नहीं है, लेकिन आसान शुरुआत का मतलब आसान लाभ नहीं है। व्यापार एक तरह की कला है। एक व्यापारी की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है, जो ब्रोकर की पसंद, जमा के आकार और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ समाप्त होती है.

विनिमय बाजार क्या है - विदेशी विनिमय बाजार के कार्य

विदेशी विनिमय बाजार एक विकेन्द्रीकृत वैश्विक बाजार है जहां सभी दुनिया की मुद्राओं का कारोबार होता है एक दूसरे, और व्यापारी मुद्राओं के मूल्य परिवर्तन से लाभ या हानि बनाते हैं। विदेशी मुद्रा बाजार को विदेशी मुद्रा बाजार, FX या मुद्रा ट्रेडिंग मार्केट के रूप में भी जाना जाता है।

क्यों विदेशी मुद्रा व्यापार

यह खंड अन्य वित्तीय बाजारों पर विदेशी मुद्रा बाजार के मुख्य लाभ बताता है। यहां आप यह पता लगा सकते हैं कि क्यों विदेशी मुद्रा बाजार आप सप्ताहांत पर व्यापार क्यों करते हैं व्यापारियों के लिए इतना आकर्षक है और विदेशी मुद्रा बाजार के सभी फायदों को सीखता है।

प्रमुख मुद्रा जोड़े

सबसे सक्रिय रूप से कारोबार मुद्रा जोड़े के समूह मेजर के रूप में माना जाता है. वे इसलिए, वे अत्यधिक तरल कर रहे हैं, विदेशी मुद्रा बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा शामिल है, और. प्रमुख मुद्रा जोड़े बाजार में उपलब्ध सबसे लोकप्रिय मुद्रा जोड़े, शामिल हैं. समूह का प्रमुख हिस्सा आप एक ही बार मंख दो ऐसे अमेरिकी डॉलर (USD), यूरो (EUR), जापानी येन (JPY), भारतीय रुपया (INR), स्विस फ्रैंक (CHF) के रूप में सबसे अधिक तरल मुद्राओं की कहां मिल सकती जोड़े शामिल , कैनेडियन डॉलर (सीएडी), ऑस्ट्रेलियन डॉलर (AUD) और न्यूजीलैंड डॉलर (NZD).

माइनर मुद्रा जोड़े

माइनर मुद्रा जोड़े के समूह प्रमुख मुद्रा . की तुलना में अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय साधन भी शामिल है. अमेरिकी डॉलर और यूरो: यह बल्कि स्थानीय प्राथमिक तरलता दुनिया की प्रमुख आरक्षित मुद्राओं द्वारा प्रदान की सब से पहले जो मूल्य की मुद्राओं से बना है.

एक्सोटिक करेंसी पेयर्स

ट्रेडिंग वॉल्यूम और उच्च फैलता अपेक्षाकृत कम की विशेषता है जो विदेशी मुद्रा जोड़े के समूह मुद्रा बाजार में उपलब्ध कम से कम लोकप्रिय साधन भी शामिल है. अमेरिकी डॉलर और यूरो: वे लगभग पूरी तरह से मुख्य रिजर्व मुद्राओं द्वारा प्रदान की जाती है, जो तरलता मुद्राओं से मिलकर..

करेंसी ट्रेडिंग: ट्रेड फोरेक्स

विदेशी विनिमय बाजार में निवेशकों मुद्रा दर में उतार-चढ़ाव पर लाभ है। मजबूत दर (उद्धरण) बड़ा अपने लाभ को बदलता है या नुकसान है .

बुक्स ओन टेक्निकल इंडीकेटर्स

व्यापार के क्षेत्र में सफलता तक पहुँचने के लिए विधेयक विलियम्स के मुताबिक, एक व्यापारी बाजार का सही और पूरे ढांचे को पता होना चाहिए. यह पांच आयामों में बाजार का विश्लेषण करने और खाते कुछ विदेशी मुद्रा इंडीकेटर्स में लेने के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है.

