भारत में आयात लाइसेंस कैसे प्राप्त करें
कई वस्तुएं बिना किसी लाइसेंस प्राप्त किए आयात के लिए स्वतंत्र हैं। आयात लाइसेंस केवल उन वस्तुओं के लिए आवश्यक है जो आईटीसी (एचएस) की अनुसूची में निर्यात और आयात वस्तुओं के वर्गीकरण में सूचीबद्ध हैं। इन वस्तुओं के लिए आयात लाइसेंस प्रदान करने के लिए भारत सरकार के जारी अधिकारियों को आयात लाइसेंस आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा।
आयात लाइसेंस जारी करने वाला प्राधिकरण
भारत की आयात और निर्यात प्रणाली 1992 के विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम और भारत के निर्यात आयात (EXIM) नीति द्वारा संचालित है। विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) भारत में आयात और निर्यात लाइसेंस जारी करने वाला प्राधिकारी है। DGFT का दिल्ली कार्यालय उद्योग भवन, नई दिल्ली 110011 में स्थित है।
लाइसेंस अवधि नवीकरण के साथ आयात लाइसेंस की वैधता:
- पूंजीगत सामान के लिए: 24 महीने
- कच्चे माल के घटकों, उपभोज्य और पुर्जों के लिए: 18 महीने
आयात लाइसेंस का नमूना
आयात लाइसेंस का एक विशिष्ट नमूना दो प्रतियों के होते हैं-
विदेशी मुद्रा नियंत्रण के लिए आयात लाइसेंस की प्रतिलिपि: इसका उपयोग विदेशी विक्रेता को प्रेषण के लिए या क्रेडिट पत्र खोलने के लिए किया जाता है।
हॉट रोल्ड स्टील कॉइल जैसी वस्तुओं के लिए निर्यात लाइसेंस देने के लिए एक आवेदन विदेश महानिदेशक (DGFT) को प्रस्तुत करना होगा। सभी प्रकार के सामानों के निर्यात के लिए निर्यात लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन निर्यात और आयात वस्तुओं के ITC (HS) वर्गीकरण की अनुसूची 2 में सूचीबद्ध हैं। जैसे- विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी (SCOMET) वस्तुओं का निर्यात भी एक लाइसेंस के तहत या पूरी तरह से निषिद्ध है।
आयात की श्रेणियाँ
कई वस्तुएं या सामान किसी भी लाइसेंस प्राप्त किए बिना आयात के लिए स्वतंत्र हैं। आयात लाइसेंस केवल उन वस्तुओं के लिए आवश्यक है जो आईटीसी (एचएस) की अनुसूची में निर्यात और आयात वस्तुओं के वर्गीकरण में सूचीबद्ध हैं। EXIM गतिविधियों में संलग्न होने से पहले आयातकों को अपने स्थायी खाता संख्या (PAN) के खिलाफ जारी किए गए आयातक निर्यातक कोड नंबर (IEC) प्राप्त करने के लिए DGFT के साथ पंजीकरण करना आवश्यक है। निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले कुछ सामानों को विशेष अनुमति या लाइसेंस की आवश्यकता होती है जो इस प्रकार हैं:
1। लाइसेंस प्राप्त वस्तुएं - लाइसेंस के माध्यम से इन वस्तुओं का निर्यात और आयात प्रतिबंधित है। इन्हें केवल सरकार के नियमन के अनुसार आयात या निर्यात किया जा सकता है। इनमें कुछ उपभोक्ता सामान जैसे कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर, सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित उत्पाद, बीज, पौधे, जानवर, कीटनाशक, फार्मास्यूटिकल्स और रसायन, और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं।
2। कैनालाइज़्ड आइटम - इन वस्तुओं का आयात या निर्यात कैनालाइजिंग एजेंसी जैसे स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (STC) के माध्यम से किया जा सकता है। इनमें पेट्रोलियम उत्पाद, थोक कृषि उत्पाद जैसे अनाज और वनस्पति तेल और कुछ दवा उत्पाद शामिल हैं।
आयातकों के प्रकार
आयातित उत्पाद और उसके लक्षित खरीदार के आधार पर आयातकों को आयात लाइसेंस प्राप्त करने के उद्देश्य से तीन समूहों में विभाजित किया जाता है:
१। वास्तविक उपयोगकर्ता- एक वास्तविक उपयोगकर्ता व्यवसाय या व्यापार उद्देश्य के बजाय व्यक्तिगत उपयोग के लिए किसी भी वस्तु के आयात के लिए लाइसेंस प्राप्त करता है।
