RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

22 राज्‍यों की मंडियों में ऑनलाइन ट्रेडिंग का जरिया बना आईआइएम के निखिल का स्टार्टअप

22 राज्‍यों की मंडियों में ऑनलाइन ट्रेडिंग का जरिया बना आईआइएम के निखिल का स्टार्टअप

काशीपुर, अभय पांडेय : कोरोना वायरस ने बाजार और व्यापार दोनों के स्वरूप को बदलने के लिए विवश कर दिया है। जाहिर तौर इस दौरान डिजिटल मार्केटिंग पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है। ऐसे में मौके की नजाकत को समझते हुए काशीपुर आइआइएम के उदय प्रशिक्षण का हिस्सा रह चुके निखिल ने बीजक नाम से एक ट्रेडिंग एप बनाया। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बीजक एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफाॅॅर्म है। जो कृषि व्यापार के लेनदेन में मुफ्त सुविधा देता है। इसका उद्देश्य कृषि उपज के व्यापार में सूचना, विषमता और जवाबदेही की कमी लाना है।

बीजक देश भर की मंडियों के लिए व्यसायियों के निष्पक्ष रेटिंग और मार्केट खोजने में मदद करता है। इस एप ने आज 22 राज्यों में 400 मंडियों के ट्रेडर्स व किसानों के बीच सेतु बनाने का काम किया है। हाल में बड़ी निवेशक कंपनी ने इस एप में करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस एप को शुरू करने वाले वाले इलाहाबाद निवासी निखिल त्रिपाठी बताते हैं कि उनका और उनकी टीम का मकसद किसानों को नकदी का त्वरित भुगतान व ट्रेडर्स के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है।

कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत सरकार समेत दुनियाभर को सबसे बड़े लॉकडाउन को लागू करने के लिए मजबूर कर दिया। इस दौरान कृषि बाजार में आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों के कारण समय पर क्रय-विक्रय भी प्रभावित हो रहा है। लॉकडाउन के बाद, करीब 50-60% मंडियों में लेनदेन प्रभावित हो रहा है। जिसने प्रत्यक्ष कृषि व्यापारियों (साढ़े दस करोड़ व्यापारियों ) और कुल कृषि क्षेत्र में कार्यरत (21 करोड़ कार्यबल) को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। ऐसे समय में कृषी मंडी व व्यापारियों के लिए बीजक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संजीवनी साबित हुआ है।

लाखों को पैकेज छोड़ पांच दोस्तों ने शुरू किया काम

निखिल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के झूंसी के एक छोटे से गाँव से आते हैं। अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने एनआईटी मेघालय 2017 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। एक किसान के बेटे के रूप में निखिल के दिमाग में हमेशा रहता था कि कुछ ऐसा करना है कि किसानों को लाभ मिल सके। इसके बाद देश के एक नामी मल्टीनेशनल कंपनी में इनकों ब्रेक मिला और लाखों के सलाना पैकेज पर काम करने लगे।

2019 में नौकरी छोड़ अपना स्टार्टअप शुरू किया

वर्ष 2019 में नौकरी छोड़ निखिल ने अपना स्टार्टअप शुरू किया। वर्ष 2019 अक्टूबर में इन्होंने काशीपुर आइआइएम की फीड टीम से स्टार्टअप का प्रशिक्षण मिला। बीजक नाम से इस प्रोजेेक्ट को शुरू करने में उनका साथ इंदौर के नुकुल उपाध्याय ने दिया। जो अमेरिका में एक कंपनी में कंसलटेंसी का काम छोड़ शामिल हुए तो हिसार के जितेन्द्र आआइटी जैसा संस्थान छोड़कर इस प्राजेेक्ट से जुड़े। हैदराबाद के रहने वाले महेश ने बिड़ला इंडयूटी आफ टेक्टनालीजी से पढ़ाई के बाद इस फर्म में शामिल हुए। बनारस बीएचयू के प्रोडेक्ट दया राय भी आज कंपनी महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

उत्तर प्रदेश के कन्नौज से शुरू किया गया काम

बीजक कंपनी ने पहले यूपी के कन्नौज से अपना काम शुरू किया। निखिल ने पहले आलू के सप्लाई की चैन समझनी शुरू की। इसमें रिर्सच में पाया गया कि देश में सप्लाई चैन में सूचना, विषमता और जवाबदेही की कमी है। सप्लायर का पैसा फंसता है तभी किसानों तक त्वरित भुगतान नहीं हो पाता हैं। इन लोगों ने पहले आलू की सप्लाई चैन में सप्लायर, आढ़ती व किसानों से संपर्क किया। इन्होंने कोल्ड स्टोर से अलग-अलग मंडियों के आढतियों को जोड़ने का काम किया और पहला खेप आलू गोरखपुर, बिहार व छतीसगढ़ मंडी तक भेजा। इसके बाद मंडियों के अच्छे आढ़तियों की रेंटिग तैयार की गई। आज 22 राज्यों में तकरीबन 500 लोकेशन पर बीजक अपना काम कर रही है। छोटे जिले में बैठा आढ़ती नासिक से प्याज के साथ अनाज भी मंगा लेता है। राजस्थान, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मप्र, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व दक्षिण भारत के राज्य भी इस चेन के जरिये जुड़ चुके हैं।

एक साल में ही कंपनी में 100 करोड़ का निवेश

स्टार्टअप से जुड़े अंतरराष्ट्रीय निवेशकों आमनिवोर, ओमिदायर, सीकोया व आरटीवी ने तकरीबन 100 करोड़ रुपये इस कंपनी की इक्ववीटी फंड के रूप में निवेश किया है। इन कंपनियों को इस प्रोजेक्ट में भारत के अंदर सबसे तेजी से बढ़ने की संभावना दिख रही है।

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हिंदी सहित 10 भाषाओं में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगी जीरोधा

[ के आर बालासुब्रमण्यम | बेंगलुरु ]डिस्काउंट ब्रोकिंग स्टार्टअप जीरोधा अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म काइट को हिंदी सहित करीब 10 भाषाओं में लॉन्च.

