Gemini Traits: रहस्यमयी स्वभाव के होते हैं मिथुन राशि के लोग, ये है इनकी बड़ी कमजोरी

Gemini Zodiac Traits: हर व्यक्ति पर उसकी राशि का प्रभाव जरूर पड़ता है. मिथुन राशि के जातक अपनी बुद्धिजीवी और स्वतंत्र विचारों के लिए जाने जाते हैं. आइए जानते हैं मिथुन राशि के बारे में सबकुछ.

By: ABP Live | Updated at : 09 Dec 2022 07:47 PM (IST)

मिथुन राशि का व्यक्तित्व

Mithun Rashi Ki Khoobiyan: हर राशि की अपनी कमियां और खूबियां होती हैं जो उसे दूसरे जातकों से अलग करती हैं. व्यक्ति का स्वभाव इस पर निर्भर करता है कि उसकी राशि कैसी है. 12 राशियों में मिथुन राशि ऐसी है जिसमें कई सारी प्रतिभाएं पाई जाती हैं लेकिन कुछ कमी की वजह से उनकी ये खूबियां ठीक से निखर स्वाभाविक और समय मूल्य नहीं पाती हैं. मिथुन राशि के जातक अपनी बुद्धिजीवी और स्वतंत्र विचारों के लिए जाने जाते हैं. यह लोग बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं और हर तरह की चुनौती स्वीकार करने को तैयार रहते हैं. आइए जानते हैं मिथुन राशि के बारे में सबकुछ.

मिथुन राशि की विशेषताएं
यह लोग थोड़े रहस्यमयी स्वभाव के होते हैं और इन्हें पूरी तरह समझना मुश्किल होता है. यह लोग बहुत गुस्सैल स्वभाव के होते हैं और कब नाराज हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता है. लोगों के बीच इनकी अच्छी पैठ होती है. इस राशि के जातक बहुत रोमांटिक होते हैं. इनकी भाषा शैली भी कमाल की होती है. यह लोग हंसमुख और चतुर होते हैं. अपने काम को बड़ी कुशलता के साथ पूरा करते हैं. कलात्मक क्षेत्रों में यह लोग अच्छा प्रदर्शन करते हैं.

मिथुन राशि का स्वभाव और व्यक्तित्व
यह लोग लुभावने, आकर्षक और मृदुभाषी होते हैं. शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मजबूत होते हैं. इनमें हमेशा कुछ नया करने की ललक होती है और यह लोग किसी एक जगह स्थिर नहीं रह पाते है. यह बहुत जल्द ही अपने कामों से ऊब जाते हैं. चूंकि आपका मन लगातार बदलता रहता है. यह लोग बौद्धिक विचारों को ज्यादा महत्व देते हैं. संचार इनके लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. मिथुन राशि वाले लोग बहुत बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं.खुले विचार और जिज्ञासु प्रवृति इनकी पहचान है. यह लोग खुद को हर प्रकार के षड़यंत्रों से दूर रखते हैं.

मिथुन राशि का स्वास्थ्य
मिथुन लग्न के लोग चमकदार आंखों वाले और अपनी बातों से लोगों को लुभाने वाले होते हैं. दिखने में यह लोग दुबले कद काठी के और औसत लंबाई वाले होते हैं. अपने व्यक्तित्व से यह लोग किसी को भी आकर्षित कर लेते हैं. हालांकि इस राशि के जातकों को कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

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मिथुन राशि की कमियां
इस राशि के जातक एक ही चीज पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते है. इसके अलावा यह लोग अपने फायदे के लिए दूसरों को इस्तेमाल करने में भी नहीं झिझकते हैं. इसलिए इन पर भरोसा करना खतरनाक होता है. प्यार के मामले में यह लोग खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और बिना सोचे-समझे किसी भी रिश्ते में कूद पड़ते हैं.

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Published at : 09 Dec 2022 10:00 AM (IST) Tags: Astrology Gemini zodiac हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Astro News in Hindi

स्वाभाविक और समय मूल्य

* शनि ग्रह अगले वर्ष 17 जनवरी 2023 को खुद की राशि कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. यह शनि की मूल त्रिकोण राशि होने के कारण शश योग बन रहा है. करीब 30 साल बाद ऐसी घटना घट रही है जिससे शश महापुरुष राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस राजयोग के चलते 5 राशियों की किस्मत बदलने वाली है.

