निवेश करने से पहले इन बातों पर दें ध्यान
– निवेश करने से पहले उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं और पता लगाएं कि यह उत्पाद महंगाई दर को किस तरह मात दे सकता है.
– शिक्षा के लिए निवेश करते समय ध्यान रखें कि सामान्य उपभोक्ता मुद्रास्फीति 6 फीसदी की दर से बढ़ रही है, जबकि शिक्षा मुद्रास्फीति दर 12 फीसदी का है. इसलिए यहां आपको गारंटीशुदा फंड फायदा नहीं दे पाएंगे.
– चाइल्ड स्पेसिफिक म्यूचुअल फंड्स की जगह हाइब्रिड या इक्विटी फंड चुनें. क्योंकि यहां आपके सामने बहुत सारे विकल्प मिलेंगे.
– आप अपने बचत खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट, आरडी और शॉर्ट टर्म डेट फंड का उपयोग तत्काल या अल्पकालिक लक्ष्यों के लिए कर सकते हैं.
– आप लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड, गोल्ड, सुकन्या समृद्धि, पीपीएफ के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं.
– एक उत्पाद में एकमुश्त (lumpsum) राशि का निवेश न करें.
लक्ष्य अलहदा तो पोर्टफोलियो भी होने चाहिए जुदा
मेरी आयु 35 वर्ष है और साथ ही मुझ पर 2 लोग आश्रित हैं (पत्नी और 4 वर्षीय बेटा)। मेरे पोर्टफोलियो का विश्लेषण करें और एक ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? उपयुक्त पोर्टफोलियो तथा निवेश राशि के बारे में सुझाव दें ताकि मैं निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति भलीभांति कर सकूं।
मेरे वित्तीय लक्ष्य इस प्रकार हैं …
बेटे की उच्च शिक्षा
सेवानिवृत्त होने के बाद मौजूदा मासिक खर्चों की तरह ही उस दौरान भी मेरा घर खर्च चल सके।
वर्ष 2010 से पहले 50 लाख ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? रुपये की कीमत का फ्लैट खरीदना है जिसमें 35 लाख रुपये का आवास ऋण होगा। नए घर में प्रवेश करने का इरादा है और मौजूदा फ्लैट से 10,000 रुपये प्रति माह किराये की आय आने की उम्मीद है।
– क्लिफर्ड
आपके मौजूदा निवेश पोर्टफोलियो पर नजर दौड़ाएं तो जाहिर होता है कि आपने रियल एस्टेट में बहुत ज्यादा निवेश कर रखा है। इसके अलावा आपके पोर्टफोलियो में सावधि जमा, नगद, विदेशी शेयर, 6 यूलिप और 3 म्युचुअल फंड शामिल हैं।
ऋण जोखिम को उपयुक्त बनाने के लिए आपके पोर्टफोलियो में सावधि जमा को बनाए रखना बेहद जरुरी है, लेकिन आपके तीन म्युचुअल फंड चिंता का विषय बने हुए हैं क्योंकि ये सभी सेक्टर या थीम आधारित हैं और लिहाजा इन्हें आगे आपके लक्ष्यों और उद्देश्यों के लिहाज से प्रमुख निवेश नहीं माना जा सकता है।
हालांकि, शुक्र है कि आपने इन फंडों में कम ही मात्रा में निवेश कर रखा है। वहीं दूसरी ओर 6 यूलिप को पोर्टफोलियों में शामिल करना भी चिंता का विषय है, जिनमें आपको सालाना 1.04 लाख रुपये का प्रीमियम भरना पड़ता है और जिनसे आपको 5.5 लाख रुपये का सुरक्षा कवर मिलता है। (तीन योजनाएं जिनकी कवर राशि की आपने हमको जानकारी दी है)।
अफसोस की बात है कि आपने अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए यूलिप का रास्ता ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? चुना। अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आपको नए सिरे से एक उपयुक्त पोर्टफोलियो बनाने की जरुरत है। आपके द्वारा मुहैया कराई गई जानकारियों से इतना साफ जाहिर है कि आप अधिकतम 50,000 रुपये प्रति माह का निवेश कर सकते हैं।
आपके लक्ष्यों के लिहाज से हम आपको एक आदर्श पोर्टफोलियो बनाने की सलाह देते हैं जिसमें फंडों और योजनाबध्द निवेश योजना (एसआईपी) के रकम शामिल है। लेकिन आदर्श पोर्टफोलियो के साथ आगे जाने से पहले यहां पर कुछ अहम ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? मुद्दे हैं जिन पर कोई नया पोर्टफोलियो बनाने से पहले गौर करना बेहद जरुरी है।
यूलिप से पाएं छुटकारा
