Gold outlook: लगातार चौथे सप्ताह लुढ़का सोना, खरीदने को लेकर जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय

रेलिगेयर ब्रोकिंग के कमोडिटी वाइस प्रेसिडेंट सुगंधा सचदेव ने कहा कि सोना इस समय 3 महीने के न्यूनतम स्तर पर है. अभी डॉलर में और मजबूती आएगी जिसके कारण सोने की कीमत पर दबाव बढ़ेगा.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक्शन और डॉलर के रिएक्शन के कारण पिछले चार सप्ताह से लगातार सोने की कीमत (Gold price updates) पर दबाव देखा जा रहा है. डॉलर इंडेक्स 105 के स्तर पर पहुंच गया और यह दो दशकों की ऊंचाई का नया रिकॉर्ड है. डोमेस्टिक मार्केट में सोना 50 हजार के नीचे 49909 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर बंद हुआ. इंटरनेशनल मार्केट में सोना 1810 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर बंद हुआ. इसने 1820 डॉलर के मजबूत सपोर्ट को तोड़ दिया है. अब सवाल उठता है कि क्या सोना और गिरेगा या यह खरीदने का सही मौका है.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक्शन और डॉलर के रिएक्शन के कारण पिछले चार सप्ताह से लगातार सोने की कीमत (Gold price updates) पर दबाव देखा जा रहा है. डॉलर इंडेक्स 105 के स्तर पर पहुंच गया और यह दो दशकों की ऊंचाई का नया रिकॉर्ड है. डोमेस्टिक मार्केट में सोना 50 हजार के नीचे 49909 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर बंद हुआ. इंटरनेशनल मार्केट में सोना 1810 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर बंद हुआ. इसने 1820 डॉलर के मजबूत सपोर्ट को तोड़ दिया है. अब सवाल उठता है कि क्या सोना और गिरेगा या यह खरीदने का सही मौका है.

मिंट में छपी रिपोर्ट में रेलिगेयर ब्रोकिंग के कमोडिटी वाइस प्रेसिडेंट सुगंधा सचदेव ने कहा कि सोना इस समय 3 महीने के न्यूनतम स्तर पर है. निवेशक अपना पैसा अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड्स में निवेश कर रहे हैं. इसके कारण सोने के प्रति दिलचस्पी घट रही है और इसकी कीमत पर दबाव देखा जा रहा है. रिकॉर्ड महंगाई के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व अभी इंट्रेस्ट रेट को और बढ़ाएगा. इससे डॉलर को और मजबूती मिलेगी. यूक्रेन क्राइसिस ने ग्लोबल इकोनॉमी की रफ्तार मंद कर दी है. ऐसे में आर्थिक सुस्ती के डर से भी निवेशक डॉलर को खरीद रहे हैं.

मिंट में छपी रिपोर्ट में रेलिगेयर ब्रोकिंग के कमोडिटी वाइस प्रेसिडेंट सुगंधा सचदेव ने कहा कि सोना इस समय 3 महीने के न्यूनतम स्तर पर है. निवेशक अपना पैसा अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड्स में निवेश कर रहे हैं. इसके कारण सोने के प्रति दिलचस्पी घट रही है और इसकी कीमत पर दबाव देखा जा रहा है. रिकॉर्ड महंगाई के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व अभी इंट्रेस्ट रेट को और बढ़ाएगा. इससे डॉलर को और मजबूती मिलेगी. यूक्रेन क्राइसिस ने ग्लोबल इकोनॉमी की रफ्तार मंद कर दी है. ऐसे में आर्थिक सुस्ती के डर से भी निवेशक डॉलर को खरीद रहे हैं.

सचदेव ने कहा कि हाल ही में अप्रैल महीने के लिए महंगाई का डेटा सामने आया है. अमेरिका में अप्रैल में महंगाई दर 8.3 फीसदी रही जो बाजार के अनुमान से अधिक है. हालांकि, यह मार्च के मुकाबले थोड़ा कमजोर हुआ है. अब इस बात की पूरी संभावना है कि जून में जब फेडरल रिजर्व की बैठक होगी तो इंट्रेस्ट रेट में 0.50 फीसदी की और बढ़ोतरी की जाएगी.

