रेगुलटरी स्तर पर अनिश्चितता के कारण निवेशकों में क्रिप्टो निवेश को लेकर स्वाभाविक तौर पर काफी संशय है.
क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कैसे कमाए? | CryptoCurrency Se Paise Kaise Kamaye 2022
क्रिप्टो करेंसी से पैसे कमाने के बहुत सारे तरीके हैं। यदि आप CryptoCurrency Se Paise कमाना चाहते हैं तो नीचे बताए गए तरीके से पैसे कमा सकते हैं, तो आइए जानते हैं…
1: Cryptocurrency को Buy करे और Hold करके रखे
जी हां, सबसे आसान तरीका है की आप Cryptocurrency को खरीद ले और लंबे समय तक उसे Hold करके रख लीजिए। यदि आप एक New कितने प्रकर के क्रिप्टोकरेन्सी उपलब्ध है? Beginner है तो आपके लिए Cryptocurrency से पैसे कमाने का यह सबसे आसान तरीका है।
आप कम कीमत में Cryptocurrency को खरीद सकते है, कुछ लंबे समय के लिए इसे Hold करके रख लीजिए। जब भविष्य इसकी कीमत बढ़ेगी तो आप उसे सेल करके अच्छा return कमा सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में Ethereum की कीमत 90 रुपए के करीब हुआ करती थी, जो आज की तारीख में 1.5 लाख के करीब पहुंच चुकी है।
Cryptocurrency Buy Kaise Kare? क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?
दोस्तो आज मार्केट में बहुत सारे ऐप मौजूद है, जिससे आप आसानी से Cryptocurrency को buy कर सकते हैं। जिसके लिए नीचे मैने कुछ बेस्ट ऐप के नाम दिए है। जिससे आप Cryptocurrency खरीद सकते है।
इसके अलावा मैने कुछ रेफरल कोड भी दिए है, जिसका उपयोग करने से आप कुछ Bitcoin या पैसे कमा सकते हैं और अपनी Cryptocurrency में journey स्टार्ट कर सकते हैं।
(1). WazirX में क्रिप्टो करेंसी कैसे खरीदें?
WazirX भारत में Cryptocurrency में शुरुआत करने के लिए बेस्ट ऐप है। जिससे आप Crypto World में Entry ले सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से आप ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं और नीचे दिए Referral Code का इस्तेमाल कर सकते है।
दोस्तो यदि आप एक नए बंदे है, जिसे क्रिप्टो करेंसी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो WAZIRX आपके लिए एक बेस्ट एक्सचेंज है। आप इसी से अपनी शुरुआत करे।
Bitcoin क्या है? Bitcoin Se Paise Kaise Kamaye
Bitcoin एक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी है और यह दुनिया की सबसे प्रसिद्ध करेंसी है। इसका काफी सारा इस्तेमाल भी होता है। दूसरे क्रिप्टॉ करेंसी की तरह आप बिटकॉइन से पैसे कमा सकते हैं। आप कम कीमत में बिटकॉइन को खरीद लीजिए और hold करके रखे। जब इसकी कीमत बढ़ेगी तब आप इसे sell करके बिटकॉइन से पैसे कमा सकते हैं।
दोस्त आज के इस आर्टिकल में मैने आपको Cryptocurrency से पैसे कमाने के आसान तरीके बताए है। जिससे आप आसानी से Cryptocurrency से पैसे कमा सकते हैं। इसके अलावा बेहतरीन ऐप के बारे में भी बताया है।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी हेल्पफुल लगी होगी और अपनी Crypto Market की Journey की शुरुआत कर ली होगी।
इस आर्टिकल को लेकर कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे।
कौन-क्यों कर रहा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश?
क्रिप्टोकरेंसी तेजी से एक स्वीकार्य एसेट क्लास बनता दिख रहा है. 18-35 आयु वर्ग के निवेशक खासतौर पर गोल्ड की तुलना में डिजिटल करेंसी पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल डाटा के मुताबिक भी 34 वर्ष से कम के निवेशकों को येलो मेटल कम लुभाता है. क्रिप्टो के आकर्षक होने की अहम वजह सोने की तुलना में ज्यादा ट्रांसपेरेंसी और कम अवधि में रिटर्न है. साथ ही डिजिटल करेंसी के साथ वेरिफिकेशन की भी परेशानी नहीं होती. खरीद बिक्री में आसानी ने भी निवेशकों को क्रिप्टो की तरफ मोड़ा है.
