क्या अब सोने की रंगत उड़ चुकी है? ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
कैसे शेयर बाज़ार (stock market) में निवेश करें
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Ara Oghoorian, CPA. आरा ओघूरियन एक सर्टिफाइड फिनेंसिअल अकाउंटेंट (CFA), सर्टिफाइड फिनेंसिअल प्लानर (CFP), एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (CPA), और ACap Advisors & Accountants, जो एक बुटीक वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग वेल्थ मैनेजमेंट और लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में फुल सर्विस एकाउंटिंग फर्म के संस्थापक हैं। वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग वित्तीय उद्योग में 26 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, आरा ने 2009 में ACap Asset Management की स्थापना की। उन्होंने पहले फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ सैन फ्रांसिस्को, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी, और रिपब्लिक ऑफ़ आर्मेनिया में वित्त और अर्थव्यवस्था मंत्रालय के साथ काम किया है। सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से आरा ने एकाउंटिंग और फाइनेंस में BS की डिग्री प्राप्त की है, फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के माध्यम से एक कमीशन बैंक परीक्षक है, चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट डेसिग्नेशन पर कार्यरत है, एक प्रमाणित वित्तीय नियोजक™ प्रैक्टिशनर है, और एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट लाइसेंस रखती है, एक नामांकित एजेंट, और 65 लाइसेंस की सीरीज़ रखते हैं।
mutual fund schemes: एक साल में 100 रुपए का निवेश बना 154 रुपए
शेयर बाजार ( stock market ) की तुलना में म्यूचुअल फंड स्कीम्स ( mutual fund schemes ) ने एक साल में करीबन ढाई गुना ज्यादा का रिटर्न दिया है। कुछ ऐसी स्कीम्स हैं, जिनमें 100 रुपए का निवेश एक साल में 154 रुपए हो गया, यानी 54 फीसदी का मुनाफा, जबकि इसी दौरान बीएसई सेंसेक्स ( BSE Sensex ) ने केवल 21 फीसदी का रिटर्न दिया है।
शेयर बाजार ( stock market ) की तुलना में म्यूचुअल फंड स्कीम्स ( mutual fund schemes ) ने एक साल में करीबन ढाई गुना ज्यादा का रिटर्न दिया है। कुछ ऐसी स्कीम्स हैं, जिनमें 100 रुपए का निवेश एक साल में 154 रुपए हो गया, यानी 54 फीसदी का मुनाफा, जबकि इसी दौरान बीएसई सेंसेक्स ( BSE Sensex ) ने केवल 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। इक्रा ऑन लाइन के आंकड़े बताते हैं कि 28 जनवरी 2022 तक महिंद्रा मैनुलाइफ मल्टीकैप बढ़त योजना ने एक साल में 54.11 फीसदी का मुनाफा निवेशकों को दिया है। 2 साल में इसने 33.6 फीसदी और तीन साल में 29.1 फीसदी का रिटर्न दिया है। रैंकिंग के मामले में यह स्कीम एक, दो और तीन साल के समय में दूसरे नंबर पर रही है। इस प्रदर्शन पर महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड की इन हाउस इक्विटी चुनने की प्रक्रिया का पता चलता है, जिसे ग्रोथ, कैश फ्लो जनरेशन, मैनेजमेंट और वैल्यूएशन के पैमाने पर आंका जाता है।
इसी अवधि में अगर बड़ौदा मल्टीकैप का रिटर्न देखें तो इसने एक साल में 45.93 फीसदी, दो साल में 30.08 फीसदी और तीन साल में 24.44 फीसदी का फायदा दिया है। इन्वेस्को इंडिया मल्टीकैप की स्कीम ने इसी दौरान एक साल में 37.86 फीसदी का मुनाफा दिया, जबकि दो साल में 25.96 फीसदी और तीन साल में 22.80 फीसदी का रिटर्न दिया है। दरअसल, मल्टीकैप स्कीम में आप एक फंड के जरिए कई मार्केट कैप में निवेश कर सकते हैं। इसमें लार्ज, मिड और स्माल कैप शामिल होते हैं। मल्टीकैप फंड कम से कम तीनों सेगमेंट में 25-25 फीसदी का निवेश करते हैं। साथ ही ये विविधीकरण की भी सुविधा देते हैं।
मनीज वर्थ फिनसर्व के पार्टनर गितेश कुलकर्णी कहते हैं कि मल्टी कैप फंड्स निवेशकों के लिए एक अच्छा पोर्टफोलियो होता है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव में जोखिम को कम करने में मदद करता है। साथ ही तमाम असेट क्लासेस में अवसरों से फायदा देता है। महिंद्रा मैनुलाइफ मल्टीकैप बढ़त योजना की रणनीति ग्रोथ और वैल्यू इन्वेस्टिंग की होती है। यह ढांचागत ग्रोथ और साइक्लिकल वैल्यू पर फोकस करती है। मल्टीकैप कैटेगरी स्कीम सभी तीनों मार्केट कैप में निवेश के अनुशासन का पालन करती है। यह सभी इक्विटी मार्केट को कैप्चर करती है। यह डायनॉमिक असेट अलोकेशन का नजरिया अपनाती है और यह सभी तमाम असेट क्लासेस में अलोकेशन करती है। इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलती है।
आर जी एसोसिएट के दीपक खंडेलवाल का कहना है कि निवेशक इस स्कीम में एसआईपी के जरिए भी निवेश कर सकते हैं जो एक छोटी सी रकम से शुरू हो सकती है। वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग जो निवेशक इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम में निवेश और विविधीकरण चाहते हैं, वे म्यूचुअल फंड की मल्टीकैप स्कीम को चुन सकते हैं। सरकार का फोकस लगातार मैन्युफैक्चरिंग वाले ग्रोथ पर होता है और इसमें प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव और आत्मनिर्भर भारत एजेंडा सभी सेक्टर्स में लागू होते हैं। आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ेगी और इससे रोजगार का निर्माण होगा।
Mutual Fund: इस फंड ने ₹10,000 के मंथली निवेश को 1.2 करोड़ रुपये बनाया, निवेशकों को तगड़ा रिटर्न
Mutual Fund: भारत में वैल्यू इन्वेस्टमेंट की बात जब आती है, तो मनी मैनेजमेंट इंडिया के अनुसार देश में वैल्यू फंड को अनिवार्य करने के लिए सिर्फ एक ही सच है और वह है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड। बता दें कि भारत में अधिकांश इक्विटी फंड विकास-आधारित वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग हैं।
क्या कहते हैं जानकार?