सचदेव ने कहा कि हाल ही में अप्रैल महीने के लिए महंगाई का डेटा सामने आया है. अमेरिका में अप्रैल में महंगाई दर 8.3 फीसदी रही जो बाजार के अनुमान से अधिक है. हालांकि, यह मार्च के मुकाबले थोड़ा कमजोर हुआ है. अब इस बात की पूरी संभावना है कि जून में जब फेडरल रिजर्व की बैठक होगी तो इंट्रेस्ट रेट में 0.50 फीसदी की और बढ़ोतरी की जाएगी.

एक्सिस सिक्यॉरिटीज के कमोडिटी एक्सपर्ट प्रीतम पटनायक ने कहा कि फंडामेंटल आधार पर अभी डॉलर में और मजबूती आएगी. अभी सोने की कीमत पर दबाव साफ दिख रहा है. अभी और गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता है. सुगंधा सचदेव ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में सोना अब 1780 डॉलक की तरफ जाएगा, जबकि डोमेस्टिक मार्केट में सोना 48800 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर तक लुढ़क सकता है. जब तक सोना इस स्तर पर रहता है इसका ट्रेंड पॉजिटिव रहेगा.

एक्सिस सिक्यॉरिटीज के कमोडिटी एक्सपर्ट प्रीतम पटनायक ने कहा कि फंडामेंटल आधार पर अभी डॉलर में और मजबूती आएगी. अभी सोने की कीमत पर दबाव साफ दिख रहा है. अभी और गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता है. सुगंधा सचदेव ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में सोना अब 1780 डॉलक की तरफ जाएगा, जबकि डोमेस्टिक मार्केट में सोना 48800 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर तक लुढ़क सकता है. जब तक सोना इस स्तर पर रहता है इसका ट्रेंड पॉजिटिव रहेगा.

अगर कोई गोल्ड में निवेश करना चाहता है तो उसे अभी थोड़ा इंतजार करना चाहिए. शॉर्ट टर्म में इसकी कीमत पर दबाव है. सोना को 48800 के स्तर पर खरीदने की सलाह होगी. रिकवरी पर यह 51200 के स्तर तक आसानी से पहुंचेगी.

अगर कोई गोल्ड में निवेश करना चाहता है तो उसे अभी थोड़ा इंतजार करना चाहिए. शॉर्ट टर्म में इसकी कीमत पर दबाव है. सोना को 48800 के स्तर पर खरीदने की सलाह होगी. रिकवरी पर यह 51200 के स्तर तक आसानी से पहुंचेगी.

Gold Price Today: गोल्ड खरीदने का ऐसा मौका फिर नहीं! सोने की कीमत में बड़ी गिरावट, चेक करें लेटेस्ट रेट

Gold-Silver Price Today: मंगलवार को सुबह 9:10 बजे तक मल्‍टी कमोडिटी एक्‍सचेंज पर 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने का भाव (gold rate today) अपने कल के बंद भाव से 387 रुपये (0.72 फीसदी) घटकर 53463 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है, जबकि चांदी की कीमत (silver rate today) 1258 (-1.89 फीसदी) घटकर 65191 प्रति किलो पर आ गई है.

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Gold Price Today: गोल्ड खरीदने का ऐसा मौका फिर नहीं! सोने की कीमत में बड़ी गिरावट, चेक करें लेटेस्ट रेट

Gold-Silver Price Today 6th December: अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ भारतीय वायदा बाजार में आज हफ्ते के दुसरे कारोबारी दिन, मंगलवार 6 दिसंबर को सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. साथ कमोडिटी मार्केट से सोना कैसे ख़रीदे ही सिल्वर के दाम भी नीचे आए हैं. शादियों के सीजन में पिछले कुछ दिनों से सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी से खरीदार परेशान थे. लेकिन आज सोना-चांदी दोनों ही लाल निशान पर कारोबार कर रहा है. आइये जानते हैं आज के लेटेस्ट रेट्स.