2। पंजीकृत निर्यातक - जिनके पास निर्यात-संवर्धन परिषद के लिए एक निर्यात पंजीकरण परिषद, कमोडिटी बोर्ड या सरकार द्वारा नामित अन्य पंजीकृत प्राधिकारी द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र है।
3। अन्य ऊपर से दोनों को छोड़कर।
वास्तविक उपयोगकर्ता लाइसेंस के दो प्रकार हैं:
1। सामान्य लाइसेंस: इसका उपयोग सभी देशों से माल के आयात के लिए किया जा सकता है, सिवाय उन देशों के जिनमें से आयात निषिद्ध है।
2। विशिष्ट लाइसेंस: इसका उपयोग केवल किसी विशिष्ट देश से आयात के लिए किया जा सकता है।
कस्टम निरीक्षण
DGFT से प्राप्त आयात लाइसेंस आमतौर पर कस्टम विभाग के कस्टम अधिकारियों द्वारा स्कैन किया जाता है। ग्राहक निरीक्षक और अन्य कस्टम अधिकारियों द्वारा आयातित सामान का निरीक्षण और मूल्यांकन किया जा सकता है। यह आयात करना है कि आयात लाइसेंस में विवरण के अनुरूप है या नहीं, यह सत्यापित करने के लिए उनकी नौकरी का एक हिस्सा है। कस्टम अधिकारी को आयातक पर जुर्माना और जुर्माना लगाने का भी अधिकार है, अगर उन्हें आयात लाइसेंस में कोई उल्लंघन मिला है जो आयातक द्वारा किया जाना है।
आयात निर्यात पर अधिक
सीमा शुल्क अधिनियम 1975
सीमा शुल्क अधिनियम 1962 में संसद द्वारा पारित किया गया था। सीमा शुल्क अधिनियम को राजस्व अधिनियम के रूप में माना गया जिसमें 17 अध्याय और 161 खंड शामिल हैं। सीमा शुल्क अधिनियम के तहत नियम हैं:
- ड्यूटी ड्राबैक नियम 1995।
- सामान नियम, 1998।
- आयातित वस्तुओं का पुनः निर्यात।
सीमा शुल्क अधिनियम 1975
सीमा शुल्क शुल्क की दरें वित्त अधिनियम के तहत समय-समय पर संशोधित सीमा शुल्क अधिनियम 1975 में इंगित की गई थीं। इस अधिनियम में 2 अनुसूचियाँ हैं। पहली अनुसूची में, यह आयात के लिए कर्तव्य के वर्गीकरण और दर को परिभाषित करता है। आयात शुल्क केवल कुछ वस्तुओं पर लगाया जाता है। और दूसरी अनुसूची में, यह निर्यात के लिए वर्गीकरण और शुल्क की दर को परिभाषित करता है। निर्यात शुल्क केवल कुछ वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह एंटी डंपिंग ड्यूटी, सुरक्षात्मक कर्तव्यों आदि जैसे कर्तव्यों के लिए प्रावधान करता है।
कर योग्य घटना का आयात शुल्क : यह सीमा शुल्क बाधा को पार करने का दिन है न कि उस दिन जब भारत में माल उतरा और क्षेत्रीय जल में प्रवेश किया।
कर योग्य घटना का निर्यात शुल्क : यह सीमा शुल्क बाधा को पार करने का दिन है, लेकिन जब यह क्षेत्रीय जल पार कर जाता है तो निर्यात पूरा हो जाता है।
IRCTC Tatkal Ticket: ट्रेन में तत्काल टिकट बुक करने के लिए अपनाएं ये टिप्स, आसानी से मिलेगी कंफर्म सीट
तत्काल में टिकट निकालने के लिए रेलवे काउंटर पर लंबी लाइनों में खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी तरीका बताने जा रहे हैं जिसके बाद आपको लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। आप घर पर बैठकर ही तत्काल कंफर्म टिकट निकाल पाएंगे।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कई बार लोगों को तत्काल यात्रा करने के लिए कंफर्म ट्रेन टिकट नहीं मिल पाती है। कन्फर्म टिकट ट्रेन में सीटों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। इसके लिए भारतीय रेलवे ने तत्काल यात्रा करने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए तत्काल टिकट सर्विस की शुरुआत की थी। अगर आप 3 एसी और उससे ऊपर की क्लास के लिए बुकिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए सुबह 10 बजे और स्लीपर तत्काल टिकट बुकिंग सुबह 11 बजे शुरू होती है। काउंटर के अलावा तत्काल टिकट ऑनलाइन भी बुक किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं ऑनलाइन कंफर्म टिकट बुक करने की टिप्स.