करेंसी मार्किट

मुद्रा बाजार में व्यापार के विभिन्न बाजारों के साथ तुलना में, न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से 100 गुना बड़ा है, और यह भी रूप में बांड बाजार और शेयरों के रूप में 3 बार बड़े बाजार संयुक्त। आप सप्ताहांत पर व्यापार क्यों करते हैं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार वाणिज्यिक कंपनियों, सेंट्रल बैंकों, बचाव धन, बैंकों, निवेशकों और खुदरा विदेशी मुद्रा दलालों के मिलकर बनता है। यह बाजार है जहां दुनिया भर से प्रतिभागियों की विभिन्न मुद्राओं पर अटकलें का अवसर है, है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार बेहद कुशल, हो के रूप में वे कर रहे हैं बहुत बड़े और तरल करने के लिए माना जाता है। मुद्रा बाजार, आभासी है, जिसका मतलब है कि वहाँ कोई केंद्रीय भौतिक स्थान कि विदेशी मुद्रा बाजार माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा लेनदेन हो बैंकों और दुनिया भर में दलालों की एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क में.

चार्ट पैटर्न पर ट्यूटोरियल

रुझान निरंतरता पैटर्न वर्तमान बाजार के रुझान में ठहराव के दौरान गठन और मुख्य रूप से आंदोलन जारी रखने निशान हैं. इन नमूनों प्रदर्शित कीमत कार्रवाई प्रचलित प्रवृत्ति में एक ठहराव है कि संकेत मिलता है और उस पैटर्न से बाहर तोड़ने पर मूल्य प्रवृत्ति एक ही दिशा में जारी रहेगा. वे व्यापारियों अपनी पूरी उत्क्रमण से कीमत आंदोलन में ठहराव अंतर करने के लिए मदद करते हैं.

India China trade: चीन के साथ देश के बढ़ते व्यापार पर पीयूष गोयल ने इस वजह से जताई चिंता, जानिए सरकार उठा रही क्या कदम

India China trade: कच्चे सामाना पर भारत की चीन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। देश का चीन के साथ कारोबार लगातार बढ़ा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसपर चिंता जताई है। हालांकि सरकार चीन पर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठा रही है। लेकिन अभी भी काफी चीजों के मामले में भारत चीन पर ही निर्भर है।

हाइलाइट्स

  • वित्त वर्ष 2020-21 में चीन ने भारत को 65.21 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया
  • सरकार चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है
  • मौजूदा समय में चीन का निर्यात भारत की तुलना में कई गुना ज़्यादा है

China Debt Trap: चाइना गो होम. श्रीलंका को कर्ज जाल में फंसाया, अब ड्रैगन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन की तैयारी
व्यापार घाटा बढ़ा
पीयूष गोयल के मुताबिक, साल 2004-05 में भारत और चीन के बीच 1.48 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। लेकिन 2013-14 में ये बढ़कर 36.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत और चीन के बीच 44.33 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था, लेकिन वित्त वर्ष के दौरान ये बढ़ कर 73.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सीमा पर तनाव के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय करोबार में 43.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 में चीन ने भारत को 65.21 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया था, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें तेज इजाफा हुआ और यह 94.57 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

इस वजह से चीन से बढ़ते कारोबार के हैं नुकसान
चीन के साथ बढ़ते कारोबार के नुकसान पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि इससे पूरा देश घटिया सामाना से भर गया। देश में ऐसी चीजें आ गईं जिनकी क़ीमतों को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं थी। इसके लिए जरूरी है कि चीन पर देश की निर्भरता कम की जाए। जिन कच्चे सामानों के लिए हम चीन पर निर्भर हैं, उन्हें अपने ही देश में बनाया जाए। ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा रहेगा।

अमेरिका के दुश्मन के बाद अब दोस्त से दोस्ती बढ़ा रहा चीन, शी जिनपिंग जाएंगे सऊदी अरब, खाड़ी पर क्यों है ड्रैगन की नजर?
सरकार उठा रही ये कदम
सरकार चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। पीयूष गोयल के मुताबिक, देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मज़बूत करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (पीएलआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की है। इससे आयात की निर्भरता चीन पर कम होगी। पहले देश में मोबाइल हैंडसेट के सिर्फ दो प्लांट हुआ करते थे। इसके चलते देश में इस्तेमाल होने वाले करीब सारे स्मार्टफोन चीन से ही मंगाए जाते थे, लेकिन अब पीएलआई स्कीम की बदौलत देश में मोबाइल फोन सेक्टर में 200 कंपनियां हैं।

ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री अगले सप्ताह भारत दौरे पर आयेंगे

नयी दिल्ली 23 सितंबर (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डैन तेहान दोनों देशों के बीच शुरुआती व्यापार समझौते पर मुहर लगाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए अगले सप्ताह भारत दौरे पर आएंगे। इसके बाद दोनों देश एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की तरफ बढ़ेंगे। भारत और आस्टफेलिया के बीच आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने की नीतिगत पहल के तहत यह दौरा होगा। ब्रिटेन और अमेरिका के साथ एक नए सुरक्षा गठबंधन में शामिल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया से यह पहली मंत्री स्तरीय यात्रा होगी। इस गठबंधन पर फ्रांस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और 'क्वाड'

भारत और आस्टफेलिया के बीच आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने की नीतिगत पहल के तहत यह दौरा होगा।

ब्रिटेन और अमेरिका के साथ एक नए सुरक्षा गठबंधन में शामिल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया से यह पहली मंत्री स्तरीय यात्रा होगी। इस गठबंधन पर फ्रांस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और 'क्वाड' पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में आशंका जताई है।

तेहान ने कैनबरा में नेशनल प्रेस क्लब में एक भाषण के दौरान बताया कि वह भारत, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और यूरोप का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत की यात्रा के दौरान मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में अपनी हालिया प्रगति को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा, जिसे व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) भी कहा जाता है।’’

ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री ने कहा, ‘‘दोनों देश वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को और गहरा करने के लिए एक अंतरिम समझौते पर जल्द घोषणा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही सीईसीए को पूरा करने पर भी जोर दिया जाएगा।’’

आस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री इंडोनेशिया की यात्रा के बाद भारत पहुंचेंगे।

इस महीने की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई विदेश आप सप्ताहांत पर व्यापार क्यों करते हैं मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डटन ने भारत की तीन दिवसीय यात्रा की थी।

Cancer Weekly Horoscope 24-30 October 2022: कर्क वालों को धन लाभ के अवसर प्राप्‍त होंगे, लेकिन इस सप्ताह रखें अपनी सेहत का ध्यान

Kark Saptahik Rashifal: कर्क वालों को इस सप्ताह ( 24-30 अक्टूबर 2022) धन कमाने का अवसर मिलेगा. इस हफ्ते आप अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखें. कर्क राशि के जातकों के लिए 24 अक्टूबर 2022 से 30 अक्टूबर 2022 तक का समय कैसा रहेगा, और डिटेल में जानने के लिए आगे पढ़ें.

कर्क साप्ताहिक राशिफल (Cancer Weekly Horoscope) 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2022

कर्क साप्ताहिक राशिफल (Cancer Weekly Horoscope) 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2022

gnttv.com

  • नई दिल्ली ,
  • 21 अक्टूबर 2022,
  • (Updated 21 अक्टूबर 2022, 2:45 PM IST)

इस सप्ताह शिवलिंग पर जल चढ़ाएं

इस सप्ताह (24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2022) की शुरुआत में कर्क वालों का कोई बड़ा महत्वपूर्ण काम बन सकता है. हालांकि इसके बाद काफी दौड़ भाग और व्यस्तता बढ़ेगी. किसी भी निर्णय को लेकर जल्दबाजी से बचें. परिवार के बड़े बुजुर्गों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. सप्ताह के अंत में किसी यात्रा के योग बन रहे हैं.