आज क्या है सोने-चांदी का भाव?

मंगलवार को सुबह 9:10 बजे तक मल्‍टी कमोडिटी एक्‍सचेंज पर 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने का भाव (gold rate today) अपने कल के बंद भाव से 387 रुपये (0.72 फीसदी) घटकर 53463 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है, जबकि चांदी की कीमत (silver rate today) 1258 (-1.89 फीसदी) घटकर 65191 प्रति किलो पर आ गई है.

इसके विपरीत सोमवार को हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोने-चांदी हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे. घरेलू मार्केट में स्पॉट गोल्ड 227 रुपये बढ़कर 54386 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 54159 पर रहा था. अगर चांदी की बात करें तो चांदी भी 1166 रुपये की छलांग लगाकर 67270 रुपये पर ट्रेड बंद किया था.

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमत

अब बात करते हैं ग्लोबल मार्केट की तो आज इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमत 4.10 डॉलर (0.23 %) बढ़कर 1773 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है, जबकि चांदी 0.11 डॉलर (0.49 %) की बढ़त के साथ 22.34 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है.

सोने पर कम हो सकता है आयात शुल्क!

इसबीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. ब्लूमबर्ग की खबर की मानें तो भारत सरकार सोने पर आयात शुल्क कम कर सकती है. वित्त मंत्रालय आयात शुल्क को 12.5 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर सकती है. हालांकि, विभाग की तरफ से अब तक कोई संकेत सामने नहीं आया है. यह सुझाव अभी मंत्रालय के विचाराधीन है और इस पर मुहर लगाई जाएगी या नहीं यह साफ नहीं है. दरअसल, सरकार सोने की तस्करी की घटाओं को कम करने के लिए ये कदम उठा सकती है. गौरतलब है कि भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जहां अधिकांश सोना आयात ही किया जाता है.

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एक निवेश साधन के रूप में गोल्ड फ़्यूचर्स का परिचय

gold coin stacks

सोना एक दुर्लभ वस्तु है, लेकिन अतीत में हमेशा इसकी माँग रही है। इसकी माँग केंद्रीय बैंकों, सरकारों, संस्थागत निवेशकों और यहाँ तक कि खुदरा निवेशकों द्वारा की जाती है। स्वाभाविक रूप से, समय के साथ, गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड जैसे सोने में निवेश करने के नए विकल्प अस्तित्व में आए हैं, जिससे सोना और अधिक सुलभ हो गया है। ऐसा ही एक अन्य माध्यम गोल्ड फ्यूचर्स है, जो विश्व स्तर पर कई प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों द्वारा पेश किया गया है। सोने में सामान्य निवेश की तुलना में फ्यूचर्स थोड़ा अधिक जटिल होते हैं, इसलिए यदि आप उनमें निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, तो आपको निम्न बातें जानना आवश्यक है।

हालाँकि, बहुत से नए निवेशक इस शब्द से बहुत परिचित नहीं हो सकते हैं, फिर भी देश में गोल्ड फ्यूचर्स कारोबार में लगे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज या MCX के साथ, भारत में गोल्ड फ्यूचर्स कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। वैश्विक वायदा बाजार विशाल है और इसका दैनिक कारोबार $51बिलियन का है, जो तेल के बाद दूसरे स्थान पर है।

फ्यूचर्स को कमोडिटी मार्केट से सोना कैसे ख़रीदे परिभाषित करना

किसी भी कमोडिटी के लिए "फ्यूचर्स ट्रेड" की एक मानक परिभाषा होती है। एक मानकीकृत अनुबंध खरीदार और विक्रेता को बाँधता है। यह निर्दिष्ट करता है कि खरीदार भविष्य की तारीख में पूर्व-निर्धारित मूल्य पर विक्रेता से कितनी कमोडिटी खरीदेगा।