हमारी आपको यह सलाह है कि यूलिप के लिए अभी आप जो प्रीमियम दे रहे हैं उसे रोक दें क्योंकि यह आपके निवेश का काफी खर्चीला हिस्सा है।
किसी भी निवेशक को अपने निवेश के साथ कभी भी बीमा को शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि दोनों की जीवन में अलगअलग जरुरतें होती हैं। यूलिप की बजाय आप टर्म बीमा योजनाओं में निवेश कर सकते हैं जिनके प्रीमियम भी कम होते हैं और जो ऊंची जीवन बीमा सुरक्षा भी देती हैं। आपके भविष्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश करना बेहतर होगा।
उचित पोर्टफोलियो बनाएं
आपके मौजूदा म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो पर गौर करें तो जाहिर होता है कि आपने बिना किसी समझदारी और अपने लक्ष्यों एवं उद्देश्यों पर विचार किए बगैर म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश किया है। बहरहाल, आपका तीन म्युचुअल फंडों में निवेश जारी है जो कि टाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर, डीएसपीबीआर टाइगर और रिलायंस डाइवर्सिफाइड पॉवर सेक्टर फंड हैं। ये सभी सेक्टर आधारित फंड हैं।
मसलन, आपका पोर्टफोलियो ऊर्जा क्षेत्र में अधिक दिखाई दे रहा है जिसमें 33.16 फीसदी का निवेश है। दीर्घावधि उद्देश्यों के लिहाज से किसी भी निवेशक को अधिकांश निवेश का रुख सामान्य डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंडों की ओर रखना चाहिए ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? और न्यूनतम निवेश का रुख ही केवल सेक्टर या थीम आधारित फंडों की ओर रखना चाहिए।
अलग लक्ष्य के लिए अलग पोर्टफोलियो
आपके द्वारा उल्लेखित दो लक्ष्य दीर्घावधि हैं जिसकी समयावधि भी अलग-अलग है। लिहाजा, हमारी सलाह है कि प्रत्येक लक्ष्य के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो बनाएं ताकि आप इन पर बेहतर तरीके से ध्यान दे सकें।
योजनाबध्द निवेश करें
आपके लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि आप योजनाबध्द निवेश योजना (सिप) का दृष्टिकोण अपनाकर निवेश शुरु करें। दीर्घावधि निवेशकों के लिए यह एक उपयुक्त चयन है जो कि आपको न केवल औसतन रुपये की लागत का लाभ दिला सकता है बल्कि इससे अनुशासित निवेश दृष्टिकोण भी सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
पोर्टफोलियो में डेट जोड़ें
आपके निवेश का कुछ हिस्सा डेट में भी होना बेहद जरुरी है जिससे बाजार की गिरावट के दौरान शेयरों में कमजोरी आने से होने वाले नुकसान को इनके यानी डेट के जरिए बचाया जा सकता है। जबकि आपने सावधि जमा योजनाओं में ठीक-ठाक निवेश कर रखा है और आपके पास बैंक में नगदी भी जमा है, आपकी जोखिम प्रवृत्ति के आधार पर आप अपने पोर्टफोलियो में डेट फंड का भी समावेश कर सकते हैं।
अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करें
उचित फंडों के चयन, इनकी एसआईपी रकम निर्धारित करने और समय रक इस राशि का भुगतान करने तक ही आपका काम सीमित नहीं है। आपके लिए यह पहलू भी काफी महत्वपूर्ण है कि अपने पोर्टफोलियो पर समय-समय पर नजर दौड़ाते रहे और इसे साल में कम से कम एक बार पूर्वनिर्धारित संपत्ति निर्धारण के मुताबिक रीबैलेंस करते रहे।
आपको इन सभी मूलभूत सिध्दांतों का पालन करना जरुरी है और अपने लक्ष्यों की आसानीपूर्वक प्राप्ति के लिए सही निवेश के दृष्टिकोण को चुनना भी बेहद जरुरी है। यहां हम आपको कुछ सुझाव दे रहे हैं जिनसे आपको अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है। (भविष्य की रिटर्न की गणना 10 प्रतिशत सालाना रिटर्न मानकर की गई है)।
बेटे की शिक्षा
समयावधि : 14 वर्ष
अनुमानित रकम: 20 लाख रुपये
एसआईपी प्रति माह : 6,000 रुपये
भविष्य में राशि: 21.2 लाख रुपये
फंड एसआईपी रकम (रुपये में)
डीएसपीबीआर टॉप 100 इक्विटी 3,000
कोटक 30 3,000
आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए यदि आप 6,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश अगले 14 वर्षों तक करते हैं तो आप तयशुदा समयावधि तक 21.2 लाख रुपये का संग्रह कर सकेंगे।
सेवानिवृत्त
समयावधि : 20 वर्ष
अनुमानित राशि : 1.15 करोड़ रुपये
एसआईपी राशि : 16,000 रुपये प्रतिमाह
ष्टभविष्य में राशि : 1.15 करोड़ रुपये0
फंड एसआईपी रकम (रुपये में)
एचडीएफसी टॉप 200 4,000
बिड़ला सनलाइफ इक्विटी 4,000
फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा प्लस 4,000
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल
इन्फ्रास्ट्रक्चर 2,000
कोटक फ्लेक्सी डेट 2,000
जैसा कि आप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आप वर्तमान के रोजमर्रा के खर्चों की भांति ही सेवानिवृत्ति के बाद भी इसी तरह खर्च करने का इरादा रखते हैं, जो 32,000 रुपये प्रतिमाह है।
यदि हम मान लें कि 55 वर्ष की आयु में आप सेवानिवृत्त होकर कम से कम 30 वर्षों तक जीवनयापन करते हैं तो आपको मौजूदा स्तर के जीवनशैली की तरह जीवनयापन के लिए लगभग 1.15 करोड़ रुपये की जरुरत पड़ेगी। ऐसे में आपको अगले 20 वर्षों तक एसआईपी के जरिये 16,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश करना होगा ताकि आप आसानी से इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
घर
समयावधि : एक वर्ष से भी कम समय में
अनुमानित रकम :50 लाख रुपये
यदि आप इस खरीद के वित्तपोषण के लिए 35 लाख रुपये का आवास ऋण लेते हैं तो आपको अंदाजन 38,000 रुपये की मासिक किस्त भरनी पड़ सकती है ( यह मानते हुए कि ब्याज दर 9.5 ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? फीसदी है और आपको 20 साल तक किस्त भरनी है)।
आपको भविष्य में किराये से प्राप्त होने वाली 10,000 रुपये की रकम को आपके मासिक खर्चों और निवेशों के बाद बचने वाली 28,000 रुपये की अतिरिक्त राशि में जोड़ दे तो आपके पास आवास ऋण की मासिक किस्त की अदायगी के लिए पर्याप्त राशि बच जाती है।
Children's Day पर बच्चे को दें अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ सुरक्षित भविष्य का उपहार
बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए हमें शुरू से ही फाइनेंशियल प्लानिंग बनाकर चलना चाहिए.
Children Savings Plan: एक बच्चा परिवार में ढेर सारी खुशियां लाता है. जिस क्षण हम माता-पिता बनते हैं, वह पूर्ण होने का अहसास देता है. हम यह भी जानते हैं कि एक बच्चा बहुत सारी जिम्मेदारियों भी लेकर साथ लेकर आता है. उसकी अच्छी परवरिश, उसकी सेहत का ध्यान और अच्छी तालीम के साथ एक और जिम्मेदारी है अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करना.
पहले जमाने में तो बच्चे यूं ही पल जाते थे. लेकिन बढ़ती महंगाई, टूटते सामाजिक ढांचे और एकल परिवार कल्चर से किसी भी माता-पिता के कंधों पर बच्चों की जिम्मेदारी अब कहीं ज्यादा है. इसलिए बच्चा पैदा होते ही, चाहे वह लड़की हो या लड़का, हम उसके समूचे भविष्य की योजना तैयार करने लग जाते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश के विभिन्न प्रकार | निवेश के फायदे और नुकसान
1. शेयर्स- शेयर मार्केट में पहला और सबसे लोकप्रिय तरीका है डायरेक्ट शेयर्स को अपने Demat Account में खरीद के रख लेना। ये तरीका कम समय (Short Term) और ज्यादा समय (Long term) दोनो तरह के शेयर निवेश में काम आता है।
i. इंट्रा डे (Intraday) Trading- जब कोई inveator शेयर को खरीद के उसी दिन बेच देता है तो इस तरह की ट्रेडिंग को Intraday Trading कहते हैं।
उदाहरण: मन लो अपने सुबह 10 बजे कोई शेयर खरीदा और शाम को मार्केट बंद होने से पहले बेच दिया तो आपका trade Intraday माना जायेगा।
यूलिप v/s एसआईपी: दो निवेश उपकरण कैसे भिन्न हैं?