* मेष राशि : मेष राशि में इस समय राहु का गोचर है और अगले साल बृहस्पति का गोचर होगा. शनि मेष राशि के एकादश भाव में गोचर करेंगे. ऐसे में धन संपत्ति को लेकर आपकी किस्मत चमक जाएगी. इससे नौकरी, करियर और व्यापार में उन्नति मिलेगी. आय में वृद्धि होगी.
* वृषभ : शनि आपकी राशि के दशम भाव में गोचर करेंगे जिससे कार्यस्थल पर आपको प्रगति देखने को मिलेगी. शनि आपकी दशम और नवम भाव के स्वामी भी है. ऐसे में आपको भाग्य का साथ भी मिलेगा और सभी तरह के अटके कार्य पूर्ण भी होंगे. आपकी राशि के स्वामी शुक्र है जिसकी शनि से बनती है. ऐसे में आपको अच्छा लाभ मिलेगा.
* कन्या राशि : शनि आपकी राशि के छठे भाव में गोचर करेगा तब आपको शश योग का लाभ मिलेगा. इसे आपके सभी शत्रु परास्त होंगे. रोग से भी छुटकारा मिलेगा. आप में साहस और पराक्रम बढ़ेगे. सभी कार्यों से बाधाएं हटेंगी. कानूनी मामलों में विजय होंगे. नौकरी या व्यापार में भी सफलता मिलेगी.
* मकर : शनि आपकी राशि के दूसरे भाव में गोचर करेंगे. ऐसे में शश योग के कारण आपके खर्चों पर लगाम लगेगी. धन की आवक बढ़ेगी. आमदनी अर्जित करने में आप सफल होंगे. बचत भी होगी. पारिवारिक जीवन में आपने मधुरता और सामंजस्यता बढ़ा ली तो किस्मत का भरपूर साथ मिलेगा. शनि के मंदिर कार्य न करें.
* कुंभ राशि : आपकी राशि के लग्न स्वाभाविक और समय मूल्य भाव में शनि का गोचर होगा जो आपके स्वभाव के साथ ही आपकी किस्मत भी बदल देगा. आपको पूराने रोग से मुक्ति मिलेगी. पैतृक संपत्ति का निपटारा होगा. जीवनसाथी का साथ मिलेगा. साझेदारी के व्यापार में लाभ होगा.
* उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी 2023 से धनु को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी. कुंभ और मकर को साढ़ेसाती से राहत मिलेगी.
मीन पर साढ़ेसाती स्वाभाविक और समय मूल्य लगेगी. मिथुन और तुला को ढैया से मुक्ति मिलेगी. कर्क और वृश्चिक पर शनि की ढैया शुरू होगी.
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Parliament Winter Session: ‘अमृत काल’ में विश्व के भविष्य की दिशा तय करने स्वाभाविक और समय मूल्य में भारत की अहम भूमिका: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि देश की आजादी के ‘अमृत काल’ का समय ना सिर्फ नए विकसित भारत के निर्माण का कालखंड होगा बल्कि इस दौरान यह राष्ट्र विश्‍व के भविष्‍य की दिशा तय करने पर भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा के सभापति के रूप में उच्च सदन के संचालन की जिम्मेदारी संभालने पर प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को शुभकामनाएं दी और कहा कि वह ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जब देश दो महत्‍वपूर्ण अवसरों का साक्षी बना है।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी कुछ ही दिन पहले दुनिया ने भारत को जी-20 समूह की मेजबानी का दायित्व सौंपा है। साथ ही, ये समय अमृतकाल के आरंभ का समय है। ये अमृतकाल स्वाभाविक और समय मूल्य एक नए विकसित भारत के निर्माण का कालखंड तो होगा ही, साथ ही भारत इस दौरान विश्‍व के भविष्‍य की दिशा तय करने पर भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा।’’

उन्होंने कहा कि इस यात्रा में भारतीय लोकतंत्र, संसद और संसदीय व्‍यवस्‍थाओं की भी एक बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका रहेगी। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी के 75 वर्ष से 100 वर्ष के सफर को ‘‘अमृत काल’’ का नाम दिया है। धनखड की किसान पृष्ठभूमि और सैनिक स्कूल से आरंभिक शिक्षा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सदन का सौभाग्य है कि उनके जीवन में जवान और किसान, दोनों समाहित है तथा उनके जैसा ‘‘जमीन से जुड़ा नेतृत्व’’ उच्च सदन को मिला है।