यदि हम "गोल्ड फ्यूचर्स" के बारे में बात करें, तो हम उस समय पर तय की गई कमोडिटी मार्केट से सोना कैसे ख़रीदे विशिष्ट शर्तों के साथ सोने में ट्रेड करने की बात कर रहे हैं, लेकिन भविष्य के एक निपटान के दिन के साथ। निपटान का दिन वह होता है जब वास्तविक एक्सचेंज होता है, न कि वह दिन जब शर्तें तय की जाती हैं। खरीदार को अनुबंध की तारीख पर भुगतान नहीं करना पड़ता है (कम से कम पूर्ण रूप से नहीं, आप जो भुगतान करते हैं वह "मार्जिन" है), और विक्रेता आपको कोई सोना भी नहीं देता है।

खरीदने और बेचने की मूल अवधारणा यह है कि डिलीवरी के समय, बाजार दर सहमत मूल्य से अधिक (या कम) होती है, जिसमें खरीदार और विक्रेता दोनों का लक्ष्य लाभ अर्जित करना होता है।

गोल्ड फ्यूचर्स के लाभ

गोल्ड फ्यूचर्स में निवेश के कई फायदे हैं। फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स वास्तव में ट्रेडिंग कमोडिटीज़ की तुलना में अधिक वित्तीय शक्ति और लचीलापन प्रदान करते हैं, क्योंकि उनका कारोबार केंद्रीकृत एक्सचेंजों के माध्यम से किया जाता है। ट्रेडर के पास अधिक वित्तीय शक्ति होती है, क्योंकि वे भौतिक बाजार में आवश्यकता से काफी कम पूंजी से उच्च मूल्य वाली वस्तुओं का सौदा करते हैं। सौदा करते समय उन्हें केवल एक ही राशि की आवश्यकता होती है, जिसे प्रदर्शन मार्जिन कहते हैं। यह मार्जिन, अनुबंधित सोने के वास्तविक बाजार मूल्य का केवल एक अंश होता है।

चूँकि, गोल्ड फ्यूचर्स का कारोबार केंद्रीकृत एक्सचेंजों पर होता है, इसलिए वे अत्यधिक लिक्विड भी होते हैं। इसके अतिरिक्त, आपको सोने के भंडारण के बारे में तुरंत चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि खरीदारों को केवल निपटान की तारीख पर ही सोना प्राप्त होता है। आप संभावित रूप से अपने अनुबंधों को शॉर्ट-सेलकर सकते हैं और भंडारण की आवश्यकता को पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, हालाँकि, फ्यूचर्स सोने के दूसरे निवेश की तुलना में जोखिम भरा है, वे आपको अधिक लाभ भी अर्जित करा सकते हैं। ये विशेषताएँ गोल्ड फ्यूचर्स अनुबंधों को सोने का एक आकर्षक और लाभदायक निवेश बनाती हैं।

प्रदर्शन मार्जिन

अनुबंध के दिन भुगतान किया गया मार्जिन सिक्योरिटी या जमा राशि के रूप में कार्य करता है। यह खरीदारों या विक्रेताओं को वृहद-आर्थिक वातावरण में अप्रत्याशित परिवर्तनों की स्थिति में अनुबंध से पीछे हटने से रोकता है, जिससे अत्यधिक लाभ या हानि हो सकती है। मार्जिन को खरीदार या विक्रेता को सौदे से पीछे हटने से रोकने के लिए किसी स्वतंत्र पार्टी को भुगतान किया गया डाउन पेमेंट मानें। भारत में, इस स्वतंत्र निकाय को फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (FMC) के नाम से जाना जाता है, जो देश के कमोडिटी वायदा बाजार को नियंत्रित करता है।

गोल्ड फ्यूचर्स को प्रभावित करने वाले कारक

चूँकि, गोल्ड फ्यूचर्स अंततः सोने के कमोडिटी बाजार का एक हिस्सा है, अतः सोने के बाजार को प्रभावित करने वाले अंतर्निहित कारक गोल्ड फ्यूचर्स को भी प्रभावित करते हैं। वैश्विक आर्थिक कारक जैसे ब्याज दरें और डॉलर के मूल्य का वायदा बाजार पर काफी प्रभाव पड़ता है। फ्यूचर्स में निवेश करने के लिए, वृहद आर्थिक परिवेश के बारे में जानना और सोने और अन्य असेट के बीच संबंध का व्यावहारिक ज्ञान होना अनिवार्य है।