पैसा कमाने का मौका लेकिन सेहत का रखें ध्यान
सप्ताह की शुरुआत में तीसरे भाव में चंद्रमा की उपस्थिति होने के कारण आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें और जितना हो सके शराब पीने से बचें. किसी करीबी परिचित या किसी मित्र की पार्टी में जाने के योग बन रहे हैं. पार्टी में आप अत्यधिक नशा कर सकते हैं जिसका आपकी सेहत पर असर दिखेगा. आपकी मेहनत और लगन से आपको ऐसे मौके मिलेंगे जिनकी मदद से आप कुछ पैसे कमा सकते हैं. चूंकि चंद्रमा चतुर्थ भाव में गोचर करेगा, इसलिए आपको अपनी जमा राशि को कहीं पर आंख बंद करके निवेश करने के बजाय पारंपरिक रूप से एक अच्छी योजना में निवेश करने की आवश्यकता होगी. इस सप्ताह आपके परिवार में कोई शुभ कार्य हो सकता है और इससे प्रसन्नता आएगी. कर्क राशि के जातक जो साझेदारी में व्यापार करते हैं उन्हें इस अवधि के दौरान पिछले सभी नुकसानों से उभरने के लिए आवश्यक मदद मिलेगी. यह समय आपके करियर के लिए काफी बेहतर साबित होगा, आप कई बड़ी हस्तियों से मिलेंगे और व्यापार विस्तार के लिए उचित योजनाएं बनाएंगे. इस सप्ताह बुद्धि का कारक बुध ग्रह 26 अक्टूबर को आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा जिसके कारण बुद्धि के देवता कई छात्रों को कड़ी मेहनत का फल प्रदान करने और अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने की दिशा में काम करेंगे. वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का भी भाग्योदय होगा.

उपायः
अगर आप चाहते हैं कि आपका ये सप्ताह अच्छा भला बीते तो इस सप्ताह शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और शिव जी की पूजा करें. पूरे सप्ताह निर्धनों को केले का दान करें.

India China trade: चीन के साथ देश के बढ़ते व्यापार पर पीयूष गोयल ने इस वजह से जताई चिंता, जानिए सरकार उठा रही क्या कदम

India China trade: कच्चे सामाना पर भारत की चीन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। देश का चीन के साथ कारोबार लगातार बढ़ा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसपर चिंता जताई है। हालांकि सरकार चीन पर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठा रही है। लेकिन अभी भी काफी चीजों के मामले में भारत चीन पर ही निर्भर है।

हाइलाइट्स

  • वित्त वर्ष 2020-21 में चीन ने भारत को 65.21 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया
  • सरकार चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है
  • मौजूदा समय में चीन का निर्यात भारत की तुलना में कई गुना ज़्यादा है

China Debt Trap: चाइना गो होम. श्रीलंका को कर्ज जाल में फंसाया, अब ड्रैगन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन की तैयारी
व्यापार घाटा बढ़ा
पीयूष गोयल के मुताबिक, साल 2004-05 में भारत और चीन के बीच 1.48 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। लेकिन 2013-14 में ये बढ़कर 36.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत और चीन के बीच 44.33 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था, लेकिन वित्त वर्ष के दौरान ये बढ़ कर 73.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सीमा पर तनाव के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय करोबार में 43.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 में चीन ने भारत को 65.21 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया था, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें तेज इजाफा हुआ और यह 94.57 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

इस वजह से चीन से बढ़ते कारोबार के हैं नुकसान
चीन के साथ बढ़ते कारोबार के नुकसान पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि इससे पूरा देश घटिया सामाना से भर गया। देश में ऐसी चीजें आ गईं जिनकी क़ीमतों को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं थी। इसके लिए जरूरी है कि चीन पर देश की निर्भरता कम की जाए। जिन कच्चे सामानों के लिए हम चीन पर निर्भर हैं, उन्हें अपने ही देश में बनाया जाए। ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा रहेगा।

अमेरिका के दुश्मन के बाद अब दोस्त से दोस्ती बढ़ा रहा चीन, शी जिनपिंग जाएंगे सऊदी अरब, खाड़ी पर क्यों है ड्रैगन की नजर?
सरकार उठा रही ये कदम
सरकार चीन पर निर्भरता को आप सप्ताहांत पर व्यापार क्यों करते हैं कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। पीयूष गोयल के मुताबिक, देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मज़बूत करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (पीएलआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की है। इससे आयात की निर्भरता चीन पर कम होगी। पहले देश में मोबाइल हैंडसेट के सिर्फ दो प्लांट हुआ करते थे। इसके चलते देश में इस्तेमाल होने वाले करीब सारे स्मार्टफोन चीन से ही मंगाए जाते थे, लेकिन अब पीएलआई स्कीम की बदौलत देश में मोबाइल फोन सेक्टर में 200 कंपनियां हैं।

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