देश का उप राष्ट्रपति बनने के बाद धनखड़ ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन स्वाभाविक और समय मूल्य बुधवार को पहली बार राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। इस अवसर पर धनखड़ का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि उनके मार्गदर्शन में राज्यसभा अपनी विरासत को न केवल आगे बढ़ाएगी बल्कि उसे नयी ऊंचाई भी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस कालखंड में देश अपने दायित्व को समझ रहा है। मुझे खुशी है कि इस महत्वपूर्ण कालखंड में उच्च सदन को आपके जैसा सक्षम और प्रभावी नेतृत्व मिला है।

आपके मार्गदर्शन में सभी सदस्य अपने कर्तव्यों का प्रभावी पालन करेंगे। यह सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा।’’ प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के रूप में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की वंचित समाज की पृष्ठभूमि और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जनजातीय पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि स्वाभाविक और समय मूल्य धनखड़ किसान के बेटे हैं और आज वह उच्च सदन में देश के गांव, गरीब और किसान की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धनखड़ का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सफलता साधनों से ही नहीं बल्कि साधना से मिलती है।

उन्होंने कहा, ‘‘गांव, गरीब, किसान के लिए आपने जो किया वह सामाजिक जीवन में रहे हर व्यक्ति के लिए एक उदाहरण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किठाणा के लाल की उपलब्धियां देख आज देश की खुशी का ठिकाना नहीं है।’’ प्रधानमंत्री ने अधिवक्ता के रूप में धनखड़ की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्यसभा में उन्हें अदालत की कमी महसूस नहीं होगी क्योंकि इस सदन में बड़ी संख्या में ऐसे सदस्य है जो इस पेशे से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आप को उच्चतम न्यायालय में मिलते थे। वह मूड और मिजाज भी आपको अदालत की याद दिलाता रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक निर्णयों को और भी परिष्कृत तरीके से आगे बढ़ाने की राज्यसभा की जिम्मेदारी है, इसलिए ‘‘आपके जैसा जमीन से जुड़ा नेतृत्व सदन को मिला है तो यह सदन के लिए सौभाग्य है’’। राज्यसभा को देश की महान लोकतांत्रिक विरासत का महत्वपूर्ण संवाहक करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन ने कई प्रधानमंत्री और उत्कृष्ट नेता भी दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इस गरिमा को बनाए रखने के लिए एक मजबूत जिम्मेदारी हम सभी के ऊपर है। मुझे विश्वास है आपके मार्गदर्शन में यह विरासत और गरिमा आगे बढ़ेगी तथा लोकतांत्रिक विमर्श को और अधिक ताकत दी जाएगी।’’

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा के पूर्व सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके शब्दों का चयन व तुकबंदी सदन को हमेशा प्रसन्न रखते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है आपका जो हाजिर जवाबी का स्वभाव है, वह इस कमी को कभी खिलने नहीं देगा। आप वह लाभ भी सदन को देते रहेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सशस्त्र बलों को बधाई भी दी।

इससे पहले, संसद भवन परिसर पहुंचने पर राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन ने धनखड़ का स्वागत किया। धनखड़ ने राष्ट्रपति महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की।

यहां हैं एक्सपर्ट के बताए 3 योगासन, जो स्वाभाविक और समय मूल्य थकान दूर करने में हैं मददगार

घर और ऑफिस के काम को पूरा करते हुए थकान होना स्वाभाविक है। इस थकान को इग्नोर करने से बेहतर है कि आप कुछ योगासनों की मदद से अपने शरीर को रिलैक्स करें।

yoga karne ke kai fyade hain

थकान को कुछ आसनों की मदद से दूर किया जा सकता है। इन आसनों को सिर्फ सही तरीके से किया जाना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

हम काम करते हुए थक (Tired) जाते हैं। हमारा शरीर थकान महसूस करने लगता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। हमें हमेशा अपने शरीर की सुनना चाहिए और कुछ देर आराम भी करना चाहिए। थकान महसूस करने के कारण हमारा एनर्जी लेवल लो हो जाता है। ऊर्जा को स्वाभाविक रूप से बहाल करने में हमें कुछ योगासन मदद कर सकते हैं। थकान दूर करने में कौन-कौन से योगासन मदद (Yoga to get rid of tiredness) कर सकते हैं, इसके लिए हमने बात की डिवाइन सोल योग के डायरेक्टर और योग थेरेपिस्ट डॉ. अमित खन्ना से।

डॉ अमित खन्ना बताते हैं, ‘शरीर की ज्यादातर तकलीफों को दूर करने में योग मदद कर सकता है। थकान को भी कुछ आसनों की मदद से दूर किया जा सकता है। इन आसनों को सिर्फ सही तरीके से किया जाना जरूरी है।’

यहां हैं योग एक्सपर्ट के बताये आसन, जो थकान को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

1 शशांकासना (Shashankasana)