यूलिप और एसआईपी दोनों की मूल बातों पर चर्चा करने के बाद, अब समय आ गया है कि हम उनके अंतरों पर एक नज़र डालें।
पैरामीटर | यूलिप(ULIP) | एसआईपी(SIP) |
पॉलिसी के प्रकार | जीवन बीमा और निवेश दोनों के लाभ। | केवल निवेश लाभ। |
केवल निवेश लाभ | 5 साल | 3 साल (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड के लिए) |
कर लाभ | आयकर अधिनियम की धारा 80सी और 10(10डी) के तहत पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम और परिपक्वता राशि पर कर संबंधी लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। | SIP में टैक्स बेनिफिट्स लागू नहीं होते हैं। हालांकि, छूट केवल 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) पर लागू होती है। |
निकासी विकल्प | लॉक-इन अवधि समाप्त ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? होने के बाद ही आंशिक निकासी | निवेशित पूंजी को निकाला जा सकता है; हालांकि, ईएलएसएस के लिए 3 साल की लॉक-इन अवधि के बाद निकासी की जा सकती है। |
लचीलापन | जीवन बीमा कवर के लिए कौन सा हिस्सा जाएगा और निवेश के लिए क्या होगा, यह तय करने के मामले में लचीलापन होता है। | लंबी अवधि के लाभ के लिए निवेशित पूंजी को बढ़ाने या घटाने के मामले में लचीलापन होता है। |
तरलता | लॉक-इन अवधि पूरी होने तक कोई तरलता नहीं। | निवेश की गई पूंजी की राशि पर पूर्ण तरलता। |
अतिरिक्त लाभ | लॉक-इन अवधि के पूरा होने के बाद अतिरिक्त फंड यूनिट जारी करने के साथ-साथ लॉयल्टी लाभ। | ऐसे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं हैं। |
मृत्यु लाभ | बीमित व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में लाभार्थी को मृत्यु लाभ भुगतान किया जायेगा । | कोई मृत्यु लाभ उपलब्ध नहीं है। |
फंड प्रबंधन शुल्क | 1.35% | 2.50% |
स्विचिंग विकल्प | एक साल में फंड्स के बीच फ्री स्विचिंग विकल्प (सीमित संख्या तक)। | निधियों के बीच स्विच करने की स्वतंत्रता। |
रेगुलेटर | IRDAI | SEBI |
यूलिप और एसआईपी के बीच निर्णय लेने से पहले विचार करने वाले कारक
ULIP और SIP के बीच चयन करते समय, एक प्रमुख बात जिस पर आपको विचार करना होगा वह है आपकी वित्तीय योजना। यदि आपके पास एक दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य है जहां आपको योजनाबद्ध दृष्टिकोण की आवश्यकता है, तो एसआईपी एक तार्किक विकल्प के रूप में आता है। हालांकि, अगर आप भी अपने निवेश के साथ बीमा कवर की तलाश कर रहे हैं, तो यूलिप सबसे अच्छा विकल्प है। दोनों के बीच कॉल करने से पहले, आपको उन मापदंडों की जांच करनी चाहिए जिनके आधार पर हमने ऊपर तुलना की है।
जबकि हमने एक विस्तृत तुलना की है, एक विशेष पैरामीटर का महत्व एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है। यानी; उदाहरण के लिए, एक दिया गया निवेशक यूलिप और एसआईपी के बीच चयन करते समय विकल्प या लॉक-इन अवधि स्विच करने के लिए अधिक ध्यान देता है। दूसरी ओर, कुछ उपयोगकर्ताओं के लिए, मृत्यु और अतिरिक्त लाभ प्रमुख मानदंड हो सकते हैं।
किसमें निवेश करें?
