§ वित्तीय बाजार के प्रमुख घटक

​इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

भारत का वित्तीय बाजार

NCERT कक्षा- 12 की व्यष्टि अर्थशास्त्र के अध्याय- 5 ( नई व पुरानी NCERT) उपभोक्ता एवं फर्म के व्यवहार को कीमत के रूप में दर्शाया जाता है। वित्तीय बाजार को ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है , जहाँ बाजार में सभी उपभोक्ताओं तथा फर्म की योजना को सुमेलित भारत में पूँजी बाजार करके बाजार में उतारा जाता हैं।

वित्तीय बाजार के अंतर्गत हम कई प्रमुख वित्तीय संस्थानों के बारे में पढ़ते हैं। जैसे- इरडा- भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का उपक्रम है

वित्तीय बाजार के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

1. निवेशको एवं ऋणियों के मध्य भारत में पूँजी बाजार आपसी समझौता करवाना।

2. वित्तीय संम्पति के लेनदेन को सुरक्षा प्रदान करना।

3. निवेशको के वित्तीय सम्पति के विक्रय को तरलता बनाना।

4. यह लेनदेनों डेव संबधित सूचना की न्यूनतम लागत सुनिश्चित करना।

भारत का वित्तीय बाजार

भारत में मुद्रा, बैंकिंग एवं पूंजी बाजार

भारतीय रिजर्व बैंक को 'बैंकों का बैंक' कहा जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। इसकी स्थापना 1926 में गठित हिल्टन आयोग के सिफारिश पर 1934 में आरबीआई अधिनियम पर वायसराय वेलिंगटन ने हस्ताक्षर कर किया गया और 1 अप्रैल 1935 से RBI कार्य कर रही है। आरबीआई का पहला गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ (1935-37), दूसरा भारत में पूँजी बाजार गवर्नर जेम्स ट्रेलर थे। आरबीआई के वर्तमान (2018) गवर्नर उर्जित पटेल हैं। आरबीआई की स्थापना के समय राशि 5 करोड़ थी। शेयर होल्डरों की संख्या 5 लाख थी। प्रत्येक शेयरहोल्डर का अंश ₹100 था। हजारी समिति के सिफारिश पर 1 जनवरी 1949 को आरबीआई का राष्ट्रीयकरण किया गया। RBI का भारत में पूँजी बाजार प्रधान मुख्यालय मुंबई है और चार स्थानीय कार्यालय हैं - दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई।

RBI का प्रबंधन 20 सदस्यों द्वारा होता है : एक गवर्नर, 4 डिप्टी गवर्नर, एक वित्त मंत्रालय का अधिकारी, 10 भारत सरकार द्वारा नियुक्त आर्थिक विशेषज्ञ और चार स्थानीय बोर्ड के लिए नामित किए जाते हैं।
आरबीआई अधिनियम की धारा 22 के तहत ₹1 के नोट और सिक्कों को छोड़कर (जिसे वित्त मंत्रालय निर्गत करता है) सभी नोट RBI जारी करती है। 1957 के बाद स्वर्ण मुद्रा और ऋण के रूप में 200 करोड़ से कम की रकम नहीं रहनी चाहिए। इसमें कम से कम 115 करोड़ का सोना होना चाहिए। आरबीआई के अधिनियम 24 के तहत वाणिज्यिक बैंकों को 25 - 30% तक मुद्रा अपने पास रखना पड़ता है।
आरबीआई बैंक का एजेंट परामर्शदाता और सलाहकार के रूप में कार्य करती है, ऋण की व्यवस्था भी भारत में पूँजी बाजार करती है और सरकार के लिए 90 दिन के लिए अग्रिम भुगतान भी करती है।

भारत में पूँजी बाजार

IFSCA ने GIFT सिटी से पूंजी बाजार उत्पादों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए रूपरेखा पेश की

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSC) से IFSCA (पूंजी बाजार मध्यस्थ) विनियम, 2021 के तहत पूंजी बाजार उत्पादों और सेवाओं के वितरण के लिए एक नियामक ढांचा पेश किया।