सोने के उत्पादकों, सोने के खनिकों, केंद्रीय बैंकों और सरकारों से संबंधित सोने की सामान्य माँग और आपूर्ति भी कीमतों को प्रभावित करती है। इन कारकों के अलावा, भारत में त्यौहार और विवाह भी माँग को बढ़ाते हैं, जहाँ देश की संस्कृति में सोना गहराई से रचा-बसा है।

ध्यान रखने योग्य बातें

गोल्ड फ्यूचर्स की समाप्ति तिथि भी होती है। निपटान तिथि से कुछ समय पहले कमोडिटी का ट्रेड बंद हो जाता है, और सौदे निलंबित कर दिए जाते हैं, जिससे ट्रेडर को अपनी स्थिति की गणना करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। ट्रेडर को चुनने के लिए बाजार में अनुबंध के कई मानक साइज़ भी उपलब्ध हैं, जिससे इसमें निवेश करना सुविधाजनक हो जाता है। गोल्ड फ्यूचर्स का उपयोग आमतौर पर अन्य सोने पर आधारित निवेश विकल्पों की तरह दीर्घकालिक निवेश के रूप में नहीं किया जाता है, क्योंकि यदि बाजार विपरीत दिशा में जाने लगता है, तो सट्टा लगाने वालों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

अगर आप सोने के बाजार के उतार-चढ़ाव को समझते हैं और अच्छी तरह से सूचित धारणा बनाते हैं, तो आप गोल्ड फ्यूचर्स से भारी लाभ कमा सकते हैं। गोल्ड फ्यूचर्स में ट्रेड के लिए जोखिम वहन करने की क्षमता और विश्व स्वर्ण उद्योग की मजबूत समझ होना आवश्यक है।

यदि रास नहीं आ रहे हैं शेयर खरीदने-बेचने के बारीक नियम तो कमोडिटी मार्केट से बनाएं बड़ा मुनाफा

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट इन दिनों काफी चर्चा में है। बीते कुछ महीनों में इस बाजार की ओर रुख करने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। निवेशकों की संख्या में हर दिन होने वाली इस बढ़त ने पिछले दिनों में एक रिकॉर्ड भी बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या पहली बार करीब 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में शेयर बाजार में अब आम लोगों का भी दिलचस्पी साफ दिखाई देने लगी है।

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अक्सर आप भी यह नाम दिन में तकरीबन चार से पांच बार तो सुन ही लेते होंगे, कई बार तो इसमें आपकी रुचि भी बढ़ जाती होगी, लेकिन फिर इस बाजार के तौर-तरीकों, खरीद-फरोख्त के नियमों व शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव की बातों को लेकर परेशान हो जाते हैं और आत्मविश्वास में कमी आ जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शेयर बाजार में शेयर में पैसा लगाने के अलावा भी कई शानदार विकल्प हैं। जिनमें कोई भी शख्स आसानी से पैसे लगाकर बड़ा प्रॉफिट कमा सकता है।

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शेयर के अलावा कैसे बना सकते हैं बड़ा मुनाफा

क्या आपको पता है कि शेयर मार्केट के अलावा भी एक मार्केट है, जिसमें ठोस वस्तुओं में पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मार्केट को कहते हैं कमाोडिटी मार्केट। जब कभी शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड रहता है तो लोग ऐसे समय में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी जैसी चीजों में अधिक पैसा लगाने लगते हैं जिससे इसकी मांग में भी तेजी देखने को मिलने लगती है। लेकिन अब सवाल है कि क्या आप कमोडिटी मार्केट और इक्विटी यानी शेयर मार्केट के बीच के अंतर को समझते हैं?

