HH Pramukh Swami Maharaj Ji was a reformist. He was special because he saw good in every person and encouraged them to focus on these strengths. He helped every individual who came in contact with him. I can never forget his efforts during the Machchhu dam disaster in Morbi: PM pic.twitter.com/Q8J64kSfPF — PMO India (@PMOIndia) December 14, 2022

18 साल में छोड़ा घर, दुनियाभर में बनाए 1100 मंदिर, जानिए स्वामी नारायण स्वरूपदास जी की कहानी

एक महीने तक चलने वाले इस इवेंट के लिए अहमदाबाद के भीतर ही एक पूरा का पूरा शहर बसा दिया गया है. 600 एकड़ जमीन दान की है, जिन पैसों से निर्माण हुआ है, वो भी दान के हैं.

Pramukh Swami Maharaj

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  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • (Updated 15 दिसंबर 2022, 8:24 AM IST)

बीएपीएस संस्थान में 7000 से ज्यादा लोग काम करते हैं.

मंदिर के मामले में दर्ज है ये विश्व रिकॉर्ड

स्वामी नारायण संस्थान (BAPS) के प्रमुख स्वामी नारायण स्वरूपदासजी की जन्म शताब्दी पर अहमदाबाद में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस समारोह में पीएम मोदी भी शामिल थे. स्वामी प्रमुख का जन्म शताब्दी समारोह 15 दिसंबर 2022 से 15 जनवरी 2023 तक चलेगा. समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- प्रमुख स्वामी जी से मेरा एक आध्यात्मिक नाता था, एक पिता-पुत्र चलती औसत रेखा क्या है का स्नेह था. आज भी वह जहां होंगे मेरे हर पल को देखते होंगे, बारीकी से मेरे हर काम को देखते होंगे. उन्होंने मुझे जो सिखाया-समझाया, क्या मैं उसी राह पर चल रहा हूं या नहीं, वह जरूर चलती औसत रेखा क्या है देखते होंगे.

सेवाभाव से काम कर रहे लोग

एक महीने तक चलने वाले इस समारोह के लिए अहमदाबाद में पूरा शहर बसा दिया गया है. जहां यह समारोह हो रहा है वह 600 एकड़ जमीन दान की है, जिन पैसों से निर्माण हुआ है, वो भी दान के हैं. जो लोग काम कर रहे हैं वे भी सेवाभाव से कर रहे हैं. स्वामी नारायण संस्थान के दुनिया में लाखों फॉलोअर्स हैं. इस इवेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा. इस इवेंट में 55 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसके लिए होटलों की बुकिंग भी हो चुकी है. बीएपीएस संस्थान में 7000 से चलती औसत रेखा क्या है ज्यादा लोग काम करते हैं.

कौन थे स्वामी शांतिलाल पटेल
वड़ोदरा में 7 दिसंबर 1921 को शांतिलाल पटेल का जन्म हुआ था. 18 साल की उम्र में ही वे घर छोड़कर अध्यात्म की ओर चले गए. 1940 में वे शास्त्री महाराज के शिष्य बने और इसी दौरान उनका नाम बदलकर नारायण स्वरूपदास स्वामी रख दिया गया. साल 1950 में मात्र 28 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने बोचासणवासी अक्षर पुरुषोत्तम चलती औसत रेखा क्या है संस्थान (बीएपीएस) के प्रमुख का पद संभाल लिया था. तभी से वे "प्रमुख स्वामी' के नाम से पहचाने जाने लगे. अपनी नम्रता, करुणा और सेवाभाव के चलते वे जल्द ही दुनियाभर में मशहूर हो गए. संत श्री प्रमुख स्वामी महाराज ने अपना पूरा जीवन मानवता की भलाई में लगा रखा था.

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

शांतिलाल पटेल जी के फॉलोअर्स में पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम भी शामिल थे. 2016 में जब उन्होंने शरीर त्यागा तब पीएम मोदी भी रो पड़े थे. नारायण स्वरूपदास स्वामी ने दुनियाभर में 1100 मंदिरों का निर्माण कराया था. और इसी वजह से स्वामी प्रमुख का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. गांधीनगर और दिल्ली में यमुना के किनारे मौजूद अक्षरधाम मंदिर प्रमुखस्वामी की अगुआई में ही बना था. उन्होंने करीब ढाई लाख लोगों को नशे की लत छुड़वाई थी.

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