रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. (Image- Pixabay)

Legal Crypto: क्या मुमकिन है लीगल क्रिप्टो की दुनिया? जानें क्या हैं खतरे और फायदे

Legal Crypto: क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है।

Ramkrishna Vajpei

Legal Crypto

Legal Crypto (PHOTO:social media )

Legal Crypto: क्रिप्टो की तेजी से पिघलती दुनिया के बीच, भारत सरकार ने जी 20 देशों की शिखर बैठक के दौरान इस मुद्रा के अस्थिर साधन को विनियमित करने पर निर्णय लेने की मांग की है इसकी वजह यह है कि सरकार इसके विनियमित करने के विकल्पों का आकलन कर रही है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।

क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है, जैसा कि आरबीआई द्वारा सुझाया भी गया है। लेकिन एक अंतिम प्रयास अभी बाकी है क्योंकि नियामक एजेंसियां और सरकार के विभिन्न विंग सबसे अच्छे समाधान का आकलन कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसे विनियमित करने के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है।

अधिकारी ने कहा, क्रिप्टो करेंसी के जोखिमों और कुछ लाभों के आधार पर विचार कर हमें विश्व स्तर पर एक उच्च नियामक मानक की आवश्यकता है, हमें सीमा पार भुगतान की लागत को कम करने के लिए कदम उठाने की भी आवश्यकता है और हम वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में बहुत सक्रिय रूप से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय बैंकों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर इस संकट को वास्तविक रूप में संबोधित किया जा सके।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देशों के इस संबंध में अलग-अलग विचार हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनके हित में क्या है। एक अधिकारी ने तर्क दिया कि अमेरिका जैसा देश प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हो सकते हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डॉलरीकरण में सहायता करेगी।

क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ

वे यह भी स्वीकार करते हैं कि प्रतिबंध सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, यह देखते हुए कि इसे रोकने के तरीके हैं और एक फुल प्रूफ तंत्र होना असंभव है। इसके अलावा, कई अन्य का तर्क है कि क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ हैं और कोई भी देश इस तरह के उपकरण से पूरी तरह अलग नहीं हो सकता है।

आरबीआई ने इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का तर्क दिया है कि क्रिप्टो करेंसी जैसे साधन के पास इसे वापस करने के लिए कोई अंतर्निहित संपत्ति नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने से मुद्रा और वित्तीय बाजारों को विनियमित करना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा डॉलरीकरण का खतरा भी रहेगा। इसके अलावा, बैंक ने कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताओं को भी रेखांकित किया है। यह कुछ ऐसा है जो इसका समर्थन करने वाले नियमों से मुकाबले को कठिन बना रहा है।

ईडी जैसी जांच एजेंसियों द्वारा हाल की कार्रवाई से आरबीआई के पक्ष को बल मिलता है, जिन्होंने देश से अवैध क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी रूप से धन निकालने के उदाहरण पाए हैं। नियमन पर, पीएम नरेंद्र मोदी और साथ ही एफएम निर्मला सीतारमण ने तर्क दिया है कि किसी एक देश के लिए एकतरफा कदम उठाना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है। जिस पर सबको मिलकर विचार करना चाहिए।

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

Legal Crypto: रूस ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. केंद्रीय बैंक ने भी अब सहमति दे दी है.

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. (Image- Pixabay)

Legal Crypto: दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चर्चाएं हो क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी रही हैं और कुछ देशों में तो इसे अवैध घोषित किया गया है जबकि कुछ देशों में इसे मान्यता दी गई है. ताजा कड़ी में अब रूस ने भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. रूस की स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मंगलवार की रात इसे रेगुलेट करने की जानकारी दिखी. पहले रूस का केंद्रीय बैंक BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध के पक्ष में था लेकिन उसने भी अब सहमति दे दी है.

रूस सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बिटक्वाइन माइनिंग के मामले में रूस दुनिया में क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी तीसरे स्थान पर है तो ऐसे में लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों ने चिंता जाहिर की थी कि क्रिप्टो से जुड़े अपराधों पर पर्याप्त कार्रवाई संभव नहीं है. बता दें कि दुनिया में सबसे पहले अल-सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को मंजूरी दी थी और इसके बाद ब्राजील में भी इसे लीगल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.

Forbes: गौतम अडानी दौलत कमाने ही नहीं परोपकार करने में भी आगे, फोर्ब्‍स लिस्‍ट में ये भारतीय अरबपति भी

6 लाख रूबल तक की क्रिप्टो का कर सकेंगे लेन-देन

मंगलवार को जारी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक रूस में सिर्फ स्थानीय रजिस्टर्ड और लाइसेंसी कंपनियों के जरिए ही रूस के लोग क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकेंगे ताकी यूजर्स की पहचान सुनिश्चित की जा सके और सरकारी एजेंसियों के पास उनके ट्रांजैक्शन की पूरी रहे. हालांकि इसमें माइनिंग को लेकर कुछ क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी नहीं कहा गया है. रूस सरकार के डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी है कि सिर्फ 6 लाख रूबल्स (6.02 लाख रुपये) तक के ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को मंजूरी मिलेगी. इससे ऊपर के ट्रांजैक्शन की जानकारी फेडरल टैक्सेशन सर्विस को देनी होगी और अगर नहीं देते हैं तो इसे अपराध माना जाएगा.न्यूजपेपर Kommersant के मुताबिक इससे जुड़े नए कानूनों व निर्देशों को इस साल 2022 की दूसरी छमाही या अगले साल की शुरुआत में लागू किया जा सकता है.