द मनी हंस एंड मनी मैनेजमेंट इंडिया की संस्थापक हांसी मेहरोत्रा कहती हैं कि म्यूचुअल फंड का चयन करते समय निवेशकों को एएमसी और व्यक्तिगत फंड के निवेश के दर्शन और तरीके को समझने की जरूरत है। इससे उन्हें यह पता चल जाएगा कि बाकी फंडों की तुलना में यह फंड कब और कैसा प्रदर्शन करेगा, पर ऐसा करना आसान नहीं होता है। क्योंकि इंडस्ट्री वैल्यू इन्वेस्टिंग जैसे शब्दों का बहुत ही कम इस्तेमाल करती है।
ये हैं निवेश के लिए बेस्ट वैल्यू ओरिएंटेड फंड, जोखिम से सुरक्षा के साथ मिलेगा अच्छा रिटर्न
क्या होते हैं वैल्यू ओरिएंटेड फंड
मिडकैप और स्मालकैप फंड में अभी भी सुस्ती नजर आ रही है. लॉर्जकैप फंड पहले से ही बेहतर रिटर्न दे चुके हैं. लिक्विडिटी क्राइसिस के चलते डेट फंड से निवेशक दूर हो रहे हैं. वहीं, मॉनसून की सुस्त चाल एक चिंता बनी हुई है. ग्लोबल स्तर पर ट्रेड वार और क्रूड भी निगेटिव फैक्टर मौजूद हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में बाजार में उठापटक दिख सकती है. कई निवेशक बाजार में अस्थिरता के इस दौर में जोखिम नहीं लेना चाहते. ऐसे समय में वैल्यू इंवेस्टिंग की रणनीति खासा काम आती है. एक्सपर्ट भी मान रहे हैं कि कम जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए वैल्यू ओरिएंटेड
फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगमका कहना है कि वैल्यू इंवेस्टिंग निवेश का वह तरीका है, जिसमें उन शेयरों में निवेश होता है तो जो अपनी क्षमता से कम कीमत पर ट्रेड कर रहे होते हैं. यानी ऐसे शेयरों में निवेया करना वैल्यू इन्वेस्टिंग है, जो बाजार में डिस्काउंट पर मिल रहे होते हैं. हालांकि उनके फंडामेंटल को लेकर ज्यादा चिंता नहीं होती है. अगर शेयर का फंडामेंटल मजबूत होता है तो उनमें आगे चलकर अच्छी ग्रोथ देखने को मिल सकती है.
हालांकि उनका कहना है कि ऐसे फंड में लंबी अवधि के लिए के लिए पैसा करना सही रणनीति होती है. निवेश का नजरिया कम से कम 5 साल का होना चाहिए. वहीं, जब तक लक्ष्य पूरा न हो जाए, निवेश बनाए रखना चाहिए. बाजार में ऐसे कई फंड हैं, जिन्होंने लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दिया है.
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निवेश के लिए ये हैं अच्छे वैल्यू फंड
Invesco इंडिया कांट्रा फंड
एसेट्स: 3929 करोड़ रुपये (31 मई, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 2.02% (31 मई, 2019)
लांच डेट: 11 अप्रैल, 2007
लांच के बाद से वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग रिटर्न: 13.75 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 14.91 फीसदी
मिनिमम SIP: 500 रुपये
L&T इंडिया वैल्यू वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग फंड
एसेट्स: 8404 करोड़ रुपये (31 मई, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.86% (31 मई, 2019)
लांच डेट: 8 जनवरी, 2010
लांच के बाद से रिटर्न: 14.57 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 13.80 फीसदी
मिनिमम SIP: 500 रुपये
Tata इक्विटी पीई फंड
एसेट्स: 5602 करोड़ रुपये (31 मई, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.88% (31 मई, 2019)
लांच डेट: 29 जून, 2004
लांच के बाद से रिटर्न: 18.92 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 12.64 फीसदी
मिनिमम SIP: 500 रुपये
ग्लोबल मार्केट्स गिरने के बावजूद सोने की कीमतों में तेजी नहीं आई. सोना भी बाजारों के साथ गिरता ही रहा. आमतौर पर ऐसा नही . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 07, 2022, 14:07 IST
कुछ विशेषज्ञों को आर्थिक मंदी की संभावनाएं नजर आती हैं.
कुछ का कहना है कि कोविड से पार करके आगे उज्ज्वल भविष्य है.
ऐसे में निवेशकों को अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए निवेश करना चाहिए.
निखिल वालवलकर, नई दिल्ली. 2022 आम वर्षों की तरह नहीं है. रूस-यूक्रेन संकट के चलते इस वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग वर्ष दुनियाभर में महंगाई चरम पर पहुंची तो शेयर बाजार भी काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. महंगाई वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग पर काबू पाने के लिए दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की. इतिहास पर नजर डालें तो, जब-जब ऐसे हालात बने हैं, तब-तब सोना (Gold) एक सेफ हेवन (निवेश का सुरक्षित विकल्प) बना है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
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