[ के आर बालासुब्रमण्यम | बेंगलुरु ]

डिस्काउंट ब्रोकिंग स्टार्टअप जीरोधा अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म काइट को हिंदी सहित करीब 10 भाषाओं में लॉन्च करने वाली है। काइट को एक महीना पहले ही शुरू किया गया था। फर्म ने कहा कि करीब पांच हफ्तों में ये लैंग्वेज पोर्टल्स उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएंगे।

जीरोधा के फाउंडर नितिन कामथ (35) ने कहा, 'इंटरनेट की पहुंच बढ़ी तो है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अब भी फोन पर ही ट्रेडिंग कर रहे हैं क्योंकि अंग्रेजी में उन्हें दिक्कत होती है। हम उन्हें उनकी भाषा में प्लेटफॉर्म देना चाहते हैं।'

ब्रोकिंग बिजनेस के परंपरागत ढर्रे में यह लीक से हटकर बात होगी और देखना होगा कि निवेशक इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। सेबी के फॉर्मर चेयरमैन एम दामोदरन ने कहा, 'जहां तक मुझे याद है, अब तक रीजनल लैंग्वेज में कोई पोर्टल नहीं आया है। जिन्हें अंग्रेजी में काम करने में दिक्कत होती है, उनके लिए यह पहल उपयोगी होगी।'

काइट का प्रोपराइटरी प्लेटफॉर्म लॉन्च करने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से पहले फर्म थॉमसन रायटर्स की सर्विसेज ले रही थी। जीरोधा के टेक्नोलॉजी हेड (29) कैलाश नाध ने कहा, 'काइट लाइटवेट है। यह परंपरागत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के मुकाबले इंटरनेट बैंडविड्थ का 175वां हिस्सा यूज करता है।' उन्होंने कहा कि काइट में एडवांस्ड बिहैवियरल एनालिटिक्स और विजुअलाइजेशन प्लेटफॉर्म जोड़ा गया है, जिसे क्वॉन्ट कहा जाता है। इससे ट्रेडर्स को अपना ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग बिहैवियर समझने में मदद मिलती है और वे पूरी सूचना जुटाकर निवेश के फैसले कर पाते हैं।

इस स्टार्टअप को बेंगलुरु में कामथ ने पांच साल पहले शुरू किया था। नाध ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के जरिए फाइनेंशियल इन्क्लूजन की एक नई बड़ी लहर पैदा करें।'

इस मकसद के साथ टीम एक ऐप टीस्पून लॉन्च करने की तैयारी में है। इसका मकसद यंग प्रोफेशनल्स में बचत की आदत को बढ़ावा देना है। जब कोई स्मार्टफोन यूजर साइन-अप करेगा और इस ऐप से बैंक एकाउंट को लिंक करेगा, तो वह इस प्रॉडक्ट पर स्वाइप कर छोटे से छोटे इनवेस्टमेंट को ट्रांसफर कर सकेगा।

फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी इनोवेटर के रूप में जीरोधा का सफर 2013 में शुरू हुआ था। तब नाध इस स्टार्टअप की टेक इकाई रेनमैटर टेक्नोलॉजीज को लॉन्च करने के लिए कामथ के साथ जुड़े ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म थे। फर्म का फोकस टेक्नोलॉजी की ओर मुड़ने के साथ 2014-15 में इसकी आमदनी बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गई, जो उससे वाले साल में 27 करोड़ रुपये थी। नाध ने कहा कि इस स्टार्टअप ने अपना टेक आर्किटेक्चर तैयार करने में अब तक 7.5 करोड़ रुपये निवेश किए हैं।

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI ने 34 ऐसी एंटिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा उनके जरिए लेनदेन करना गैरकानूनी है.

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

रिजर्व बैंक की तरफ से जारी इन अनधिकृत एंटिटीज़ की लिस्ट में ओलिंप ट्रेड(Olymp Trade), अल्पारी (Alpari), एनीएफएक्स (AnyFX), बिनोमो (Binomo), फॉरेक्स.कॉम (Forex.com), एफबीएस (FBS), फॉरेक्स4मनी (Forex4money), हॉट फॉरेक्स (HotForex), आईफॉरेक्स (iFOREX) और एक्सटीबी (XTB) जैसी 34 वेबसाइट्स शामिल हैं. इन सभी वेबसाइट्स की पूरी लिस्ट आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर यहां जाकर देख सकते हैं: https://rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4183

रिजर्व बैंक की चेतावनी

भारतीय ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर देखें अलर्ट लिस्ट

रिजर्व बैंक ने इससे पहले 3 फरवरी 2022 को भी अपनी तरफ से बयान जारी करके आम लोगों को हिदायत दी थी कि वे किसी भी अनधिकृत ETP विदेशी मुद्रा के जरिए किसी तरह का लेनदेन न करें. साथ ही लोगों को किसी भी तरह के अनधिकृत फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन यह स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद रिजर्व बैंक के पास अब भी ऐसे रेफरेंस आते रहते हैं, जिनमें किसी ETP की कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब RBI ने अपनी वेबसाइट पर अनधिकृत एंटिटीज़ और वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट डालने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई एंटिटी या वेबसाइट इस अलर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो अधिकृत है. इस लिस्ट में सिर्फ उन्हीं एंटिटीज़ के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में रिजर्व बैंक को यह बयान जारी करते समय मालूम था.

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