यहां अपनी छोटी बचत निवेश कर बना सकते हैं अच्छा फंड

जहाँ आज निवेश करना अधिक लाभदायक है

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Investment Tips: छोटी-छोटी बचत बना देगी आपको अमीर, सिर्फ 1000 रुपये से इन योजनाओं में करें निवेश

Best Investment Options: पहली बार निवेश करने वालों के लिए पीपीएफ एक अच्छा विकल्प है। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। साथ ही इस निवेश विकल्प में कोई टैक्स (Tax) देनदारी नहीं है। यहां निवेशक को चक्रवद्धि ब्याज दर (Interest Rate) का फायदा मिलता है। यहां आप हर महीने 1,000 रुपये निवेश करें तो एक साल में आप 12,000 रुपये निवेश करेंगे। यहां आप 15 साल तक नियमित निवेश करेंगे तो कुल 1,80,000 रुपये निवेश होंगे

Best Investment Options

यहां अपनी छोटी बचत निवेश कर बना सकते हैं अच्छा फंड

म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) इस समय काफी लोकप्रिय निवेश विकल्प है। अगर आप अपने निवेश पोर्टफोलियों में इक्विटी को शामिल कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, यह पीपीएफ और आरडी की तरह सुरक्षित निवेश विकल्प नहीं है। म्यूचुअल फंड में रिटर्न अच्छा मिलता है, लेकिन इसमें थोड़ा जोखिम भी होता है। एसआईपी (SIP) के जरिए हर महीने एक तय राशि म्यूचुअल फंड में निवेश की जाती है। अगर आप एक हजार रुपये की एसआईपी बनाते हैं, तो पांच साल में आप म्यूचुअल फंड में कुल 60,000 रुपये निवेश कर पाएंगे। इस राशि पर 10 फीसद के औसत रिटर्न के हिसाब से आपका 78,082 रुपये का फंड बनेगा। अगर आप निवेश की अवधि को 15 साल के लिए ले जाते हैं तो 1,80,000 रुपये जमा कर पाएंगे ओर 4,17,924 रुपये का फंड बनेगा।

Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प

पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.

Published: October 29, 2020 5:08 PM IST

Rs 500 Note

आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.

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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.

पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

कंपनियों के शेयरों में निवेश

शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.

रेकरिंग टर्म डिपॉजिट

रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड्स में निवेश

आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.

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कम पैसे में करना चाहते ज्यादा कमाई, ये हैं आपके पास निवेश के बेस्ट ऑप्शन

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। क्या आप निवेश की योजना बना रहे हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे हैं कि पैसा कहां लगाएं, तो चिंता न करें आप अकेले नहीं हैं जो इस दुविधा से गुजर रहे हैं। आम धारणा है कि लोग पैसा न होने की वजह से निवेश नहीं कर पाते। हालांकि निवेश न कर पाने की मुख्य वजह पैसा नहीं होती, वास्तविकता में लोग ये चुनाव ही नहीं कर पाते कि उन्हें अपना पैसा कहां लगाना है और इसी सवाल का जवाब तलाशते हुए वो गैर-जरूरी कामों में पैसा खर्च कर देते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि निवेश कितनी तरह के होते हैं जिससे आप वक्त पड़ने पर निवेश का सही फैसला ले सकें।

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नए जमाने के निवेश

नए जमाने में स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, कमोडिटी ट्रेडिंग की खूब बातें होती है। स्टॉक ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की ज़रूरत पड़ेगी. डीमैट अकाउंट वो खाता है जिसमें शेयर डीमैटीरियलाइज़ फॉर्म (डिजिटिल फॉर्म) में होते हैं। दूसरा है ट्रेडिंग अकाउंट, जिसमें आप इंट्राडे कारोबार कर सकते हैं।

Investors should keep these things in mind in bull and bear market

कमोडिटी मार्केट ( सोना, चांदी आदि)

स्टॉक जहाँ आज निवेश करना अधिक लाभदायक है मार्केट में दो तरह की ट्रेडिंग होती है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन में शेयर ख़रीदकर बेचने होते हैं. यानी बाज़ार खुला, आपने शेयर खरीदे और बाज़ार बंद होने से पहले बेच दिए. जो मिला वो आपकी जेब में गया.अगर आप मुनाफ़े की हाफ़ और फुल सैंचुरी लगाना चाहते है, तो 6 महीने से ज़्यादा लंबा खेलना होगा. इसे ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कहते है. यानी डीमैट अकाउंट में शेयर 6 महीने से ज़्यादा रखे होने चाहिए.