  • वर्तमान में, भारत में केवल एक IFSC है यानी गुजरात में GIFT (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक) सिटी।
  • पूंजी बाजार उत्पादों में प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 के अंतर्गत आने वाली प्रतिभूतियां शामिल हैं।
  • पूंजी बाजार सेवाओं में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं और निवेश सलाहकार सेवाएं शामिल हैं।

​सरकारी उद्यमों का विनिवेश

सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई कदम उठा रही है. हालांकि, कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कटौती, जीएसटी दरों में गिरावट भारत में पूँजी बाजार और अन्य कई राहत पैकेजों के चलते राजकोषीय दबाव बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि राजकोषीय घाटा तय लक्ष्य से ज्यादा रहेगा.

ऐसे में घाटे को कम करने के लिए सरकार अपने नियंत्रण वाली कंपनियों को बेच सकती है. इसके अलावा कई क्षेत्रों में निजीकरण भी एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.

​ग्रामीण खपत पर जोर

​ग्रामीण खपत पर जोर

भारत हमेशा से ही कृषि प्रधान देश रहा है. इस बात पर मुहर साल 2019 में भी लगी. कम उत्पादन और गिरते भाव के चलते ग्रामीण अय कम हुई, जिससे खपत पर बुरा असर पड़ा. उम्मीद थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और सब्सिडी को सीधा खाते में पहुंचाने से लाभ होगा.

मगर इससे ज्यादा राहत नहीं मिली. अब सरकार निजी आयकर के स्लैब को कम करने की तरफ देख सकती है, ताकि लोगों के हाथों में खर्च के लिए ज्यादा पैसा बचे.

​पूंजी बाजार के सुधार

​पूंजी बाजार के सुधार

शेयर बाजार को मजबूती देने के लिए कई सुधार पेश हो चुका हैं. उदाहरण के लिए भारत बॉन्ड ईटीएफ को लॉन्च करना और ईपीएफओ के आय को भारत में पूँजी बाजार इंडेक्स फंडों में निवेश करने से बाजार को मजबूती मिली है. इस दौरान, कई अन्य ठोस प्रोडक्ट लॉन्च किए गए हैं. संभव है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कुछ ऐलान होंगे.

विदेशी निवेश के नियमों में रियायत

📊भारतीय पूंजी बाजार में आज के कारोबार को प्रभवित करने वाले प्रमुख कारक❗

घरेलू बजट एयरलाइन इंडिगो ने घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट के किराये में बड़ी कटौती की है। जानकारी के अनुसार कंपनी ने 23 से 25 दिसंबर तक तीन दिन का विंटर सेल शुरू किया है। इस दौरान घरेलू डेस्टिनेशन के लिए हवाई टिकट 2,023 रुपये से शुरू हो रहा है, जबकि इंटरनेशनल ट्रैवल के लिए 4,999 रुपये के शुरुआती किराये पर टिकट की बुकिंग करा सकते हैं।

इस कंपनी के निदेशकों के खिलाफ दर्ज 4,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी का मामला

इस कंपनी के निदेशकों के खिलाफ दर्ज 4,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी का मामला

CBI ने कोलकाता में बेस्ड कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ 4000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज की है। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें कंपनी के प्रमोटर्स या डायरेक्टर, अज्ञात सरकारी कर्मचारी और अन्य कुछ लोगों के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। बता दें, भारत में पूँजी बाजार भारत में पूँजी बाजार 20 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ बैंक फ्रॉड किया गया भारत में पूँजी बाजार है।

मंदी के कारण अगले साल प्रभावित हो सकता है देश का निर्यात

मंदी के कारण अगले साल प्रभावित हो सकता है देश का निर्यात

लेकिन प्रमुख पश्चिमी बाजारों में 'मंदी' और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भू-राजनीतिक संकट की छाया अगले साल यानी 2023 में देश के निर्यात को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक स्थिरता, माल की आवाजाही, कंटेनरों और शिपिंग लाइनों की पर्याप्त उपलब्धता, मांग, स्थिर मुद्रा और सुचारू बैंकिंग प्रणाली जैसे सभी वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाले कारक अब बिखर रहे हैं।

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