तेजी से कैसे बुक किया जा सकता है तत्काल टिकट
सबसे पहले इस https://www.irctc.co.in वेबसाइट पर जाकर एक आईआरसीटीसी अकाउंट बनाएं। आपको यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं कि कैसे तत्काल टिकट तेजी से बुक किया जा सकता है।
एकाउंट बनने के बाद मास्टर लिस्ट बनाएं
अपना आईआरसीटीसी खाता सेटअप करने के बाद आप एक मास्टर लिस्ट बनाएं। यह वास्तव में उन यात्रियों की एक सूची होती है, जिसे आप अपनी प्रोफाइल में प्री-स्टोर कर सकते हैं। माई प्रोफाइल सेक्शन में आप ड्रॉप डाउन में आपको मास्टर लिस्ट दिखेगी। इस पर क्लिक करें। इस पेज पर आपको यात्री का नाम, आयु, लिंग, जन्म वरीयता, वरिष्ठ नागरिक, आईडी कार्ड प्रकार और आईडी कार्ड नंबर जैसे विवरण भरने होंगे। इन डिटेल्स को सेव करने के बाद Add Passenger पर क्लिक करें। मास्टर लिस्ट में एक व्यक्ति अधिकतम 20 यात्रियों को बचा सकता है।
यात्रा लिस्ट बनाएं
मास्टर लिस्ट के बाद यात्रा सूची बनाएं। यह My Profile के ड्रॉप डाउन में भी मिलेगा। उपयोगकर्ता ध्यान दें कि यह लिस्ट मास्टर लिस्ट बनाने के बाद ही बनाई जा सकती है। यात्रा लिस्ट पेज पर जाएं। यहां सूची का नाम और विवरण पूछा जाएगा। इसके बाद मास्टर लिस्ट में से यात्री का नाम चुनने का विकल्प होगा। उन यात्रियों के नाम चुनें, जिन्हें आप उस लिस्ट में जोड़ना चाहते हैं।
तत्काल टिकट बुकिंग कैसे करें?
क्लास 3एसी या उससे ऊपर के लिए तत्काल टिकट बुक करने के लिए व्यक्ति को सुबह 9.57 बजे तक लॉग इन करना होगा। वहीं, स्लीपर क्लास के लिए तत्काल टिकट बुकिंग सुबह 11 बजे शुरू होती है और यात्री को 10.57 बजे तक पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। इसके बाद प्लान माई जर्नी के बॉक्स में अपनी यात्रा के अनुसार स्टेशनों के नाम दर्ज करें। डेट का चयन करें और अंत में सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद यात्रा की जानकारी सबमिट करने के बाद आप ट्रेन सुझाव पेज पर पहुंच जाएंगे। यहां उन सभी ट्रेनों की लिस्ट दी जाएगी, जो अगले दिन आपके रूट पर चलेंगी। ट्रेन सूची के ऊपर, आपको सामान्य, प्रीमियम तत्काल, महिलाओं और तत्काल के लिए रेडियो बटन दिखाई देंगे। अब इंस्टेंट पर क्लिक करें। इसके बाद आप जिस ट्रेन में सफर करना चाहते हैं, उस ट्रेन के किसी एक कोच को चुनें। जब तत्काल बुकिंग का समय शुरू हो जाए तो अपनी सीट बुक कर लें।
मास्टर लिस्ट और यात्रा लिस्ट का उपयोग कैसे करें?