देश में दुनिया की सबसे बड़ी IT आबादी है और यह बढ़ते स्मार्टफोन बाजारों में से एक है.इसी का परिणाम है कि ई-कॉमर्स प्लेयर्स और ऑनलाइन भुगतान भी तेजी से बढ़ रहे हैं.इससे क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जागरूकता का स्तर और जिज्ञासा भी बढ़ी है. ई-कॉमर्स प्लेयर्स कितने प्रकर के क्रिप्टोकरेन्सी उपलब्ध है? तेजी से क्रिप्टोकरेंसी को अपने पेमेंट गेटवे के रूप में अपना सकते हैं.
तेजी से क्यों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी क्रेज ?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी क्रेज का सबसे बड़ा कारण है कि इसमें लेनदेन में वक्त जाया नहीं होता.खरीदने,ट्रांसफर करने और ट्रांजेक्शन की तेज तकनीक इसे भारत की बड़ी युवा आबादी के बीच पॉपुलर करती है.
एक कारण यह भी है कि पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम की तरह यहाँ फीस नहीं देनी पड़ती.
क्रिप्टोकरेंसी में प्रयोग होने वाली ब्लॉकचेन तकनीक भी लोगो को इसकी ओर आकर्षित कर रही है.ट्रेड फाइनेंस में ब्लॉकचेन तकनीक का प्रमुख लाभ यह है कि यह प्रोसेसिंग टाइम को कम कर सकता है, कागज के उपयोग को समाप्त कर सकता है और पारदर्शिता, सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करते हुए पैसे बचा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी पर किसी एक का कब्जा नहीं है.यहां पर यूजर के पास तमाम विकल्प उपलब्ध है.यह बैंकिंग सिस्टम की अपेक्षा इसे ज्यादा लचीला बनता है.
कोविड -19 वैक्सीन तेजी से आर्थिक सुधार को सक्षम कर सकती है.ऐसे समय में जब सरकारें और केंद्रीय बैंक अभी भी बड़ी मात्रा में आपातकालीन सहायता प्रदान कर रहे हैं - जो मुद्रास्फीति के एक विस्फोट को ट्रिगर कर सकता है. कुछ निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को सोने के समान एसेट स्टोर के रूप में देखते हैं, जो आर्थिक तनाव या बढ़ती मुद्रास्फीति के समय भी अपने मूल्य को बनाए रख सकता है.
सरकारी बेरुखी का निवेशकों पर असर नहीं
केंद्र सरकार और RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर समय समय पर चिंता जताई है. RBI ने कुछ महीने पहले संबंधित 'मेजर कंसर्न' की तरफ इशारा किया था. वहीं, सरकार की तरफ से डिजिटल कॉइन पर प्रतिबंध के संकेत मिले थे.राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."
इसके बावजूद क्रिप्टो के लिए बढ़ती रुचि अहम है. सख्त बैन की खबरों के बाद से अब तक गवर्नमेंट इस विषय पर शांत है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 का एक नियम खारिज कर दिया जिसमें बैंकों को क्रिप्टो व्यापार से दूर रखा गया था. जानकारों के मुताबिक अगर यह बैन नहीं आया होता तो क्रिप्टो बाजार और भी बड़ा हो सकता था.
अगर बैन लगा तो ये निवेशक क्या कर सकते हैं?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की स्थिति में, कई निवेशकों के लिए अपनी एसेट्स(क्रिप्टो) को बेचना सबसे आसान और तार्किक मार्ग होगा, लेकिन उनके पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं-
निवेशक अपनी क्रिप्टो एसेट को 'सेल्फ-कस्टडी वॉलेट' में ट्रांसफर कर सकते हैं, जो USB ड्राइव, माइक्रो SD कार्ड या स्मार्ट कार्ड के रूप में डिजिटल डिवाइस हैं. ये डिवाइस निवेशकों की निजी बिटकॉइन key या keys को संग्रहीत करते हैं. बिटकॉइन को स्टोर करने के लिए कुछ लोकप्रिय हार्डवेयर वॉलेट जैसे लेजर, ट्रेजर, सेफपाल और बिटलॉक्स उपलब्ध हैं.निवेशक इन वॉलेट में कितने प्रकर के क्रिप्टोकरेन्सी उपलब्ध है? अपनी क्रिप्टो एसेट को स्टोर कर सकते हैं और इन वॉलेट्स को विदेशों में रह रहें अपने दोस्तों या परिवार को भेज सकते हैं,यदि वे बैन की स्थिति में अपने वॉलेट को भारत में रखने को लेकर चिंतित हैं.