रशियन्स के पास दुनिया की 121 फीसदी क्रिप्टो

ब्लूमबर्ग ने एक फरवरी को रूस सरकार के आधिकारिक डेटा के हवाले से जानकारी दी थी कि रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. यह दुनिया भर में कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स का 12 फीसदी है यानी कि दुनिया भर में क्रिप्टो में जितना निवेश है, उसमें 12 फीसदी रूस के लोगों का है. यह क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी आकलन जनवरी में बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज यूजर्स के आईपी एड्रेस और अन्य जानकारी के आधार पर किया गया है. इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि करीब 12 फीसदी रूसी नागरिक के पास क्रिप्टोकरेंसीज हैं जिसमें से 60 फीसदी 25-44 वर्ष के हैं.

भारत में क्या है स्थिति?

भारत की बात करें तो अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट ट्रांसफर पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान किया गया. इससे बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को वैध माने जाने की बातें होनी लगीं तो सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि अभी इसे लीगल नहीं घोषित किया गया क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो सहित VDA से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें कानूनी मान्यता मिल गई है. इस पर पूरी तरह से स्पष्टता तब होगी, जब डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने वाला बिल लाया जाएगा. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज के मुताबिक इसे रेगुलेट करने के लिए सरकार को जल्द बिल लेकर आना चाहिए. उन्होंने सभी क्रिप्टो निवेशकों से मुनाफे पर टैक्स भरने को कहा है.

बढ़ तो रहा है क्रिप्टो का मार्केट, पर क्या ये करेंसी लीगल है?

बढ़ तो रहा है क्रिप्टो का मार्केट, पर क्या ये करेंसी लीगल है?

दुनियाभर के अलग-अलग देशों में क्रिप्टोकरेंसी सरकार या मौद्रिक अधिकारियों से लेनदेन के माध्यम के रूप में अपना अधिकार प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, अलग-अलग वित्तीय क्षेत्राधिकारों में इसकी कानूनी रुपरेखा तैयार करना मुश्किल है, क्योंकि इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

Markets And Markets की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मार्केट साइज के 2021 में 1.6 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2026 तक 2.2 बिलियन डॉलर, 7.1% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।

दुनियाभर के अलग-अलग देशों में क्रिप्टोकरेंसी सरकार या मौद्रिक अधिकारियों से लेनदेन के माध्यम के रूप में अपना अधिकार प्राप्त करने की कोशिश कर रही है।

लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी तक क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सार्वजनिक या निजी संस्था द्वारा समर्थित नहीं हैं। इसलिए, दुनिया भर के अलग-अलग वित्तीय क्षेत्राधिकारों में इसकी कानूनी रुपरेखा तैयार करना थोड़ा मुश्किल हो गया है। यह उन मामलों में मदद नहीं करता है; क्रिप्टोकरेंसी बड़े पैमाने पर मौजूदा फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के बाहर काम करता है। क्योंकि इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति का दैनिक लेनदेन और व्यापार में उनके उपयोग पर प्रभाव पड़ता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने सिफारिश की थी कि क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर उसके नियम की आवश्यकताओं के अधीन होने चाहिए, जिसके लिए AML कम्पलायंस की आवश्यकता होती है।

दिसंबर 2021 तक, अल सल्वाडोर दुनिया का एकमात्र देश था जिसने बिटकॉइन (Bitcoin) को मौद्रिक लेनदेन के लिए कानूनी निविदा के रूप में अनुमति दी थी। दुनिया के बाकी हिस्सों में, क्रिप्टोकरेंसी रेग्यूलेशन क्षेत्राधिकार के अनुसार अलग-अलग होता है।

जापान का भुगतान सेवा अधिनियम (Payment Services Act) बिटकॉइन को कानूनी संपत्ति के रूप में परिभाषित करता है। देश में संचालित 6 क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज ग्राहक के बारे में जानकारी और वायर ट्रांसफर से संबंधित विवरण एकत्र करने के अधीन हैं। चीन ने अपनी सीमाओं के भीतर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

ALSO READ

भारत में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2018 में अपने एक फैसले में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था। फिर, 2 साल बाद, मार्च 2020 में एक निर्णायक फैसले में तीन-न्यायाधीशों वाली बेंच, जिसमें जस्टिस रोहिंटन नरीमन, अनिरुद्ध बोस और वी रामासुब्रमण्यन शामिल थे, ने RBI के आदेश को "असंवैधानिक" करार देते हुए पहले के आदेश को खारिज कर दिया, और साथ ही बैन भी हटा दिया।