एसआईपी और यूलिप के बीच तुलना को देखने के बाद, अगला तार्किक कदम यह निर्धारित करना है
कि किसमें निवेश करना है। सीधे शब्दों में कहें तो चुनाव आपके वित्तीय लक्ष्यों और योजनाओं पर निर्भर करता है।
हालांकि, तकनीकी रूप से और वित्तीय प्रबंधन के मामले में, यूलिप एक अच्छा विकल्प है।
सरल शब्दों में इसका कारण बहुत स्पष्ट है। आपको सबसे पहले जीवन बीमा कवर मिलता है। इसके अलावा, बाजार से जुड़े रिटर्न अर्जित करने का एक विकल्प है। SIP से आपको दोहरा लाभ नहीं मिलता है।
इस प्रकार, समस्या यह है कि, यूलिप के साथ, आपको बीमा और निवेश के लिए अलग-अलग दो वित्तीय उत्पाद खरीदने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अगर आप बीमा के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं या दो अलग-अलग वित्तीय उत्पाद खरीदने के लिए तैयार हैं, तो एसआईपी भी एक अच्छा विकल्प है। SIP का एक अन्य लाभ यह है कि यह एक नए निवेशक के लिए उपयोगी टूल है क्योंकि आप न्यूनतम राशि से भी शुरुआत कर सकते हैं।
दूसरा भाग – 1987 से 1993, – पब्लिक सेक्टर बैंक का म्यूच्यूअल फण्ड में प्रवेश
वर्ष 1987 तक भारत में UTI अकेला म्यूच्यूअल फण्ड संसथान , लेकिन इसी साल भारत सरकार ने पब्लिक सेक्टर बैंक को भी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम लाने की अनुमति दी,
और इस तरह म्यूच्यूअल फण्ड में अलग अलग बहुत सारे बैंक और संस्थाओ ने म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम लाया, जिनमे सबसे प्रमुख बैंक और संस्थाए है –
- Insurance Corporation of India (LIC)
- General Insurance Corporation of India (GIC)
- SBI Mutual Fund
- Can bank Mutual Fund (Dec 1987),
- Punjab National Bank Mutual Fund (Aug 1989)
- Indian Bank Mutual Fund (Nov 89)
- Bank of India (Jun 1990)
इस तरह 1987 के बाद अलग अलग म्यूच्यूअल फण्ड संस्थाओ के पास निवेशको का कुल जमा 6700 से बढ़कर 1993 तक 47000 करोड़ से ऊपर जा चूका था.
तीसरा भाग – 1993 से 2003- MUTUAL FUND का प्राइवेट सेक्टर का प्रवेश
HISTORY of MUTUAL FUND की अगर बात की जाये तो, वर्ष 1993 में, भारत में म्यूच्यूअल फण्ड का एक नया युग शुरू हुआ,
क्योकि इस से पहले सभी म्यूच्यूअल संस्था UTI के UNDER काम कर रहे थे, लेकिन
1993 में भारत में SEBI की स्थपाना हुई, और SEBI की स्थापना के बाद अब सभी संस्थाओ को SEBI के नियमो का पालन करना था,
SEBI द्वारा म्यूच्यूअल फण्ड संस्थाओ को ORGANISED तरीके से विकास और नियमन के उद्देश्य से MUTUAL FUND REGULATION 1993 लाया गया,
और प्राइवेट सेक्टर के संस्थाओ को भी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम लाने की अनुमति मिल गई,
1993 के इस अधिनयम में दुबारा संशोधन हुआ और बाद में 1996 में MUTUAL FUND REGULATION 1996 आया,
अगर म्यूच्यूअल फण्ड संस्थानों के कारोबार की बात करे तो वर्ष 2003 के अंत तक कुल 33 म्यूच्यूअल फण्ड संस्थाए काम कर रही थी, जिनका कारोबार 1 लाख 22 हजार करोड़ से भी ऊपर हो चूका था,
चौथा भाग – 2003 के बाद
वर्ष 2003 में UTI को दो भागो में कर दिया गया, एक भाग जो भारत सरकार के UNDER काम कर रही थी, जिसकी कुल राशी लगभग 30 हजार करोड़ थी,
और दूसरा भाग SBI, PNB,BOB द्वारा चलाया जा रहा था, जिसकी कुल राशी 76 हजार करोड़ के उपर जा चुकी थी,
और इस तरह म्यूच्यूअल फण्ड संस्थाओ द्वारा किये जाने वाले प्रमोशन और जागरूकता कार्यक्रमो से म्यूच्यूअल फण्ड बहुत विकसित हुआ है, और 2015 तक म्यूच्यूअल फण्ड संस्थाओ का कुल कारोबार 10 लाख करोड़ के ऊपर जा चूका है,
दोस्तों, म्यूच्यूअल फण्ड की सीरिज में आज हमने बात की HISTORY OF MUTUAL FUND IN INDIA की, अब अगले भाग में ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? बात करेंगे – म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे,
दोस्तों,अगर आर्टिकल अच्छा लगा तो इसे नीचे अपना कमेन्ट करना न भूले,
keep smiling, Keep learning and Keep Earning,
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 167