Stock Market Investment: what is Face Value, Know all details

अब आते हैं कमोडिटी मार्केट ट्रेडिंग पर.इसे यूँ समझें कि ट्रेडिंग हर चीज़ की हो सकती है. मिसाल के लिए अगर ये सामान आलू, प्याज, गेहूँ, चना है तो इसे कहेंगे एग्रीकमोडिटी ट्रेडिंग. ये भी बिल्कुल शेयर मार्केट की तरह होती है. इसमें भी डीमैट अकाउंट चाहिए. यानी न तो आपको अपने हाथ से कुछ बेचना है और न खरीदना.कुछ ऐसा ही होता है मेटल ट्रेडिंग में यानी सोने और चांदी की ट्रेडिंग में। मोबाइल उठाया और सौदा कर लिया. फ़ायदा दिखा, सौदा बेच दिया। अकाउंट में पैसे आ गए।

Keep these things in mind for long term investment

शेयर बाजार में रिस्क के अपने अपने स्तर होते हैं जो कई अलग अलग बातों पर निर्भर करते हैं। इस तरह के निवेश विकल्पों का सबसे बड़ा फायदा इनमें ऊंचे रिटर्न की संभावना और सबसे बड़ा नुकसान इससे जुड़े जोखिम होते हैं। कोरोना संकट में गिरावट के बाद शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिए हैं।

जिन्हें शेयर बाजार से डर लगता है लेकिन कम समय में ज्यादा कमाई करना चाहते है। उनके लिए म्युचूअल फंड एक अच्छा ऑप्शन है। शेयर बाजार के बड़े एक्सपर्ट्स इस काम को आम आदमी के लिए करते है. अगर आसान शब्दों में समझें तो म्युचूअल फंड हाउस एक फंड मैनेजर को नियुक्त करता है। वो निवेशक के पैसों को शेयरों में लगाकर निवेशकों को एफडी के मुकाबले कई गुना तक रिटर्न दिलाते है।

इन दिनों एसआईपी की बातें बहुत होती है. SIP (सिप) क्या है- सिप (SIP) या सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपको हर महीने एक निश्चित रकम को आपकी पसंदीदा Mutual Fund स्कीम में डालने का अवसर देता है. यह आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में शुरू किया जाता है.

महंगाई के बीच ये है बेस्ट ऑप्शन

इस समय सब बढ़ती महंगाई से परेशान हैं. वहीं, एक आम आदमी खर्चों में हर साल 10-12% की दर से बढ़ोतरी होती है। मेडिकल और शिक्षा का खर्च भी हर साल बढ़ रहा है। इक्विटी को इन्वेस्टमेंट प्लानिंग का हिस्सा बनाएं, क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर होता है। इक्विटी में लंबी अवधि के लिए निवेश करें. लंबी अवधि में 12-15% रिटर्न मिल सकता है. बच्चों की पढ़ाई, शादी जैसे लक्ष्यों के लिए इक्विटी बेहतर होते हैं।

निवेश के कुछ ऑप्शन ये भी हैं

निश्चित रिटर्न वाले निवेश में आपको निवेश के वक्त ही पता चल जाता है कि एक खास समयअवधि के बाद निवेश पर कितना रिटर्न मिलेगा। क्योंकि इनका रिटर्न और समयसीमा तय होती है इसलिए इन्हें सबसे कम जोखिम का निवेश भी माना जाता है। निवेश की इस कैटेगरी में जोखिम के स्तर इस बात से तय होते हैं कि निवेश का ये विकल्प किस संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है। इस तरह के निवेश की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि निवेशकों को इसमें अपनी तरफ से खास मेहनत नहीं करनी पड़ती, साथ ही इसमें निवेश की लागत भी न के बराबर होती है। भारत सरकार से लेकर निजी कंपनियां तक ऐसे प्रोडक्ट ऑफर करती हैं। यहां ऐसे ही कुछ निवेश विकल्प दिए गए हैं।

सरकारी योजनाएं, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस स्कीम, किसान विकास पत्र, बैंक के द्वारा ऑफर निवेश विकल्प-सेविंग बैंक अकाउंट, बैंक फिक्सड डिपॉजिट,रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट,स्पेशल बैंक टर्म डिपॉजिट, अन्य-ये निवेश विकल्प सरकार और निजी कंपनियों दोनो के द्वारा ऑफर किये जा सकते हैं. बॉन्ड,डिबेंचर,कंपनियों की एफडी.