मान लीजिए आपको 4 लोगों के साथ यात्रा करनी है। ऐसे में अगर यदि आप प्रत्येक यात्री का नाम, आयु, लिंग, बर्थ जैसे विवरण फिल करते हैं, तो तत्काल कोटा में उपलब्ध टिकट भर जाएगा। इसलिए, मास्टर सूची का उपयोग करना बेहतर है, जिसमें यात्रियों का विवरण पहले से दिया गया है। लिस्ट का उपयोग करके आप उन यात्रियों के नाम का चयन कर सकते हैं, जिनके लिए टिकट बुक किया जाना है। इससे आपका बहुत समय बच जाता है।
Unreserved General Train Ticket: फिर मिलने लगे ट्रेन के जनरल टिकट, मोबाइल से ऐसे फटाफट करें बुक
Unreserved General Train Ticket: भोपाल। देश में कोरोना संक्रमण घटने के साथ लगातार बढ़ते कोविड वैक्सीनेशन के बाद रेलवे की ज्यादातर ट्रेनों में अनारक्षित टिकट (जनरल टिकट) पर सफर शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण की वजह से भीड ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने अनारक्षित टिकट बंद कर दिए थे, लेकिन अब यात्री अनारक्षित से ट्रेनों के जनरल कोच में सफर कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान यात्री कोरोना गाइडलाइन संबंधी नियमों का पालन करें। फटाफट अनारक्षित टिकट लेने लिए लंबी लाइन और भीड़ से बचने के लिए आप यूटीएस मोबाइल एप UTS Mobile App का उपयोग कर सकते हैं। यहां हम आपको यूटीएस मोबाइल एप के जरिए मोबाइल से कैसे टिकट बुक करें यह बता रहे हैं
General Train Ticket : मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से यूटीएस एप डाउनलोड कीजिए।
- यूटीएस एप का उपयोग करने के लिए इसमें जीपीएस का उपयोग करने की परमिशन देना सबसे जरूरी होता है। जिससे एप आपकी लोकेशन देखकर टिकट बुक करता है।
- यूटीएस एप को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपयोग कर सकते है। यहां नाम, मोबाइल नंबर रजिस्टर करने के बाद ओटीपी प्राप्त होगा, जिसके आप अपना आइडी और पासवर्ड बना सकेंगे।
- अपने आइडी और पासवर्ड के जरिए यूटीएस एप से अनारक्षित टिकट बुक करवाई जा सकती है।
Unreserved Train Tickets: मध्य प्रदेश में इन ट्रेनों में शुरू हो गया अनारक्षित टिकट पर सफर
भोपाल में अधारताल इंटरसिटी स्पेशल, भोपाल-दमोह-भोपाल राज्यरानी एक्सप्रेस, इटारसी-भोपाल-इटारसी ट्रेन, इटारसी प्रयागराज छिवकी स्पेशल और भोपाल-ग्वालियर स्पेशल ट्रेन में अनारक्षित टिकट पर सफर शुरू हो गया है। जबलपुर रेल मंडल में रीवा इंटरसिटी के जनरल कोच, जबलपुर-रीवा शटल में दो कोचों के साथ करीब आधा दर्जन ट्रेनों में अनारक्षित टिकट पर सफर शुरू हो ट्रेंड लाइन्स का उपयोग कैसे करें? गया है। उधर झांसी मंडल में आने वाले ग्वालियर और उसके आस-पास 15 नवंबर से यात्री ट्रेनों में अनारक्षित टिकट पर यात्रा कर सकेंगे।
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ट्रेंड लाइन्स का उपयोग कैसे करें?