यूरोपीय संघ में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी हैं। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने वाले डेरिवेटिव और दूसरे प्रोडक्ट्स को "फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स" के रूप में क्वालिफाई करने की आवश्यकता होगी। जून 2021 में, यूरोपीय आयोग ने क्रिप्टो-एसेट्स (MiCA) रेग्यूलेशन बाजार में जारी किया, जो रेग्यूलेशन के लिए सुरक्षा उपाय निर्धारित करता है और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करने वाली कंपनियों या विक्रेताओं के लिए नियम बनाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर, सबसे बड़ा और सबसे आसानी से चलने वाले फाइनेंशियल मार्केट दुनिया भर में, क्रिप्टो डेरिवेटिव जैसे बिटकॉइन शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज पर उपलब्ध हैं। अमेरिका के SEC (Securities and Exchange Commission) ने कहा है कि बिटकॉइन और एथेरियम प्रतिभूतियां (Securities) नहीं हैं।

हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी को पैसे का एक रूप माना जाता है। अधिकांश दूसरे इन्वेस्टमेंट्स की तरह, यदि आप क्रिप्टोकरेंसी को बेचने या ट्रे़डिंग करने में लाभ कमाते हैं, तो सरकार भी लाभ का एक टुकड़ा चाहती है।

Budget 2022 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वर्चुअल असेट्स (क्रिप्टोकरेंसी आदि) पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअल असेट्स के ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS भी लगेगा। अगर वर्चुअल एसेट को गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है तो टैक्स वह शख्स देगा जिसको वह वर्चुअल एसेट गिफ्ट के तौर पर मिली है। यह भी बताया गया है कि रुपये की डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष में चालू किया जाएगा। ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी शुरू की जाएगी, आरबीआई 2022-23 से इसे जारी करेगा।

क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी, डेढ़ साल की सजा और 20 करोड़ तक जुर्माना का होगा प्रावधान

क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इसके लिए कानून बनाएगी और वो तैयारी पूरी होती दिख रही है। सूत्र कह रहे कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस कानून के तहत लेन-देन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा ₹20 करोड़ रुपये तक के जुर्माना का भी प्रावधान होगा।

इस मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि संसद में पेश होने वाले बिल में क्रिप्टो करेंसी की खरीदी बिक्री, जमा करने, होल्ड करने का काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगा। इसमें नियमों का उल्लंघन करने पर बिना वारंट गिरफ्तारी होगी क्योंकि धाराएं गैर जमानती होगी।

माना जा रहा है कि सरकार 20 करोड़ तक जुर्माना और डेढ़ साल तक की सजा के साथ साथ अंधाधुन विज्ञापनों पर भी रोक होगी और गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायत यदि मिलती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्रिप्टोकरंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी सकता है। इसकी छूट सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगी।

एक अनुमान के मुताबिक करीब 2 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरंसी में 45,000 करोड़ का निवेश किया क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी है इसलिए भी सरकार इस पर कानून लाने जा रही है और उस कानून में सख्त धाराएं और प्रावधान होंगे।

सूत्र यह भी कह रहे हैं कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी का जिम्मा सौंपा जाएगा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जून 2021 तक भारत में क्रिप्टोकरंसी का बाजार 641 फ़ीसदी बढ़ चुका है।

Cryptocurrency कभी भी वैध मुद्रा नहीं बनेगी, टैक्सेशन के बाद वित्त सचिव ने क्रिप्टो पर कही यह बड़ी बात

वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि ‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी. कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा. भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा. केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा.’

Cryptocurrency कभी भी वैध मुद्रा नहीं बनेगी, टैक्सेशन के बाद वित्त सचिव ने क्रिप्टो पर कही यह बड़ी बात

वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चीजें साफ करते हुए कहा कि निजी डिजिटल मुद्रा कभी भी कानूनी मुद्रा नहीं बनेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह संसद में पेश 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया. साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने की भी घोषणा की.

यह भी पढ़ें

सोमनाथन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी. उन्होंने कहा, ‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी. कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा. भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा. केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा.'

दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है. किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है.

देश में क्रिप्टो मुद्रा के लिये नियम बनाने को लेकर विचार-विमर्श जारी है. लेकिन अब तक कोई मसौदा जारी नहीं किया गया है. इस बीच, केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा अगले वित्त वर्ष से परिचालन में आएगी.

यह पूछे जाने पर कि संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो संपत्ति के नियमन को लेकर विधेयक लाने की बात संसद के कामकाज में शामिल थी लेकिन मौजूदा बजट सत्र में ऐसा नहीं है, सोमनाथन ने कहा, ‘यह महसूस किया गया कि क्रिप्टो पर कानून लाने से पहले इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है. इस विचार-विमर्श का मकसद इस बात पर गौर करना है कि क्या इसके लिये नियमन की जरूरत है.'

वित्त सचिव ने कहा, क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी ‘हमारी व्यवस्था लोकतांत्रिक है. लोकतंत्र में सरकार कुछ शुरू करती है लेकिन फिर प्रतिक्रिया होती है. सरकार उस प्रतिक्रिया को सुन रही है और उसके आधार अभी तक अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है. इस बीच, चूंकि क्रिप्टो और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन लगातार बढ़ रहा था, अत: कर स्पष्टता की जरूरत थी.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 380