सरगम कौशल 21 बरस बाद मिसेज वर्ल्ड का खिताब भारत ले आईं

नई दिल्ली। क्या अजीब इत्तफाक है कि देश के लिए ‘मिस यूनिवर्स’ का खिताब जीतने वाली सुष्मिता सेन ने एक फिल्म में कॉलेज लेक्चरर का किरदार निभाया था और उन्हें देखकर विश्व सुंदरियों में शुमार होने के सपने देखने वाली जम्मू की सरगम कौशल ने एक स्कूल में अंग्रेजी साहित्य (english literature) की शिक्षिका (teacher) के तौर पर काम करते हुए ‘मिसेज वर्ल्ड’ का खिताब अपने नाम कर लिया।

21 बरस पहले जब यह खिताब मॉडल-अभिनेत्री अदिति गोवित्रिकर के सिर पर सजकर भारत आया था, तब सरगम बमुश्किल 11 बरस की रही होंगी। उस समय उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि दूसरी बार यह खिताब लाने का श्रेय उनके खाते में जाएगा। हालांकि, सरगम ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि वह जब बहुत छोटी थीं, तब उनके पिता उनसे सुष्मिता सेन जैसा बनने के लिए कहते थे। सरगम के पिता ने उन्हें सुष्मिता सेन का एक चित्र लाकर भी दिया था, जिसमें वह ब्रह्मांड सुंदरी का ताज पहने नजर आ रही थीं। सरगन के पिता ने उनसे ताज पहनी सुष्मिता का स्केच बनाने के लिए भी कहा था।

सरगम ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि एक दिन वह भी इसी तरह का ताज पहनें। ऐसा लगता है कि सुष्मिता के उस स्केच की लकीरों ने सरगम के भाग्य में विश्व प्रतियोगिता जीतने की लकीरें उकेर दीं और वह अपने पिता का सपना पूरा कर पाईं।

भारतीय नौसेना में अधिकारी आदित्य मनोहर शर्मा की पत्नी सरगम का कहना है कि एक नौसैनिक की पत्नी होने के नाते इस बार देश का गौरव बढ़ाने की अपने हिस्से की जिम्मेदारी उन्होंने खुद निभाई। वह कहती हैं, आमतौर पर सैनिकों की पत्नियां भी छिपी हुई सैनिक ही होती हैं, जो पर्दे के पीछे बहुत से काम करती हैं, लेकिन मैंने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला और देश को गौरवान्वित किया। इस पूरे सफर में मेरे पति पूरी मजबूती से मेरे साथ खड़े रहे।

मजे की बात देखिए कि पूरी दुनिया में सबसे सुंदर विवाहित महिला करार दी गई सरगम इससे पहले कभी देश से बाहर नहीं गई थीं। ‘मिसेज इंडिया’ का खिताब जीतने के बाद जब वह ‘मिसेज वर्ल्ड’ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका रवाना हुईं तो उन्होंने पहली बार देश से बाहर कदम रखा। सरगम ने बताया, प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना मेरी पहली विदेश यात्रा थी और वह भी अकेले, लेकिन मैं पूरे भारत की महिलाओं को अपने दिल में अपने साथ ले गई थी।

भारत की बेटी होने का यही जज्बा उनके भीतर जीतने की ललक बढ़ाता रहा। सरगम कहती हैं कि उनकी यह यात्रा भारतीय महिलाओं के सशक्तीकरण, ताकत और निश्चय की कहानी सुनाती है। उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान जो परंपरागत पोशाकें पहनीं, वे कश्मीर की उन ग्रामीण महिलाओं ने बुनी थीं, जिनके पति हिंसा की भेंट चढ़ गए थे। 17 सितंबर 1990 को जम्मू में जन्मी सरगम कौशल के पिता जीएस कौशल बैंक ऑफ इंडिया में मुख्य प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए। सरगम बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता की मां का नाम मीना कौशल है और उनका भाई मंथन कौशल उनसे सात बरस छोटा है। आदित्य मनोहर शर्मा से उनकी मुलाकात 2015 में हुई और 2018 में इन दोनों ने शादी कर ली।

शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो सरगम ने जम्मू के प्रजेंटेशन कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के बाद वुमेंस कॉलेज से स्नातक स्तर की पढ़ाई की और फिर जम्मू विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की। उन्होंने जम्मू के सरकारी बीएड कॉलेज से बीएड किया और केसी इंटरनेशनल स्कूल में अंग्रेजी साहित्य की शिक्षिका के तौर पर अपना करियर शुरू किया। जल्द ही उन्होंने एक मॉडल के तौर पर ग्लैमर जगत में कदम रखा।

पांच फीट आठ इंच लंबी सरगम ने इस वर्ष जून में ‘मिसेज इंडिया वर्ल्ड’ का खिताब जीता और उसी के आधार पर उन्होंने अमेरिका में ‘मिसेज वर्ल्ड’ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। सरगम का दुनिया की 63 सुंदरियों को हराकर ‘मिसेज वर्ल्ड’ का खिताब जीतना एक बार फिर यह साबित करता है कि इनसान अगर दिल से किसी चीज को पाने की ख्वाहिश करे तो पूरी कायनात उसे वह चीज दिलाने में मदद करती है, जरूरत होती है तो बस मेहनत और जज्बे की।

कोरोना प्रोटोकॉल के साथ संचालित होंगे रैन बसेरे

योगी सरकार ने बेसहारा, निराश्रित और कमजोर वर्ग के असुरक्षित लोगों को बढ़ती ठंड और शीतलहर के साथ कोरोना से बचाने के लिए कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार रैन बसेरों बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता का संचालन करने के निर्देश दिए हैं।

by लखनऊ ब्यूरो

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री

चीन में कोरोना के बढ़ रहे खतरे की आ रही खबरों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से खासकर बेसहारा, निराश्रित और कमजोर वर्ग के असुरक्षित लोगों को बढ़ती ठंड और शीतलहर के साथ कोरोना से बचाने के लिए कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार रैन बसेरों का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। जारी दिशानिर्देशों बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रैन बसेरों में साफ-सफाई के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाए। नियमित सेनेटाइजेशन हो और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए। उल्लेखनीय है कि चीन में कोरोना संक्रमण के कई नए मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार भी सतर्क हो गई है।

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए गरीबों, निराश्रितों व कमजोर वर्ग के लोगों के लिए रैन बसेरों की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय निदेशालय की डायरेक्टर नेहा शर्मा की ओर से समस्त नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के अंतर्गत दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में कोविड प्रोटोकॉल के पालन को अनिवार्य बताया गया है। निर्देश दिया गया है कि रैन बसेरों में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन की कार्यवाही संचालित की जाए और कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत सामाजिक दूरी (सोशल बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता डिस्टेंसिंग) का भी अनुपालन कराया जाए। निर्देशों का अनुपालन करते हुए निकाय में संचालित रैन बसेरों का विस्तृत विवरण निदेशालय के गूगल लिंक पर प्रतिदिन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि जिलों में संचालित समस्त रैन बसेरों में व्यवस्थाओं की राज्य स्तर पर निगरानी की जा सके।

प्रदेश के बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता स्थानीय निकाय निदेशालय की डायरेक्टर नेहा शर्मा ने इन दिशानिर्देश के संदर्भ में बताया कि रैन बसेरों में कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन के निर्देश सामान्य हैं, लेकिन चीन में जो कोरोना का आउटब्रेक देखने को मिल रहा है उसके दृष्टिगत एहतियातन हमें भी अब थोड़ा और सतर्क होने की जरूरत है। ये बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता निर्देश सामान्य निर्देशों के क्रम में ही थे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इनका अनुपालन करना आवश्यक और अनिवार्य है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रोएक्टिव एक्शन के तहत ये निर्देश जारी किए गए हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट से आगे यदि कोई और निर्देश मिलता है तो उसके भी अनुपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा।