Mutual Fund: निवेश की पाई-पाई का रखें हिसाब; SIP से रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का कैसे मिलता है फायदा? एक्‍सपर्ट की राय

Mutual Fund SIP: एक्‍सपर्ट मानते हैं कि SIP के जरिए हर महीने एक तय रकम निवेश करने का विकल्‍प मिलता है. एसआईपी का फायदा लंबी अवधि के निवेश में है, जहां कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि SIP रुपी कॉस्ट एवरेजिंग पर काम करता है.

Mutual Fund SIP: इक्विटी मार्केट में सीधे जोखिम लेने से डरते हैं, तो म्‍यूचुअल फंड के जरिए कैपिटल मार्केट के आकर्षक रिटर्न का फायदा उठा सकते हैं. डायवर्सिफिकेशन के चलते म्‍यूचुअल फंड में निवेश सीधे इक्विटी की तुलना में सेफ है. आज के समय में म्‍यूचुअल फंड में निवेश काफी आसान है. इसके लिए आपको एकमुश्‍त बड़ी रकम की जरूरत नहीं है. SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए आप हर महीने म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम में निवेश कर सकते हैं. यह बैंक के आरडी की तरह ही होता है, लेकिन इसमें रिटर्न बाजार की परफॉर्मेंस के आधार पर मिलता है. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि छोटी बचत के रेगुलर निवेश के लिए SIP एक बेहतर विकल्‍प है. SIP का फायदा लंबी अवधि के निवेश में है, जहां कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि SIP रुपी कॉस्ट एवरेजिंग पर काम करता है.

क्या है SIP?

SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में नियमित निवेश का एक तरीका है. इसमें साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, सालाना निवेश ऑप्‍शन मिलता है. कम से कम 500 से निवेश कर सकते हैं. कई फंड में मिनिमम निवेश 100 रुपया भी है. SIP के जरिए लंबी अवधि में वेल्‍थ क्रिएशन आसानी से किया जा सकता है. जितनी जल्‍दी SIP शुरू किया जाए, कम्‍पाउंडिंग में उसका उतना ज्‍यादा फायदा मिलता है. बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए SIP जहाँ आज निवेश करना अधिक लाभदायक है के जरिए निवेश ज्‍यादा बेहतर ऑप्‍शन है. SIP से निवेश में जोखिम कम रहता है. भविष्य में SIP की रकम को बढ़ाने का विकल्प भी रहता है.

SIP: रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर अमित कुमार निगम कहते हैं, एक निवेशक बाजार में कब एंट्री करनी है, इसको लेकर तमाम अटकलें लगाता है. यानी, अभी बाजार में पैसा लगाने लायक माहौल है या नहीं. लेकिन, एक अनुभवी पेशेवर के लिए भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उसे बाजार में कब एंट्री करना है या कब बाहर निकला है. हम अक्सर भावनाओं पर भरोसा करते हैं और बाजार की स्थितियों से प्रभावित हो जाते हैं. SIP के जरिए निवेश में एक फायदा है कि यह रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग पर काम करता है. यानी, रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग अनुमान लगाने की संभावनाओं को कम कर देता है.

निगम का कहना है, रुपी एवरेजिंग जहाँ आज निवेश करना अधिक लाभदायक है अप्रोच में हम रेगुलर इंटरवल पर एक तय अमाउंट निवेश करते हैं, भले ही बाजार में तेजी या गिरावट हो. यह सुनिश्चित करता है कि जब बाजार गिरावट में हो, तो हम ज्‍यादा यूनिट खरीदें और जब उसमें तेजी हो तो कम. यह अप्रोच लंबी अवधि में प्रति यूनिट हमारी एवरेज कॉस्‍ट को कम करता है. SIP इसी सिद्धांत पर काम करता है. सीधा मतलब यह है कि अगर लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखते हैं, तो गिरावट का ज्यादा असर नहीं होगा.

SIP AUM ऑलटाइम हाई पर

एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में SIP अकाउंट्स की संख्या 5.71 करोड़ के टॉप पर पहुंच गई और 12,693.45 करोड़ रुपये का निवेश आया. SIP AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) ऑलटाइम हाई पर है और यह 6.39 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर जा पहुंचा है. अगस्त 2022 में 21.13 लाख नए SIP अकाउंट्स रजिस्टर हुए.

Amfi के मुताबिक, रिटेल निवेशकों की बढ़ते इंटरेस्‍ट के चलते SIP AUM ऑलटाइम हाई पर है. SIP फोलियो और म्यूचुअल फंड के कुल फोलियो और एयूएम भी ऑलटाइम हाई पर है. रिटेल निवेशकों की भागीदारी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 50 फीसदी से ज्यादा है.

(डिस्‍कलेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले सभी दस्‍तावेज सावधानी से पढ़ लें और अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

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