शशांक का अर्थ खरगोश होता है। यह न सिर्फ तनाव और थकान दूर करने, बल्कि पेट पर बढ़ी चर्बी को भी दूर करने में सहायक है। यह आसन ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करने के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लाभदायी है।

यह है शशांकासन करने का सही तरीका

सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं।
हाथों को घुटनों पर रखें। सांस लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठायें।
हाथों को धड़ की सीध में रखें तथा सांस धीरे-धीरे छोड़ें।
सामने की ओर झुकें और सिर को जमीन से लगाने की कोशिश करें।
स्वास को रोक कर कुछ देर इस स्थिति में रहें।
धीरे-धीरे स्वास लेते हुए सीधी हो जाएं और पहले की स्थिति में आ जाएं।
इस क्रिया को शुरुआत में कम और फिर बढ़ते हुए 10 बार करने की कोशिश करें।

2 बालासन (Balasana or child pose)

बच्चों को घुटनों के बल बैठते और आगे झुकते हुए आपने देखा होगा।इसे ही बालासन में दोहराया जाता है।

child pose rhega faydemand.

इस आसन को करने से ब्लड फ्लो सुचारू रूप से हो पाता है। इसे करने पर आपको एहसास होगा कि आपके शरीर की अच्छी तरह मसाज की गई है।

यह है बालासन करने का सही तरीका

वज्रासन में बैठ जाएं।
रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
सांस लें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं।
सांस छोड़ें और कमर के ऊपरी भाग को आगे की ओर झुकाएं।
दोनों हाथों को भी आगे की ओर झुकाएं।
इस स्थिति में कुछ सेकेंड्स रहें और पूर्व स्थिति में आ जाएं।
इसे भी आप 10 बार तक कर सकती हैं।
खाना खाने के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करें। कम से कम 5-6 घंटे बाद करें।

3 शवासन (Shavasana)

सभी आसन करने के बाद किया जाता है शवासन। हालांकि इसे योगासन के पहले या बीच में या फिर किसी भी समय किया जा सकता है। इसमें शरीर को शिथिल यानी स्थिर कर लिया जाता है। इस आसन से मन शांत होता है और थकान दूर होती है।

ये है शवासन करने का सही तरीका

पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
दोनों स्वाभाविक और समय मूल्य हाथों को शरीर से 6 इंच की दूरी पर रखें।
हथेलियों खुली और ऊपर की ओर रखें।
शरीर को ढीला छोड़ दें। पैरों को भी ढीला छोड़ दें।
दोनों पैरों के बीच 1 फीट की दूरी रखें।
आंखें बंद कर लें। शरीर के किसी भी अंग को नहीं हिलाएं।

Apne yoga session ke baad zaroor kare savasana

मन को एक जगह केंद्रित करें।
सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करें।
सिर्फ सांस लेने और छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने पर शरीर और मन दोनों तनावमुक्त होता है और आराम मिलता है।
शवासन से उठना हो तो बाईं करवट लेकर उठ जाएं।

इनके अलावा, मलासन, मकरासन, भ्रामरी और शीतली प्राणायाम भी तनाव मुक्त करने में प्रभावी हैं।

लेखक के बारे में
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

स्वाभाविक और समय मूल्य

munakka water benefits by expert

मुनक्का, जिसे अंग्रेजी में ब्लैक ग्रेप किशमिश भी कहा जाता है, अपने कई फायदों के कारण बहुत ही मूल्यवान फल है। मुनक्का के पत्ते, बीज, छिलके और पूरे फल में सहायक गुण होते हैं। मुनक्का शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित करने में कारगर है।

मुनक्का पोषक तत्वों और कैलोरी से भरपूर होते हैं। मुनक्का (किशमिश) शुरू में हरे रंग के होते हैं और सूखने पर गहरे रंग के हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सूखे, स्वाभाविक और समय मूल्य गहरे रंग के फल में छोटे बीज होते हैं। मुनक्‍का सेहत के लिए वरदान की तरह होता है। लेकिन आज हम आपको मुनक्‍के के पानी के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

रोजाना इस पानी को पीने से आपको कुछ ही दिनों में अपने शरीर में 5 तरह के बदलाव दिखाई दे सकते हैं। लेकिन सबसे पहले हम इसके पोषक मूल्‍यों और गुणों के बारे में जान लेते हैं। इसकी जानकारी डाइटीशियन मनप्रीत जी के इंस्‍टाग्राम के माध्‍यम से शेयर की है।