कोरोना प्रोटोकॉल के अलावा जो दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, उनमें कहा गया है कि नगरीय निकायों में सड़क, फुटपाथ एवं अन्य खुले स्थानों पर रात में सोने वाले निराश्रित असहाय एवं कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने हेतु रैन बसेरों को तत्काल शुरू किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक स्थानों यथा सड़क, पटरी, अस्पताल, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मंदिर और सार्वजनिक बाजार इत्यादि में कोई भी असहाय व्यक्ति खुले में न सोए। ये भी कहा गया है कि नगर आयुक्त अपने निकाय में भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता किसी भी अवस्था में कोई भी आश्रयहीन व्यक्ति खुले में न सोए। यदि कोई व्यक्ति खुले में सोया हुआ पाया जाता है तो उसे निकटतम बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता रैन बसेरे में रहने की उचित व्यवस्था प्रदान की जाए। रैन बसेरों में सुविधाएं अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण हों तथा इनमें साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल एवं प्रकाश की व्यवस्था की जाए। महिलाओं एवं पुरुषों के सोने व शौंचालय की अगल व्यवस्था हो।

जारी निर्देशों में यह भी अपेक्षा की गई है कि नगर आयुक्त, एवं अधिशासी अधिकारी व्यापार मंडल, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं बैंकिंग संस्थाओं आदि से समन्वय स्थापित कर निराश्रित एवं कमजोर वर्गों के अनुरक्षित व्यक्तियों को कंबल वितरण की व्यवस्था कराएं। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में अलाव जलाने के लिए सार्वजनिक स्थानों का चिन्हीकरण कर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नगर आयुक्तों को ये भी निर्देश है कि वो रात में भ्रमण कर खुले में सोने वाले व्यक्तियों को रैन बसेरों में पहुंचाने की व्यवस्था कराएं, ताकि किसी भी व्यक्ति की खुले में सोने से मृत्यु न हो। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए।

अवंतिका शिक्षकों को देती है प्रेरणा, जाने इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार से किसे किया गया सम्मानित

अवंतिका शिक्षकों को देती है प्रेरणा, जाने इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार से किसे किया गया सम्मानित

दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित अवंतिका के राष्ट्रीय सम्मान समारोह में (द प्राइड ऑफ अवंतिका राष्ट्रीय पुरस्कार 2022) पहला पुरस्कार विवेक विहार अर्वाचीन स्कूल की प्राचार्यी डा उर्मिला शर्मा को दिया गया। संस्था की सचिव रजनी अग्रवाल के मुताबिक अवंतिका बच्चों की उन्नति के लिए हर साल पूरे देश में आयोजन करती है। प्रतियोगिता में हर साल दो लाख बच्चे भाग लेते हैं।

पुरस्कार विशिष्ट अतिथि अर्वाचीन स्कूल के निदेशक अनुरूप शर्मा ने वितरित किए। पुरस्कार पाने वालों में रेगीज फैडरिक (पुदूचेरी), हेमंत कुमार पांडया (निकाल, गुजरात), अंजू लूथरा (महाराष्ट्र), सिस्टर मलिका (दिल्ली), डा नीता सिंह (मथुरा), डा अफशाद अहमद (कर्नाटक), योगेश श्रीधर (गुजरात), सिस्टर डैफलिन (मेघालय), राजेश गुप्ता (हरिणाया), वैशाली सिंह (उत्तराखंड) शामिल हैं।

अवंतिका के नेशनल डायरेक्टर आनंद अग्रवाल ने बताया कि पुरस्कृत करने का मकसद प्रधानाचार्यों और अध्यापकों को उनके कर्तवयों की ओर ध्यान दिलाकर कार्य करने की प्रेरणा देना है। उन्होंने कहा कि देश की सुख समद्धि के लिए युवा पीढ़ी में अच्छे संस्कार होना जरूरी है। इससे वे अच्छे नागरिक व अच्छे इंसान बनते हैं। उन्होंने अवंतिका संगठन स्थापित करने के कारणों व इस संगठन के योगदान के बारे में भी जानकारी दी। संस्था के संजय अग्रवाल के मुताबिक, संस्था किसी भी तरह का बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता सरकारी अऩुदान नहीं लेती है।