शेयर मार्केट व कमोडिटी मार्केट में अंतर क्या है?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स यानी धातुओं, बेस मेटल्स, एनर्जी , कच्चे तेल जैसी कई अन्य कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं। यह मूलत: दो तरह की होती हैं , जिनमें से एक है एग्री कमोडिटीज इसे सॉफ्ट कमोडिटी भी कहते हैं, इसके अंतर्गत मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च, सोया बीज, मेंथी ऑयल, गेहूं, और चना जैसी वस्तुएं आती हैं। वहीं नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं।

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से संबंधित कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इसके अलावा इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है,जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है। इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य भी माना जाता है।

आज ही पोर्टफोलियों में जोड़ें कमोडिटी उत्पाद

अक्सर कई लोगों को शेयर का गुणा - गणित आसानी से समझ में नहीं आता है या जब कभी शेयर मार्केट में मंदी आने लगती है तो निवेशक कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर लेते हैं। ऐसे में अगर आप एक Beginner हैं और आपको शेयरों की कम समझ हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है, बस आपको आज ही अपने पोर्टफोलियों में कई अलग- अलग कमोडिटी को जोड़ना होगा और इस बाजार में हाथ आजमाने होंगे। एक बेहतर और लाभदायक कमोडिटी का चुनाव करने के लिए आप 5paisa ऐप की भी मदद ले सकते हैं।

Gold Rate Today: यहां मिल रहा है सिर्फ सवा 2 लाख रुपये में 1 किलो सोना, जानें कैसे

Gold Rate Today: सिर्फ सवा 2 लाख रुपये में 1 किलो सोना

Gold Rate Today: सिर्फ सवा 2 लाख रुपये में 1 किलो सोना (Gold Price Today) खरीदने की बात सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है. देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर आप सिर्फ सवा 2 लाख रुपये में 1 किलो सोना (Gold Silver Rate Today) खरीद सकते हैं.

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर Gold पर करीब 6 फीसदी मार्जिन - 6% Margin On Gold
दरअसल, MCX पर वायदा कारोबार (Future Trading) होता है. वायदा कारोबार में कुछ रकम जमाकर पूरा सौदा उठाना होता है. इसे मार्जिन मनी कहते हैं. मौजूदा समय में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने (Gold Silver Rate Today) पर करीब 6 फीसदी का मार्जिन है.

NCDEX, BSE, NSE पर भी होता है ट्रेड - Trade on NCDEX, BSE, NSE
MCX के अलावा NCDEX, BSE, NSE पर भी गोल्ड में वायदा कारोबार होता है. MCX पर गोल्ड (Spot Gold Price) की ट्रेडिंग लॉट साइज में होती है. 1 बड़े लॉट में 1 किलोग्राम सोना होता है. आमतौर पर ज्यादातर कमोडिटी में मार्जिन मनी 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच रहती है. हालांकि कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ उनमें बदलाव भी होता रहता है. इसके अलावा ज्यादा तेजी या मंदी होने पर एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन जैसे कदम भी उठाता है.

गोल्ड फ्यूचर्स में कैसे करें ट्रेड? - How to trade in gold futures?

  • MCX, NCDEX, BSE, NSE पर होता है ट्रेड
  • MCX गोल्ड में ट्रेडिंग का सबसे बड़ा एक्सचेंज
  • सुबह 9 से रात 11:30 बजे तक ट्रेड
  • सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट/डीमैट खुलवाना होगा
  • फ्यूचर्स में गोल्ड बेचने के लिए सोना होना जरूरी नहीं
  • फ्यूचर्स ट्रेडिंग महीने भर के लिए होता है
  • गोल्ड फ्यूचर्स में लॉट में ट्रेडिंग होती है
  • 1 किलो के लॉट में 1 रुपये के घटने-बढ़ने पर 100 रुपये का मुनाफा-घाटा
  • गोल्ड मिनी में 100 ग्राम यूनिट साइज और 10 लॉट साइज होता है
  • गोल्ड मिनी में 1 रुपये के घटने-बढ़ने पर 10 रुपये का मुनाफा-घाटा

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

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