पपीता फल न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि कई तरह से हमारे सौंदर्य को निखारने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है। जहां एक तरफ पपीते का फेस पैक चेहरे को ग्लोइंग बनाता है वहीं इसका इस्तेमाल त्वचा में कसाव लाने के लिए भी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि पपीते का फल ही नहीं इसका छिलका भी आपके चेहरे की खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है।
पपीते का छिलका बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम ट्रेंड लाइन्स का उपयोग कैसे करें? करने में मदद कर सकता है और कुछ लोग इसे रेटिन-ए की तरह प्रभावी होने का दावा करते हैं। पपीते के छिलके में ऐसे एंजाइम होते हैं जो त्वचा की सतह से मृत कोशिकाओं को हटाते हैं और यह झुर्रियों और एजिंग के संकेतों को दूर करने में मदद करता है। आइए जानें कैसे पपीते के छिलके का इस्तेमाल चेहरे की कई समस्याओं से छुटकारा पाने में किया जा सकता है।
पपीते के छिलके के त्वचा के लिए फायदे
पपीते में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो त्वचा को ग्लोइंग बनाने और त्वचा की फाइन लाइन्स कम करने में मदद करते हैं। इसके छिलके का त्वचा में इस्तेमाल से करने से मृत त्वचा कोशिकाओं से छुटकारा मिलता है और चेहरे में चमक आती है। पपीते का छिलका त्वचा में धूप से होने वाली टैनिंग को कम करने में भी मदद करता है। इसे आप सीधे त्वचा पर इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर कुछ अन्य सामग्रियां मिलाकर इसका फेस पैक तैयार कर सकती हैं। आइए जानें इसके इस्तेमाल के तरीके।
पपीते के छिलकों का पाउडर
पपीते के छिलकों को घूप में सुखाकर इसका पाउडर तैयार करें और इसका इतेमाल चेहरे पर करें। ये कई तरह से चेहरे की खूबसूरती बढ़ा सकता है।
कैसे करें उपयोग
- इसके लिए आप एक बड़े आकार के पपीते के छिलके को अलग करके धूप में सुखा लें।
- जब ये अच्छी तरह से सूख जाएं इन्हें मिक्सर में पीसकर पाउडर तैयार करें।
- यदि आपकी त्वचा ज्यादा रूखी है तो 2 चम्मच पाउडर में 1 चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर फेस पैक बनाएं।
- यदि आपकी त्वचा ऑयली है तो ग्लिसरीन की जगह गुलाब जल (गुलाब जल के त्वचा पर फायदे) का इस्तेमाल करें।
- इस फेस पैक को पूरे चेहरे पर अच्छी तरह से अप्लाई करें।
- लगभग 15 मिनट बाद जब फेसपैक सूख जाए तब चेहरा पानी से धो लें।
- इससे फेसपैक के हफ्ते में 2 दिन इस्तेमाल से चेहरे की टैनिंग और ड्राइनेस की समस्या दूर हो जाती है
पपीते के छिलके का इस्तेमाल
त्वचा से ब्लैकहेड्स और मृत कोशिकाएं हटाने के लिए पपीते का छिलका एक अच्चा उपाय है। इसके इस्तेमाल के लिए छिलके को सीधे ही चेहरे पर रगड़ें और 15 मिनट बाद चेहरा पानी से धो लें।
कैसे करें इस्तेमाल
- 1 पपीते का छिलका अलग कर लें और छिलके को अपने पूरे चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह से रगड़ें ।
- 20 मिनट के बाद चेहरा ठंडे पानी से धो लें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में 3 बार दोहराएं।
- इस तरह पपीते के छिलकों का चेहरे पर इस्तेमाल चेहरे में कसाव लाने के साथ ब्लैकहेड्स कम करने में मदद करता है।
- पापीती के छीके को आप आंखों के नीचे ले हिस्से में भी धीरे -धीरे रगड़ सकती हैं।
- ये उपाय डार्क सर्किल कम करने में मदद करता है।
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पपीते के छिलके और दही का फेस पैक
जहां एक तरफ पपीते का छिलका चेहरे की त्वचा में कसाव लाता है वहीं दही के इस्तेमाल से चेहरे की टैनिंग को कम किया जा सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल
- पपीते के छिलकों को मिक्सर में पीसकर पेस्ट बना लें। 1 चम्मच पेस्ट में आधा चम्मच दही मिलाएं।
- दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट तैयार करें
- तैयार फेस पैक को अच्छी तरह से चेहरे और गर्दन पर लगाएं।
- 15 मिनट बाद चेहरा पानी से धो लें।
- इस फेस पैक को चेहरे पर हफ्ते में कम से कम दो बार लगाएं।
- इसके इस्तेमाल से चेहरे की रिंकल्स और फाइन लाइन की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
पपीते के छिलकों का त्वचा पर इस्तेमाल पूरी तरह से प्राकृतिक ट्रेंड लाइन्स का उपयोग कैसे करें? है और इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है लेकिन संवेदनशील त्वचा पर इसके इस्तेमाल से पहले पैच टेस्ट जरूर करें और विशेषज्ञ की सलाह लेना न भूलें।
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