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Tunisha Sharma Death Case : तुनिषा शर्मा के को-एक्टर शिजान को पुलिस ने किया गिरफ्तार, माँ ने लगाया आरोप

Tunisha Sharma Death Case : तुनिषा शर्मा के को-एक्टर शिजान को पुलिस ने किया गिरफ्तार, माँ ने लगाया आरोप

Tunisha Sharma Death Case: टीवी एक्ट्रेस तुनिषा शर्मा आत्महत्या मामले में उनके को-एक्टर और कथित ब्वॉयफ्रेंड शिजान मोहम्मद खान को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। दरअसल, महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई में टीवी एक्ट्रेस तुनिषा शर्मा ने आज सीरियल के सेट पर मेकअप रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद मौके पर मौजूद उनके साथियों ने अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। तुनिषा के शव को पोस्टमार्टम के लिए जेजे हॉस्पिटल भेजा गया है। शव का पोस्टमार्टम कल यानी रविवार को किया जाएगा।

डीसीपी चंद्रकांत जाधव ने मीडिया से बात की और मामले पर जानकारी साझा की। अभी तक पुलिस सेट पर मौजूद लोगों से पूछताछ कर रही है। तुनिषा शर्मा अपनी मां के साथ रहती थीं, उन्हें भी बुलाया गया था। डीसीपी के मुताबिक, तुनिषा की मां ने अपने बयान में अली बाबा के सह-कलाकार शीजान खान को दोषी ठहराया और कहा कि उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया जाना चाहिए। कहा जाता है कि शीजान और तुनिशा रिलेशनशिप में थे।

सेट पर मौजूद लोगों ने एक्ट्रेस को अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. वालीव थाने के अधिकारी कैलाश बर्वे ने कहा कि पुलिस की एक टीम मौके पर है. सेट पर मौजूद लोगों का कहना है कि तुनिषा शर्मा की मौत आत्महत्या से हुई. हालांकि, पुलिस ने कहा कि वे सभी एंगल से जांच कर रहे हैं.

पूर्ण प्रतियोगिता की परिभाषा | पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की विशेषताएं

वस्तु का प्रमापीकरण होता है। अर्थात वस्तु की इकाइयां, चाहे इसका उत्पादन कोई भी करें, एक दूसरे की पोर्न स्थानापन्न होती हैं। अतः कोई भी उत्पादक या विक्रेता उसके लिए प्रचलित कीमत से अधिक कीमत चार्ज नहीं कर सकता। यदि वह अधिक कीमत लेने का प्रयास करेगा, तो क्रेता उसे अन्य उत्पादक या विक्रेता से प्रचलित कीमत पर प्राप्त कर लेगा।

विक्रेताओं में भी एकरूपता होना

विक्रेताओं का भी प्रमापीकरण होना आवश्यक है। इसका यह अर्थ हुआ कि विभिन्न विक्रेताओं के व्यक्तित्व,ख्याति और विक्रय स्थानों में कोई तुलनात्मक विशेषता ना होनी चाहिए। यदि सभी एक से हैं तो क्रेता उनमें से एक कि अपेक्षा दूसरे को पसंद नहीं करेगा, अर्थात किसी भी विक्रेता या उत्पादक से खरीदने को तत्पर रहेगा।

क्रेता और विक्रेताओं की संख्या अधिक होना-

प्रत्येक क्रेता कुलपति का इतना मामूली भागखरीदता है कि वह अपने क्रय की मात्रा को कम या अधिक कर के मूल्य को प्रभावित नहीं कर सकता। हां यदि सभी क्रेता लोग अपने कराए की मात्राओं में थोड़ी थोड़ी वृद्धि कर दें तो अवश्य ही मूल्य प्रभावित हो जाएगा।