हालाँकि, यहाँ भी एक मुश्किल है. यदि निवेशक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज से वॉलेट के माध्यम से अपनी क्रिप्टो एसेट को हार्ड ड्राइव या पेन ड्राइव में स्थानांतरित करता है, तो रेगुलेटरी ऑथोरिटी इन क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज KYC (अपने ग्राहक को जानें) मानदंडों का पालन करते हैं और यूजर्स को साइन अप करने के लिए अपने पैन कार्ड डिटेल देने की आवश्यकता होती है.
स्विट्जरलैंड की वॉच कंपनी Hublot अब DOGE, SHIB समेत 13 क्रिप्टोकरेंसी में ले रही पेमेंट
कंपनी ने क्रिप्टो पेमेंट्स के लिए 13 क्रिप्टोकरेंसी को चुना है जिनमें DOGE और SHIB भी शामिल हैं
खास बातें
- क्रिप्टो पेमेंट्स का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है
- क्रिप्टो को पेमेंट ऑप्शन के रूप में ग्लोबल ब्रैंड्स लगातार अपना रही हैं
- Hublot एक एलीट वॉचमेकर कंपनी है जिसने क्रिप्टो पेमेंट्स लेना शुरू किया है
हालिया मार्केट क्रैश के बावजूद क्रिप्टो को पेमेंट ऑप्शन के रूप में ग्लोबल ब्रैंड्स लगातार अपनाती जा रही हैं. इसी लिस्ट में अगला नाम स्विट्जरलैंड की वॉच मेकर कंपनी Hublot का जुड़ गया है. Hublot एक एलीट वॉचमेकर कंपनी है जिसने पेमेंट्स के लिए क्रिप्टो को अपनाने की शुरुआत कर दी है. कंपनी ने क्रिप्टो पेमेंट्स के लिए 13 क्रिप्टोकरेंसी को चुना है जिनमें DOGE और SHIB भी शामिल हैं. दोनों ही मीम क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम के लिहाज से काफी पॉपुलर हैं और बाकी क्रिप्टो कॉइन्स की अपेक्षा सस्ती भी हैं. इसके अलावा और भी कई क्रिप्टोकरेंसीज को इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
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Hublot ने कहा है कि अब इसके कस्टमर्स Hublot वॉच डिजिटल करेंसी में भी खरीद सकते हैं. इसके लिए कंपनी ने न केवल बिटकॉइन (BTC) और इथेरियम (ETH) को शामिल किया है बल्कि Shiba Inu और DOGE जैसे पॉपुलर मीम कॉइन्स को भी लिस्ट में एड किया है. इसके अलावा कस्टमर्स Bitcoin Cash Litecoin, USDC, DAI आदि डिजिटल करेंसी में भी पेमेंट कर सकते हैं. कुल मिलाकर कंपनी फिलहाल 13 क्रिप्टोकरेंसी में पमेंट्स को स्वीकर कर रही है.
इतना ही नहीं, Hublot watches को खरीदने के लिए कस्टमर्स के पास वॉलेट की भी चॉइस होगी. यानि कि सिर्फ BitPay के वॉलेट से ही नहीं, Coinbase Wallet, Exodus वॉलेट जैसे लगभग 100 वॉलेट्स में से चुनने की सुविधा कंपनी ने रखी है. यहां पर कंपनी ने कहा है कि कस्टमर्स अगर BitPay के माध्यम से पेमेंट कर रहे हैं तो एक बार में 30 हजार डॉलर से ज्यादा की पेमेंट स्वीकार नहीं की जाएगी.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की कितने प्रकर के क्रिप्टोकरेन्सी उपलब्ध है? डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
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