मुनक्का का पोषक मूल्य

मुनक्का शुगर (ग्लूकोज और फ्रुक्टोज), विटामिन्‍स (एस्कॉर्बिक एसिड, राइबोफ्लेविन, थियामिन, पाइरिडोक्सिन), आहार फाइबर और मिनरल्‍स (जिंक, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम) से भरपूर होता है। मुनक्का में विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल्स (पौधों से व्युत्पन्न यौगिक) जैसे फ्लेवोनोइड्स, रेस्वेराट्रोल, एपिकेचिन, फाइटोएस्ट्रोजेन और हाइड्रोसिनेमिक एसिड भी होते हैं।

मुनक्‍का के पानी के गुण

  • इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
  • यह रेचक गुण प्रदर्शित करता है
  • इसमें एंटी-बैक्‍टीरियल गुण होते हैं।
  • इसमें भूख को नियंत्रित करने वाला गुण होता है।
  • इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

मुनक्‍का के पानी के फायदे

पेट के लिए फायदेमंद

munakka water for digestion

  • यह एक प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करता है और कब्ज से राहत देता है।
  • यह मल को ढीला करता है और मल त्याग को नियंत्रित करता है।
  • डाइजेशन में सुधार करता है।
  • इसमें कूलिंग गुण होते हैं। इसलिए एसिडिटी को कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने के कारण आंतों के कार्य में सुधार करता है।

एनीमिया में लाभकारी

आयरन की मात्रा के कारण मुनक्के का पानी एनीमिया में मदद करताहै। मुनक्का में विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स भी होता है जो रेड ब्‍लड सेल्‍स के उत्पादन के लिए जरूरी है। यह जानकारी अपर्याप्त है। इसलिए मनुष्यों में ब्‍लड संबंधी समस्याओं के प्रबंधन में मुनक्का के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। बेहतर सलाह के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

त्वचा और बालों के लिए मुनक्‍के का पानी

skin care for munakka water

मुनक्के में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शाइनी और हेल्‍दी त्वचा बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन में सहायक होते हैं और मुंहासे को भी रोक सकते हैं।

रोजाना मुनक्के का पानी पीने से हमें विटामिन-सी मिलता है जिससे बाल शाइनी और घने हो सकते हैं। मुनक्का में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी हो सकते हैं जो रूसी और जलन के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं।

दांतों और हड्डियों के लिए मुनक्‍के का पानी

मुनक्के के स्वाभाविक और समय मूल्य पानी में कैल्शियम होता है जो दांतों के इनेमल को मजबूत और फिर से मिनरल्‍स बनाने में मदद करता है। साथ ही कैल्शियम हड्डियों का मुख्य घटक है जो मुनक्के में मौजूद होता है। बोरॉन भी एक पोषक तत्व है जो हड्डियों के उचित निर्माण और कैल्शियम के बेहतर अवशोषण के लिए आवश्यक है।

मुनक्का में पोटेशियम भी होता है जो हड्डियों के विकास को बढ़ाने में मदद कर सकता है, इस प्रकार मुनक्का में मौजूद पोटेशियम, बोरान और कैल्शियम महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस में सहायक हो सकता है।

वजन बढ़ाने के लिए मुनक्‍के का पानी

munakka water benefits for weight gain

यदि आप बहुत पतले हैं और वजन बढ़ाना चाहते हैं तो मुनक्का आपकी स्वाभाविक पसंद होना चाहिए। बाजार में कई मास गेनर और वेट गेनर्स उपलब्ध हैं लेकिन अगर आप वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक तरीका चाहते हैं, तो मुनक्के के पानी का इस्तेमाल करें। मुनक्का को रोजाना दूध के साथ खाने से आपकी डाइजेशन शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही आपका वजन भी बढ़ता है।

मुनक्‍के का पानी बनाने की विधि

  • घर पर मुनक्के का पानी बनाना बहुत ही आसान होता है।
  • रात को एक गिलास पानी में 4-5 मुनक्का भिगोकर रख दें।
  • अगली सुबह इस पानी को खाली पेट पी स्वाभाविक और समय मूल्य लें।
  • आप चाहें तो पानी पीने के थोड़ी देर बाद मुनक्का भी खा सकती हैं।

मुनक्के की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। 5 से अधिक मुनक्के का सेवन करने से बचें। प्रेग्‍नेंट महिलाएं इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

आप भी मुनक्‍के का पानी पीकर शरीर में ये बदलाव महसूस कर सकती हैं। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। साथ ही आर्टिकल के अंत में आ रहे कमेंट सेक्‍शन में कमेंट करके जरूर बताएं। डाइट से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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