क्रेताओं और विक्रेताओं द्वारा स्वतंत्र रूप से कार्य करना

उन्हें में समझौता या गुप्त संधि का अभाव होता है। इस प्रकार न तो क्रेता और ना तो विक्रेता ही व्यक्तिगत रूप से बाजार मूल्य को प्रभावित कर पाते हैं।

बाजार का पूर्ण ज्ञान होना

क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार की दशा का पूर्ण ज्ञान होता है अर्थात उनमें निकट संपर्क रहता है, जिससे वस्तु विशेष की दो कि मत प्रचलित नहीं रह सकतीं।

क्षैतिज औसत आगम वक्र

पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में एक फर्म का औसत व आगम वक्र X – अक्ष के समानांतर होता है जो पूर्णतया लोचदार मांग को प्रकट करता है।

समस्त उत्पादकों का एक दूसरे के निकट में होना

जब ऐसा होगा तभी तो परिवहन लगतें शून्य होंगी और वे कीमत में अंतर उत्पन्न नहीं कर सकेंगी। (मार्शल के अनुसारया अन्य किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं होना चाहिए, वस्तु की कीमत में परिवहन लागतों के बराबर तक अंतर हो सकता है और फिर बाजार पूर्ण प्रतियोगिता वाला माना जाएगा।)

उत्पत्ति साधनों में पूर्ण गतिशीलता होना-

उनकी गतिशील में सरकार की ओर से या अन्य किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं होना चाहिए।

क्रेताओं और विक्रेताओं में पुणे गतिशीलता होना

अर्थात उनके क्रय बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता और विक्रय में किसी भांति की बाधा नहीं होनी चाहिए। किसी को किसी तरह का लगाव नहीं होना चाहिए। यदि लगाओ हो तो कीमत से ऐसी दशा में क्रेताओंकी प्रवृत्ति सबसे अधिक कीमत पर बेचने वाले विक्रेता से खरीदने की होगी और विक्रेताओं की प्रवृत्ति सबसे अधिक कीमत देने वाले क्रेता को बेचने की रहेगी। परिणाम यह होगा कि वस्तु का यह कहीं मूल्य प्रचलित रहेगा।

गैर कीमत प्रतियोगिता के लिए अवसर नहीं होना-

चुकी वस्तु प्रमापितहोती बाजार विश्लेषण और प्रतियोगिता हैं इसलिए विज्ञापन और प्रचार द्वारा विक्रेतागण क्रेताओं के मस्तिष्क में कोई वस्तु विभेद उत्पन्न नहीं कर सकते। अतः विक्रय लगतें अनुपस्थित होती है।

“क्या पूर्ण प्रतियोगिता एक भ्रम है? या पूर्ण प्रतियोगिता बाजार का औचित्य अथवा क्या पूर्ण प्रतियोगिता बाजार एक मिथ्या कल्पना है ?”

पूर्ण प्रतियोगिता के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं होती है, अतः व्यवहारिक जीवन में उसका अस्तित्व नहीं होता। वह यह कल्पना मात्र है।

  • क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या अधिक नहीं होती कई वस्तुएं ऐसी हैं जिन का उत्पादन थोड़ी सी फर्मेकरती हैं और कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं कि उनके क्रेता बड़े और प्रभावशाली होते हैं।
  • वस्तु पूर्णतया प्रमापीकृत नहीं होती, विभिनता उत्पादन मिलती-जुलती इकाइयां तो उत्पन्न करते हैं। किंतु यह पूर्णतः एक रुप नहीं होती, फलत: वस्तु विभेद करना संभव होता है और गैर कीमत प्रतियोगिता का अवसर रहता है।
  • उद्योग फर्मों का प्रवेश एवं बहिर्गमन निर्बाध नहीं होता, क्योंकि यानी एक रुकावटें रहती हैं।
  • परिवहन एवं संचार साधनों की अभूतपूर्व उन्नति के बावजूद क्रेताओंऔर विक्रेताओं को बाजार दशाओं का पूर्ण ज्ञान नहीं रह पाता।
  • उत्पत्ति साधनों की गतिशीलता भी पूर्ण नहीं होती।
अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण लिंक

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